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3 Best Tips to Increase Memory

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1.स्मरणशक्ति बढ़ाने की 3 बेहतरीन टिप्स (3 Best Tips to Increase Memory),गणित के छात्र-छात्राओं के लिए स्मरणशक्ति बढ़ाने की 3 टिप्स (3 Tips to Increase Memory for Mathematics Students):

  • स्मरणशक्ति बढ़ाने की 3 बेहतरीन टिप्स (3 Best Tips to Increase Memory) के आधार पर आप स्मरणशक्ति को बढ़ा सकते हैं।वैसे भी वर्तमान समय में शिक्षक,शिक्षाविदों इत्यादि का मुख्य फोकस इस बात पर ही रहता है कि बालक-बालिकाओं को स्मृति क्षमता बढ़ाना ही सीखा रहे हैं।स्मरणशक्ति के आधार पर वे प्रतियोगिता परीक्षाएं उत्तीर्ण कर सकें,डिग्रियां हासिल कर लें,जॉब प्राप्त करके अच्छा पैसा अर्जित कर लें।परंतु स्मरणशक्ति का केवल उपर्युक्त कार्यों हेतु प्रयोग ओछापन है।वस्तुतः बालक-बालिकाओं की प्रतिभा का विकास करना,सामाजिक व राष्ट्रीय उत्तरदायित्वों व कर्त्तव्यों का पालन करना,अपने व्यक्तिगत कर्त्तव्यों का पालन करना,व्यक्तित्त्व का विकास करना,आत्मनिर्भर बनना तथा असहायों की सहायता-सहयोग करना ही शिक्षा पद्धति का उद्देश्य होना चाहिए परंतु ये उद्देश्य हैं नहीं।इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए बहुत अधिक तथा तीक्ष्ण स्मरणशक्ति की आवश्यकता नहीं है।परंतु फिर भी स्मरणशक्ति का महत्त्व तो है ही।
  • हम इस आशा से स्मरणशक्ति का यह लेख लिख रहे हैं ताकि छात्र-छात्राएं न केवल वर्तमान शिक्षा पद्धति के पाठ्यक्रम में स्मरणशक्ति का उपयोग करें बल्कि मानवीय गुणों को धारण करने में भी स्मरणशक्ति का उपयोग करें।
  • हमारी वर्तमान शिक्षा पद्धति तथा शिक्षकों व अभिभावकों का ढर्रा ही ऐसा हो गया है कि वे पाठ्यपुस्तकों की विषयवस्तु को याद करके अधिक से अधिक अंक अर्जित करें।वर्तमान शिक्षा पद्धति पर आधारित पुस्तकों से छात्र-छात्राओं को सीखने को कम मिलता है और मानसिक बोझ अधिक बढ़ता है जिसके कारण बालक-बालिकाएं तनावग्रस्त हो जाते हैं।इस प्रकार आज की शिक्षा पद्धति और परीक्षा एक तरह से स्मृति परीक्षण है। जिन छात्र-छात्राओं की स्मृति (Memory) जितनी अधिक है वह उतना ही अच्छा विद्यार्थी समझा जाता है और जिन छात्र-छात्राओं की स्मृति जितनी कमजोर है वह उतना ही कमजोर विद्यार्थी समझा जाता है।
  • कक्षा में अध्यापक-अध्यापिका इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि विद्यार्थियों को कितना याद है,वे कितनी बातें,कितने सूत्र,कितने सिद्धांत और कितनी प्रमेयों को याद रखता है।इस बात की तरफ उनका ध्यान नहीं रहता है कि छात्र-छात्राएं कितने प्रतिभावान हैं और उन्हें प्रतिभावान कैसे बनाया जा सकता है,उनकी योग्यता का विकास कैसे किया जा सकता है?
  • स्मरणशक्ति से सम्बन्धित दो आर्टिकल पूर्व में लिखे जा चुके हैं इस पर ओर अतिरिक्त विषय सामग्री प्राप्त होने के कारण यह तीसरा लेख लिखा गया है।यह लेख उन दोनों लेखों का पूरक ही है।इसलिए इस लेख को पढ़ने के साथ-साथ उन लेखों को पढ़ने पर आपके ज्ञान में तो वृद्धि होगी ही साथ ही साथ स्मरणशक्ति के बारे में आप बहुत कुछ जान-समझकर अपने अनुकूल टिप्स का प्रयोग करके स्मरणशक्ति को बढ़ा सकते हैं।
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2.स्मरणशक्ति बढ़ाने के उपाय (Ways to Increase Memory):

