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How is STEM a Fentastic Profession?

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1.स्टेम शानदार पेशा कैसे हैं? (How is STEM a Fentastic Profession?),शानदार पेशे स्टेम का यथार्थ क्या है? (What is Reality of Brilliant Profession STEM?):

  • स्टेम शानदार पेशा कैसे हैं? (How is STEM a Fentastic Profession?) इसलिए कि यह स्टेम का जमाना है।नवीन से नवीन,बेहतर से बेहतरीन रूपों में स्टेम अपना लगातार विस्तार करती जा रही है।उद्योग और व्यवसाय के नित्य नए कीर्तिमान स्थापित होते जा रहे हैं।हालांकि अब से कुछ समय पूर्व गणित का वर्चस्व कायम था।उस समय युवा प्रतिभाएँ गणित विषय और इंजीनियरिंग करने को अपना गौरव समझते थे।परंतु आज के दौर में युवा प्रतिभाएं धन के पीछे भाग रही हैं फिर भले ही उन्हें स्वास्थ्य एवं मानसिक सुकून से क्यों न वंचित रहना पड़े।इसलिए आज STEM में टेक्नोलॉजी में भी सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन का क्षेत्र चुनते हैं।इंजीनियरिंग (गणित),विज्ञान अब उनके लिए दोयम दर्जे की बात है।
  • प्रशासनिक सेवाओं में जाने के लिए रुझान घटा है।बदलाव तो यहां तक आया है कि जो प्रशासनिक सेवाओं के लिए चयनित हो भी जाते हैं वे भी कुछ सालों बाद किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी करना ज्यादा पसंद करते हैं।स्टेम के शिक्षण-प्रशिक्षण के नये-नये केंद्र खुल रहे हैं और साथ ही स्टेम में रोजगार के अवसर बढ़ते जा रहे हैं।यदि आप प्रशिक्षित और इच्छुक हैं तो आप बहुराष्ट्रीय कंपनियों (इंजीनियर),रिसर्च संस्थानों (विज्ञान,गणित और तकनीकी),वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्रों,विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों,अनुसंधान केंद्रों,टीआईएफआर (Tata Institute of Fundamental Research) जैसे निजी संस्थानों,देश व विदेश में सरकार के विभिन्न अनुसन्धान केन्द्रों जैसे भाभा अनुसन्धान केन्द्र,साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स कलकत्ता में सेवा और तरक्की के अवसर पा सकते हैं।
  • एक इंजीनियर के तौर पर ढ़ाई लाख सालाना पैकेज से लेकर करोड़ रुपए तक पैकेज (सालाना) वेतन पा सकते हैं।इसके अलावा यात्रा भत्ता,चिकित्सा भत्ता,मकान किराया भत्ता,वाहन सम्बन्धी खर्चे और कहीं रुकने के भत्ते अलग हैं।कुछ न होकर यदि आप स्वतंत्र रूप से लेखन करें तो बहुत सी वेबसाइट्स लेख लिखने का पारिश्रमिक देती हैं।बहुत सी वेबसाइट्स लेख लिखने वाले को हायर करती हैं।
  • परंतु STEM के चारों क्षेत्रों में से किसी क्षेत्र में पांव रखने के लिए कुछेक शर्तें भी हैं जैसे इंजीनियरिंग होने के लिए आईआईटी या अन्य साखवाले तकनीकी विश्वविद्यालय या महाविद्यालय की समुचित व्यावसायिक डिग्री का होना साथ ही संबंधित ब्रांच में पर्याप्त व्यावहारिक प्रशिक्षण पाने का प्रमाण पत्र होना।सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों,सरकारी प्रतिष्ठानों और छोटी कंपनियों में घुसने के लिए मात्र व्यावसायिक डिग्री (जैसे मैकेनिकल में इंजीनियरिंग,इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग) ही पर्याप्त है।
  • किन्तु पेशे की सफलता के लिए जरूरी है कि पद की योग्यता के लिए व्यावहारिक समझदारी रखें।कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में विख्यात विद्वान भी नियुक्त किए जाते हैं जो शोधकर्ता,नामी चिन्तक-लेखक या अपने विषय के विश्लेषक रह चुके हैं।
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2.स्टेम के माने (Meaning of STEM):

