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Keep yourself positive to solve math

1.गणित को हल करने के लिए खुद को सकारात्मक रखें (Keep yourself positive to solve math):-

  • गणित को हल करने के लिए खुद को सकारात्मक रखें (Keep yourself positive to solve math) इसका तात्पर्य यह है कि अपने अन्दर सकारात्मक सोच विकसित करें। गणित का जीवन में अत्यधिक महत्त्व होने तथा इसमें विद्यार्थियों के अच्छे अंक प्राप्त नहीं होने के कारण उनमें नकारात्मक सोच की शुरुआत हो जाती है। नकारात्मक सोच के कारण गणित विषय सरल लगने के बजाय ओर कठिन लगने लगता है। इसलिए यदि गणित में आपको अच्छे अंक अर्जित करने हैं तो गणित को हल करने के लिए खुद को सकारात्मक रखें(Keep yourself positive to solve math)।

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2.”गणित को हल करने के लिए खुद को सकारात्मक रखें” की प्रथम टिप्स है कि गणित के प्रति नकारात्मकता को पहचाने(The first tips to “keep yourself positive to solve math” is to recognize negativity towards mathematics):-

  • नकारात्मक सोच हमें आगे बढ़ने से रोकती है। इसलिए गणित के प्रति जो नकारात्मक विचार या सोच है उसको ठीक से पहचाने।कई बार छात्र यह विचार करते हैं कि गणित में मैं फेल हो जाऊंगा या गणित में अच्छे अंक प्राप्त नहीं होंगे।यह नकारात्मक सोच का उदाहरण है। परीक्षा अभी हुई भी नहीं है परन्तु पहले ही आपके मन में ऐसा विचार आना इस बात का प्रमाण है कि आपके अन्दर गणित की परीक्षा के नाम से ही यह विचार आ गया।

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3.गणित के प्रति नकारात्मक सोच को चुनौती दें(Challenge negative thinking towards mathematics):-

  • गणित जैसे विषयों विज्ञान, अंग्रेजी इत्यादि को लेकर नकारात्मक विचार के बारे में सोचें की यह विचार कितना सही है।
    उदाहरण के लिए आपके अन्दर नकारात्मक विचार “मैं गणित में फेल हो जाऊंगा” या “गणित में मेरे अच्छे अंक नहीं आएंगे” आ रहा है।अब यह विचार करें कि यदि आप गणित में हमेशा असफल होते तो अब तक आप पढ़ नहीं रहे होते। इसलिए इस प्रकार के विचार आपको तनावग्रस्त, चिंतित व परेशानी में डाल देते हैं।
  • गणित को हल करने के लिए खुद को सकारात्मक रखें (Keep yourself positive to solve math),इसका अर्थ यह है कि गणित में आपने जब भी अच्छे अंक प्राप्त किए हैं उनके बारे में सोचें।साथ ही यह सोचें कि जब भी आपको अच्छे अंक प्राप्त हुए हैं तो आपको उसी तरह तैयारी करनी है।
    चिंता, तनाव व डर से गणित में जो कुछ आपको आता है उसको भी भूल जाते हैं और अन्य विषयों की याददाश्त पर भी इसका असर पड़ता है।
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4.गणित के प्रति नकारात्मक सोच को सकारात्मक सोच में बदलें(Turn negative thinking into positive thinking towards mathematics):-

  • गणित को हल करने के लिए खुद को सकारात्मक रखें ( Keep yourself positive to solve math), इसके लिए आपको अपने आप पर विश्वास रखना होगा।आप यह न सोचें कि गणित के सवाल हल करना मेरे वश में नहीं है बल्कि यह सोचें कि गणित के सवाल हल करने की काबिलियत मुझमें भी है।
  • जब भी आपके अन्दर इस प्रकार के विचार आएं कि मैं गणित में फैल हो जाऊंगा तो अपने आपको रोकें क्योंकि आपको पता है कि यह नकारात्मक विचार है।इस प्रकार की सोच आपको तनाव व चिंता में डाल देती है।
    सकारात्मक होने का यह मतलब नहीं है कि आप लापरवाह हो जाएं और बिना मेहनत किए, बिना पढ़ें ही यह सोचें कि आप गणित में 100 में से 80 अंक प्राप्त कर लेंगे।
  • सकारात्मक सोच का एक अर्थ यह भी है कि आप नकारात्मक सोच को रोकें क्योंकि नकारात्मक सोच से आपकी कार्यक्षमता घटती है।इस कार्यक्षमता का उपयोग गणित को पढ़ने में लगाएं। गणित की परीक्षा की तैयारी करने में समय दें और मन लगाकर पढ़ें ताकि अच्छे अंक प्राप्त कर सकें।

