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Mathematics Education Archive

Congruence and Similarity

1.सर्वांगसमता तथा समरूपता (Congruence and Similarity),समरूपता तथा सर्वांगसमता ( Similarity and Congruence ): सर्वांगसमता तथा समरूपता (Congruence and Similarity) से संबंधित अनेक आकृतियां दैनिक जीवन में देखने को मिलती है।इन ज्यामितीय आकृतियों की तुलना करने या वर्गीकरण करने की आवश्यकता पड़ती है।जैसे एक आकृति दूसरे जैसी है या एक दूसरे से छोटी है या बड़ी

Multiple Choice Questions in Maths

1.गणित में बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions in Maths),मैथेमेटिक्स में बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions in Mathematics): गणित में बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions in Maths) वस्तुनिष्ठ प्रश्नों में सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है।इन प्रश्नों के सबसे अधिक प्रयोग करने के कुछ कारण हैं: (1.)ये प्रश्न सरलता से तैयार किए जा सकते हैं। (2.)इस

Development of Number System

1.संख्या पद्धति का विकास (Development of Number System): संख्या पद्धति का विकास (Development of Number System) होने में एक लंबा समय लगा है।500 ईसवी तक भारत अंकगणित,बीजगणित तथा त्रिकोणमिति के विकास का मुख्य केंद्र बन चुका था।संख्या पद्धति का विकास हो चुका था तथा पूर्णांक एवं विषम संख्याओं पर की जाने वाली संक्रियाओं के नियम

Some Strange Numbers in Mathematics

1.गणित में कुछ विचित्र संख्याएं (Some Strange Numbers in Mathematics),गणित में अजीब संख्याएँ (Strange Numbers in Mathematics): गणित में कुछ विचित्र संख्याएं (Some Strange Numbers in Mathematics) ऐसी हैं जिन्हें आधुनिक गणित का मूलाधार माना जाता है लेकिन किसी को भी यह सुनिश्चित रूप से नहीं मालूम कि उनका वास्तविक स्वरूप क्या है।जैसे पाई,e,काल्पनिक संख्या,शून्य

Traditional Teaching Methods of Maths

1.गणित की परम्परागत अध्यापन विधियाँ (Traditional Teaching Methods of Maths),गणित के अध्यापन की परम्परागत विधियाँ (Traditional Methods of Teaching Mathematics): गणित की परम्परागत अध्यापन विधियों (Traditional Teaching Methods of Maths) में सामान्यत: निम्नलिखित दोष बताए जाते हैं: गणित की परंपरागत विधियों में विद्यार्थी अत्यंत धीमी गति से प्रगति करता है तथा विद्यार्थी और शिक्षक में

Geometric world

1.ज्यामितीय विश्व (Geometric world): ज्यामितीय विश्व (Geometric World) उतना ही प्राचीन है जितना कि यह विश्व!बहुतो को इस कथन पर विश्वास नहीं होगा। लेकिन यदि हम अपने आसपास के संसार पर नजर डालें तो यह बात स्पष्ट हो जाएगी।हमारे चारों ओर स्थित वस्तुओं की ज्यामितीय आकृतियों पर विचार करो जैसे भवन,गुंबद,अलमारी,पुस्तकें,डिस्क,बेलन,तंबू आदि।इनमें कितनी ही वस्तुएं

Development of Modern Mathematics

1.आधुनिक गणित का विकास (Development of Modern Mathematics): आधुनिक गणित का विकास (Development of Modern Mathematics) दीर्घकाल का प्रतिफल है।प्रारंभ से ही मनुष्य और गणित का घनिष्ठ संबंध रहा है।गणित विषय का मानव जीवन की समस्याओं को हल करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।मनुष्य ने अपनी प्रकृति को समझते हुए गणित का विकास किया और

Arithmetic and Algebra

1.अंकगणित और बीजगणित (Arithmetic and Algebra): अंकगणित और बीजगणित (Arithmetic and Algebra) विषय गणित की शाखाएं है। (1.)अंकगणित (Arithmetic): गणित की वह शाखा जिसमें वास्तविक संख्याओं के गुणधर्मों एवं संबंधों का अध्ययन किया जाता है तथा मुख्यतः जोड़ (Addition),व्यवकलन (Subtraction),गुणन (Multiplication),एवं भाग (Divination) की सहायता से इन संख्याओं की गणना के संबंध में बताया जाता

Why is Indian Mathematician not at Top?

1.भारतीय गणितज्ञ टाॅप पर क्यों नहीं हैं? (Why is Indian Mathematician not at Top?),भारतीय गणितज्ञ संसार में शिखर पर क्यों नहीं हैं? (Why are Indian Mathematician not at Peak?): भारतीय गणितज्ञ टाॅप पर क्यों नहीं हैं? (Why is Indian Mathematician not at Top?)याकि भारत आधुनिक युग में संसार में शिखर पर क्यों नहीं है?कोई समय

Zero and Infinity

1.शून्य और अनन्त (Zero and Infinity): शून्य और अनन्त (Zero and Infinity) गणित के दो अनमोल रतन है।रतन के बिना तो जीवन चल सकता है परंतु शून्य और अनंत के बिना गणित कुछ नहीं है।शून्य और अनंत जिनका भौतिक जगत में कहीं नाम निशान नहीं और केवल मनुष्य के मस्तिष्क की उपज है।इसके बावजूद गणित