  • स्मृति विद्यार्थी जीवन का एक महत्त्वपूर्ण भाग है।इसके आधार पर विद्यार्थी की पहचान बनती है और इसी के आधार पर विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।वैसे स्मरणशक्ति सभी के लिए आवश्यक है परन्तु विद्यार्थियों के लिए सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है।विद्यार्थी स्मरणशक्ति के आधार पर अपने पाठों को याद कर पाते हैं।स्मृति का अर्थ है जानकारी अथवा आवश्यकता पड़ने पर उन्हें स्मरण करना।
  • स्मरणशक्ति अल्पकालीन,लघुकालीन और दीर्घकालीन प्रकार की होती है।अल्पकालीन स्मृति में बहुत थोड़े समय के लिए जानकारी मस्तिष्क में रहती है।जैसे बाजार में जाते समय या यात्रा के समय हम बहुत से लोगों को देखते हैं।इस प्रकार की जानकारी मस्तिष्क में थोड़े समय के लिए संचित रहती है और फिर भूल जाते हैं।विद्यार्थी किसी पाठ को सरसरी तौर पर पढ़ते हैं तो वह भी थोड़े समय के लिए याद रहती है और फिर भूल जाते हैं।जब कोई भी जानकारी है या पढ़ा हुआ पाठ कुछ समय के लिए याद रहता है तो इस प्रकार की स्मृति को लघुकालीन स्मृति कहते हैं।जैसे विद्यार्थी किस पाठ को पढ़ता है या गणित के विद्यार्थी किसी सवाल को हल करता है या विद्यालय में शिक्षक पढ़ाते हैं तो ऐसी जानकारी विद्यार्थी के मस्तिष्क में कुछ समय तक संचित रहती है।इसी प्रकार कुछ जानकारी या विषयवस्तु को लम्बे समय तक याद रखते हैं तो दीर्घकालीन स्मृति कहते हैं।जब विद्यार्थी किसी प्रश्नावली के सवालों अथवा पाठ को बार-बार याद करता है अथवा अभ्यास करता है या पुनरावृत्ति करता है तथा एकाग्रचित्त होकर किसी पाठ को  पढ़ता है तो ऐसी विषयवस्तु लंबे समय तक याद रहती है।
  • विद्यार्थी यह चाहता है कि उसकी स्मरणशक्ति अच्छी हो,पढ़े हुए पाठ अथवा हल किए हुए सवालों को न भूलें तो इसके लिए उन्हें स्मरण रखने की प्रक्रिया को समझना होगा।यदि हम किसी पढ़े हुए पाठ या जानकारी पर विशेष रूप से फोकस करते हैं या बार-बार पुनरावृत्ति करते हैं तो उसे नहीं भूलते हैं परंतु उथले मन से किसी पाठ को याद करते हैं अथवा सवाल हल करते हैं तो उसको भूल जाते हैं।एकाग्रचित्त होकर तथा विशेष ध्यान देने पर ही हम पाठ या जानकारी को लंबे समय तक धारण कर सकते हैं।
  • किसी भी पाठ को ध्यान देकर तथा समझकर पढ़ने के बाद उसको मन ही मन दोहराते रहने पर तथा उसके अर्थ पर गहराई से चिंतन-मनन करने पर वह विषयवस्तु अधिक समय तक याद रख पाते हैं।परंतु जो विद्यार्थी किसी पाठ अथवा सवाल के हल को रट लेते हैं वे कुछ समय बाद उसको भूल जाते हैं।यही कारण है कि जो अध्यापक विद्यार्थियों को विषय अथवा सवाल को रटने की बजाय उसको समझने के लिए अधिक जोर देते हैं तथा उस पर गहराई से चिंतन-मनन करने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करते हैं वह विषयवस्तु दीर्घकाल तक याद रहती है।
  • विद्यार्थी कक्षा में पढ़ाए जा रहे विषय,गणित की थ्योरी,सूत्रों और सवालों को ध्यान से देखें,सुने अथवा समझने का प्रयास करें।घर पर पुनः उस टाॅपिक को ध्यानपूर्वक पढ़े तथा उस पर चिंतन-मनन करें।टाॅपिक में जो बात समझ में नहीं आई हो उस पर मित्रों से विचार-विमर्श करें।फिर भी कुछ बातें समझने से रह गई हो तो अध्यापक से पुनः समझे।इसके पश्चात उस टाॅपिक के नोट्स तैयार कर लें।नोट्स की समय-समय पर पुनरावृत्ति करते रहें।इस प्रकार अध्ययन करने से विषय मजबूती से बैठ जाता है और उसे हम लंबे समय तक याद रख पाते हैं।
  • प्रायः विद्यार्थी किसी भी टाॅपिक को एक बार पढ़ने के बाद उसकी पुनरावृत्ति नहीं करते हैं इसलिए जल्दी हम उसको भूल जाते हैं।जबकि पढ़े हुए टाॅपिक को 2 दिन,फिर सप्ताह बाद,फिर 15 दिन बाद,फिर एक महीने बाद तथा आगे हर महीने उस टाॅपिक को दोहराते रहने से हमें वह टाॅपिक याद रहता है।विषय को समझने,याद करने और नोट्स बनाने में समय लगता है लेकिन पुनरावृत्ति करने में बहुत कम समय लगता है।नोट्स बिन्दुवार बनाने चाहिए और उनका बार-बार अभ्यास करें।