5.गलत निर्णय लेने से बचें(Avoid making the wrong decision):-

  • कई बार हो सकता है कि गणित की अच्छी तैयारी न हो पाई हो।तो आप यह सोच सकते हैं कि परीक्षा देगें तो भी फेल होंगे और परीक्षा नहीं देगें तो भी फेल होंगे इसलिए परीक्षा न देना ही अच्छा है।इस तरह की मानसिकता से बचें।क्योंकि यदि गणित की अच्छी तैयारी न भी हुई हो तो आप ओर अच्छी तैयारी करके परीक्षा देंगे।जबकि परीक्षा न देने से आप लापरवाह हो जाएंगे।यदि परीक्षा देने पर भी आप असफल हो जाते हैं तो आपके पास यह अनुभव तो होगा कि कितनी और किस तरह की तैयारी के कारण आप असफल हो गए हैं।इस अनुभव के आधार पर आप गणित की तैयारी की रणनीति में बदलाव करके ओर अच्छी तैयारी से परीक्षा देगें।

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6.सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों पहलू को समझें(Understand both positive and negative aspects):-

  • गणित के सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों पक्षों पर विचार करें।इसका अर्थ है कि गणित के कौनसे टाॅपिक आपको अच्छी तरह आते हैं तथा कौन-से टाॅपिक आपको कठिन लगते हैं। केवल आप यह सोचते रहेंगे कि गणित में मुझे अमुक टाॅपिक नहीं आता है तो इसका मतलब है आप एक पहलू को ही देख रहे हैं।इस वास्तविकता को नहीं देख रहे हैं कि गणित के कुछ टाॅपिक आप हल कर सकते हैं।

7.निष्कर्ष(Conclusion):-

  • जीवन में हर व्यक्ति सफल होना चाहता है। परन्तु हर किसी की सफलता में सबसे अधिक योगदान सकारात्मक सोच का होता है। संसार में कोई भी चीज ऐसी नहीं है कि जिसमें कमी न हो या गुण न हो। दरअसल कमी या गुण देखना हमारी सोच पर निर्भर करता है।
  • हमारा जब मन पर नियंत्रण नहीं होता है तो हम नकारात्मक सोचने लगते हैं और नकारात्मक सोच हमें काफी हद तक प्रभावित और असंतुलित कर देती है।जबकि मन पर नियंत्रण से हम सकारात्मक सोचने लगते हैं जिससे हमारा व्यवहार संतुलित रहता है।
  • गणित में आनेवाली परेशानियों तथा उसका समाधान करने के लिए हम अपने माता-पिता, मित्रों से परामर्श लेते हैं। परामर्श लेना तो उचित ही है। परन्तु आपको आप खुद से ज्यादा कोई भी नहीं जान सकता है। इसलिए कोई भी निर्णय अपने विवेक के अनुसार लें। परामर्श भी ऐसे व्यक्तियों से लें जो आपको आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं तथा आपको प्रोत्साहित करते हैं। ऐसे लोगों से परामर्श न लें जो आपको गिरते हुए देखना चाहते हैं तथा हतोत्साहित करते हैं।
  • यदि आपको गणित में सफलता अर्जित करनी है और अच्छे अंक प्राप्त करने है तो आपको चारो ओर सकारात्मक वातावरण तैयार करना होगा। सकारात्मक वातावरण तभी निर्माण हो सकता है जबकि आप अच्छे लोगों को कम्पनी देते हों। धीरे-धीरे आपके पास अच्छे लोगों के कारण सकारात्मक वातावरण तैयार होता जाएगा। इसके पश्चात आप धीरे-धीरे नकारात्मक बातों को या तो अनदेखा कर देते हैं या उनका आप पर असर नहीं होगा। कुछ ओर आसान टिप्स हैं जिनके आधार पर आप गणित को हल करने के लिए खुद को सकारात्मक रखें ( Keep yourself positive to solve math)।
  • (1.) नियमित रूप से ध्यान व योग करें
  • (2.) प्रेरणादायक पुस्तकें पढ़ें
  • (3.) प्रेरणादायक वीडियो देखें
  • (4.) किसी भी पहलू के दोनों पक्षों को देखें, उसके बाद निर्णय लें
  • (5.) सकारात्मक विचारों को कम्पनी दें
  • (6.) प्रकृति का आनन्द लें
  • (7.) सकारात्मक सोच वाले लोगों को कम्पनी दें तथा नकारात्मक सोच वाले लोगों से दूर रहें
  • (8.)हर परिस्थिति में खुश रहना सीखें
  • (9.) किसी अच्छी वेबसाइट पर प्रेरणादायक आर्टिकल पढ़ें
  • उपर्युक्त टिप्स का पालन करके गणित को हल करने के लिए खुद को सकारात्मक रखें (Keep yourself positive to solve math)।

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