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What are smart ways to learn maths?

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1 1.गणित सीखने के स्मार्ट तरीके क्या है?( What are smart ways to learn maths?):
1.2 (2.)गणित सीखने की गुलामी से पूर्व के तरीकों में बदलाव की जरूरत है (There is a need to change the ways of learning maths before slavery)-

1.गणित सीखने के स्मार्ट तरीके क्या है?( What are smart ways to learn maths?):

  • गणित सीखने के स्मार्ट तरीके ( smart ways to learn maths) से तात्पर्य है कि गणित में महारत हासिल करना।आधुनिक युग में जीवन में सफल होने तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से कैरियर बनाने की चाह रखने वाली युवाओं को गणित सीखने के स्मार्ट तरीके ( smart ways to learn maths ) अपनाने की आवश्यकता है।गणित जितना उपयोगी है,उतना ही आनंददायक है।थोड़ी सी रुचि पैदा हो जाने के बाद गणित हमें ध्यान अवस्था में ले जाता है।इतनी एकाग्रता ओर किसी विषय में शायद ही आती हो।
  • कुछ विद्यार्थियों को गणित कठिन लगता है जबकि यदि गणित के सूत्रों और अवधारणाओं को समझकर याद कर लिया जाए तो गणित के कठिन से कठिन सवालों को आसानी से हल किया जा सकता है।गणित को खेल की तरह लें,इसे बोझिल न बनाएं बल्कि इसका आनंद उठाएं।इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ही गणित सीखने के स्मार्ट तरीकों का वर्णन किया गया है जिनको अपनाने से गणित आनंददायक तथा रुचि का विषय बन सकता है।गणित को सीखने व सरल करने के तरीकों के बारे में इससे पूर्व भी कई आर्टिकल पोस्ट कर चुके हैं। अतः इस आर्टिकल को पढ़ने के साथ-साथ उन आर्टिकल को भी पढ़ना चाहिए ।
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(1.)गणित सीखने के स्मार्ट तरीके है कि इसके व्यवसायीकरण में बदलाव की जरूरत है (The smart ways to learn maths is that its commercialization needs change)-

  • गणित शिक्षा तथा शिक्षा का व्यवसायीकरण होने से गणित की गुणवत्ता की ओर फोकस कम होता जा रहा है।गणित के व्यवसायीकरण में मौलिक परिवर्तन इस प्रकार किया जा सकता है कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाए।वर्तमान युग आर्थिक युग है अतः गणित को व्यवसाय मानकर अपनी आजीविका रखने में कोई बुराई नहीं है परंतु विद्यार्थियों के हित व कल्याण को ध्यान में रखते हुए उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाए।धन व अर्थ बाईप्रोडक्ट है,न की मुख्य लक्ष्य।मुख्य लक्ष्य है विद्यार्थियों को गणित शिक्षा उपलब्ध कराना है।

(2.)गणित सीखने की गुलामी से पूर्व के तरीकों में बदलाव की जरूरत है (There is a need to change the ways of learning maths before slavery)-

  • भारत को आजाद हुए लगभग 72 वर्ष हो गए हैं लेकिन स्वतंत्रता से पूर्व जिस प्रकार गणित पढ़ाई जाती थी ,आज भी उसी सिस्टम के अनुसार पढ़ाई जा रही है।स्वतंत्रता से पूर्व अंग्रेजों को मात्र बाबू और क्लर्क की आवश्यकता थी। इसलिए उस समय उसी प्रकार की शिक्षा व्यवस्था लागू थी। परंतु आजाद होने के बाद नए भारत के निर्माण के लिए शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन की जरूरत है। अतः आधुनिक भारत के निर्माण करने हेतु वर्तमान सिस्टम में बदलाव किया जाना चाहिए।स्वतंत्र भारत को अपना खुद का सिस्टम बनाने की जरूरत है।देश में पुराने सिस्टम में बस थोड़ा सा बदलाव करके यथावत लागू कर दिया गया है जो कि पर्याप्त नहीं है।

(3.)गणित सीखने के स्मार्ट तरीके है कि गणित की बेसिक बातें सिखाई जाए (The smart ways to learn maths is to teach basic basics of mathematics)-

  • गणित सीखने और सिखाने के लिए गणित की बेसिक बातें सिखाई जाए।वास्तविक संख्याएं,अवास्तविक संख्याएं, प्राकृत संख्याएं, पूर्ण संख्याएं, परिमेय संख्याएं, अपरिमेय संख्याएं, भाज्य संख्याएं, अभाज्य संख्याएं, सम संख्याएं, विषम संख्याएं इत्यादि क्या है, इनको सिखाया जाए।इसके अलावा भी बेसिक बातें हैं उनको गणित की जटिल अवधारणाओं को समझाने से पूर्व सीखाया जाए।

