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Secret of success of Mathematics Guru RK Srivastava

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1 1.मैथेमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव की सफलता का राज का परिचय (Introduction to Secret of success of Mathematics Guru RK Srivastava):

1.मैथेमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव की सफलता का राज का परिचय (Introduction to Secret of success of Mathematics Guru RK Srivastava):

  • मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव की सफलता का राज (Secret of success of Mathematics Guru RK Srivastava) क्या है,इसके बारे में बताएंगे। मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव गणित के क्षेत्र में अब जाना पहचाना नाम हो गया है। उन्होंने अपने कठिन परिश्रम, तप व साधना के बल पर गणित को नए आयाम दिए हैं।
    यह मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव की सदाशयता ही है कि वे अपनी सफलता का पूर्ण श्रेय अपनी मां आरती देवी को देते हैं।
    इसमें कोई दो राय नहीं है कि पिता की अनुपस्थिति में श्री आरके श्रीवास्तव का पालन-पोषण उनकी मां ने ही किया है। परन्तु यह भी सत्य है कि हर बालक की परवरिश तथा पालन-पोषण उनके माता-पिता करते हैं।हर माता-पिता अपने बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा-दीक्षा देने का प्रयास करते हैं।
  • फिर ऐसा क्या कारण हैं कि कुछ बालक ही अपने माता-पिता,समाज और देश का गौरव विश्व स्तर पर बढ़ा पाते हैं।
    हमारी समझ में इसके कुछ कारण हैं जिनकी वजह से ऐसी प्रतिभाएं आगे बढ़ती है। सबसे प्रमुख कारण यह है कि अभावों, तकलीफों और कष्टों में किसी भी बच्चे की प्रतिभा निखरती है। अभाव व कष्टों से गुजरने पर बालक में,जो भी दुर्गुण, बुराईयां होती है वे प्रवेश नहीं कर पाती हैं या कह लीजिए कि जो बुराईयां बालक में पूर्व जन्मों की होती है वे सुप्त ही रह जाती है।जिस प्रकार सोने को अग्नि में तपाने पर उसका सारा मेल अर्थात् अशुद्धि दूर हो जाती है।इसी प्रकार अभाव व कष्टों से गुजरने पर बालक के सभी दुर्गुण दूर हो जाते हैं।
  • दूसरा कारण यह है कि अभाव व कष्टों के कारण बालक के दिमाग पर एक सकारात्मक दबाव पड़ता है जिसके कारण उसका दिमाग अधिक सक्रिय और क्षमतावान बनता है।तीसरा कारण है कि अभाव व कष्टों से गुजरने पर बालक उन अभावों व कष्टों से बाहर निकलने का प्रयास करता है बल्कि यह कहा जाए कि अधिक प्रयास करता है और इसमें उसे सफलता मिलती है। चौथा कारण है कि जब बालक कष्टों व परेशानियों के खिलाफ संघर्ष करता है तो अस्तित्व अर्थात् परमात्मा का भी उसे साथ मिलता है।
  • उपर्युक्त विवरण का तात्पर्य यह नहीं है कि हम मां के योगदान को कम करना चाहते हैं या मां के योगदान को स्वीकार नहीं करते हैं।
  • निश्चित रूप से मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव की सफलता का राज (Secret of success of Mathematics Guru RK Srivastava) में मां का योगदान भी शामिल है।यदि मां अपने बच्चे को सही रास्ते पर चलना न सिखाए तो सम्भव है कि बालक गलत रास्ते का चुनाव कर ले।क्योंकि विपत्ति में दो ही रास्ते नजर आते हैं एक सही रास्ता और दूसरा गलत रास्ता।
    मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव की सफलता का राज (Secret of success of Mathematics Guru RK Srivastava) में उन्होंने खुद स्वीकार किया है कि मां के कारण ही वे इस मुकाम पर हैं।
  • लेकिन आरके श्रीवास्तव की सफलता के राज (Secret of success of Mathematics Guru RK Srivastava) में उनका समर्पण,तप व साधना का भी महत्त्व है।वरना बहुत से माता-पिता अपनी सन्तान को सही रास्ते पर चलाने का कार्य करते हैं। परन्तु ऐसी सफलता हर किसी को नहीं मिलती है।
  • दरअसल मां का समर्पण और सुयोग्य सन्तान दोनों के बल पर ही सर्वोच्च सफलता हासिल होती है। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं।मां के समर्पण,त्याग और तपस्या के अनुरूप ही सन्तान हो तो ही सन्तान महामानव बन पाती हैं। दोनों में से किसी एक के बल पर महामानव बन पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि असम्भव सा लगता है।
  • लेकिन मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव की सफलता का राज ( Secret of success of Mathematics Guru RK Srivastava) में उन्होंने मां के योगदान को सर्वोपरि माना है।हर महामानव की यही विशेषता होती है कि सफलता का श्रेय वे स्वयं को नहीं देकर माता-पिता, गुरु अथवा अन्य किसी मार्गदर्शक को ही देते हैं।स्वयं सफलता का श्रेय लेने की उनमें किंचित मात्र भी अभिलाषा नहीं होती है। हमारे विचार से मैथेमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव की सफलता का राज (Secret of success of Mathematics Guru RK Srivastava) यही हो सकता है।
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2.मैथेमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव की सफलता का राज (Secret of success of Mathematics Guru RK Srivastava):

