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3 Tips for Success for Candidates

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1.अभ्यर्थियों के लिए सफलता प्राप्ति की 3 टिप्स (3 Tips for Success for Candidates),सफलता प्राप्त करने के लिए 3 बेहतरीन टिप्स (3 Best Tips to Achieve Success):

  • अभ्यर्थियों के लिए सफलता प्राप्ति की 3 टिप्स (3 Tips for Success for Candidates) आपके लिए जाॅब प्राप्त करने में सहायक हो सकती है।कुछ अभ्यर्थी जाॅब प्राप्त करना चाहते हैं वह भी बहुत जल्दी और शॉर्टकट मार्ग से।जबकि आधुनिक युग में जॉब हेतु गलाकाट प्रतिस्पर्धा है।इस प्रकार की प्रतियोगिता से जब कैंडिडेट का चयन होता है तो कम से कम प्रयत्न के द्वारा वे अधिक से अधिक धन-संपत्ति प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।
  • इस प्रकार की मनोवृत्ति से वे अनैतिक तरीके,घूसखोरी इत्यादि द्वारा धनार्जन करने लगते हैं।भारत में बड़े-बड़े घोटाले होने के मुख्य कारण यही है कि कर्मचारी/अधिकारी कम से कम प्रयत्न द्वारा अधिक से अधिक धन सम्पत्ति,वह भी कम समय में प्राप्त करना चाहते हैं।वे ऐशोआराम (Luxiary) का जीवन जीना चाहते हैं।हर कैंडिडेट प्रत्येक अन्य कैंडिडेट से आगे निकलने का प्रयास करता है।यदि वह आगे निकलने में असफल हो जाता है तो हताश,निराश तथा कुण्ठाग्रस्त हो जाता है।वह प्रतिस्पर्धा के चक्रव्यूह में ऐसा फँस जाता है कि उसको बाहर आने का रास्ता ही दिखाई नहीं देता है।इस चक्रव्यूह से निकलने का प्रयास न करके वह जमाने की शिकायत करने लगता है।
  • ऐसे कैंडिडेट की स्थिति उस लुटेरे की तरह हो जाती है जो किसी यात्री की खाली जेब पाकर इस प्रकार शिकायत करने लगता है कि खाली जेब लेकर चलने वाले लोगों ने शरीफ आदमी का जिंदा रहना मुश्किल कर दिया है।दोष अपना,खोट अपना और बला दूसरों के सिर।यह व्यवहार ऐसे कैंडिडेट्स करते हैं जो नैतिक,उचित तरीके से,परिश्रम से कमाई पर विश्वास न करके अनैतिक तरीके,घूसखोरी इत्यादि से जल्दी से जल्दी धन-सम्पन्न होना चाहते हैं।जो कैंडिडेट्स क्वालिफाइड (डिग्री) होते हैं वे ही अनैतिक तरीकों से आगे बढ़ना चाहते हैं।जो कैंडिडेट्स ऐजुकेटेड (शिक्षित) होते हैं वे परिश्रम से,नैतिक तरीके से और उचित तरीके से कमाई करने में विश्वास रखते हैं और उसी में संतुष्ट रहते हैं परंतु ऐसे लोग बहुत कम होते हैं।
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2.अपनी विशिष्टता को पहचाने (Recognize your Uniqueness):