3.स्मरणशक्ति बढ़ाने की कुछ अन्य टिप्स (Some other Tips to Increase Memory):

  • (1.)स्वस्थ रहने का स्मरणशक्ति से सीधा संबंध है।स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मस्तिष्क में ही अच्छी स्मरणशक्ति रहती है।स्वस्थ मस्तिष्क से तात्पर्य है मन में शुभ विचारों को धारण करना तथा अशुभ विचारों से बचाव करना।मन को निर्विकार करना ही मन तथा मस्तिष्क को स्वस्थ रखना है।स्वस्थ रहने के लिए योगासन-प्राणायाम नियमित रूप से करना चाहिए।
  • (2.)मन को एकाग्र करने के लिए ध्यान का अभ्यास करना चाहिए।मन की एकाग्रता से स्मरणशक्ति में वृद्धि होती है।
  • (3.)विद्यार्थियों को पर्याप्त नींद लेना भी आवश्यक है।सामान्यतः विद्यार्थी को छह-सात घण्टे की नींद पर्याप्त होती है।दिनभर अध्ययन तथा अन्य कार्य करने से मानसिक थकान हो जाती है।मस्तिष्क को विश्राम तथा शरीर को आराम की आवश्यकता होती है जो नींद से मिलती है।पर्याप्त नींद न लेने के कारण स्मृति (याददाश्त) प्रभावित होती है जबकि पर्याप्त नींद लेने पर स्मरणशक्ति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • (4.)प्रातः काल सुखासन या पद्मासन में बैठकर हाथों की तर्जनी ऊँगली के आगे के भाग को अंगूठे से मिलाकर रखें तथा शेष अंगुलिया सीधी रखें।कमर व रीढ़ को सीधा रखें।यह ज्ञान मुद्रा है तथा ज्ञान मुद्रा का रोजाना अभ्यास करने से स्मरणशक्ति में वृद्धि होती है।
  • (5.)उँगलियों को चटकाना,पंजा लड़ाना इत्यादि नहीं करना चाहिए इससे स्मरणशक्ति कमजोर होती है।
  • (6.)प्रातःकाल नित्य कर्मों से निवृत्त होकर अर्थात् शौच-स्नान करके मन को एकाग्र करने हेतु ध्यान करना चाहिए।मन को आज्ञा चक्र (भ्रूमध्य) में प्रकाशरूप ज्योति,ॐ अथवा अपने इष्टदेव का ध्यान करना चाहिए।प्रारंभ में मन इधर-उधर भटकता है।परंतु नियमित रूप से अभ्यास करने पर मन एकाग्र होने लगता है।आज्ञा चक्र जाग्रत होने पर स्मरणशक्ति में अप्रत्याशित वृद्धि होती है।
  • (7.)अध्ययन उत्तर अथवा पूर्व दिशा में मुँह करके करना चाहिए।
  • (8.)स्व-संकेत (auto-suggestion) अपनी प्रतिभा को निखारने और जगाने में बहुत सहायक है।विद्यार्थियों को दूसरों के विचारों से प्रभावित न होकर अपने ही विचारों से अपने भविष्य का निर्माण करना चाहिए।अपने आपको समझाना चाहिए।स्व-प्रेरणा से हमारे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।इस प्रकार का चिंतन करें कि मैं अपनी शक्ति का अनुभव कर रहा हूं।मैं मानसिक विकारों काम,क्रोध,लोभ इत्यादि से छूट चुका हूँ।मेरे जीवन की बागडोर मेरे हाथों में है।
  • क्लेश,असन्तोष,भय,निराशा,हताशा,संशय,तृष्णा इत्यादि मेरे जीवन के अंग नहीं हैं।प्रतिकूलताओं से मुकाबला करने की शक्ति मुझमें है।कर्मठता,पुरुषार्थ,चिन्तन-मनन,विद्या,ज्ञान इत्यादि ही मेरे जीवन के अंग है और मुझे जीवन में ऊँचा उठा सकते हैं।इस प्रकार के स्व-संकेत विद्यार्थी को अपने आपको देना चाहिए।
  • (9.)रात को पाँच-छह बादाम भिगोकर (मिट्टी के बर्तन में) प्रातःकाल सिलबट्टे पर बादाम का छिलका हटाकर पीस लें और उसमें मिश्री मिलाकर दूध के साथ सेवन करें।शंखपुष्पी,सारस्वतारिष्ट,ब्राह्मीवटी इत्यादि से भी स्मरणशक्ति बढ़ती है।