  • यह तो स्पष्ट है कि स्टेम विज्ञान (science),टेक्नोलॉजी (Technology),इंजीनियरिंग (Engineering),मैथमेटिक्स (Mathematics) से मिलकर बना है।जिस कारण से किसी मनुष्य के लिए आंखें जरूरी होती है उसी कारण के लोगों के लिए स्टेम जरूरी है।मनुष्य की तरह ही लोगों को यह देखना होता है कि आधुनिक युग किस तरफ जा रहा है।वास्तव में स्टेम व्यक्ति और लोगों को देश,काल और परिस्थिति के अनुसार अपनी दिशा और गति तय करने की छूट देते हैं।यही कारण है कि विज्ञान और तकनीकी के विकास के साथ ही स्टेम का महत्त्व बढ़ता जा रहा है।
  • आज पूरा विश्व एक विश्व ग्राम की तरह नजर आता है तो उसका कारण भी स्टेम ही है।इस विश्व ग्राम में पूर्वाग्रह अक्सर व्यक्ति के सरोकार बन जाते हैं और व्यक्तिगत त्रासदियां प्रायः अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत की जाती है।चूँकि आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि व्यक्तियों को निजी और सार्वजनिक जीवन में हिस्सेदारी करने की योग्यता-क्षमता प्राप्त करने के लिए विज्ञान,गणित और तकनीकी के बारे में जानकारी होना आवश्यक है इसलिए स्टेम के क्षेत्रों में कार्यरत युवा को लोगों को जागरूक करना,उन तक आधुनिक जानकारी मुहैया करना भी उनका कर्त्तव्य है।
  • स्टेम के किसी क्षेत्र में कार्य करने के लिए यह जरूरी है कि वह कार्य लोगों के हित से जुड़ा हो तथा लोग उसमें रुचि लें (न कि उसके प्रति उदासीनता जताते हुए यह कहें कि इसमें क्या रखा है),जब वह कार्य सामान्य नहीं असामान्य हो अथवा उससे प्रभावित व्यक्ति मामूली नहीं बल्कि महत्त्वपूर्ण हों।

3.स्टेम में कैरियर की खूबी (Career Features in STEM):

  • स्टेम में कार्य को अधिक से अधिक तथ्यपूर्ण,दमदार और रोचक स्वरूप देने के लिए अब पर्याप्त साधन सुलभ है।आधुनिक युग में स्टेम में बहुआयामी श्रव्य-दृश्य माध्यम का उपयोग किया जाता है।आज ऐसे-ऐसे वैज्ञानिक,गणितज्ञ,तकनीकीशियन व इंजीनियर निजी व सरकारी इकाइयों के विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं।आज ये व्यक्ति जिन संचार माध्यमों का उपयोग करते हैं,वे सभी बहुमुखी हैं और अपने कार्य की तैयारी,प्रस्तुति तथा फैलाव को नया रूप देने की सहूलियत देते हैं।
  • विज्ञान,गणित,तकनीकी और इंजीनियरिंग अपनी तथ्यात्मकता,विशिष्टता,आधुनिक युग के अनुकूल कार्य और विचारों के मेल के कारण अन्य क्षेत्रों से भिन्न होता है।विज्ञान,गणित और तकनीकी ने घर-घर में टेलीविजन तथा हर युवा के हाथ में मोबाइल पहुँचा दिया है।इस विकास से स्टेम को क्रान्तिकारी बढ़ावा मिला है और बहुत से युवा गणितज्ञ,इंजीनियर,वैज्ञानिक और तकनीकीशियन बनते जा रहे हैं।
  • पहले के जमाने में विज्ञान और गणित में जो खोजें,आविष्कार किए जाते थे अब तकनीकी के सहयोग से विशिष्टीकृत और पेशेवर हो गया है।अब विज्ञान,गणित और तकनीकी में होने वाली रिसर्च,शोधों और खोजों पर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में बहसें होती हैं,समूहबद्ध विचार-विमर्श,तकनीकी के आदान-प्रदान और साक्षात्कार में नई प्रवृत्ति के रूप में उभरे हैं।यह प्रवृत्ति सही,सटीक और प्रासंगिक कार्य को ऐसी शैली में पेश किए जाने की मांग करती है कि सामान्य विज्ञान,गणित का पाठक या दर्शक उसे स्वीकारने और सराहने लगे।
  • अब सवाल उठता है कि इस स्टेम में कार्य करने वालों को किन रास्तों और प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है।जवाब यदि नवीनतम प्रवृत्तियों को ध्यान में रखकर दिया जाये,तो निःसंकोच कहा जा सकता है कि स्टेम हमारे लिए शानदार,मालदार,साथ ही चुनौतियों भरा और अत्यधिक पेशेवर कैरियर पेश करता है,जिसमें समय और धन दोनों मूल्यवान होते हैं।

