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Mathematician MS Narasimhan Died

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2 2.गणितज्ञ एमएस नरसिम्हन का निधन हो गया (Mathematician MS Narasimhan Died):

1.गणितज्ञ एमएस नरसिम्हन का निधन हो गया का परिचय (Introduction to Mathematician MS Narasimhan Died),गणितज्ञ एमएस नरसिम्हन का निधन (Mathematician MS Narasimhan Passes Away):

  • गणितज्ञ एमएस नरसिम्हन का निधन हो गया (Mathematician MS Narasimhan Died),इस प्रकार हमने एक महान व्यक्तित्त्व को खो दिया है।उनकी शख्सियत का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उनके निधन पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी,शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के साथ-साथ विभिन्न गणमान्य नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
  • निश्चित रूप से किसी भी महान व्यक्तित्त्व के निधन से राष्ट्र को जो क्षति होती है उसकी पूर्ति नहीं हो सकती है और अन्य कोई शख्सियत उनकी जगह नहीं ले सकता है।परंतु मृत्यु एक अटल सत्य है।इसलिए जिसने जन्म लिया है उसको मृत्यु का सामना भी करना पड़ता है।इसलिए उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही हो सकती है कि उनके बताए हुए मार्ग का अनुसरण किया जाए तथा उनके द्वारा अधूरे छोड़े गए कार्य को आगे बढ़ाया जाए‌।
  • उन्होंने गणित के क्षेत्र में बहुत से विशिष्ट कार्य किए हैं जिनके लिए उनको इन्फोसिस पुरस्कार,स्पिरिट ऑफ़ सलाम अवार्ड,शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार,गणित के लिए TWAS पुरस्कार,किंग फैसल इंटरनेशनल प्राइज फॉर साइंस तथा पद्म भूषण जैसे प्रतिष्ठित अवार्ड मिल चुके है। इतने पुरस्कार मिलना ही किसी भी महान व्यक्तित्त्व के कार्यों को बयान कर देता है।वास्तविक रूप में कोई भी व्यक्ति अपने कार्यों के द्वारा ही अमर होता है।श्री एमएस नरसिम्हन भी गणित में उनके द्वारा किए गए योगदान नरसिम्हन-शेषाद्री के द्वारा हमेशा याद किए जाते रहेंगे।उनको अमर रखने में यह एकमात्र योगदान ही काफी है।
  • उन्होंने गणित के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है।वे पहले एकमात्र ऐसे भारतीय हैं जिन्हें किंग फैसल अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया है।
  • उनके निधन से राष्ट्र को,उनके परिवार और मित्रों को अपूरणीय क्षति हुई है।वस्तुतः वे केवल गणितज्ञ ही नहीं थे बल्कि गणितज्ञ से परे एक सच्चे इंसान के रूप में भी उन्होंने अपनी पहचान बनाई।
  • हमने उनकी संक्षिप्त जीवनी,उनके द्वारा गणित के क्षेत्र में किए गए योगदान तथा उनके द्वारा प्राप्त किए गए पुरस्कार का वर्णन नीचे आर्टिकल में किया गया है जिसे पढ़कर आप उनके कृतित्व तथा व्यक्तित्त्व का अनुमान लगा सकते हैं।
  • उन्होंने गणित के क्षेत्र में अपना कार्य ऐसे समय में शुरू किया था जिस समय अंग्रेजों का शासन काल था।अंग्रेजों का भारतीयों पर जिस प्रकार का दमन चक्र चलाया गया था ,ऐसी विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने अपना हौसला नहीं खोया।वास्तव में ऐसी कठिनाइयों,परेशानियों के सामने अच्छे-अच्छे व्यक्तियों की प्रतिभा दम तोड़ देती है।
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2.गणितज्ञ एमएस नरसिम्हन का निधन हो गया (Mathematician MS Narasimhan Died):

