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4 Top Tips to Become Strong Person

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1 1.मजबूत व्यक्ति बनने की 4 टॉप टिप्स (4 Top Tips to Become Strong Person),मजबूत विद्यार्थी बनने की 4 टाॅप टिप्स (4 Top Tips to Become Strong Student):

1.मजबूत व्यक्ति बनने की 4 टॉप टिप्स (4 Top Tips to Become Strong Person),मजबूत विद्यार्थी बनने की 4 टाॅप टिप्स (4 Top Tips to Become Strong Student):

  • मजबूत व्यक्ति बनने की 4 टॉप टिप्स (4 Top Tips to Become Strong Person) के आधार पर आप जान सकेंगे की दृढ़ता का क्या अर्थ है और मजबूत व्यक्ति कैसे बन सकते हैं? आज की गलाकाट प्रतिस्पर्धा के युग में दृढ़ता अर्थात् मजबूती किसी भी व्यक्ति के लिए आवश्यक है।आपको कदम-कदम पर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।यदि आप उनसे जरा-सा भी घबरा कर बैठ जाएंगे तो आप सफलता का स्वाद नहीं चख पाएंगे।
  • ये चुनौतियां अलग-अलग रूपों में हमारे सामने आती हैं।कई बार आपको कोई अप्रत्याशित हानि उठानी पड़ती है,कभी लोग आपको लक्ष्य से भटकने पर विवश कर देते हैं,कभी कोई अपने पद का गलत लाभ उठाकर आपका दुरुपयोग करता है आदि।ऐसे समय में मजबूत बनना बहुत आवश्यक है।
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2.दृढ़ता का अर्थ क्या है? (What is the meaning of perseverance?):

  • कठिन से कठिन परिस्थिति में डटे रहकर अपने लक्ष्य को न छोड़ना।जैसे कक्षा में गणित शिक्षक पढ़ाने नहीं आता है अर्थात् गणित शिक्षक का पद रिक्त है।आपके सामने आने वाली गणित की समस्याओं और सवालों को बताने वाला नहीं है आदि कई विकट परिस्थिति आपके सामने हैं परंतु इन सभी का सामना करते हुए आप अपने मिशन पर डटे रहते हैं,विचलित नहीं होते हैं तो यह दृढ़ता है।
  • अपने विरुद्ध हो रहे षड्यंत्र को जड़ से समाप्त कर देना।जैसे आपको फिल्म दिखाने के बहाने लक्ष्य से भटकाने का प्रयास करते हैं।अथवा कुछ विद्यार्थी आपसे लड़ाई-झगड़ा करते हैं या अध्यापक के पास आपकी झूठी शिकायत करते हैं कि परीक्षा में आप नकल करते हैं आदि।इस प्रकार या अन्य प्रकार के षडयंत्रों को समाप्त करना तथा हमेशा सावधान,सचेत तथा होश में रहना ताकि आप किसी भी षड्यंत्र को विफल कर सको।
  • कोई अपने स्वार्थ के लिए जब आपका दुरुपयोग कर रहा हो तो उसे हिम्मत करके वहीं रोक देना।जैसे कोई विद्यार्थी अथवा कुछ विद्यार्थी कई बार आपसे गणित विषय अथवा अन्य विषय की समस्याओं को हल करने के लिए आपसे मदद मांगते हैं परंतु आप द्वारा मदद चाहने पर मदद नहीं करते हैं,मदद के समय बहाना बना लेते हैं तो आपको अपना दुरुपयोग होने से रोक देना है तथा ऐसे सहपाठियों से सावधान रहना है जो आपको केवल इस्तेमाल करते हैं।
  • अपने जूनियर को उसकी गलती के लिए डांट लगाना और उसे एहसास दिलाना कि उसने गलती की है।यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो जूनियर के मन में गलती करने के प्रति कोई पश्चाताप नहीं होगा और वह बार-बार गलती करेगा,काम करने से जी चुरायेगा।इसलिए समय रहते हुए जूनियर से ठीक काम करवाना और गलती के लिए उसे सचेत करते रहना आपका कर्त्तव्य है।
  • अपने बॉस के सामने ऐसी छवि बनाना कि वह आपको आपकी किसी भी गलती पर बोलने से पहले कई बार सोचे।ऐसा तभी हो सकता है जबकि आप जाॅब को समर्पित भावना और पूरी निष्ठा एवं तत्परता से करते हैं,निपटाते हैं।इस तरह से काम करने पर आपका व्यक्तित्व प्रभावशाली बन जाता है।फिर छोटी-सी गलती के लिए बाॅस की हिम्मत नहीं होती है कि वह गलती के लिए आपको कुछ कहे।आप गलती को स्वयं सुधार लें और आगे वैसी गलती करने से बचें।
  • यह जीवन का नियम है की पहली बार जब आप किसी से मिलते हैं तो वह आपके व्यक्तित्व की दृढ़ता का अनुमान लगा लेता है और उसी के आधार पर वह आपसे भविष्य के संबंधों की रूपरेखा बनाता है।अक्सर लोग हर व्यक्ति को ध्यान से देखते हैं और ऐसे व्यक्तियों की तलाश में रहते हैं जिनसे वे लाभ उठा सकें।
  • दृढ़ता एक ऐसी चीज है जो कुछ लोगों के भीतर जन्म से ही होती है।ऐसे लोग न परिस्थितियों से हार मानते हैं और ना लोगों से।इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण मिलते हैं जिन्होंने वास्तव में दृढ़ता को एक नई परिभाषा दी है।सरदार वल्लभभाई पटेल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद देश की 562 रियासतों को जोड़कर भारत देश को एक संपूर्ण राष्ट्र बनाया।

