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3 Tips to Follow a Systematic Routine

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1.व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करने की 3 टिप्स (3 Tips to Follow a Systematic Routine),विद्यार्थी व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करें (Students Should Follow a Systematic Routine):

  • व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करने की 3 टिप्स (3 Tips to Follow a Systematic Routine) के आधार पर विद्यार्थी अपनी जीवन शैली को सन्तुलित कर सकते हैं।कई विद्यार्थी अपनी दिनचर्या को अव्यवस्थित रखते हैं।सत्रारम्भ से परीक्षा की तैयारी करते नहीं हैं और परीक्षा के समय रात-रातभर जागकर कोर्स पूरा करने के लिए अध्ययन करते रहते हैं।वर्षभर अपने समय को फालतू के कार्यों में नष्ट करते रहते हैं और परीक्षा सिर पर आ जाती है तो नींद और भूख गायब हो जाती है।यही कारण है कि परीक्षार्थी परीक्षा के दिनों में बीमार हो जाते हैं।इसके अतिरिक्त मानसिक रोगों,तनाव,चिन्ता,अनिद्रा,हताशा,निराशा,भय,चिड़चिड़ापन इत्यादि से ग्रस्त हो जाते हैं।ऐसी स्थिति में वे न तो ठीक से याद कर पाते हैं और न ही परीक्षा में प्रश्नपत्र को ठीक से हल कर पाते हैं।
  • ऐसे विद्यार्थी तथा कैंडिडेट्स जीवन में न तो अपेक्षित सफलता प्राप्त कर पाते हैं और न ही शांतिपूर्ण जीवन जी पाते हैं।जीवन में वे अपार कष्टों और असफलताओं से मुक्त नहीं हो पाते हैं।इसलिए उन्हें अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित,अनुशासित और संतुलित रखना चाहिए।इस आर्टिकल में कुछ ऐसी बातें बताई गई है जिनको अपनाकर आप अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित कर सकते हैं।
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2.संतुलित जीवनशैली अपनाएं (Adopt a Balanced Lifestyle):

  • किसी भी कार्य अथवा बात की अति हानिकारक होती है।यदि विद्यार्थी अध्ययन करेंगे तथा उचित विश्राम नहीं करेंगे।यदि बहुत धीमी गति से चलेंगे,बहुत धीरे-धीरे सिलेबस अर्थात् पुस्तकों का अध्ययन करेंगे तो कोर्स पूरा नहीं कर पाएंगे और अपने लक्ष्य से वंचित रह जाएंगे।अब छात्र-छात्राएं उदाहरण देते हैं कि जीनियस छात्र-छात्राएं तो अत्यधिक अध्ययन करते हैं,उन्हें तो कुछ नहीं होता है।दरअसल हर विद्यार्थी की दक्षता,पात्रता और योग्यता अलग-अलग होती है।प्रत्येक विद्यार्थी को अपनी दक्षता,पात्रता और योग्यता की जांच-परख करके ही अपनी अध्ययन पद्धति को अपनाना चाहिए।
  • यदि आप अनुशासित दिनचर्या बिताना चाहते हैं,अध्ययन करने के समय को बढ़ाना चाहते हैं तो धीरे-धीरे अपनी क्षमता और योग्यता को बढ़ाना चाहिए।जैसे यदि आप नियमित रूप से रोजाना दो घंटे पढ़ते हैं और अचानक आप दस घंटें पढ़ने लग जाएंगे तो कुछ दिन तो इसका पालन करेंगे और बाद में छोड़ देंगे।साथ ही यह महसूस करेंगे कि इतना अध्ययन करना उसके बस की बात नहीं है।
  • अव्यवस्थित दिनचर्या को एकदम से व्यवस्थित करना बहुत मुश्किल होता है।अपनी दिनचर्या को सीढ़ी दर सीढ़ी (Step by step) व्यवस्थित करें। अत्यधिक शारीरिक तथा मानसिक कार्य करने के बाद विश्राम की भी आवश्यकता होती है।
  • चाणक्य नीति में कहा है कि अत्यधिक सुंदरता के कारण सीता का हरण हुआ,अत्यधिक अहंकार के कारण रावण और उसके कुल का नाश हुआ। अत्यधिक दान देने के कारण राजा बलि को अपना राज्य गंवाना पड़ा और पाताल में रहने को विवश होना पड़ा।इन सब दृष्टांतों से विद्यार्थी को यही सीख लेनी चाहिए कि उन्हें संतुलित जीवन शैली अपनानी चाहिए।

3.प्रकृति से सीख लें (Learn from Nature):

