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What is Importance of Strong Willpower?

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1.दृढ़ इच्छाशक्ति का क्या महत्त्व है? (What is Importance of Strong Willpower?),गणित के छात्र-छात्राओं के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति का क्या महत्त्व है? (What is Importance of Strong Willpower for Mathematics Students?):

  • दृढ़ इच्छाशक्ति का क्या महत्त्व है? (What is Importance of Strong Willpower?) दृढ़ इच्छाशक्ति के बिना हमारा मन डाँवाडोल रहता है।कभी मन गणित को पढ़ने का करता है,कभी मन किसी दूसरे विषय को पढ़ने का करता है,कभी अध्ययन करने का मन नहीं करता है,कभी कोई व्यवसाय या धंधा करने का मन करता है इस प्रकार मन बंदर की तरह उछल-कूद करता रहता है।परंतु यथार्थवादी दृष्टिकोण रखते हुए अपनी योग्यता (पात्रता),क्षमता,सामर्थ्य और वातावरण के आधार पर किसी एक निश्चय,एक लक्ष्य पर डट जाता है तो इसे ही दृढ़ इच्छाशक्ति कहा जाता है।
  • किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति,पुरुषार्थ (प्रयत्न) और आत्मविश्वास का सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण स्थान और योगदान होता है।दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर संपन्न किए गए कार्य हमेशा सफल होते हैं किंतु निर्बल इच्छाशक्ति,दुविधापूर्ण मनःस्थिति सफलता को विफलता में बदल देते हैं।जो लोग गलतियों के डर से कार्य नहीं करते हैं,कार्य के पूरा होने के प्रति आशंकित रहते हैं और कोई निर्णय नहीं ले पाते हैं ऐसे छात्र-छात्राएं और व्यक्ति गलतियों पर गलतियां करते जाते हैं।
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2.दृढ़ इच्छाशक्ति का लक्ष्य प्राप्ति में योगदान (Strong Will Power Contributes to the Achievement of the Goal):