4.इंजीनियरिंग का कार्य (Engineering Work):

  • नौकरी वहीं जहां धन हो,फिर यह देश में मिले या विदेश में।ज्यादातर युवा इसी सूत्र में अपने जीवन को गूँथे हुए हैं।अधिक धन से अधिकतम धन की प्राप्ति उनकी जिंदगी का मकसद बना हुआ है,इसके लिए वे कुछ भी करने के लिए उतारू हैं।कुछ दशक पहले धन की ख्वाहिश में ज्यादातर प्रतिभाएं विदेशों में पलायन कर जाती थी।अमेरिका उनके लिए स्वर्गलोक था।उन दिनों प्रत्येक युवा का सपना होता था कि जिस किसी तरह से अमेरिका का ग्रीन कार्ड हासिल करें और हरे रंग वाले डालरों की रिमझिम बरसात में नहाए,पर इधर के सालों में युवा प्रतिभाओं के मन में अमेरिका की आभा कम हुई है।युवाओं का प्रतिभा पलायन आज उतनी गम्भीर समस्या नहीं रही।
  • युवा विद्यार्थियों द्वारा अब अध्ययन के लिए लन्दन,शिकागो या फिर वाशिंगटन के सपने नहीं देखे जाते हैं।हालांकि विदेशी विश्वविद्यालय भारतीय युवाओं को लुभाने के लिए कई हथकंडे अपना रहे हैं।इनमें अमेरिका के अलावा आस्ट्रेलिया,न्यूजीलैंड,जर्मनी,कनाडा एवं आयरलैंड शामिल हैं।
  • आज साॅफ्टवेयर,वेब डिजाइनिंग,सूचना प्रौद्योगिकी इत्यादि में इंजीनियर्स की डिमांड बढ़ती जा रही है।इन क्षेत्रों में प्रतिभा जगानेवाली चीज है तो दूसरी तरफ कड़ी मेहनत और बहुत दौड़धूप भी करनी पड़ती है।
  • कोरोनावायरस के कारण फैली महामारी कोविड-19 से प्रभावित होकर बहुत सी कम्पनियों को ऑनलाइन व्यवसाय करने की महत्ता समझ में आई है।अतः एप डेवलपर की काफी मांग बढ़ती जा रही है,चूँकि एप डवलप करने के लिए कम्प्यूटर भाषा और कोडिंग के ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे एक इंजीनियर बखूबी कर सकता है।इसमें इंजीनियर को अस्पष्ट,जटिल अथवा दुविधार्थक भाषा का प्रयोग कदापि नहीं करना चाहिए।पिछले तीन-चार वर्षों से ऑनलाईन शिक्षा,व्यवसाय,खरीददारी इत्यादि के प्रति बढ़ती जनरुचि और ललक ने एप डेवलप को योजनाबद्घ रूप से करना अनिवार्य बना दिया है।
  • आज फेसबुक,ट्विटर,यूट्यूब चैनल,लिंकडइन,इंस्टाग्राम जैसे सोशल प्लेटफॉर्म के प्रसिद्ध होने का एक कारण यह भी है कि उनके स्वयं के एप विकसित हैं।सभी युवा वर्ग तथा लोग गूगल पर सर्च करके जाने के बजाय ऐप पर सीधे जाना पसंद करते हैं।
    इंजीनियरिंग व तकनीकी का रुतबा बढ़ने का यह मतलब नहीं है कि गणित का स्काॅप (scope) कम हुआ है।चूँकि तकनीशियन,इंजीनियर तब तक बेहतरीन ढंग से काम नहीं कर सकता है जब तक कि उसे गणित का अच्छा-खासा ज्ञान न हो।इसलिए कोडिंग,एप डेवलप,इंजीनियरिंग,तकनीकी इत्यादि क्षेत्र गणित से ही संचालित होते हैं और सभी क्षेत्रों पर गणित का असर कुछ न कुछ कायम है।अतः कोडिंग,एप डेवलप,सॉफ्टवेयर,वेब डिजाइनिंग,तकनीकी,कंप्यूटर लैंग्वेज इत्यादि में प्रशिक्षित उसी अभ्यर्थी को प्राथमिकता दी जाती है जिसे गणित का ज्ञान हो।
  • उपर्युक्त क्षेत्रों में इंजीनियर्स को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।इन चुनौतियों का सामना और समाधान करने के लिए तार्किक क्षमता का विकास और व्यावहारिक ज्ञान होना आवश्यक है।गणित विषय पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं में तार्किक क्षमता का विशिष्ट विकास होता है अतः वह इन चुनौतियों का सामना बखूबी कर सकता है।तमाम मुश्किलों के बावजूद गणित जैसा विषय व्यापक युवावर्ग के रुचि का विषय बना हुआ है।
  • जो गणित के छात्र-छात्राएं आधुनिक एवं वर्तमान नब्ज को पहचानते हुए तकनीकी का ज्ञान भी अर्जित करते हैं वे जाॅब मार्केट की डिमाण्ड में बने रहते हैं।

