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12th Mathematics Archive

Integration of parts

खण्डशः समाकलन का परिचय (Introduction to Integration of parts): खण्डशः समाकलन (Integration of parts):अब तक हमने त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाओं, प्रतिस्थापन विधियों तथा बीजीय फलनों के समाकलन ज्ञात करने की विधियों का अध्ययन किया है।परन्तु कुछ फलनों का समाकलन उपर्युक्त विधियों से ज्ञात करना या तो कठिन होता है या फिर संभव नहीं होता है।ऐसी स्थिति में

Differential Equation

अवकल समीकरण का परिचय (Introduction to Differential Equation): अवकल समीकरण (Differential Equation):अवकल समीकरणों का उपयोग मुख्य रूप से भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, मानव विज्ञान, भूविज्ञान, अर्थशास्त्र आदि विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है।अतः सभी अत्याधुनिक वैज्ञानिक अन्वेषणों के लिए अवकल समीकरणों के गहन अध्ययन की अत्यंत आवश्यकता है। इस आर्टिकल में कुछ आधारभूत संकल्पनाओं,

Definite Integration by substitution method

प्रतिस्थापन विधि से निश्चिंत समाकलन का परिचय (Introduction to Definite Integration by substitution method): प्रतिस्थापन विधि से निश्चिंत समाकलन (Definite Integration by substitution method):किसी फलन के निश्चित समाकल का मान ज्ञात करने के लिए पहले उस फलन का ज्ञात विधियों से अनिश्चित समाकलन निकाला जाता है फिर परिणाम में चर के स्थान पर उच्च सीमा

Logarithmic Differentiation

लघुगणकीय अवकलन का परिचय (Introduction to Logarithmic Differentiation): लघुगणकीय अवकलन (Logarithmic Differentiation):जब फलन की घात के रूप में चर हो तो ऐसे फलन का अवकलन ज्ञात करने के लिए सर्वप्रथम फलन का लघुगणक (Logarithmic) लेते हैं और इससे प्राप्त परिणाम का अवकलन करते हैं।इस विधि को लघुगणकीय अवकलन कहते हैं।यदि फलन गुणनखण्डों का गुणनफल हों

Differentiation of Implicit function

अस्पष्ट फलन का अवकलन का परिचय (Introduction to Differentiation of Implicit function): अस्पष्ट फलन का अवकलन (Differentiation of Implicit function):स्पष्ट फलन (Explicit Function)-यदि किसी समीकरण में x तथा y दोनों चर हों तथा इसमें y को x के (या x को y के) के फलन के रूप में व्यक्त किया जा सके तो y को