  • दृढ़ इच्छाशक्ति का अर्थ है कि अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की तीव्र उत्कंठा।तीव्र उत्कंठा उत्प्रेरक का कार्य करती है।इच्छा से प्रेरणा उत्पन्न होती है और प्रेरणा से कर्म की।मनुष्य अपनी इच्छा के अनुरूप ही सोचता है और वैसा ही कर्म करने लगता है।जैसे कर्म किए जाते हैं वैसी परिस्थितियाँ उसके सामने आ खड़ी होती हैं और वैसा ही परिणाम प्राप्त होता है।
  • प्रश्न उठता है कि कामनाओं व इच्छाओं को त्यागने के लिए कहा जाता है तो फिर इस लेख में इच्छाशक्ति अथवा इच्छा करने के लिए क्यों प्रेरित किया जा रहा है? कहावत भी है कि जहां चाह होती है वहां राह भी मिल जाती है।कामनाएँ व इच्छाएं अनंत होती है और सीमित जीवन में अनंत कामनाओं व इच्छाओं को पूरा नहीं किया जा सकता है।जब कामनाएँ पूरी नहीं होती है तो क्रोध उत्पन्न होता है इस प्रकार मन विकारग्रस्त हो जाता है।
  • कामनाओं व इच्छाओं की अति का निषेध किया गया है।चाणक्य नीति में कहा है कि अति सर्वत्र वर्जयेत यानी किसी भी दिशा में,किसी भी दशा में,किसी भी काम में अति नहीं करनी चाहिए।अत्यधिक सुंदरता के कारण सीता का हरण हुआ,अत्यधिक अहंकार के कारण रावण मारा गया,अत्यधिक दान देने के कारण बलि को बन्धन में बँधना पड़ा।
  • उदाहरणार्थ छात्र-छात्राओं को गणित का अध्ययन करने में आनन्द आने लगे और समय-कुसमय पर भी उसे पढ़ने लगे जैसे रात्रि विश्राम का समय है।गणित तथा अन्य विषयों का अध्ययन करने के कारण मानसिक थकान हो जाती है अतः विश्राम की आवश्यकता होती है।अब यदि आप चाणक्य नीति के श्लोक में कहा गया है कि अध्ययन,तप (पुरुषार्थ) व दान में संतोष धारण नहीं करना चाहिए,के अनुसार रात-दिन अध्ययन करेंगे तो शरीर को विश्राम न मिलने के कारण बीमार पड़ जाएंगे,मानसिक उपद्रव अनिद्रा,चिंता,तनाव इत्यादि से ग्रस्त हो जाएंगे।
  • कामना करने में दूसरा ध्यान यह रखना चाहिए कि कामना सात्त्विक,उपयोगी एवं यथार्थ हो।अनैतिक,दूसरों को नुकसान पहुंचाने वाली तथा ऐसी काल्पनिक इच्छाएँ नहीं करनी चाहिए जिनको यथार्थ स्वरूप न दिया जा सके जैसे मैं पक्षी बन जाऊं।तीसरी बात यह ध्यान रखना चाहिए कि कामना अपनी क्षमता,योग्यता (पात्रता),सामर्थ्य और वातावरण को ध्यान में रखते हुए करनी चाहिए।चौथी बात यह ध्यान रखना चाहिए कि कामनाओं व इच्छाओं को विवेक के द्वारा वश में रखना चाहिए।इतनी बातों को ध्यान में रखते हुए जो कामना व इच्छा की जाती है वही दृढ़ इच्छाशक्ति है।
  • दृढ़ इच्छाशक्ति अध्ययन तथा किसी भी कार्य के मार्ग में आनेवाली प्रतिकूलताओं,कठिनाइयों में कभी निराश व हताश नहीं होने देती बल्कि हमें अपने मार्ग में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।इच्छाशक्ति की दृढ़ता और प्रबलता छात्र-छात्राओं व व्यक्ति को पराक्रमी,पुरुषार्थी,धैर्यवान बना देती है।दृढ़ इच्छाशक्ति,इच्छा से ऊँचे स्तर की है।दृढ़ इच्छाशक्ति में विचलित न होने,अडिग होने,धीर-गंभीर,दृढ़ता इत्यादि का भाव रहता है।इसमें कुछ कर गुजरने और जुटे रहने का निश्चय और संकल्प होता है।

3.अपनी इच्छाशक्ति को प्रबल करें (Strengthen Your Willpower):