4.स्मरणशक्ति का दृष्टांत (Illustration of Memory):

  • स्मृति अर्थात् याद रखना।अनुभव किए हुए,पूर्व में पढ़े हुए,देखे हुए,सुने हुए विषयों का फिर से ज्ञान होना ही स्मृति है।स्मरणशक्ति सभी में होती है परन्तु किसी-किसी में अद्भुत स्मरणशक्ति होती है।उनकी स्मरणशक्ति को देखकर हम आश्चर्यचकित रह जाते हैं।
  • एक भारतीय गणितज्ञ थे उनकी स्मरणशक्ति देखकर आश्चर्य होता था।वे एक बार किसी थ्योरी,सिद्धांत,प्रमेय अथवा पुस्तक को पढ़ लेते थे तो वह याद हो जाता था।
  • एक बार विदेश में उन्हें प्रवचन के लिए बुलाया गया।विदेश में गणितज्ञ विद्वान की एक बहुत बड़ी पुस्तकों की लाइब्रेरी थी।जिस समय भारतीय गणितज्ञ उनके पास गए तो वे लाइब्रेरी में बैठे हुए थे।भारतीय गणितज्ञ ने ज्योंही लाइब्रेरी में प्रवेश किया तो उन्होंने उनको सम्मानसहित बैठाया और यह कहकर अपने घर के अंदर चले गए कि वे उनके लिए नाश्ता लेकर आ रहे हैं।
  • उनके जाने के बाद भारतीय गणितज्ञ ने गणित की पुस्तक उठाई और उसे पढ़ने लग गए।ज्योहीं विदेशी विद्वान (गणितज्ञ) नाश्ता तैयार करके लाए तब तक भारतीय गणितज्ञ पुस्तक को पूरी पढ़ चुके थे।मेजमान विद्वान ने पूछा कि क्या आपने इस पुस्तक को पढ़ लिया? भारतीय गणितज्ञ बोले,बिल्कुल पूरी पुस्तक पढ़ चुका हूं।विदेशी गणितज्ञ ने उस पुस्तक के संदर्भ में जानना चाहा तो भारतीय गणितज्ञ ने उस पुस्तक की सभी चीजों के बारे में बता दिया।
  • विदेशी गणितज्ञ ने पुस्तक के बीच में किसी पृष्ठ की विषयवस्तु के बारे में पूछा तो भारतीय गणितज्ञ ने बिना देखे,हूबहू उस पृष्ठ की विषय सामग्री को दोहरा दिया।दोहराते समय उसकी विषयवस्तु में किसी प्रकार की कोई गलती नहीं हुई।
  • विदेशी विद्वान (गणितज्ञ) उनकी विलक्षण स्मरणशक्ति से अभिभूत हो गए।उन्होंने पूछा कि इस प्रकार की विलक्षण स्मरणशक्ति का क्या कारण है? भारतीय गणितज्ञ बोले कि कुछ लोगों में यह क्षमता जन्मजात होती है।परन्तु जिनमें जन्मजात स्मरणशक्ति नहीं है वे अभ्यास,लगन और संयम से स्मरणशक्ति में मनचाही स्मरण क्षमता बढ़ा सकते हैं।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में स्मरणशक्ति बढ़ाने की 3 बेहतरीन टिप्स (3 Best Tips to Increase Memory),गणित के छात्र-छात्राओं के लिए स्मरणशक्ति बढ़ाने की 3 टिप्स (3 Tips to Increase Memory for Mathematics Students) के बारे में बताया गया है।