  • कैंडिडेट दुनिया के रंग-ढंग देखकर अपेक्षित साधन-सम्पन्न नहीं होते हैं तो तनावग्रस्त हो जाते हैं और धैर्य तथा आत्मविश्वास खो बैठते हैं।हर कैंडिडेट अर्थात् युवा आसानी से इसके शिकार हो जाते हैं।वे जीवन में कुछ करना भी चाहते हैं और कुछ बनना भी चाहते हैं।
  • तनाव तथा प्रतिकूल मानसिकता से बचने के लिए अपना आत्म-विश्लेषण करें।अपना मूल्यांकन करके पता लगाने की चेष्टा करें कि प्रयासों में कहां तथा क्या कमी रह गई है? त्रुटियों,कमियों का पता लगाना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि अपनी कार्यप्रणाली तथा चिन्तन पद्धति में आवश्यक सुधार करने का प्रयत्न करें।
  • अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में हमेशा यह ध्यान रखें कि इस संसार में आज तक कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं हुआ है और होगा भी नहीं कि जो समस्त बातों का विशेषज्ञ हो और उसको जीवन में समस्त उपलब्धियां प्राप्त हो गई हो।यदि समस्त बातों का विशेषज्ञ कोई एक व्यक्ति होता तो इस संसार के कुछ इने-गिने व्यक्तियों द्वारा ही कार्य संपन्न हो जाते और अधिक व्यक्तियों की आवश्यकता ही नहीं होती।उन्हीं व्यक्तियों का संसार पर एकाधिकार हो जाता।
  • कार्ल फ्रेडरिक गाउस केवल गणितज्ञ ही बने वह कालिदास की तरह महाकवि नहीं बने।अल्बर्ट आइंस्टीन एक महान वैज्ञानिक और गणितज्ञ ही बने वे फुटबॉल के विख्यात खिलाड़ी माराडोना की तरह नहीं बने।भारत के भास्कराचार्य द्वितीय,ब्रह्मगुप्त,आर्यभट की गणितीय उपलब्धियों पर भी इसी दृष्टिकोण से विचार करें तो हमारे सामने यह ठोस तथ्य उभरकर सामने आएगा कि प्रत्येक व्यक्ति एक विशेष व्यक्तित्त्व लेकर जन्म लेता है और उसका जन्म एक विशेष कार्य को संपन्न करने,विशेष उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए होता है। इसे स्वधर्म कहते हैं और जीवन में सफल होने के लिए स्वधर्म का,अपनी विशिष्टता का ज्ञान होना आवश्यक है।
  • परंतु अक्सर कैंडिडेट अपने अंदर के स्वाभाविक गुणों की पहचान नहीं कर पाते हैं और वे ऐसे क्षेत्रों में घुस जाते हैं जो उनके स्वभाव के अनुकूल नहीं होता है।ऐसे कैंडिडेट्स अपने जाॅब के साथ न्याय नहीं कर पाते हैं।परिणाम यह होता है कि जीवन भर उधेड़-बुन में लगे रहते हैं और कुछ भी उपलब्धि अर्जित नहीं कर पाते हैं।यही कारण है कि अधिकांश कैंडिडेट्स की हालत यह रहती कि जो मिल सकता है उससे भी वंचित हो जाते हैं और जो नहीं मिलता है उसका चिंतन करते रहते हैं।वे भूल जाते हैं कि किसी को भी उसकी महत्वाकांक्षा के अनुरूप सबकुछ नहीं मिल जाता है।इसलिए ठीक समय पर अपने साधनों का ध्यान रखकर कार्य करो और उपलब्ध साधनों का उपयोग करने से सफल होने से कोई रोक नहीं सकता है।

3.अपने लक्ष्य की ओर एक-एक कदम बढ़ाते चलें (Take a Step Towards Your Goal):

  • बहुत ऊँचे ख्वाब देखने और उछलकूद करने वाले मुँह के बल गिरते हैं।जो अपने लक्ष्य की ओर एक-एक कदम बढ़ाते हुए संभलकर रखते हैं वे अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं।
  • महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन एक दिन में ही शिखर पर नहीं पहुंच गए थे।महान् वैज्ञानिक और गणितज्ञ आइजक न्यूटन ने एक दिन में ही उपलब्धि हासिल नहीं कर ली थी।अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक-एक कदम आगे बढ़ाते गए और एक दिन शिखर पर पहुँच गए।उसके अनुसार ही उनमें योग्यता और दक्षता प्राप्त हो सकी।एक-एक ईंट को कुशलतापूर्वक रखकर और जोड़कर ही किसी भी श्रेष्ठ भवन का निर्माण किया जाता है।एक-एक सीढ़ी चढ़कर ही किसी भवन के ऊपर की मंजिल तक पहुंचा जा सकता है।
  • जो मिथ्याभिमानी और आडंबरपूर्ण जीवन जीते हैं,जो छोटे-छोटे कार्यो की उपेक्षा करते हैं उनकी महत्वाकांक्षा कभी पूर्ण नहीं होती है।वे यह भूल जाते हैं कि छोटी-छोटी सिद्धियां प्राप्त करते हुए चलने से ही लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।साथ ही किसी प्रकार के अहंकार का भाव नहीं पनपता है।जो कैंडिडेट छोटी-छोटी सफलताओं को जीवन में महत्त्व नहीं देते हैं वे बड़ी सफलता प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

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4.महान गणितज्ञों के आदर्श को सामने रखें (Put Forth the Ideals of Great Mathematicians):

  • रसायन विज्ञान,भौतिक विज्ञान में भी आगे बढ़ना है तो गणित के अध्ययन,गणित के ज्ञान की आवश्यकता है।गणित के ज्ञान के लिए न बहुत अधिक धन की जरूरत है और न किसी प्रयोगशाला की आवश्यकता है।महान गणितज्ञों आइजक न्यूटन,भास्कराचार्य द्वितीय जैसे महान् गणितज्ञों के आदर्श को सामने रखकर अध्ययन करें तो सफलता अवश्य मिलेगी।गणित के अध्ययन के लिए,सफलता प्राप्त करने के लिए समर्पित भाव से,तन-मन-धन से जुटने की आवश्यकता है।
  • महान गणितज्ञों तथा महापुरुषों ने एक-एक कदम आगे रखते हुए बढ़ते गए और महान कार्य कर सकें।उन्होंने अनायास ही,एकाएक ही उपलब्धि नहीं प्राप्त कर ली थी यानी एकाएक ही महान नहीं बन गए थे।अपने लक्ष्य,अपने जाॅब,अपने अध्ययन को पूर्ण उत्साह एवं पूरी शक्ति के साथ करो।किसी भी कार्य को छोटा समझ कर चलना नहीं चाहिए और नहीं चलताऊ ढंग से किसी कार्य को करना चाहिए।ऐसा करने से कैंडिडेट की दुर्बलता प्रदर्शित होती है।अपने कर्तव्य पथ पर निष्ठापूर्वक आगे बढ़ते रहना ही सफलता की कुंजी है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में अभ्यर्थियों के लिए सफलता प्राप्ति की 3 टिप्स (3 Tips for Success for Candidates),सफलता प्राप्त करने के लिए 3 बेहतरीन टिप्स (3 Best Tips to Achieve Success) के बारे में बताया गया है।