5.इंजीनियर के स्तुत्य कार्य का दृष्टान्त (Illustration of the Engineer’s Commendable Work):

  • एक गाँव का युवा शहर से इंजीनियर की डिग्री करके आया।उसे उच्च शिक्षा,तकनीकी का अच्छा ज्ञान था।हालांकि हर युवा के सीखे हुए ज्ञान,तकनीकी और बीटेक का उपयोग केवल बहुराष्ट्रीय कंपनियां ही करती हैं जो न तो जायज है और न उचित।केवल कुछ रुपयों और थोड़ी सी सुख-सुविधाओं के लिए अपनी मातृभूमि के कर्ज को भूल जाना ठीक नहीं है।गांवों से मुंह मोड़कर,शहरों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों का रुख करना अपने जीवन की जड़ों को काटने जैसा है।इसे किसी तरह से रोका जाना चाहिए।गांवों की नींव यदि मजबूत बनी रहे तो शहर के कंगूरे भी चमकते रहेंगे।
  • गांव लौटकर आया तो उसने देखा कि गांव के तीन तालाब टूट चुके थे,खेत उजड़ गए थे और भूमियां बिना जोते हुए पड़ी हुई थी।इस बुरे दौर में अनेक लोग गांव छोड़कर शहर का रुख कर चुके थे।उस युवा इंजीनियर से गांव की यह दशा देखी नहीं गई।उसने गांव का पुनरुद्धार करने का बीड़ा उठाया।
  • उसने कुछ युवाओं को साथ लेकर अपने तकनीकी ज्ञान,कौशल का उपयोग तालाबों का पुनर्निर्माण करने में किया।सर्वप्रथम अकेले ही उसने इस कार्य को करने की ठानी और पुनर्निर्माण प्रारंभ कर दिया।धीरे-धीरे अनेक युवा उसके साथ जुड़ते गए।इस प्रकार उसने अपने युवा साथियों के साथ तालाबों का पुनर्निर्माण कर दिया।
  • इन तालाबों के पुनर्निर्माण से वर्षा के समय पानी से लबालब भर गए।धीरे-धीरे गांव की खुशहाली लौटने लगी।
  • इसके बाद उस युवा इंजीनियर ने उन युवकों को साथ लेकर एक तकनीकी ट्रेनिंग सेन्टर की स्थापना की।धीरे-धीरे युवाओं ने उसमें प्रशिक्षण प्राप्त करना प्रारंभ कर दिया।इस अद्भुत प्रयास में गाँव के लोगों ने भरपूर साथ दिया।कुछ ही वर्षों में वह गाँव एक आधुनिक और उच्च शिक्षित गांव में परिणित हो गया।क्योंकि प्रकृति की खुशहाली लौटने पर भी गांव के युवाओं को तकनीकी तथा आधुनिक ज्ञान के बिना अधूरी ही रहती।
  • प्रकृति के साथ जुड़कर तथा तकनीकी ज्ञान प्राप्त करके इस गांव के युवा और लोग जीवन जीने की कला में इतने माहिर हो गए कि आधुनिक शहर भी उसके सामने फीके पड़ गए।आसपास के गांवों तथा देश के अन्य गाँवों के लिए यह गाँव आदर्श बन गया।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में स्टेम शानदार पेशा कैसे हैं? (How is STEM a Fentastic Profession?),शानदार पेशे स्टेम का यथार्थ क्या है? (What is Reality of Brilliant Profession STEM?) के बारे में बताया गया है।

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6.मनोचिकित्सक और गणित का छात्र (हास्य-व्यंग्य) (Psychiatrist and Mathematics Student) (Humour-Satire):