  • कभी-कभी ऐसा होता है कि हमें अपने प्रयासों में उतनी सफलता नहीं मिलती है जैसी हम कामना करते हैं।इसका कारण यह हो सकता है कि लक्ष्य के अनुरूप प्रयास,पुरुषार्थ नहीं किया गया हो।लक्ष्य को प्राप्त करने की सही रणनीति और उस पर अमल न कर पाना भी कारण हो सकता है यानी लक्ष्य को प्राप्त करने की विधि का ज्ञान न होना।इसके अतिरिक्त हम छोटे-छोटे कार्यो में अपना समय व ऊर्जा खर्च करते रहते हैं और पूर्ण एकाग्रता के साथ लक्ष्य के प्रति समर्पित नहीं होते हैं यह भी एक कारण हो सकता है।यदि हमें सफलता प्राप्त करनी है तो लक्ष्य को स्थिर और इच्छाशक्ति को प्रबल करना होगा।
  • हमारी जैसी इच्छा होती है हम वैसे ही बनते चले जाते हैं।गणितज्ञ,गणित प्राध्यापक,गणित अध्यापक,इंजीनियर,लेखक,वक्ता इत्यादि की आकांक्षा रखने वाला छात्र-छात्रा अपनी संपूर्ण शक्ति को उसी तरफ मोड़ देता है और पूर्ण एकाग्रता के साथ उसे प्राप्त करने में जुट जाता है फलस्वरूप वह वही बन जाता है।इसलिए इच्छाशक्ति को प्रबल करना सीखो और उस पर दृढ़ बने रहो।
  • लक्ष्य जो भी तय किया हो उसको प्राप्त करने के लिए दृढ़ निश्चय करना होगा।मन में शंका मत करो और मन में निर्बल विचारों को मत आने दो यदि आएं तो उनको तत्काल भगा दो।मन में केवल उन्हीं विचारों को स्थान दो जो तुम्हारे लक्ष्य प्राप्ति में सहायक हों।
  • एक बार मन में उत्साह,उमंग,प्रगति और आनंद की लहरें उठने लगती हैं तो इसके विपरीत विचारों का बनना सरल नहीं है।हमें अपने मन को अपने लक्ष्य के अनुकूल प्रशिक्षित करना करना होगा।एक बार मन प्रशिक्षित हो जाएगा तो हमें अध्ययन में,सवालों को हल करने में या अन्य किसी लक्ष्य में अधिकतम सामर्थ्य प्रदान करेगा फिर हमारे लक्ष्य में,सफलता प्राप्ति में कितने ही कष्ट और बाधाएं आएं तो उन्हें सहज ही पार कर लेगा।
  • मन में हीनभावना आए तो तत्काल मन को आशावादी विचारों से पूर्ण करें।आशावादी दृष्टिकोण में ऐसी विलक्षण शक्ति है जो मन में विकारों को बाहर कर देती है और हमें आशावादी विचार ऐसे प्रेरित करते रहते हैं कि जो कुछ होगा अच्छा ही होगा।आशावादी विचारों से आप जिन सवालों और प्रश्नों को हल नहीं कर पा रहे हों उनको हल करने का रास्ता मिल जाता है।आशावादी विचार हमारी कार्यक्षमता को बढ़ा देते हैं।इससे आपकी इच्छाशक्ति प्रबल बनती है।
  • किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केवल इच्छा से काम नहीं बनेगा बल्कि उसको प्राप्त करने के लिए प्रचंड पुरुषार्थ करना होगा।छात्र-छात्राओं को जो लक्ष्य प्राप्त करना है अथवा जिस कार्य में सफलता प्राप्त करनी है वह उसी का चिंतन-मनन और प्रयत्न करे।इससे आपकी इच्छाशक्ति में दृढ़ता आती है।
  • छात्र छात्राओं को मन को पवित्र और महान विचारों से भर देना चाहिए इससे न केवल सुख-शांति व संतोष की प्राप्ति होती है बल्कि जीवन में प्रगति व विकास का रास्ता भी खुलता है।यदि आपको अपने गणित विषय अथवा अन्य विषयों में निपुणता,कुशलता प्राप्त करनी है तो अपने मन में उन्हीं विचारों को प्रश्रय दें जब आपको अच्छे अंक अर्जित हुए हों और मन को एकाग्र करके अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में तब तक जुटे रहना चाहिए जब तक आपको अपना लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।
  • जीवन का यह सत्य है कि जिस लक्ष्य पर हम दृढ़तापूर्वक विश्वास और श्रद्धा रखते हैं वह उसे अवश्य प्राप्त होता है।
  • अपने लक्ष्य को बार-बार इसलिए नहीं बदलना चाहिए कि वह प्राप्त नहीं हो रहा है।लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए न केवल अनुकूल वातावरण तैयार करना चाहिए बल्कि अविचल धैर्य बनाए रखें।आपके लक्ष्य को प्राप्त करने में जो पुस्तकें हों उन्हें पढ़िए,उन लोगों से संपर्क कीजिए जो लोग पहले से ही आपके समान लक्ष्य को प्राप्त कर रहे हैं।उनके लक्ष्य प्राप्ति के रहस्यों को जानने का प्रयास कीजिए और उनसे जान-सीखकर उनको अपने लक्ष्य प्राप्ति में उपयोग कीजिए।