  • एमएस नरसिम्हन का 88 साल की उम्र में निधन
  • नरसिम्हन-शेषाद्री प्रमेय के लिए जाने जाने वाले,गणितज्ञ विज्ञान के क्षेत्र में किंग फैसल अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले एकमात्र भारतीय थे।
  • प्रसिद्ध गणितज्ञ प्रोफेसर एमएस नरसिम्हन का 16 मई रविवार,2021 को निधन हो गया है।नरसिम्हन-शेशाद्री प्रमेय के लिए जाने जाने वाले, गणितज्ञ विज्ञान के क्षेत्र में किंग फैसल अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले एकमात्र भारतीय थे।
  • लोयोला कॉलेज,चेन्नई से स्नातक और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, बॉम्बे नरसिम्हन ने भी मुंबई विश्वविद्यालय से पीएचडी प्राप्त की थी।मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।वह 88 वर्ष के थे।
  • नरसिम्हन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है.पीएम ने ट्वीट किया:“प्रोफेसर एमएस नरसिम्हन को एक अनुकरणीय गणितज्ञ के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने दुनिया भर में अभूतपूर्व प्रभाव डाला।उन्होंने गणित से परे अपने काम के लिए भी एक पहचान बनाई।उनके निधन से दुखी हूं।उसके परिवार तथा मित्रों के लिए संवेदनाएं।ॐ शांति।”
  • Professor M. S. Narasimhan will be remembered as an exemplary mathematician,who made a phenomenal impact worldwide.He also made a mark for his work beyond mathematics.Saddened by his demise.Condolences to his family and friends.Om Shanti.—Narendra Modi (@narendramodi) May 16,2021
  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ट्वीट का हिन्दी अनुवाद निम्न प्रकार है-
    प्रोफेसर एम.एस.नरसिम्हन को एक अनुकरणीय गणितज्ञ के रूप में याद किया जाएगा,जिन्होंने दुनिया भर में अभूतपूर्व प्रभाव डाला।उन्होंने गणित से परे अपने काम के लिए भी एक पहचान बनाई।उनके निधन से दुखी हूं।उसके परिवार तथा मित्रों के लिए संवेदनाएं।ओम शांति।-नरेंद्र मोदी (@narendramodi) 16 मई, 2021
  • शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने भी ट्विटर का सहारा लिया और लिखा,“निधन से दुखी श्री एम.एस.नरसिम्हन जी।वह एक महान गणितज्ञ थे और उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में किंग फैसल अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले एकमात्र भारतीय के रूप में याद किया जाएगा।उसके परिवार तथा मित्रों के लिए संवेदनाएं।”
  • Saddened by the demise Shri M.S. Narasimhan Ji. He was a great Mathematician and will be remembered as the only Indian to receive the King Faisal International Prize in the field of science. Condolences to his family and friends.Om Shanti 🙏 pic.twitter.com/YVhyS7Iezg
    —Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) May 16, 2021
  • शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक के ट्वीट का हिन्दी अनुवाद निम्न है-
    निधन से दुखी श्री एम.एस. नरसिम्हन जी।वह एक महान गणितज्ञ थे और उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में किंग फैसल अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले एकमात्र भारतीय के रूप में याद किया जाएगा।उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना।ओम शांति 🙏 pic.twitter.com/YVhyS7Iezg
    -डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक (@DrRPNishank) 16 मई, 2021
  • 1992 में, वे ट्राइस्टे में इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल फिजिक्स गए,जहाँ उन्होंने गणित में शोध समूह का नेतृत्व किया।वह टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के मानद फेलो हैं।वह 1975 में भटनागर पुरस्कार,1987 में गणित के लिए तृतीय विश्व अकादमी पुरस्कार के प्राप्तकर्ता हैं और रॉयल सोसाइटी,लंदन के फेलो हैं।2006 में वह विज्ञान के लिए किंग फैसल अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के प्राप्तकर्ता थे।
  • उपर्युक्त विवरण में गणितज्ञ एमएस नरसिम्हन का निधन हो गया का परिचय (Introduction to Mathematician MS Narasimhan Died),गणितज्ञ एमएस नरसिम्हन का निधन (Mathematician MS Narasimhan Passes Away) के बारे में बताया गया है।

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3.गणितज्ञ एमएस नरसिम्हन की जीवनी (Mathematician MS Narasimhan Biography):

