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12th Mathematics Archive

Derivative of Logarithmic Functions

1.लघुगुणकीय फलनों के अवकलज (Derivative of Logarithmic Functions),लघुगुणकीय अवकलन (Logarithmic Differentiation)- प्रारम्भिक फलन y=f(x) के लघुगुणकीय अवकलन को लघुगुणकीय फलनों के अवकलज (Derivative of Logarithmic Functions) कहा जाता है।यह अवकलन विधि चर-घातांकीय फलनों को प्रभावी ढ़ंग से ज्ञात करने में सहायक है।जब फलन चर-घातांकीय रूप में हो तब ऐसे फलन का अवकलन ज्ञात करने के

Tangents and Normals

1.स्पर्श रेखाएं और अभिलम्ब (Tangents and Normals)- स्पर्श रेखाएं और अभिलम्ब में स्पर्शरेखा(Tangents and Normals) वह सरल रेखा है जो किसी दिए गए बिंदु पर वक्र को स्पर्श करती है। अभिलम्ब ऐसी सरल रेखा है जो स्पर्शरेखा के लंबवत है।यहां हम अवकलन के प्रयोग से किसु दिए गए वक्र के किसी बिन्दु पर स्पर्शरेखा तथा

Differentiation

1.अवकलन (Differentiation),कक्षा 12 में अवकलन (Differentiation class 12)- अवकलन (Differentiation) की कई विधियों के द्वारा हम समझ चुके हैं।इस आर्टिकल में कुछ उदाहरणों के अवकलन को ओर समझेंगे। इसमें अवकलज का श्रृंखला नियम,दो फलनों के गुणनफल का अवकलज तथा दो फलनों के भागफल का अवकलज के द्वारा अवकलन ज्ञात करना सीखेंगे।आपको यह जानकारी रोचक व

Differentiability

1.अवकलनीयता (Differentiability),अवकलनीयता तथा सांतत्यता (Differentiability and Continuity)- अवकलनीयता (Differentiability) को हम एक विशेष सीमा प्रक्रिया के प्रयोग से ज्ञात करने की विधि का अध्ययन करेंगे।यदि वक्र का समीकरण y=f(x) है तब फलन f(x) इस वक्र के किसी बिन्दु x=a पर अवकलनीय कहलाता है यदि वक्र के इस बिन्दु पर स्पर्श रेखा खींची जा सके।यदि बिन्दु

Differentiability and Continuity

1.अवकलनीयता और सांतत्य (Differentiability and Continuity)- अवकलनीयता और सांतत्य (Differentiability and Continuity) से पूर्व सीमा का अध्ययन करना आवश्यक है।पूर्व आर्टिकल में हम सीमा का अध्ययन कर चुके हैं।यहां हम सीमा की सहायता से संतत फलनों का अध्ययन करेंगे।(1.)सांतत्य की कोशी परिभाषा (Cauchy’s Definition of Continuity)-कोई फलन f(x) इसके प्रान्त D के किसी बिन्दु a

Integration

1.समाकलन (Integration),समाकलन का अर्थ (Integration Meaning)- समाकलन (Integration),समाकलन का अर्थ (Integration Meaning)-समाकलन (Integration) एक समाकल की गणना है।गणित में इंटीग्रल का उपयोग कई उपयोगी मात्राओं जैसे क्षेत्रों, वॉल्यूम, विस्थापन, आदि को खोजने के लिए किया जाता है।जब हम इंटीग्रल्स के बारे में बात करते हैं, तो यह आमतौर पर निश्चित इंटीग्रल्स से संबंधित होता है।अनिश्चितकालीन

Integration Formulas

1.समाकलन सूत्र (Integration Formulas)- समाकलन सूत्र (Integration Formulas) के द्वारा समाकलन ज्ञात करना सीखेंगे।समाकलन अवकलन की प्रतिलोम प्रक्रिया है।अवकलन गणित में हम दिए हुए फलनों के अवकल गुणांक ज्ञात करते हैं जबकि समाकलन गणित में हम वह फलन ज्ञात करते हैं जिसका अवकल गुणांक दिया होता है। इसलिए इसे प्रतिअवकलज (Antiderivative) या पूर्वग (Primitive) भी

What is linear differential equation?

1.रैखिक अवकल समीकरण क्या है? (What is linear differential equation?)- रैखिक अवकल समीकरण (linear differential equation) वह अवकल समीकरण कहलाती है जिस अवकल समीकरण में आश्रित चर तथा उसके अवकलज प्रथम घात में हो।इस प्रकार की अवकल समीकरण प्रथम क्रम की रैखिक अवकल समीकरण (linear differential equation) कहलाती है। इसका व्यापक रूप है- जहां P

Homogeneous Differential Equation

1.समघात रैखिक अवकल समीकरण कक्षा 12 (Homogeneous Differential Equation Class 12),समघात रैखिक अवकल समीकरण (Homogeneous Differential Equation )- समघात रैखिक अवकल समीकरण कक्षा 12 (Homogeneous Differential Equation Class 12) के बारे में इस आर्टिकल में अध्ययन करेंगे। अवकल समीकरण f(x,y)dx+g(x,y)=0 को समघात अवकल समीकरण (Homogeneous Differential Equation) कहते हैं,यदि इसे निम्नलिखित रूप से व्यक्त किया

Property of Inverse Circular Functions

1.प्रतिलोम वृत्तीय फलनों के गुणधर्म (Property of Inverse Circular Functions),प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फ़ंक्शन के गुणधर्म (Properties of inverse trigonometric functions)- प्रतिलोम वृत्तीय फलनों के गुणधर्म (Property of Inverse Circular Functions) में प्रतिलोम वृत्तीय फलन को जानना आवश्यक है।हम जानते हैं कि इत्यादि त्रिकोणमितीय वृत्तीय फलन (Trigonometrical Circular Function) कहलाते हैं जिनमें से प्रत्येक, के प्रत्येक मान