4.दृढ़ इच्छाशक्ति की महत्वपूर्ण बातें (Important Things About Strong Will Power):

  • (1.)गणित अथवा अन्य विषयों के अध्ययन करने में कठिन से कठिन समस्याएं आएं तो भी उनका डटकर सामना करना और उन्हें हल करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।
  • (2.)आपको कोई आपके लक्ष्य से भटकाने का प्रयास करें,प्रलोभन देने का प्रयास करें तो ऐसे लोगों से सतर्क और सावधान रहें।
  • (3.)अध्ययन करने के लिए अपनी प्रकृति और स्वभाव के अनुकूल नियम निर्धारित करें और उनका दृढ़ता से पालन करें अन्यथा आपको दूसरों के नियमों के अनुसार चलना पड़ेगा।
  • (4.)यदि आपने सवाल को सही किया है अथवा प्रश्न का उत्तर सही दिया है तो उस पर अडिग रहना सीखें।कई बार अध्यापक हमारी दृढ़ता की जांच करने के लिए पूछते हैं कि क्या तुम्हारा सवाल का हल या प्रश्न का उत्तर सही है?
  • (5.)अध्ययन करने के लिए जो समय सारणी बनाई है उसका दृढ़ता से पालन करें चाहे कितनी ही बाधाएं सामने आएं।न केवल समय सारणी का पालन करना है बल्कि अध्ययन कार्य को समय पर पूर्ण भी करना चाहिए।
  • (6.)अनावश्यक बातों पर चर्चा न करें,फालतू कार्यों में रस न लें।इससे आपकी उर्जा का क्षय होता है।इस ऊर्जा को बचाकर अपने अध्ययन कार्य में लगाने का प्रयास करें।फालतू गपशप करने से कोई भी आपको गंभीरता से नहीं लेता है और आपको हर कहीं,हर समय मजाक का पात्र बना लिया जाता है।
  • (7.)शिक्षक गणित व अन्य विषयों को पढ़ाए तो रुचि और पूर्ण एकाग्रता के साथ उन्हें सुने और अध्ययन करें।सवालों,समस्याओं व प्रश्नों को अधिक से अधिक अपने दम पर हल करने की कोशिश करें।यदि पुस्तकों व स्वयं के काफी प्रयासों के बाद भी समस्याएं हल नहीं हो रही हों तो किसी से भी पूछने की बजाए उसी से पूछे जो वास्तव में आपकी मदद करता है।हर किसी से पूछना आपको हंसी का पात्र बनाता है और वे हर कहीं आपको कमजोर साबित करने की कोशिश करते हैं।इससे आपका मनोबल कमजोर होता है।
  • (8.)किसी भी बात पर सबकी हां में हां मिलाने के बजाय अपनी स्वतंत्र राय रखने का प्रयास करें इससे न केवल आपका व्यक्तित्त्व निखरता है बल्कि आपमें दृढ़ता आती है।
  • (9.)न तो किसी का अपमान करें और न अपना स्वाभिमान (आत्मसम्मान) को खोएं।
  • (10.)कामनाओं को पूर्ण करने से वे तृप्त नहीं होती है बल्कि ओर अधिक बढ़ती है इसलिए अपनी इच्छाओं को वश में रखें,संतोष वृत्ति रखें।
  • (11.)विद्यार्थी काल में ही अपने लक्ष्य को तय कर लेना चाहिए।यही सबसे उपयुक्त समय है लक्ष्य तय करने का,वरना बाद में पश्चाताप करना पड़ेगा।
  • (12.)किसी भी लक्ष्य को तय करते समय यह अवश्य सोच लेना चाहिए कि इसमें मुझे अधिक से अधिक कितनी हानि उठानी पड़ सकती है,इससे आपमें दृढ़ता उत्पन्न होगी।
  • (13.)भाग्य से ही कुछ मिलेगा ऐसा न सोचकर पुरुषार्थ (प्रयत्न) करते रहना चाहिए।भाग्य पर भरोसा करने और इच्छाशक्ति की निर्बलता के कारण भी असफलता मिलती है।