  • मुदुंबई शेषाचल नरसिम्हन (Mudumbai Seshachalu Narasimhan) एफआरएस (7 जून 1932-16 मई 2021) एक भारतीय गणितज्ञ थे।उन्हें सी.एस. शेषाद्री के साथ नरसिम्हन-शेषाद्री प्रमेय के प्रमाण के लिए जाना जाता है और दोनों को रॉयल सोसाइटी के फेलो के रूप में चुना गया था।वह विज्ञान के क्षेत्र में किंग फैसल अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले एकमात्र भारतीय हैं।
  • नरसिम्हन ने अपनी स्नातक की पढ़ाई चेन्नई के लोयोला कॉलेज में की,जहाँ उन्हें फादर रैसीन (Fr. Racine) द्वारा पढ़ाया गया था।फादर रैसीन का फ्रांस में 1897 में जन्म और भारत में 1976 में मृत्यु हो गई;Fr का अर्थ है Father क्योंकि वह एक जेसुइट पुजारी थे,उनका पहला नाम चार्ल्स था।चर्च में पुजारी को फादर कहा जाता है इसलिए उनके नाम से पूर्व Fr लगाया गया है।फादर  रैसीन ने प्रसिद्ध फ्रांसीसी गणितज्ञों एली कार्टन और जैक्स हैडामार्ड [Elie Cartan and Jacques Hadamard] के साथ अध्ययन किया था और अपने छात्रों को आधुनिक गणित के नवीनतम विकास से जोड़ा था।रैसीन के अन्य छात्रों में सुब्बारामैया मिनाक्षीसुंदरम (Subbaramiah Minakshisundaram),केजी रामनाथन (K. G. Ramanathan),सीएस शेषाद्री (C. S. Seshadri),राघवन नरसिम्हन (Raghavan Narasimhan) और सीपी रामानुजम (C.P. Ramanujam) शामिल हैं।अपने स्नातक अध्ययन के लिए नरसिम्हन टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (Tata Institute of Fundamental Research (TIFR)),मुम्बई चले गए।उन्होंने अपनी पीएचडी 1960 में मुंबई विश्वविद्यालय से की;उनके सलाहकार के.एस. चंद्रशेखरन (K. S. Chandrasekharan) थे।
  • वह टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में प्रोफेसर बन गए।उन्होंने ट्राएस्टे में सैद्धांतिक भौतिकी के अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में गणित में अनुसंधान समूह का नेतृत्व किया।वह टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में मानद फेलो थे।
  • नरसिम्हन का 88 वर्ष की आयु में 16 मई 2021 को निधन हो गया।मृत्यु के कारण की घोषणा नहीं की गई थी।

(1.)गणितज्ञ एमएस नरसिम्हन का करियर (Mathematician MS Narasimhan Career):

  • धारित उपाधियाँ और पद
    विजिटिंग स्कॉलर, इंस्टीट्यूट ऑफ एडवान्सड स्टडी (1968-1969)
    रॉयल सोसाइटी के फेलो,लंदन
    सैद्धांतिक भौतिकी के लिए अब्दुस सलाम इंटरनेशनल सेंटर के मैथमेटिक्स ग्रुप,प्रमुख (1992-1999)
    मानद फेलो,टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च,बैंगलोर सेंटर।
    इन्फोसिस पुरस्कार जूरी सदस्य,गणितीय विज्ञान (2009)

(2.)गणितज्ञ एमएस नरसिम्हन द्वारा प्राप्त पुरस्कार (Award Received by Mathematician MS Narasimhan Died):

  • स्पिरिट ऑफ़ सलाम अवार्ड (2020)
    शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार (1975)
    गणित के लिए TWAS पुरस्कार (1987)
    पद्म भूषण (1990)
    किंग फैसल इंटरनेशनल प्राइज फॉर साइंस, 2006 (साइमन डोनाल्डसन,इंपीरियल कॉलेज के साथ संयुक्त रूप से)
  • उपर्युक्त विवरण के द्वारा आप गणितज्ञ एमएस नरसिम्हन का निधन हो गया का परिचय (Introduction to Mathematician MS Narasimhan Died),गणितज्ञ एमएस नरसिम्हन का निधन (Mathematician MS Narasimhan Passes Away) के साथ-साथ उनके द्वारा किए गए संक्षिप्त कार्यों के बारे में जान सकते हैं।

4.गणितज्ञ एमएस नरसिम्हन का निधन हो गया (Mathematician MS Narasimhan Died),गणितज्ञ एमएस नरसिम्हन का निधन (Mathematician MS Narasimhan Passes Away) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.एमएस नरसिम्हन का संक्षिप्त परिचय (Brief Introduction of MS Narasimhan)

उत्तर-पूरा नाम-मुदुंबई शेषाचल नरसिम्हन (Mudumbai Seshachalu Narasimhan)
जन्म-7 जून 1932
थंदराई, मद्रास प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत
मृत्यु-16 मई 2021 (उम्र 88)
राष्ट्रीयता-भारतीय
मातृ संस्था-टीआईएफआर
वैज्ञानिक कैरियर
क्षेत्र-गणित
संस्थान-टीआईएफआर
डॉक्टरेट सलाहकार-के.एस. चंद्रशेखरन (K. S. Chandrasekharan)
डॉक्टरेट छात्र-एम.एस. रघुनाथन (M. S. Raghunathan),एस.रामनन (S. Ramanan),वी.के. पटोदी (V. K. Patodi), टी. आर. रामदास (T. R. Ramadas)

