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Discovery Method in Mathematics

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1.गणित में खोज विधि (Discovery Method in Mathematics),गणित शिक्षण की खोज विधि (Discovery Method of Teaching Mathematics):

  • गणित में खोज विधि (Discovery Method in Mathematics) का प्रयोग इसकी उपयोगिता के कारण किया जाने लगा है।प्राचीन काल में छात्र-छात्राओं पढ़ाने हेतु व्याख्यान विधि (Lecture Method) का प्रयोग किया जाता था।इसमें छात्र-छात्राओं को सूत्रों,पाठों को कंठस्थ कराया जाता था।गणित का कार्य,सवाल इत्यादि पाटी (तख्ती) पर धूल बिछाकर अथवा खड़िया (चाॅक) से लिखा जाता था।सूत्रों,सवालों के हल तथा पाठों को उच्चारण करके भी याद कराया जाता था।अध्यापक के पास चुने हुए सवाल होते थे जिन्हें हल कराया जाता था।ऐसे अध्यापक बहुत कम होते थे जो छात्र-छात्राओं में स्वतंत्र चिंतन का विकास कर पाते थे।इसलिए यदि किसी विद्यार्थी को आगे बढ़ने की जिज्ञासा होती थी तो किसी प्रसिद्ध विद्या केंद्र या सुप्रसिद्ध विद्वान के पास जाकर अध्ययन करते थे।
  • व्याख्यान विधि प्रारंभिक कक्षाओं में उपयुक्त नहीं है।व्याख्यान विधि वर्तमान में उच्च कक्षाओं में प्रयोग की जाती है परंतु इसमें प्रश्नोत्तर विधि के साथ-साथ अन्य विधियों का प्रयोग करके इसे रोचक बनाया जा सकता है।साथ ही छात्र-छात्राओं को भी सक्रिय (Active) रखा जा सकता है।केवल व्याख्यान विधि का प्रयोग करने से छात्र-छात्राएं निष्क्रिय रहता है।
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(1.)गणित में खोज विधि की प्रक्रिया (The Process of Discovery Method in Mathematics):

  • इस विधि में छात्र-छात्राएं समस्याओं का अध्ययन कर स्वयं हल खोजते हैं।इस प्रकार जब छात्र-छात्राएं हल खोजने का प्रयास करते हैं तो उनके मस्तिष्क का विकास होता है।जब समस्याओं का हल खोज लेते हैं तो उनमें आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।आगे वे ओर गहन समस्याओं का हल ढूंढने का प्रयास करते हैं।यदि छात्र-छात्राएं किसी गणित की समस्या को हल नहीं कर पाते हैं तो अध्यापक उनको मार्गदर्शन प्रदान करता हैं तथा उनको प्रोत्साहित करता रहता है।इस प्रकार एक प्रगतिशील अध्यापक छात्र-छात्राओं को गणित की समस्या को हल खोजने के अवसर प्रदान करता है।इस प्रकार से प्रत्येक छात्र-छात्रा को अपनी क्षमता तथा बुद्धि का विकास करने का अवसर प्राप्त होता है।इस विधि में छात्र-छात्राएं गणित की समस्याओं के हल स्वयं खोजता है इसलिए उन्हें स्वतंत्र चिंतन करने का मौका मिलता है।छात्र-छात्राएं कोई निर्जीव वस्तु नहीं है बल्कि प्रकृति का एक सजीव तथा सर्वोत्तम कृति है।परंतु वाकई में यह सर्वोत्तम कृति तभी बन सकता है जब उसकी छुपी हुई प्रतिभा को विकसित,उभारने,जगाने तथा पल्लवित करने का मौका दिया जाए या प्रयास किया जाए।स्पष्ट है कि बालक को निष्क्रिय रखकर ऐसा नहीं किया जा सकता है।
  • इस विधि का केंद्र बिंदु विद्यार्थी होता है इसलिए वह अपने पूर्व ज्ञान,निरीक्षण,परीक्षण,चिंतन-मनन,तर्क-वितर्क,वार्ता,अनुशीलन,अनुकरण,आत्मनिरीक्षण आदि द्वारा खोज करता है तथा स्वयं की प्रतिभा को उभारने,निखारने,जगाने का प्रयास करता है।इस विधि में अध्यापक को भी विशेष रूप से ध्यान रखना होता है कि छात्र-छात्राओं की आयु,योग्यता तथा क्षमता के अनुसार गणितीय समस्याओं को रखा जाए।समस्या समाधान में छात्र-छात्राएं पूर्णतः स्वतंत्र होते हैं।