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5.गणित की भाषा में पढ़ाने का तरीका (हास्य-व्यंग्य) (How to Teach in Language Mathematics) (Humour-Satire):

  • सुमित (गणित के अध्यापक से):सर (sir)!हिन्दी वाले सर हिन्दी में पढ़ाते हैं,अंग्रेजी वाले सर अंग्रेजी में पढ़ाते हैं तो आप गणित को गणित में क्यों नहीं पढ़ाते हैं?
  • गणित अध्यापक (सुमित से):तुम्हें इक्कीस का पहाड़ा तो आता नहीं और अब मेरे से तीन-पाँच कर रहा है।यदि एक घूँसा मुँह पर मारा तो बत्तीस के बत्तीस दाँत बाहर आ जाएंगे।इसलिए नौ-दो-ग्यारह होने में ही भलाई है।गणित अध्यापक ने गणितीय भाषा में जवाब दिया।

6.स्मरणशक्ति बढ़ाने की 3 बेहतरीन टिप्स (Frequently Asked Questions Related to 3 Best Tips to Increase Memory),गणित के छात्र-छात्राओं के लिए स्मरणशक्ति बढ़ाने की 3 टिप्स (3 Tips to Increase Memory for Mathematics Students) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.अद्भुद स्मरणशक्ति का क्या कारण है? (What Causes Amazing Memory?):

उत्तर:जिन विद्यार्थियों तथा व्यक्तियों में अद्भुत स्मरणशक्ति होती है उन्हें देखा हुआ,पढ़ा हुआ,सुना हुआ तथा अपने जीवन की अतीत की घटनाएं हूबहू याद रहती हैं।मनोविज्ञानी इसे हाइपरथाइमेसिया कहते हैं।हाइपरथाइमेसिया के व्यक्ति गिने-चुने ही हैं जिनमें अद्भुत स्मरणशक्ति होती है।

प्रश्न:2.अच्छी स्मरणशक्ति का क्या कारण क्या है? (What is the Main Cause of Good Memory?):

उत्तर:अच्छी स्मरणशक्ति के लिए मन को एकाग्र करना आवश्यक है।एकाग्रचित्त और मन को स्थिर अर्थात् चंचल न होने पर हमारी स्मरणशक्ति में वृद्धि होती है।मन को स्थिर करने के लिए रोजाना ध्यान करना आवश्यक है।इसके अलावा किसी भी विषय को तल्लीन होकर पढ़ने पर भी एकाग्रता सधती है।शुरू-शुरू में मन इधर-उधर भटकता है परन्तु बार-बार अभ्यास से मन की एकाग्रता को प्राप्त किया जा सकता है।जितनी एकाग्रता के साथ हम किसी विषय को पढ़ते है,सुनते हैं तथा देखते है वह उतनी ही मजबूती से हमारे मस्तिष्क में अंकित हो जाती है।

प्रश्न:3.स्मरणशक्ति को बढ़ाने के लिए ओर क्या करना चाहिए? (What Else Should I do to Increase Memory?):

उत्तर:अध्ययन करते समय,सीखते समय मानसिक सतर्कता तथा सजगता बनाए रखना चाहिए।जानकारी को याद रखने के लिए उनमें आपस में सामंजस्य स्थापित करना चाहिए।अपनी स्मरणशक्ति पर विश्वास रखना चाहिए क्योंकि ‘संशयात्मा विनश्यति’ के अनुसार संशय में पड़ा हुआ व्यक्ति विनाश को प्राप्त होता है अर्थात् जो कुछ याद करता है उसको भूल जाता है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा स्मरणशक्ति बढ़ाने की 3 बेहतरीन टिप्स (3 Best Tips to Increase Memory),गणित के छात्र-छात्राओं के लिए स्मरणशक्ति बढ़ाने की 3 टिप्स (3 Tips to Increase Memory for Mathematics Students) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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स्मरणशक्ति बढ़ाने की 3 बेहतरीन टिप्स
(3 Best Tips to Increase Memory)

3 Best Tips to Increase Memory

स्मरणशक्ति बढ़ाने की 3 बेहतरीन टिप्स (3 Best Tips to Increase Memory)
के आधार पर आप स्मरणशक्ति को बढ़ा सकते हैं।वैसे भी वर्तमान समय में शिक्षक,शिक्षाविदों
इत्यादि का मुख्य फोकस इस बात पर ही रहता है कि बालक-बालिकाओं को स्मृति क्षमता बढ़ाना ही सीखा रहे हैं।

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