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(4.)गणित सीखने के स्मार्ट तरीके है कि विद्यार्थियों को व्यक्तिगत स्वतंत्रता दें (The smart ways to learn mathematics is to give students personal freedom)-

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  • हर विद्यार्थी तथा इंसान अद्वितीय है, अतःगणित सीखने के लिए विद्यार्थी की क्षमता ,प्रतिभा व कौशल को स्वतंत्रता मिलनी चाहिए,न कि उस पर नियंत्रण होना चाहिए।यदि विद्यार्थियों की गणित की प्रतिभा को निखारना है तो उनकी व्यक्तिगत प्रतिभा और स्किल को निखारने के लिए उन्हें अवसर प्रदान करना चाहिए।इसके लिए उन पर कठोर नियंत्रण न रखकर स्वतंत्रता मिलनी चाहिए।स्वतंत्रता से विद्यार्थियों की प्रतिभा को खिलने का मौका मिलता है।

(5.)गणित सीखने के स्मार्ट तरीके है कि विद्यार्थियों को रटने पर बल न दें ( The smart way to learn maths is not to force students into rote)-

  • गणित सीखने के लिए पारंपरिक तरीके के अनुसार विद्यार्थियों को यह कहा जाता है कि यदि यह समझ में न आए तो उसको रट लो। परन्तु गणित की कोई अवधारणा समझ में ही नहीं आएगी तो उसको रटने पर हम जल्दी ही भूल जाएंगे।जबकि समझकर याद करने पर गणित की अवधारणाएं स्थाई हो जाती है।यदि ऊपर बताए गए गणित सीखने के स्मार्ट तरीकों ( smart ways to learn maths ) पर अमल किया जाए और इससे पूर्व गणित सीखने के तरीकों ( smart ways to learn maths ) का पालन किया जाए तो गणित विषय हमारे लिए सरल विषय हो जाएगा।

2.गणित सीखने के स्मार्ट तरीके क्या है?( What are smart ways to learn maths?) के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.गणित सीखने का सबसे तेज़ तरीका क्या है? (What is the fastest way to learn math?):

उत्तर:गणित तेजी से कैसे सीखें
विषय से जुड़ें।गणित विषय से जुड़ने का अर्थ है कि मन एकाग्र करके केवल गणित को हल करने पर ध्यान लगाएं।
मूल बातें से शुरू करें।जब तक आपको गणित की बेसिक कान्सेप्ट क्लीयर नहीं होगी तब तक आप गणित में महारत हासिल नहीं कर सकते हैं।बेसिक कान्सेप्ट में जोड़, गुणा, भाग, बाकी तथा भिन्नों के जोड़, गुणा, भाग, बाकी सम्मिलित है इसके अलावा LCM,HCF का ज्ञान भी होना चाहिये।यदि आप प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलन हल कर रहे हैं तो उसके लिए बेसिक कान्सेप्ट होगी त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएं।
याद रखने के बजाय नंबर सेंस विकसित करें।रटने के बजाय टाॅपिक को समझकर हल करें।
दिमाग में एक लक्ष्य रखें।दिमाग में केवल एक लक्ष्य गणित को हल करने का होना चाहिए,मन को इधर-उधर न भटकाएं।
अभ्यास प्रश्नों का उत्तर देना महत्वपूर्ण है।अंग्रेजी में कहावत है कि Practice make a man perfect.
गणित शब्दावली का ट्रैक रखें।
आसानी से गणित सीखने के लिए ट्रिक्स और टिप्स।
मास्टर समस्या समाधान।
यहाँ एक विशेषज्ञ की तरह गणित से निपटने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं!
जितना हो सके उतना अभ्यास करें।गणित विषय पर हाथ है।
उदाहरणों को हल करके प्रारंभ करें।जटिल समस्याओं को हल करके शुरू न करें।
अपनी सभी शंकाओं को दूर करें।
सभी फॉर्मूले नोट कर लें। …
व्युत्पत्ति को समझें।
मूल बातें से संपर्क न खोएं।

प्रश्न:2.मैं गणित में बुद्धिमान कैसे हो सकता हूँ? (How can I be intelligent in maths?):

उत्तर:Math में होशियार कैसे बनें
होशियार सीखें।जिस तरह लोग या तो बाएं या दाएं हाथ के होते हैं, उनके मस्तिष्क के गोलार्ध भी प्रमुख होते हैं।
होशियार अध्ययन करें। क्योंकि गणित एक सीखा हुआ कौशल है जिसके लिए अभ्यास की आवश्यकता होती है, आपको अन्य विषयों की तुलना में गृहकार्य और अध्ययन पर अधिक समय बिताने की आवश्यकता हो सकती है।
होशियार अभ्यास करें।
होशियार सोचो।
अभ्यास करने से गणित की कठिन से कठिन गुत्थियां सुलझ जाती हैं।गृहकार्य करने से आपको पता चलता है कि किस प्रश्न का उत्तर कितना और किस प्रकार देना है।साथ ही गृहकार्य से कई बाते जो हमें समझ में नहीं आती हैं वे भी समझ में आ जाती हैं।