(2.)गणित में खोज विधि के लिए प्रमुख सुझाव (Key Tips for Discovery Method in Mathematics):

  • (i)छात्र-छात्राओं को गणित की समस्या को हल करने व चुनाव करने का अवसर दिया जाए। गणितीय समस्या छात्र-छात्राओं के लिए उबाऊ व नीरस न होकर जीवंत चुनौती हो।
  • (ii)कक्षा में अध्यापक को जागरूक (Alert),धैर्य व सहनशीलता का परिचय देना चाहिए।गणित अध्यापक के विशेषज्ञों ने कहा है कि,”Patience is the major key.”
  • (iii)छात्र-छात्राओं के सम्मुख सृजनात्मक वातावरण तैयार करना चाहिए अर्थात् विषय-सामग्री में दी हुई विषयवस्तु से ओर अधिक नवीन जानकारी खोज सकें।गणित सीखने के लिए छात्र-छात्राओं में सृजनात्मकता का विकास होना चाहिए।
  • (iv)अध्यापक को छात्र-छात्राओं से समस्या हल करने के बारे में वार्ता,चर्चा,डिस्कस करें और छात्र-छात्राओं के सुझाव को प्राथमिकता दें। छात्र-छात्राओं को गणितीय समस्या के हल करने के संभावित हलों को अर्थात एक से अधिक प्रकार से हल करने को प्रोत्साहित करना चाहिए।
  • (v)खोज विधि में जहाँ आवश्यक हो वहाँ गणित मशीन,कंप्यूटर,प्रोजेक्टर,फिल्में,गणित लाइब्रेरी,गणित प्रयोगशाला का प्रयोग करें क्योंकि मात्र चाक,डस्टर,श्यामपट्ट,जड़वत अभ्यास अध्यापन को जड़ता प्रदान करते हैं।
  • (vi)गणित का सीखना छात्र-छात्राओं में मौलिक चिंतन का विकास हो।
  • (vii)गणित की समस्याएं इस तरह की हों जिससे वैज्ञानिक वृत्ति का विकास हो।
  • (viii)गणित के अध्ययन से छात्र-छात्राओं को आनंद की अनुभूति हो।
  • (ix)गणित की समस्याओं को हल करने में विद्यार्थी एवं अध्यापक दोनों सक्रिय रहें।
  • (x)गणित की पाठ्य वस्तु केवल परीक्षा केंद्रित न हो।
  • (xi)गणित की समस्याओं को हल करने से छात्र-छात्राओं में जिज्ञासा व रुचि का विकास हो।
  • (xii) गणित की समस्याओं को हल करने से छात्र-छात्राएं उत्साहित होते हों।

(3.)गणित में खोज विधि के उदाहरण (Examples of Discovery Method in Mathematics):

