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What is politeness?

1.विनम्रता क्या है? का परिचय (Introduction to What is politeness?),विनम्र व्यक्ति कौन है? (Who is polite person?):

  • विनम्रता क्या है? (What is politeness?),विनम्र व्यक्ति कौन है? (Who is polite person?):न्यूमैन के अनुसार सज्जन की परिभाषा यही है कि वह किसी व्यक्ति को पीड़ित नहीं करता है।
  • वस्तुतः सज्जन व्यक्ति के गुणों तथा आचरण की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी ही कम है।सज्जन व्यक्तियों के कारण ही वास्तविक में यह पृथ्वी टिकी हुई है वरना दुर्जनों ने तो इस पृथ्वी को नष्ट करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी।
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2.विनम्रता क्या है? (What is politeness?),विनम्र व्यक्ति कौन है? (Who is polite person?):

  • सज्जन व्यक्ति उसके गुणों द्वारा पहचाना जाता है।सज्जन व्यक्ति वह होता है जो सबका भला चाहता है,सबका प्रिय हो,सुख-दुःख,प्रिय और अप्रिय में अपनी आत्मा के समान ही अन्य को समझता हो।प्रत्येक मनुष्य को अपने प्राण प्रिय होते हैं परंतु सज्जन व्यक्ति अपने प्राणों के समान ही दूसरों के प्राणों को समझते हैं और उन पर दया करते हैं।नीति में कहा है किः
  • “जो मनुष्य पराई स्त्रियों को माता के समान,पराए धन को कंकड़ के समान और सब प्राणियों को अपनी आत्मा के समान समझता है वही सज्जन है।
  • दरअसल सज्जनों के कारण ही यह पृथ्वी टिकी हुई है वरना दुर्जनों जैसे रावण,कंस,दुर्योधन ने इसको नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।इसलिए सज्जनों की महिमा अतुलनीय है।वे पृथ्वी लोक पर देवता ही है जो हमेशा दूसरों का भला और कल्याण ही चाहते हैं।सज्जन व्यक्ति विकार रहित हैं उनकी अपनी कोई इच्छा नहीं होती है।इस प्रकार सज्जन व्यक्तियों का कितना भी गुणगान किया जाए कम ही है।
  • सज्जन व्यक्ति की एक और विशेषता होती है कि उनका स्वभाव क्रोध करना नहीं होता है।उनका हृदय दया,करुणा से पूर्ण होता है।वे सदैव हर परिस्थिति में प्रसन्न रहते हैं।वाणी में मिठास होता है,हमेशा परोपकार करते रहते हैं।परंतु सज्जन व्यक्ति में इन गुणों को कोई उनकी कमजोरी समझ लेता है तो सज्जन व्यक्ति लोक कल्याण के लिए क्रोध करते हैं इसे ही तेजस्विता कहते हैं।अतः कोई व्यक्ति अन्याय,अत्याचारों तथा दुष्प्रवृत्तियों पर प्रेम और मधुरवाणी से रोक नहीं लगाता है तो सज्जनों को उनके विरुद्ध क्रोध तथा अपना तेज दिखाना ही होता है।
  • नीति में उपर्युक्त गुणों के अतिरिक्त गुण भी बताए गए हैंः
  • “विपत्ति में धैर्य,ऐश्वर्य में क्षमा,सभा में चातुर्य,युद्ध में वीरता,यश में प्रीति,विद्या में व्यसन इत्यादि।
    भगवान श्री कृष्ण,परशुराम ने अन्याय,अत्याचार के लिए क्रोध,तेजस्विता दिखाया था।
  • परन्तु सज्जनों के द्वारा क्रोधित होने पर भी उनके मन में विकार उत्पन्न नहीं होता है जैसे तिनकों की अग्नि से समुद्र के पानी को गर्म नहीं किया जा सकता है।
  • इन गुणों को सुनकर सामान्य मनुष्य शायद यह समझ बैठे कि हमारे लिए इन गुणों का पालन लगभग असंभव ही है।वस्तुतः इन गुणों का पूर्णतः पालन करना कठिन तो है परंतु हम जितना इनका पालन करें उतना ही बढ़िया है।वैसे भी सामान्य व्यक्ति इतना पारंगत नहीं होता है कि वह सही-गलत,अच्छे-बुरे को पहचान सके।ऐसी स्थिति में सज्जनों के मार्ग का अनुसरण करना चाहिए और उनसे ही मार्गदर्शन लेना चाहिए।उनके मार्ग का जितना हम पालन कर सकते हैं उतना ही हमारे लिए अच्छा है।
  • प्रत्येक मनुष्य के लिए यह संभव नहीं कि वह सत्पुरुषों के समान आचरण करे।ऐसा करना संभव भी नहीं है क्योंकि सज्जन पुरुष विकार रहित होते हैं उन्हें किसी चीज की इच्छा नहीं होती है।साधारणजन उनके आदर्श का पालन नहीं कर सकते।फिर भी उनका थोड़ा भी पालन करें तो हम दुखों,विपत्तियों और कष्टों से छुटकारा पा सकते हैं।जैसे ईमानदार रहना परम कर्तव्य है परंतु इसका व्यवहार में पालन करना कठिन है इसलिए जितना पालन किया जा सके उतना ही बढ़िया है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में विनम्रता क्या है? (What is politeness?),विनम्र व्यक्ति कौन है? (Who is polite person?) के बारे में बताया गया है।
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