  • मशहूर मैथेमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव सफलता के पीछे है मां का हाथ
    ‘मां’ जितना संक्षिप्त शब्द, उसका सार उतना ही विशाल है। मां ही है जो अपनी औलाद पर कोई मुश्किल आने ही नहीं देती। फिर चाहे मुश्किलों की राह में उसे खुद ही क्यों न चलना पड़े।
  • May 10, 2020
  • मशहूर मैथेमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव की सफलता(Secret of success of Mathematics Guru RK Srivastava) के पीछे है मां का हाथ
  • जिंदगी मिलती है कुछ कर गुजरने के लिए ही, अगर इसे सलिके से संवारा जाए तो वहीं आगे चलकर इतिहास बन जाता है। लेकिन उस इतिहास के बनने से पहले कितने संघर्ष के रास्तों से गुजरना पड़ता है… इसे जानने के लिए पढ़िए “मदर्स दे पर” पूरा विवरण।
  • ‘मां’ जितना संक्षिप्त शब्द, उसका सार उतना ही विशाल है। मां ही है जो अपनी औलाद पर कोई मुश्किल आने ही नहीं देती। फिर चाहे मुश्किलों की राह में उसे खुद ही क्यों न चलना पड़े। हम ऐसी ही माताओं को नमन कर रहे हैं, जिन्होंने खुद अकेले दम पर अपने बच्चों की जिंदगी सवारी, कांटों भरी राह पर खुद चलीं लेकिन बच्चों को इसका एहसास तक नहीं होने दिया। आइए रूबरू कराते है कुछ ऐसी ही माताओं से जो बिना पति के भी बच्चों को अकेले संभाल बनाया देश का गौरव। आपको आज मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव की माँ आरती देवी के संघर्षो से आपको रूबरू कराते हैं।

3.आरती देवी (आरके श्रीवास्तव की माँ)[Aarti Devi (Mother of RK Srivastava)]:

  • जब आरके श्रीवास्तव बचपन मे पांच वर्ष के थे तभी उनके पिता परास नाथ लाल इस दुनिया को छोड़ चले गये। एक पिता के न होने से एक परिवार को कितना तकलीफे आर्थिक और सामाजिक रूप से होता है ये सभी जानते हैं। आरती देवी ने काफी गरीबी के दौर से गुजरते हुए अपने बेटे रजनी कांत श्रीवास्तव (आरके श्रीवास्तव ) को पढ़ा लिखा एक काबिल इंसान बनाया। आरके श्रीवास्तव बताते है कि माँ के आशिर्वाद के बिना कोई भी उपलब्धि को पाना असंभव।