3.दृढ़ व्यक्तित्व कैसे बनाएं? (How to create a firm personality?):

  • वैसे तो अधिकांशतः दृढ़ लोग अपने स्वभाव से ही ऐसे होते हैं परंतु यदि कुछ बातों का पालन किया जाए तो अपने कार्यक्षेत्र में दृढ़ बनकर आप जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

(1.)नियमों का पालन करें (Follow the rules):

  • नियमों का पालन करना दृढ़ता का आरम्भ है।जब आप अपने विद्यालय या कार्यालय में समय से पहुंचते हैं और हर नियम का पालन करते हैं,चाहे आपके मित्र आपको कितना भी विपरीत दिशा में उत्साहित करें तो आप दृढ़ व्यक्तित्व बन जाते हैं।जब आप नियमों का पालन करते हैं तो आपके जूनियर अपने आप अनुशासित हो जाते हैं उन्हें पता होता है कि यदि कोई भी नियम टूटा तो आप सहन नहीं करेंगे।यदि आप विद्यार्थी हैं तो समय पर सोते हैं और समय पर अध्ययन कार्य करते हैं तो आपमें अनुशासन कायम होता है जिसके फलस्वरूप आप दृढ़ बनते हैं।

(2.)सही बात पर अड़ना सीखें (Learn to stick to the right thing):

  • सही बात पर हमेशा अडिग रहें।कई बार बाॅस,जूनियर,परिवार,सहकर्मी या समाज का कोई व्यक्ति कुछ ऐसा करने को कहता है जो आपके सिद्धांतों के विरुद्ध है तो उसे तुरंत अस्वीकार कर दें और स्पष्ट कर दें कि आप ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे,चाहे आपको कितना भी विवश किया जाए।यदि एक बार आपने सही बात पर अड़ना प्रारंभ कर दिया तो आपको दुबारा कोई भी व्यक्ति विवश नहीं कर पाएगा।
  • जैसे आप छात्र हैं और अध्यापक आपसे सिगरेट,बीड़ी आदि मँगवाते हैं तो आपको स्पष्ट रूप से मना कर देना चाहिए।एक बार आप दृढ़ता से मना कर देंगे तो अध्यापक की हिम्मत नहीं होगी कि दुबारा आपसे गलत काम करने के लिए कहेगा।

(3.)अपना काम समय पर पूरा करें और दूसरों से भी समय पर काम करवाएँ (Complete your work on time and get others to work on time):

  • दृढ़ होने का सबसे बड़ा नियम है-चाहे कितनी भी बाधाएँ आएँ,परंतु आप अपना काम समय पर करेंगे और दूसरे लोग,जिन्हें आपने कोई काम दिया है उन्हें भी स्पष्ट कर देंगे कि आप न तो कामचोरी सहन करते हैं और न ही देरी।
  • ऐसा करना निश्चित ही आपके व्यक्तित्व को दृढ़ बनाएगा।आप स्वयं काम को पूरा करने का उदाहरण दूसरों के सामने प्रस्तुत करते हैं तभी आपका सहायक अथवा सहकर्मी समय पर काम निपटाएंगे।यदि आप स्वयं लेटलतीफी की आदत अपनाते हैं तो दूसरों से समय पर काम निपटाने की अपेक्षा कर ही नहीं सकते हैं।यदि आप बाॅस हैं और दबाव डालकर ऐसा करवाना चाहेंगे तो कर्मचारी कोई ना कोई बहाना ढूंढ लेंगे और आपकी तरह वे भी समय पर काम नहीं करेंगे।

(4.)कम बोले और संबंधों में दूरी का विशेष ध्यान रखें (Speak less and take special care of distance in relationships):