प्रश्न:2.के.एस.चंद्रशेखरन (K S Chandrasekharan)

उत्तर-कोमारवोलु चंद्रशेखर (21 नवंबर 1920 – 13 अप्रैल 2017) ईटीएच ज्यूरिख में प्रोफेसर थे और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) के गणित स्कूल के संस्थापक संकाय सदस्य थे।उन्हें संख्या सिद्धांत और सारांश में उनके काम के लिए जाना जाता है।
जन्म: 21 नवंबर 1920, बापटला (Bapatla)
मृत्यु: 13 अप्रैल 2017
राष्ट्रीयता: भारतीय
शिक्षा: मद्रास विश्वविद्यालय
पुरस्कार: श्रीनिवास रामानुजन पदक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार

प्रश्न:3.एमएस रघुनाथन (MS Raghunathan)

उत्तर-भारतीय गणितज्ञ
मदाबुसी संतनम (Madabusi Santanam)”एम.एस.” रघुनाथन एक भारतीय गणितज्ञ हैं।वह वर्तमान में राष्ट्रीय गणित केंद्र,भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (Head of the National Centre for Mathematics, Indian Institute of Technology, Mumbai) के प्रमुख हैं।पूर्व में होमी भाभा चेयर में टीआईएफआर में प्रख्यात प्रोफेसर।

प्रश्न:4.नरसिम्हन-शेषाद्रि प्रमेय (Narasimhan-Seshadri theorem)

उत्तर-गणित में,नरसिम्हन-शेषाद्री प्रमेय, जिसे नरसिम्हन और शेषाद्री (1965) द्वारा सिद्ध किया गया है, का कहना है कि रीमैन सतह पर एक होलोमोर्फिक वेक्टर बंडल स्थिर है यदि और केवल अगर यह मौलिक समूह के एक अपरिवर्तनीय प्रोजेक्टिव एकात्मक प्रतिनिधित्व (irreducible projective unitary representation of the fundamental group) से आता है।

प्रश्न:5.एमएस नरसिम्हन आईआईएमबी (MS Narasimhan IIMB)

उत्तर-प्रोफेसर नरसिम्हन की रुचि के क्षेत्रों में प्रबंधन लेखांकन,कॉर्पोरेट वित्त और पूंजी बाजार शामिल हैं।वह इंस्टिट्यूट ऑफ़ कॉस्ट एण्ड एकाउण्टेन्ट्स ऑफ इंडिया के सदस्य हैं।
Professor at Indian Institute of Management Bangalore, Bengaluru (IIMB)

प्रश्न:6.बी.वी. श्रीकांतन (BV Sreekantan)

उत्तर-बदनवल वेंकटसुब्बा श्रीकांतन (Badanaval Venkatasubba Sreekantan) एक भारतीय उच्च-ऊर्जा खगोल भौतिकीविद् और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में होमी जे. भाभा के पूर्व सहयोगी थे।  वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज, बैंगलोर में डॉ. एस राधाकृष्णन विजिटिंग प्रोफेसर भी थे।
जन्म: 30 जून 1925 (उम्र 95 वर्ष),नंजनगुड (Nanjangud)
क्षेत्र: खगोल भौतिकी
पुरस्कार: पद्म भूषण
शिक्षा: टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (Tata Institute of Fundamental Research),भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science)
संपादित कार्य: चेतना और स्वयं पर अंतःविषय परिप्रेक्ष्य (Interdisciplinary Perspectives on Consciousness and the Self),आइंस्टीन को याद रखना (Remembering Einstein): भौतिकी और खगोल भौतिकी पर व्याख्यान (Lectures on Physics and Astrophysiscs), कणों और क्षेत्रों पर निबंध (Essays on Particles and Fields): एम.जी.के.  मेनन Festschrift (M.G.K. Menon Festschrift), प्रकृति के सबसे लंबे धागे (Nature’s Longest Threads): जीव विज्ञान में सूचना के गणित और भौतिकी में नए मोर्चे‌ (New Frontiers in the Mathematics and Physics of Information in Biolog)।

उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा गणितज्ञ एमएस नरसिम्हन का निधन हो गया (Mathematician MS Narasimhan Died),गणितज्ञ एमएस नरसिम्हन का निधन (Mathematician MS Narasimhan Passes Away) के बारे जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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