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4.माँ के योगदान को शब्दों में बताना सम्भव नहीं (It is not possible to tell mother’s contribution in words):

  • आरके श्रीवास्तव कहते हैं कि अपने सफलता में माँ के योगदान को शब्दों में बताना सम्भव नहीं है। इस विश्व के सारे कागज और स्याही भी कम पड़ जाये माँ के संघर्षों को व्याख्यान करने में। पति के बिना अकेले दम पर बेटे बेटियों को पालना- पोषणा और उन्हें पढ़ा लिखा काबिल इंसान बनाना। बचपन मे गरीबी के दिन ऐसे रहे कि कभी खाली पेट भी बिना भोजन किये सोना पड़ता था, माँ खुद अपने हिस्से की रोटी हमें दे देती और अपने खाली पेट सो जाती। लेकिन एक कहावत है कि हर अंधेरे के बाद उजाला जरूर आता है।

5.अपनी क्लास से आगे के प्रश्नों को करते थे हल (Used to solve questions ahead of his class):

  • आरके श्रीवास्तव बचपन से ही पढ़ने में अधिक रुचि रखते , खासकर गणित विषय पर। जब आरके श्रीवास्तव कक्षा 7 में थे तो वे 8 वीं के स्टूडेंट्स को गणित का ट्यूशन पढ़ाते थे। अपने वर्ग से हमेशा आगे के प्रश्नों को हल करते, ट्यूशन पढ़ाने से जो भी लोग अपनी इच्छा से जो पैसा देते उससे आरके श्रीवास्तव अपने आगे की पढ़ाई का खर्च निकालते।
  • जिम्मेदारी कब किसको किस उम्र में निभाना पड़े। यह सब समय का चक्र ही बता सकता है। हर अंधेरे के बाद उजाला जरूर होता है। पति पारस नाथ लाल के गुजरने के बाद कैसे आरती देवी ने अपने संघर्ष के बल पर अपने बेटे- बेटियो को पढ़ाया लिखाया । बेटियो की शादी भी धूमधाम से शिक्षित परिवार में किया।

6.पूरे परिवार की खुशियों का ख्याल (Care for the happiness of the whole family):

  • आरके श्रीवास्तव ने बताया कि पांच वर्ष के उम्र मे ही पिता को खोने का गम अभी दिल और मन दोनों से मिटा भी नहीं था की पिता तुल्य इकलौते बड़े भाई भी इस दुनिया को छोड़ चले गये। पापा का चेहरा तो हमें याद भी नहीं बस कभी रात को सोते वक्त सोचता हूँ तो धुंधला धुंधला सा दिखाई देता है। माँ ने पिताजी और भैया के गुजरने के बाद भी हमे यह अहसास नहीं होने दिया कि उसके जीवन पर कितना बड़ा पहाड़ टूटा। पूरे परिवार को वो सारी खुशियाँ देते रही जो एक माध्यम वर्गीय परिवार को जरूरत होती है।
  • कभी महसूस नहीं हुई पापा की कमी
  • माँ ने पापा की कमी कभी हमें महसूस होने नहीं दिया। वे अपने क्षमता से भी बढ़कर हर वह जरूरी आवश्यकता की हमें बस्तुए , काॅपी – किताबे, खिलौने आदि उपलब्ध कराती जो हमारे जरूरत और माॅगे रहती। आरके श्रीवास्तव ने बताया कि माँ के आशिर्वाद के बिना कोई भी उपलब्धि को पाना असंभव, आज मैं जो कुछ भी हूं वह माँ के आशीर्वाद से हूं।

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7.आज जो कुछ भी हूं मां के वजह से (Today whatever I am due to mother):