  • कुछ लोग ऐसे होते हैं जो ऑफिस में हर तरह के लोगों के साथ मजाक कर लेते हैं।वे किसी भी दिन,किसी भी समय अपने जूनियर लोगों के साथ हंसी ठिठोली में लगे रहते हैं।इससे उन्हें कई बार एक बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।उनके जूनियर उन्हें अपना सीनियर न मानकर केवल अपना दोस्त मान लेते हैं और जब वे एक बाॅस की तरह अपने जूनियरों को कभी डाँटते हैं तो उन्हें बहुत बुरा लगता है,क्योंकि उन्हें हँसी-ठिठोली की आदत पड़ चुकी होती है।इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आप किससे बात कर रहे हैं? कितनी बात कर रहे हैं? क्या बात कर रहे हैं? और क्यों बात कर रहे हैं?
  • इसी प्रकार आपको संबंधों में दूरी का भी विशेष ध्यान रखना है।हर किसी के लिए भावनात्मक ना हों।हर किसी को अपना मित्र न बनाएँ और हर किसी से व्यक्तिगत संबंध जोड़ने का प्रयत्न न करें।जहां तक हो सके अपने काम से काम रखें क्योंकि यदि एक बार आपके सहकर्मियों ने आपको हल्के में ले लिया तो आप स्वयं को कभी उनके सामने मजबूत साबित नहीं कर पाएंगे।

(5.)कठिनाइयों का डटकर सामना करें और अपने दम पर उनका समाधान करें (Face difficulties head-on and resolve them on your own):

  • संघर्ष जीवन का पर्याय है जब भी कोई समस्या सामने आए उसे गहराई से समझें,उसका सामना करें और उससे निकलने का सतत प्रयत्न करें।उसका समाधान बिना किसी की सहायता के करने का प्रयास प्रयत्न करें और जब तक विवश ना हो जाए तब तक किसी से मदद ना मांगे।यदि आपको मदद लेनी भी है तो बहुत सीमित व्यक्तियों से मदद लें।हर किसी के सामने अपनी समस्या का रोना रोकर हंसी का पात्र ना बनें,क्योंकि हर व्यक्ति हर कठिनाई में मदद करने के लिए उपयुक्त नहीं होता।यदि आप हर किसी से सहायता माँगेंगे तो आप उनकी नजरों में एक कमजोर व्यक्ति साबित होंगे।
  • वैसे भी कठिनाइयों और समस्याओं को स्वयं हल करने पर ही आप आगे बढ़ सकेंगे क्योंकि बैसाखियों के सहारे ना तो तेज चला जा सकता है और न दूर तक चल सकते हैं।आने वाली समस्याओं का खुद समाधान न करने वाला दूसरों पर आश्रित होता चला जाता है और हर समय वह यही सोचता रहता है कि कोई उसकी आकर मदद कर दे और उसकी समस्याओं को निपटा दे।ऐसा व्यक्ति या विद्यार्थी परमुखापेक्षी बन जाता है और ऐसे व्यक्तित्व वाला निर्बल व कमजोर मनोबल का हो जाता है।

(6.)अपने-आपको दबने ना दें,तुरंत ‘ना’ कहें,तुरंत जवाब दें (Don’t let yourself be suppressed, say ‘no’ immediately, answer immediately):

  • एक कमजोर व्यक्ति की सबसे बड़ी कमी है कि वह दूसरों को ‘ना’ नहीं कह सकता।वह उनकी हाँ में ‘हाँ’ मिलाता रहता है और दबता ही चला जाता है।उसे लगता है कि यदि वह किसी का कोई काम नहीं करेगा या उसे ना कहेगा तो सामने वाला उससे नाराज हो जाएगा।वास्तव में ऐसा तो एक न एक दिन होना ही है।आप किसी के लिए 100 काम कर दें और यदि आपने 101 वें काम के लिए उसे मना कर दिया तब भी वह नाराज तो होगा ही,बदले में आपके द्वारा किए गए 100 कामों का भी कोई लाभ नहीं होगा।इसलिए बेहतर है कि जिस काम के लिए आपके पास समय ना हो या जिस कार्य का आपके लिए कोई लाभ न हो,उसके लिए विनम्रता से ना कह दें।
  • 7.एक और महत्त्वपूर्ण विषय यह है कि यदि कोई आपके साथ ऐसा मजाक कर रहा है जो आपको पसंद नहीं है या आपका अपमान कर रहा है तो उसे सहन न करें,तुरंत जवाब दें और सामने वाले को स्पष्ट कर दें कि आप यह सब कतई सहन नहीं करेंगे।जिससे कि भविष्य में कोई भी ऐसा करने से परहेज करे।

(8.)एक बार ठान लें तो बस ठान लें,बार-बार न बदले (Once you decide, just be determined, do not change again and again):