5.दिनभर गणित पढ़ना और ऑनलाइन मित्र बनाना (हास्य-व्यंग्य) (Reading Math all day and Making Friends Online) (Humour-Satire):

  • पिता (पुत्र से):यह क्या तुम दिन भर गणित के सवाल हल करते रहते हो? थोड़ा व्यवहार कुशल और मिलनसार बनो,बाहर जाकर अपने नए-नए फ्रेंड्स बनाओ।
  • पुत्र (पापा से):मैं दिनभर गणित को हल करता रहता हूं और ऑनलाइन सोशल मीडिया पर व्यस्त रहता हूं तो क्या हुआ? मैं फिर भी मिलनसार और व्यवहार कुशल हूँ।मेरे अब तक ट्विटर पर कई हजार फोलोअर्स और फेसबुक पर हजारों की संख्या में फ्रेंड्स बन चुके हैं।

6.अभ्यर्थियों के लिए सफलता प्राप्ति की 3 टिप्स (3 Tips for Success for Candidates),सफलता प्राप्त करने के लिए 3 बेहतरीन टिप्स (3 Best Tips to Achieve Success) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.क्या महान गणितज्ञों का अनुसरण सामान्य विद्यार्थी कर सकता है? (Can Great Mathematicians be Followed by an Ordinary Student?):

उत्तर:महान् गणितज्ञ विकाररहित होते हैं,उन्हें किसी चीज की लालसा नहीं होती है।अतः साधारण गणित का विद्यार्थी उनके आदर्श का पालन तो नहीं कर सकते हैं।लेकिन उनके मार्ग का थोड़ा-बहुत अनुकरण करें तो उन्हें कुछ उपलब्धि और सफलता प्राप्त हो सकती है।जैसे महान गणितज्ञ अहंकाररहित होते है परंतु व्यवहार में साधारण विद्यार्थी के लिए अहंकाररहित होना कठिन है।परंतु यदि थोड़ा सा भी इसका पालन किया जाए तो उन्हें कई समस्याओं और कठिनाइयों से मुक्ति मिल सकती है।

प्रश्न:2.विद्यार्थी को अपना समय कैसे व्यतीत करना चाहिए? (How a Student Should Spend Their Time?):

उत्तर:विद्यार्थी को अपने अध्ययन के विषय को पढ़ना चाहिए।थोड़ा समय निकालकर भारतीय धर्म एवं संस्कृति के ग्रंथों को भी पढ़ना चाहिए।परंतु आजकल के विद्यार्थी धर्मग्रन्थों और शास्त्रों को पढ़ने के बजाय अश्लील साहित्य पढ़ते हैं,सिनेमा वगैरह देखते हैं,बुरे व्यसनों में फँस जाते हैं,ड्रग्स का सेवन करने लगते हैं।उनके कमरे फिल्मी अभिनेताओं से सजे रहते हैं।फिल्म अभिनेताओं की फिल्में याद रहती है परंतु भारतीय महापुरुषों तथा महान गणितज्ञों राम, कृष्ण,महावीर,आर्यभट,भास्कराचार्य द्वितीय,ब्रह्मगुप्त इत्यादि के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है।

प्रश्न:3.सफलता के लिए सबसे जरूरी कदम क्या है? (What is the Most Important Step for Success?):

उत्तर:सफलता के लिए जरूरी है कि अपनी कमजोरियों,कमियों और त्रुटियों को पहचानें। पहचानकर आत्म-विश्लेषण करें और उन्हें दूर करने की भरसक कोशिश करें।परंतु ज्यादातर होता है कि हमें अपनी कमजोरियां और कमियां नजर नहीं आती है और दूसरों की नजर आ जाती है।ऐसा करने से हम सफलता से वंचित रह जाते हैं

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा अभ्यर्थियों के लिए सफलता प्राप्ति की 3 टिप्स (3 Tips for Success for Candidates),सफलता प्राप्त करने के लिए 3 बेहतरीन टिप्स (3 Best Tips to Achieve Success) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

3 Tips for Success for Candidates

अभ्यर्थियों के लिए सफलता प्राप्ति की 3 टिप्स
(3 Tips for Success for Candidates)

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अभ्यर्थियों के लिए सफलता प्राप्ति की 3 टिप्स (3 Tips for Success for Candidates)
आपके लिए जाॅब प्राप्त करने में सहायक हो सकती है।
कुछ अभ्यर्थी जाॅब प्राप्त करना चाहते हैं वह भी बहुत जल्दी और शॉर्टकट मार्ग से।

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