  • लाभ-हानि (Profit and Loss):
  • (i)यह एक प्रकार का सौदा होता है जिसमें कोई वस्तु खरीदी जाती है उसे क्रय-मूल्य अथवा लागत मूल्य (Cost Price) और जितने में बेची जाती है उसे विक्रय मूल्य (Selling Price) कहते हैं।
  • (ii)यदि विक्रय-मूल्य क्रय-मूल्य से अधिक है तो लाभ होता है।
  • (iii)यदि क्रय-मूल्य विक्रय-मूल्य से अधिक होता है तो हानि होती है।
  • (iv)लाभ-हानि तुलनात्मक अध्ययन में सहायक होता है।
  • (v)लाभ-हानि में 100 को आधार माना गया है क्योंकि 100 ऐसी संख्या है जो न तो बहुत छोटी है न बहुत बड़ी
  • (vi)100 को आधार मानने से सौदे में लाभ-हानि का स्पष्ट बोध हो जाता है।
  • अनुपात-समानुपात (Ratio-Proportion):
  • (i)राशियों के गुणात्मक तुलना को अनुपात (Ratio) कहते हैं।
  • (ii)अनुपात-समानुपात से दो व्यक्तियों की वित्तीय स्थिति की गुणात्मक तुलना की जा सकती है।
  • (iii)अनुपात सदैव सजातीय राशियों के मध्य किया जा सकता है।
  • आयतन (Volume):
  • (i)किसी ठोस द्वारा घेरे गए स्थान को उसका आयतन कहा जाता है।
  • (ii)आयतन को घन इकाई में मापा जाता है।
  • (iii)घनाभ को षट्फलक भी कहा जाता है।
  • इसी प्रकार बीजगणित में विद्यार्थी अनेक प्रत्यक्ष उदाहरण लेकर निम्नांकित सूत्रों की खोज करते हैं:
  • (i)\left(a+b\right)^2=a^2+2ab+b^2
  • (ii)\left(a-b\right)^2=a^2-2ab+b^2
  • (iii)a^2-b^2=(a-b)(a+b)
  • (iv)\left(a+b\right)^3=a^3+3a^{2}b+3ab^2+b^3
  • (v)\left(a-b\right)^3=a^3-3a^{2}b+3ab^2-b^3
  • (vi)a^3+b^3=\left(a+b\right)\left(a^2-ab+b^2\right)
  • वृत्त (Circle):
  • वृत्त के क्षेत्रफल,परिधि,अर्धवृत्त का क्षेत्रफल व परिधि,त्रिज्यखण्ड के चाप की लंबाई,त्रिज्यखंड और वृत्तखंड के क्षेत्रफल के सूत्रों का ज्ञान।
  • इस प्रकार से अनेक उदाहरण प्रस्तुत किए जा सकते हैं जिनके बारे में स्वयं विद्यार्थी सामग्री एवं अध्यापक की सहायता से जानकारी प्राप्त कर नई परिभाषाओं और सिद्धांतों को समझ सकते हैं।इस विधि में अध्यापक द्वारा दिए गए संकेत,मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन विद्यार्थियों को नए ज्ञान की खोज करने में अग्रसर करता है।इस प्रकार अध्यापक के सहयोग से विद्यार्थी खोज विधि के रास्ते से हटता नहीं है।उदाहरणार्थ अध्यापक ने विद्यार्थियों के सामने निम्न समस्या प्रस्तुत की:
  • यदि एक त्रिभुज तथा एक समान्तर चतुर्भुज एक ही आधार और समांतर रेखाओं के बीच स्थित हों तो उनके क्षेत्रफलों में संबंध ज्ञात करो।
  • यहां पर अध्यापक यह संकेत देगा कि यदि हम त्रिभुज व समांतर चतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात करें तो अवश्य कोई संबंध ज्ञात कर सकेंगे।
  • इसके पश्चात विद्यार्थी विभिन्न मापों के आधार पर त्रिभुज तथा समांतर चतुर्भुज अपनी पुस्तिकाओं में बनाते हैं तथा उनका क्षेत्रफल ज्ञात करते हैं।

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(4.)गणित में खोज विधि का निष्कर्ष (Conclusion of Discovery Method in Mathematics):

  • इस विधि में प्रारंभ में कुछ अधिक समय लग सकता है किंतु सतत् प्रयासों से यह विधि एक श्रेष्ठ विधि होगी।इस विधि के प्रयोग में अध्यापक को अत्यंत सचेष्ट,सतर्क (Alert),सक्रिय (Active),जागरूक (Aware),चौकस रहने की आवश्यकता है।यदि विद्यार्थी अधिक गलतियां करते हैं तो समय अधिक नष्ट होता है तथा विद्यार्थी भी अनावश्यक बातों में उलझ जाते हैं।इसलिए यदि अध्यापक पहले से ही उन स्थलों को ध्यान रखता है जहां पर विद्यार्थी गलतियां कर सकता है तो इस विधि की उपादेयता बढ़ जाती है।यह विधि प्रारम्भिक कक्षाओं के बजाय उच्च कक्षाओं में उपयोगी है।
  • उपर्युक्त विवरण में गणित में खोज विधि (Discovery Method in Mathematics),गणित शिक्षण की खोज विधि (Discovery Method of Teaching Mathematics) के बारे में बताया गया है।