  • एक दृढ़ व्यक्ति कभी भी अपना लक्ष्य नहीं बदलता।वह सोच-समझकर कुछ करने की ठानता है और फिर चाहे दुनिया इधर की उधर हो जाए वह वही करके दिखाता है जो उसने ठान लिया है।न वह आरोपों की परवाह करता है न ही परिणाम की।
    यदि आप अपने लक्ष्य को बार-बार बदलते हैं तो यह कमजोरी की निशानी है क्योंकि इससे लोग आपको एक बहुत ही लचीला व्यक्ति समझ सकते हैं,जो जरा-सी कठिनाई आने पर अपना मार्ग बदल लेता है।

4.दृढ़ता का अर्थ जिद्दी या घमंडी होना नहीं है (Perseverance does not mean being stubborn or arrogant):

  • दृढ़ता का अर्थ क्रूर,जिद्दी या घमंडी होना कतई नहीं है।इसे बहुत ध्यान से समझने की आवश्यकता है।निम्न बिंदु दृढ़ता,क्रूरता और घमंड में अंतर को स्पष्ट करते हैं:
  • (1.)अपना अपमान सहन न करना दृढ़ता है,परंतु दूसरे का अपमान करना घमंड या मूर्खता है।
    (2.)एक सही लक्ष्य पर डटे रहना दृढ़ता है,परंतु किसी बेवजह के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सब कुछ गंवा देना जिद्द है।
    (3.)अपने जूनियर के साथ अनुशासित रहना दृढ़ता है,परंतु उसका गलत लाभ उठाना,दबाव में रखकर काम करवाना,उचित हो या अनुचित केवल अपनी ही बात मनवाना क्रूरता है।
  • तात्पर्य यह है कि बड़े से बड़े संकट में भी व्यक्ति या विद्यार्थी को अपने कर्त्तव्य पालन से पीछे नहीं हटना चाहिए,परंतु यह हर कोई नहीं कर सकता,जिसमें दृढ़ता होती है केवल वही कर सकता है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में मजबूत व्यक्ति बनने की 4 टॉप टिप्स (4 Top Tips to Become Strong Person),मजबूत विद्यार्थी बनने की 4 टाॅप टिप्स (4 Top Tips to Become Strong Student) के बारे में बताया गया है।

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5.जम्हाई क्यों ले रहे हो? (हास्य-व्यंग्य) (Why Are You Yawning?) (Humour-Satire):

  • गर्लफ्रेंड (बॉयफ्रेंड से):ये क्या हरकत है,मैं तुमसे इतनी देर से सवाल पूछ रही हूं और तुम बार-बार जम्हाई ले रहे हो।
    बॉयफ्रेंड (गर्लफ्रेंड से):मैं जम्हाई नहीं ले रहा हूं बल्कि सवाल का हल बताने की कोशिश कर रहा हूं।अब जाकर सफलता मिली है।

6.मजबूत व्यक्ति बनने की 4 टॉप टिप्स (Frequently Asked Questions Related to 4 Top Tips to Become Strong Person),मजबूत विद्यार्थी बनने की 4 टाॅप टिप्स (4 Top Tips to Become Strong Student) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.व्यक्तित्व कैसा होना चाहिए? (What should the personality be like?):

उत्तर:कुछ लोगों का व्यक्तित्व ऐसा होता है जो अपने जूनियरों को भी ठीक से नहीं डाँट पाते और कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें बाॅस भी डाँटने से डरता है क्योंकि उनके व्यक्तित्व में अनेक गुण होते हैं।उनमें दृढ़ता होती है।

प्रश्न:2.लक्ष्य को प्राप्त करने की मूल शर्त क्या है? (What is the basic condition for achieving the goal?):

उत्तर:अपने लक्ष्य को जुनून बना लें।एक बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने का मूल मंत्र है कि आप उसे ऐसे कसकर पकड़ लें जैसे कोई सैनिक युद्ध में तलवार पकड़ता है।यदि लक्ष्य के प्रति आपका जुनून नहीं है तो लक्ष्य को पाने से फिसल जाते हैं।

प्रश्न:3.जीवन सरल कब होता है? (When is life easy?):

उत्तर:आप अपने व्यक्तित्व में जितने दृढ़ होते जाते हैं,जीवन आपके लिए उतना ही सरल होता जाता है।व्यक्तित्व को विकसित करने में दृढ़ता,दृढ़ निश्चय,दृढ़ संकल्पशक्ति,दृढ़ इच्छा शक्ति का मुख्य योगदान होता है।इन गुणों के बिना व्यक्तित्व लुंजपुंज रहता है तथा ऐसे व्यक्ति को सरल नहीं कहा जा सकता है बल्कि मूर्ख कहा जा सकता है।जो मूर्खता और सरलता के अंतर को समझ लेता है वही दृढ़ व्यक्ति बन सकता है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा मजबूत व्यक्ति बनने की 4 टॉप टिप्स (4 Top Tips to Become Strong Person),मजबूत विद्यार्थी बनने की 4 टाॅप टिप्स (4 Top Tips to Become Strong Student) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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