  • आपको बताते चले कि दिन प्रतिदिन अपने ज्ञान और कौशल के बल पर देश में अपना पहचान बना चुके चर्चित मैथेमेटिक्स गुरू आर के श्रीवास्तव ने लोगो को संदेश देते हुए मां के महत्व के बारे में समझाया। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर एवं इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर मैथमेटिक्स गुरु फेम ने बताया की आज मैं जो कुछ भी हूँ और अपने साथ जुड़ रहे निरंतर उपलब्धियां ये सब माँ के आशीर्वाद और इनके द्वारा दिये जा रहे निरंतर संस्कारों से हो रहा है।

8.आरके श्रीवास्तव के सपने को मां ने लगाया पंख (Mother put wings on RK Srivastava’s dream):

  • आपको बताते चलें कि आरती देवी ने अपने सँघर्ष के बल पर गरीबी को काफी पीछे छोड़ते हुए आरके श्रीवास्तव के सपने को लगाया पंख। बिहार का मान सम्मान को विश्व पटल पर बढ़ाने वाले मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव है हजारों स्टूडेंट्स के रोल मॉडल हैं। अमेरिकी विवि डॉक्टरेट की मानद उपाधि से कर चुका है सम्मानित। वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी नाम है दर्ज है।

9.शैक्षणिक कार्यशैली के लिए प्रसिद्ध हैं आरके श्रीवास्तव (RK Srivastava is famous for academic style):

  • बता दें कि आरके श्रीवास्तव अपने शैक्षणिक कार्यशैली के लिये लोकप्रिय हैं वे केवल एक रुपया गुरु दक्षिणा लेकर पिछ्ले 10 वर्षो से स्टूडेंट्स को गणित का गुर सिखाते आ रहे है ।आरके श्रीवास्तव ने वंचित वर्गों के 100 से अधिक आर्थिक रूप से गरीब छात्रों को  आईआईटी, एनआईटी, बीसीईसीई जैसे इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में सफलता दिलाकर उनके सपने को पंख लगाया  है, जिनकी सफलता की दर जबरदस्त है।
  • कचरे से खिलौने बनाकर  कबाड़ की जुगाड़ पद्धति  से गणित पढाने का तरीका लाजवाब है । इनके द्वारा चलाया जा रहा गणित का  नाइट क्लासेज अभियान अद्भूत है, 250 क्लास से अधिक बार पूरी रात लगातार 12 घंटे गणित पढाना किसी चमत्कार से कम नही, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है उनका नाम।

10.गरीबी में गुजरा है बचपन (Childhood is spent in poverty):

  • आर के श्रीवास्तव की बचपन भी काफी गरीबी से गुजरा है। परन्तु अपने कड़ी मेहनत, ऊंची सोच, पक्का इरादा के बल पर आज देश में मैथमेटिक्स गुरु के नाम से मशहूर हैं। वे कहते हैं कि मेरे जैसे देश के कई बच्चे होंगे जो पैसों के अभाव में पढ़ नहीं पाते। आरके श्रीवास्तव अपने छात्रों में एक सवाल को अलग-अलग मेथड से हल करना भी सिखाते हैं। वे सवाल से नया सवाल पैदा करने की क्षमता का भी विकास करते है।

11.पुरस्कार (Award):

  • वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन से सम्मानित, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज, बेस्ट शिक्षक अवॉर्ड, इंडिया एक्सीलेन्स प्राइड अवॉर्ड, ह्यूमैनिटी अवॉर्ड, इंडियन आइडल अवॉर्ड, युथ आइकॉन अवॉर्ड सहित दर्जनों अवॉर्ड आरके श्रीवास्तव को उनके शैक्षणिक कार्यशैली के लिए मिल चुके है। इसमे कोई शक नही की आरके श्रीवास्तव देश का गौरव है। यह है मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव की सफलता का राज (Secret of success of Mathematics Guru RK Srivastava)।

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13 Comments
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