  • प्रकृति की गतिविधि पर गौर करें तो आपको संतुलन दिखाई देगा।हर कार्य नियत समय पर होता है।सूर्य निश्चित समय पर उदय और अस्त होता है। पृथ्वी निश्चित समय पर परिक्रमण और परिभ्रमण करती है।प्रत्येक दिन 24 घंटों का होता है।हमारे शरीर में वात,पित्त और कफ संतुलित रहते हैं तो हम स्वस्थ रहते हैं।यदि संतुलन भंग हो जाए तो हम बीमार पड़ जाते हैं।
  • हालांकि चाणक्य नीति में कहा है कि “सन्तोषस्त्रिषु कर्त्तव्यः स्वदारे भोजने धने।त्रिषु चैव न कर्तव्योध्ययने तपदानयोः।।”अर्थात् अपनी पत्नी,भोजन और धन में संतोष करना चाहिए परंतु अध्ययन,तप और दान इन तीन में कभी संतोष नहीं करना चाहिए।अध्ययन अर्थात् ज्ञान अनंत है तथा उसकी अति कभी होती ही नहीं है।परंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि आप चौबीसों घण्टे अध्ययन करें और विश्राम तथा अन्य दैनिक कर्म न करें।अध्ययन भी व्यवस्थित दिनचर्या के साथ होना चाहिए तभी वह फलदायक होता है।
  • सामर्थ्य से अधिक अध्ययन करने से मानसिक थकान आ जाती है और उसके पश्चात विद्यार्थी अध्ययन करने में सक्षम नहीं होता है।उदाहरणार्थ कोई विद्यार्थी परीक्षा की तैयारी सप्ताह या एक महीने तक रात-रातभर जागकर अध्ययन करेगा तो वह अस्वस्थ हो जाएगा और कई दिनों तक अध्ययन करने के काबिल नहीं रहेगा।हमारे युवावर्ग परीक्षा से पूर्व अपनी सामर्थ्य से अधिक अध्ययन करते हैं।फलतः परीक्षा के समय उन्हें जो याद किया हुआ होता है उसे भूल जाते हैं क्योंकि उनका दिमाग बुरी तरह थका हुआ रहता है।विद्यार्थियों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार अध्ययन करना चाहिए तथा सत्रारम्भ से ही अध्ययन प्रारंभ कर देना चाहिए ताकि परीक्षा के समय अत्यधिक भार न पड़े।यदि वे अधिक अध्ययन करना चाहते हैं और ऐसा करना जरूरी भी हो तो धीरे-धीरे अपनी क्षमता और सामर्थ्य को बढ़ाना चाहिए।अध्ययन कार्य करते समय बीच-बीच में आराम भी करना चाहिए।

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4.अत्यधिक अध्ययन के दबाव से बचाव के तरीके (Ways to Prevent the Pressure of Excessive study):

  • (1.)अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करें।नियत समय पर सोएं और जल्दी उठें।सामान्यतः छात्र-छात्राओं के लिए 6-7 घंटे की नींद पर्याप्त होती है।
  • (2.)अपने समय के एक-एक क्षण का महत्त्व समझे,उसे फालतू के कार्यों में नष्ट न करें।
  • (3.)कई विद्यार्थी अपने मस्तिष्क पर अधिक जोर डालकर अध्ययन करते हैं जिससे सिरदर्द व आंखों में जलन होने लगती है।शांत चित्त और एकाग्र होकर सहज भाव से पढ़ें।
  • (4.)नियमित रूप से ध्यान व योगासन-प्राणायाम के लिए समय दें।लगभग आधा घंटा पर्याप्त है।ध्यान करने से आप चिन्ता,तनाव व मानसिक विकारों से मुक्त हो पाते हैं।आपका मन अध्ययन पर एकाग्र हो पाता है।योगासन-प्राणायाम से गहरी नींद आती है जो आपको तरोताजा होने में सहायक है।कच्ची नींद से शरीर को पूर्ण विश्राम नहीं मिलता है।
  • (5.)कुछ समय मनोरंजन,सामाजिक गतिविधियों,पारिवारिक गतिविधियों तथा मित्रों के साथ बिताना चाहिए।इससे आप अपने विचारों को दूसरों के साथ शेयर (share) करते हैं जिससे मन हल्का होता है।
  • (6.)रोजाना रात को सोते समय पाँच-दस मिनट अपने दिनभर की दिनचर्या का विश्लेषण करें और जहां आवश्यक हो उसमें सुधार करें।
  • (7.)अध्ययन का समय बढ़ाना चाहते हैं तो अपनी शक्ति के संचय को बढ़ाना होगा।
  • (8.)अपने जीवन में अनुशासन का पालन करें। अनुशासन से विद्यार्थी की दक्षता,सामर्थ्य और योग्यता बढ़ती है।
  • (9.)कभी-कभी भरपूर प्रयास करने पर भी अपेक्षित सफलता नहीं मिलती है।इसके लिए अपना आत्म-विश्लेषण करें और अपनी कमजोरियों को दूर करें।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करने की 3 टिप्स (3 Tips to Follow a Systematic Routine),विद्यार्थी व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करें (Students Should Follow a Systematic Routine) के बारे में बताया गया है।