5.दृढ़ इच्छाशक्ति का दृष्टान्त (An Example of Strong Willpower):

  • एक छात्र बहुत ही कठिन परिश्रम से अध्ययन करता था।वह हर परीक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होता था।हर विषय का गहराई से अध्ययन करता था।जब उसे पूरा विश्वास हो जाता था कि विषय पर मजबूत पकड़ हो गई तभी वह परीक्षा देता था।एक बार वह परीक्षा कक्ष में गणित की परीक्षा दे रहा था।गणित का प्रश्न-पत्र बहुत ही जटिल था,थोड़ी सी असावधानी से भी प्रश्न-पत्र खराब हो सकता था और नतीजा परीक्षा में अनुत्तीर्ण होना होता।उसी समय प्राचार्य परीक्षा कक्ष में आए और उस छात्र को बाहर बुलाकर कुछ कहा,सुनकर वह छात्र उदास हो गया परन्तु उसने अपने आप पर नियन्त्रण रखा और प्रश्न-पत्र को इत्मीनान से हल करने लगा।
  • परीक्षा का समय समाप्त हुआ तो सभी छात्र-छात्राओं ने अपनी-अपनी उत्तर पुस्तिकाएँ परीक्षक को दे दी।वह छात्र फिर तेजी से परीक्षा कक्ष से बाहर निकला परन्तु उसके सहपाठियों ने तत्काल उसे पकड़ लिया और पूछा कि प्राचार्य साहब ने आपको क्या कहा? वह छात्र बोला कि उन्होंने कहा कि तुम्हारे गाँव से टेलीफोन आया है और तुम्हारी माँ की मौत हो गई है।
  • छात्र-छात्राएं आश्चर्यचकित होकर बोले कि इतनी बड़ी घटना घटित हो गई और तुम शांति से प्रश्न-पत्र हल करते रहे।तब छात्र बोला माँ तो मर चुकी थी,क्या उसके पीछे पूरे वर्ष की मेहनत को निष्फल हो जाने देता।मेरी मां की आत्मा मुझे धिक्कारती और कहती कि कैसा नालायक लड़का है? परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया।मेरी माँ से ही मुझे परीक्षा करने की प्रेरणा और ऊर्जा प्राप्त होती थी।उसकी आत्मा को ठेस कैसे पहुंचाता?
  • उस समय मेरा कर्त्तव्य यही था कि प्रश्न-पत्र को बेहतर तरीके से करके अपनी मां की आत्मा को शांति पहुंचाऊँ और यही मैंने किया है।बड़ी से बड़ी आपत्ति में भी मानसिक संतुलन नहीं खोना चाहिए और अपने कर्त्तव्य को प्रमुखता देनी चाहिए परन्तु ऐसे कार्य सभी नहीं कर सकते हैं।ऐसे कार्य दृढ़ इच्छाशक्ति,दृढ़ता और साहस के बल पर ही किए जा सकते हैं।उस छात्र का एकमात्र सहारा वह माँ ही थी,पिता का बचपन में ही देहांत हो गया था।ऐसे छात्र-छात्राएं विरले ही होते हैं।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में दृढ़ इच्छाशक्ति का क्या महत्त्व है? (What is Importance of Strong Willpower?),गणित के छात्र-छात्राओं के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति का क्या महत्त्व है? (What is Importance of Strong Willpower for Mathematics Students?) के बारे में बताया गया है।

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6.गणित की पासबुक में सभी सवालों के हल (हास्य-व्यंग्य) (Solutions to All Questions in Mathematics) (Humour-Satire):

  • छात्र (गणित शिक्षक से):आज के बाद में मैं आपसे कोई सवाल पूछने वाला नहीं हूं।
  • गणित शिक्षक:क्या तुम इतने होशियार होने वाले हो?
  • छात्र:नहीं मैंने आपका विकल्प (गणित की पासबुक) ढूंढ लिया है।आप तो पांच-छह सवाल बता कर फ्री हो जाते हो जबकि पासबुक में सारे सवालों के हल हैं।