2.गणित में खोज विधि (Discovery Method in Mathematics),गणित शिक्षण की खोज विधि (Discovery Method of Teaching Mathematics) के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.गणित पढ़ाने की खोज विधि क्या है? (What is discovery method of teaching mathematics?):

उत्तर:गाइडेड डिस्कवरी जांच आधारित सीखने के लिए एक दृष्टिकोण है जो छात्र अन्वेषण और प्रत्यक्ष शिक्षण दोनों को महत्त्व देता है।इस दृष्टिकोण का व्यापक लक्ष्य गणितीय अवधारणाओं के साथ सहयोग (collaboration) और विचारशील बातचीत (thoughtful interactions) को बढ़ावा देना है।

प्रश्न:2.खोज आधारित गणित क्या है? (What is discovery based math?):

उत्तर:सामान्य तौर पर,इस दृष्टिकोण में समस्या को सुलझाने वाली स्थितियां शामिल हैं जो एक छात्र को शिक्षक से सीधे निर्देश के बिना उत्तरों की खोज करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।खोज आधारित गणित का लक्ष्य इसे बच्चों के लिए ओर अधिक सार्थक बनाना है ।

प्रश्न:3.कब डिस्कवरी गणित ओंटारियो में पेश किया गया था? (When was Discovery math introduced in Ontario?):

उत्तर:आपको यह जानने की जरूरत है कि मानसिक गणित कैसे करना है।रीड (Reid) ने बताया कि डिस्कवरी गणित 1980 के दशक के आसपास के बाद से ओंटारियो गणित पाठ्यक्रम का एक हिस्सा रहा है।

प्रश्न:4.पारंपरिक गणित शिक्षण क्या है? (What is traditional math teaching?):

उत्तर:पारंपरिक गणित-अनुदेश की विधि (Traditional Math- Method of instruction) जहां शिक्षक एक गणितीय अवधारणा प्रस्तुत करता है,समाधान खोजने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं की समीक्षा करता है और फिर छात्रों को अतिरिक्त समस्याओं के साथ इन प्रक्रियाओं का अभ्यास किया है ।

प्रश्न:5.पारंपरिक बनाम आम कोर गणित क्या है? (What is common core math vs traditional?):

उत्तर:पारंपरिक गणित के साथ,छात्र बस टेबल याद और जवाब याद (remember tables and memorize answers) कर सकता है।पारंपरिक गणित के बारे में सही जवाब हो रही है जबकि आम कोर गणित छात्रों को अपने गहरे ज्ञान और कैसे वे सही जवाब के लिए पहुंचे पर क्षमता प्रदर्शित करने की आवश्यकता है। (Traditional Math is about getting the correct answer,whereas Common Core math requires students to demonstrate their deeper knowledge and ability on how they arrived to the correct answer.)

प्रश्न:6.नया गणित क्या कहा जाता है? (What is new math called?):

उत्तर:कॉमन कोर मैथ (Common Core math)
यहां,आपको “नए गणित” के बारे में जानने की आवश्यकता है, जिसे आम कोर गणित भी कहा जाता है।

प्रश्न:7.गणित के क्षेत्र में प्राचीन भारतीय ने क्या खोज की थी? (What were the discoveries made by ancient Indian in the field of mathematics?):

उत्तर:भारतीय गणितज्ञों ने शून्य की अवधारणा के अध्ययन में एक संख्या,ऋणात्मक संख्या,अंकगणित और बीजगणित के रूप में प्रारंभिक योगदान दिया।इसके अलावा,भारत में त्रिकोणमिति को ओर उन्नत किया गया था और विशेष रूप से वहां ज्या (sine) और कोसाइन (cosine) की आधुनिक परिभाषाएं विकसित की गई थीं।

उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा गणित में खोज विधि (Discovery Method in Mathematics),गणित शिक्षण की खोज विधि (Discovery Method of Teaching Mathematics) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Discovery Method in Mathematics

गणित में खोज विधि (Discovery Method in Mathematics)

Discovery Method in Mathematics

गणित में खोज विधि (Discovery Method in Mathematics) का प्रयोग इसकी उपयोगिता के कारण किया जाने लगा है।
प्राचीन काल में छात्र-छात्राओं पढ़ाने हेतु व्याख्यान विधि (Lecture Method) का प्रयोग किया जाता था।

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