  • मनोचिकित्सक ने गणित के छात्रा से पूछाःक्या तुम्हे ऐसी आवाजें सुनाई देती है जिनके बारे में तुम बता नहीं सकते कि वे आवाज कहां से आ रही हैं।
  • गणित छात्रा:जी हां।
  • मनोचिकित्सक:ऐसा कब होता है?
  • गणित छात्रा:जब गणित अध्यापक कक्षा में गणित पढ़ाते हुए अपना लेक्चर देते हैं।

7.स्टेम शानदार पेशा कैसे हैं? (Frequently Asked Questions Related to How is STEM a Fentastic Profession?),शानदार पेशे स्टेम का यथार्थ क्या है? (What is Reality of Brilliant Profession STEM?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.विदेशी विश्वविद्यालय भारतीय युवाओं को लुभाने का प्रयास क्यों करते हैं? (Why Do Foreign Universities Try to Allure Indian Youth?):

उत्तर:विकसित देश ही नहीं बल्कि गैर अंग्रेजी भाषा देश भी जो अंग्रेजी में कोर्स चलाते हैं,वे भारतीय छात्रों को लुभाने की कोशिश में रहते हैं।जैसे स्विट्जरलैंड,फ्रांस,इंग्लैंड,जापान,चीन,रूस,स्वीडन,कोरिया,साइप्रस,दक्षिण अफ्रीका और मलेशिया जैसे देश इस दौड़ में शामिल हैं।इन देशों के विश्वविद्यालय क्षेत्रीय छात्रों की तुलना में विदेशी छात्रों से दो-तीन गुना ज्यादा फीस लेते हैं।अतः उनके लिए यह बड़ा ही लाभप्रद व्यवसाय है।

प्रश्न:2.युवाओं में राष्ट्रीय सोच कैसे विकसित की जा सकती है? (How Can National Thinking be Developed in the Youth?):

उत्तर:इसके लिए युवाओं में यह सोच विकसित करने की आवश्यकता है कि धन कमाने के अलावा भी जिंदगी के कुछ मकसद है।इसके लिए संकीर्ण स्वार्थ की सोच से बाहर निकलना होगा।हालांकि देश के कुछ युवा ऐसा कर भी रहे हैं।उन्हें अपनी प्रतिभा के राष्ट्रीय संपत्ति होने का एहसास हो रहा है।ऐसे युवाओं की सोच है कि धन कमाना ही सब कुछ नहीं है बल्कि देश व समाज की सेवा भी एक मकसद है।ऐसे युवा भारतीय कंपनियों में ही काम की तलाश कर रहे हैं।
देश के प्रति निष्ठा रखने वाले इन युवाओं का अपने पर विश्वास ही कहा जाएगा कि ऐसे युवा विदेशों में मिल रहे ऑफर को ठुकरा रहे हैं।ऐसे कुछ युवाओं ने भारतीय संस्कृति को समझ लिया है।इनके विदेश जाने में उनकी देश के प्रति निष्ठा की भावना रोड़ा बन रही है।ऐसे युवा देश के प्रति अपने कर्त्तव्य को समझ रहे हैं।उन्हें न केवल इस बात का एहसास है कि वे यहां तरक्की कर सकते हैं बल्कि उनमें यह सोच भी भी पनप रही है कि उन्होंने देश से लिया काफी कुछ है,अब उन्हें अपने देश का कर्ज भी चुकाना है।

प्रश्न:3.स्टेम के विषयों पर लिखने के लिए क्या ध्यान रखना चाहिए? (What Should be Taken Care of When Writing on STEM Topics?):

उत्तर:इन विषयों पर लिखने के लिए उसमें तथ्यात्मक सामग्री के साथ-साथ सरलता और सुबोधता रहनी चाहिए और साथ ही पूर्णतः खरी और असरदार भी हो तथा उसमें दुविधा या भ्रम पैदा करने की कोई गुंजाइश नहीं रह गई हो।विवेचना-व्याख्या व टीका-टिप्पणी के कुछ तत्त्व भी डाले जा सकते हैं परन्तु तथ्यात्मकता,वैज्ञानिकता के अभाव का अन्तिम अर्थ है स्टेम के विषयों पर लिखने का अन्त।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा स्टेम शानदार पेशा कैसे हैं? (How is STEM a Fentastic Profession?),शानदार पेशे स्टेम का यथार्थ क्या है? (What is Reality of Brilliant Profession STEM?) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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