7.दृढ़ इच्छाशक्ति का क्या महत्त्व है? (Frequently Asked Questions Related to What is Importance of Strong Willpower?),गणित के छात्र-छात्राओं के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति का क्या महत्त्व है? (What is Importance of Strong Willpower for Mathematics Students?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.क्या लक्ष्य लचीला होना चाहिए? (Should the Goal be Flexible?):

उत्तर:लक्ष्य लचीला होने का यह मतलब नहीं है कि अपना लक्ष्य बार-बार बदलने रहो।लक्ष्य को बार-बार बदलने से इच्छाशक्ति निर्बल होती है।लक्ष्य लचीला होने का मतलब यह है कि जैसे आपको एमएससी करनी है अब यदि राजस्थान यूनिवर्सिटी में आपका प्रवेश नहीं होता है तो दूसरी यूनिवर्सिटी से एमएससी कर लो।यदि कहीं दूर नहीं जाना चाहते हो तो प्राइवेट एमएससी कर लो।लक्ष्य लचीला होने का मतलब है रास्ता बदल लो और रास्ता बदलने में कोई हानि नहीं है।

प्रश्न:2.दृढ़ता का क्या अर्थ है? (What Does Perseverance Mean?):

उत्तर:किसी भी परिस्थिति में,किसी भी दशा में,किसी भी दिशा में विचलित नहीं होना,अपने लक्ष्य पर अडिग रहना दृढ़ता है।अपने लक्ष्य पर डटे रहना दृढ़ता है परंतु कामचलाऊ लक्ष्य के लिए जीवन को दाँव पर लगा देना दृढ़ता नहीं है जिद्द है।जैसे घर में कोई त्यौहार है और त्यौहार पर आप अपने मित्र को भोजन पर आमंत्रित करना चाहते हैं लेकिन माता-पिता मना कर देते हैं और कहते हैं कि किसी ओर दिन बुला लेना।इस बात पर रुष्ट होकर आप आत्महत्या कर लेते हैं तो यह दृढ़ता नहीं है।अपने आपको अनुशासन एवं नियमों में रखना दृढ़ता है।

प्रश्न:3.छात्र-छात्राएं दृढ़ इच्छाशक्ति के आधार पर लक्ष्य कैसे प्राप्त करें? (How Do Students Achieve Goals Based on Strong Willpower?):

उत्तर:छात्र-छात्राएं जो लक्ष्य प्राप्त करना चाहते हैं अथवा जिस लक्ष्य का अनुसरण करना चाहते हैं उनको चाहिए कि उस लक्ष्य का श्रेष्ठ आदर्श अपने सामने रखें और हमेशा यह विचार-चिंतन करें और प्रयास करें कि उसमें भी उसके आदर्श जैसी कार्य करने की क्षमता है।किसी लक्ष्य के लिए प्रयत्न करते समय अपने अंदर हीनभावना नहीं पनपने देनी चाहिए।जैसे आपको महान गणितज्ञ कार्ल फ्रैडरिक गाउस,महान् गणितज्ञ आर्किमिडीज अथवा अन्य किसी गणितज्ञ का आदर्श अपने सामने रखकर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।वस्तुतः दृढ़ इच्छाशक्ति के आधार पर कठिन से कठिन यहां तक कि असंभव से लगने वाले लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।सफलता का मार्ग कटंकाकीर्ण,कठिन व दुर्गम होता है परंतु दृढ़ इच्छाशक्ति उसे सरल बना देती है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा दृढ़ इच्छाशक्ति का क्या महत्त्व है? (What is Importance of Strong Willpower?),गणित के छात्र-छात्राओं के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति का क्या महत्त्व है? (What is Importance of Strong Willpower for Mathematics Students?) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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