प्रश्न:3.मैं खुद से गणित कैसे सीखा सकता हूँ? (How can I learn maths by myself?),अपने आप को गणित कैसे पढ़ाएं? (How to Teach Yourself Math?):

उत्तर:चरण एक: एक स्पष्टीकरण के साथ शुरू करें।किसी भी गणित को सीखने का पहला कदम विषय का प्रथम-पास स्पष्टीकरण प्राप्त करना है।गणित विषय को सबसे पहले समझने की कोशिश करें और फिर उसको हल करें।
चरण दो: अभ्यास समस्याएँ करें।
चरण तीन: जानें कि गणित क्यों काम करता है।
चरण चार: गणित के साथ खेलें।गणित की पहेलियां,गणित की मानसिक परीक्षण, गणित के पिरामिड, गणित के माया वर्ग इत्यादि को हल करने पर आपको गणित सरस और आनन्दायक लगेगी।आपका बौद्धिक कौशल तथा गणित में रूचि बढ़ेगी।
चरण पांच: कक्षा के बाहर गणित लागू करें।गणित केवल कक्षा तक ही सीमित न रखे अर्थात् केवल कक्षा में ही नहीं पढ़े बल्कि घर पर भी गणित का अध्ययन करें।

प्रश्न:4.क्या आप स्व-सिखाया गणितज्ञ हो सकते हैं? (Can you be a self taught mathematician?):

उत्तर:तो संक्षेप में: हाँ, किसी के लिए भी पाठ्यपुस्तकों के माध्यम से स्वयं गणित सीखना संभव है।लेकिन यह बहुत समय लेने वाला और निराशाजनक प्रयास है।और अगर आपमें गणित सीखने का जुनून और समर्पण नहीं है,तो आप शायद इसे नहीं सीखेंगे।खासकर अपने दम पर नहीं।

प्रश्न:5.मैं एक स्मार्ट छात्र कैसे बन सकता हूँ? (Can you be a self taught mathematician?):

उत्तर:बेहतर अध्ययन के लिए यहां छह चरण दिए गए हैं:
कक्षा में ध्यान दें।
अच्छे नोट ले।अच्छे नोट्स स्वयं के बनाए हुए होते तथा आसानी से समझ में आ जाते हैं।
परीक्षणों और परियोजनाओं के लिए आगे की योजना बनाएं।
तोड़ दो। (यदि आपके पास सीखने के लिए बहुत सी चीजें हैं,तो इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ लें।)
अगर आप फंस जाते हैं तो मदद मांगें।गणित डाउट्स को शिक्षक तथा मित्रों की सहायता से हल करें।
एक अच्छी रात की नींद लो!पूर्ण विश्राम करने पर दिमाग तरोताजा हो जाता है तथा आपकी गणित को पढ़ने में रूचि होगी अन्यथा पूर्ण विश्राम न करने आप तनावग्रस्त हो जाएंगे और गणित पढ़ने में मन नहीं लगेगा।

प्रश्न:6.मुझे पढ़ाई में कैसे मज़ा आता है? (How can I be a smart student?):

उत्तर:यहां पढ़ाई के दौरान मौज-मस्ती करने के तरीके खोजने के लिए हमारे शीर्ष सुझाव दिए गए हैं-विषय जो भी हो।
अच्छा संगीत सुनें।
इसे अपने लिए एक खेल में बदल दें।गणित को एन्जॉय करते हुए पढ़े।इससे बोझ समझकर हल न करें।खेल-खेल में गणित को हल करने से जटिल से जटिल समस्याएं भी हल हो जाती है।
इसे दूसरों के साथ एक खेल में बदल दें।
अच्छी स्टेशनरी का प्रयोग करें।
भूमिका निभाने का प्रयास करें।
कहीं अलग पढ़ाई करें।
आपने आप को चुनौती दो।गणित की चुनोतियाँ अर्थात् कठिन से कठिन सवाल करते जाते हैं तो आप आगे से आगे बढ़ते जाये है।
कॉमिक्स,लघु कथाएँ या गीत लिखें।इससे आपका एन्टरटेनमेंट हो जाएगा तथा गणित को पढ़ते-पढ़ते बोरियत नहीं होगी।

प्रश्न:7.सबसे कम उम्र का गणितज्ञ कौन है? (Who is the youngest mathematician?):

उत्तर:Noam David Elkies (जन्म 25 अगस्त, 1966) एक अमेरिकी गणितज्ञ और हार्वर्ड विश्वविद्यालय में गणित के प्रोफेसर हैं। 26 साल की उम्र में,वह हार्वर्ड में कार्यकाल प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के प्रोफेसर बन गए।

What are smart ways to learn maths?

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उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा गणित सीखने के स्मार्ट तरीके क्या है?( What are smart ways to learn maths?) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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