5.बिना फीस कोचिंग क्लास लेने का तर्क (हास्य-व्यंग्य) (The Logic of Taking Coaching Class without Fees) (Humour-Satire):

  • एक छात्रा कोचिंग क्लास लेने के बाद जाने लगी तो।
  • निदेशक:बहिन,कोचिंग की फीस तो जमा करा दो।
  • छात्रा:मेरे पास रुपए नहीं है।
  • निदेशक:अगर तुम्हारे पास रुपए नहीं है तो इतने मँहगे तथा बड़े कोचिंग संस्थान में पढ़ने की क्या जरूरत थी?
  • छात्रा:जहाँ मेरी शिक्षा का सवाल होता है वहाँ मैं पैसों-वैसों की चिंता और परवाह बिल्कुल नहीं करती हूं।

6.व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करने की 3 टिप्स (3 Tips to Follow a Systematic Routine),विद्यार्थी व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करें (Students Should Follow a Systematic Routine) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.अनुशासन का क्या महत्व है? (What is the Importance of Discipline?):

उत्तर:मृदु अथवा कठोर अनुशासन बुरे कर्मों को करने से रोकता है।बुद्धिमान मनुष्य उसे हितकर मानता है परंतु दुर्जन मनुष्य के लिए वही दोष का कारण होता है।भयमुक्त बुद्धिमान मनुष्य कठोर अनुशासन को भी हितकर मानते हैं परंतु मूर्खों के लिए वही द्वेष का कारण बन जाता है।भारतीय शास्त्रों के अनुसार शुद्ध अन्तःकरण के अनुसार आचरण करना,सज्जन,बड़ों व गुरुजनों के अनुभवों के अनुसार आचरण करना अनुशासन है।

प्रश्न:2.क्या सदैव सत्य बोलना चाहिए? (Should you Always Speak the Truth?):

उत्तर:महाभारत में कहा है कि “सत्यस्य वचनं श्रेयः सत्यादपि हितं वदेत्।यद् भूतहितमत्यन्तं एतत्सत्यं मतं मम।।” अर्थात् सत्य बोलना अच्छा है परन्तु सत्य से भी अधिक अच्छा ऐसा बोलना है जिससे सब प्राणियों का हित हो।जिससे सब प्राणियों का हित हो वही मेरे मत में सत्य है।
मनुस्मृति में कहा है कि” सत्यं ब्रूयात प्रियं ब्रुयात न ब्रुयात सत्यप्रियम।”अर्थात् सत्य बोलना चाहिए,प्रिय बोलना चाहिए किन्तु जो अप्रिय लगे ऐसी बात सच्ची हो तो भी नहीं बोलना चाहिए।जहाँ सत्य बोलने से किसी प्रकार भी किसी के हित की शंका हो वहां सत्य मत बोलो,चुप रहो।

प्रश्न:3.इन्द्रिय निग्रह से क्या तात्पर्य है? (What is Meant by Sense Control?):

उत्तर:जिस प्रकार कछुआ अपने अंगों को शरीर के भीतर समेट लेता है,उसी प्रकार मेधावी छात्र-छात्राएं स्वाध्याय के द्वारा बुरे कर्मों से अपना बचाव करता है अर्थात् बुरे कर्म नहीं करता है।मन के द्वारा इन्द्रियों को वश में करना और बुरे कर्मों को न करना तथा अच्छे कर्मों को करना इंद्रिय निग्रह है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करने की 3 टिप्स (3 Tips to Follow a Systematic Routine),विद्यार्थी व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करें (Students Should Follow a Systematic Routine) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

3 Tips to Follow a Systematic Routine

व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करने की 3 टिप्स
(3 Tips to Follow a Systematic Routine)

3 Tips to Follow a Systematic Routine

व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करने की 3 टिप्स (3 Tips to Follow a Systematic Routine)
के आधार पर विद्यार्थी अपनी जीवन शैली को सन्तुलित कर सकते हैं।
कई विद्यार्थी अपनी दिनचर्या को अव्यवस्थित रखते हैं।

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