Menu

3 Golden Formulas for Maths Students

Contents hide

1.गणित विद्यार्थियों के लिए 3 स्वर्णिम सूत्र (3 Golden Formulas for Maths Students),गणित विद्यार्थियों के लिए 3 उपयोगी सूत्र (3 Useful Formulas for Maths Students):

  • गणित विद्यार्थियों के लिए 3 स्वर्णिम सूत्र (3 Golden Formulas for Maths Students) बताए जा रहे हैं जिसका पालन करने से गणित में ओर अधिक ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं।ये स्वर्णिम सूत्र तभी उपयोगी सिद्ध होंगे जबकि इनका पालन किया जाए अर्थात् आचरण में उतारा जाए।
  • दरअसल आधुनिक जीवन शैली,सुविधाभोगी तथा साधनों के उपयोग करने से युवाओं में तप,कठिन परिश्रम,साधना,एकाग्रता,ध्यान व योग का अभाव देखा जाता है।
  • प्राचीन भारतीय संस्कृति में ये गुण खोजे गए हैं। परंतु पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव तथा आधुनिक जीवन शैली,सुविधाओं का प्रयोग करने के कारण तप,कठिन परिश्रम,साधना,एकाग्रता,ध्यान व योग जैसी विद्याएँ कुम्हला गई हैं,मुरझा गई है।
    योग का प्रचार प्रसार भी तभी हुआ जब बाबा रामदेव ने इस पर प्रोफेशनल (व्यवसायिक) तड़का लगाया।
  • आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें।जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके । यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए । आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

Also Read This Article:Methods of Evaluation in Mathematics

2.नकारात्मक बातें जो न अपनाई जाएं (Negative Things That are not Adopted):

  • (1.)दुर्व्यसनों जैसे:मादक द्रव्यों का प्रयोग करना,अफीम,गांजा,चरस,शराब का सेवन करना,ड्रग्स का सेवन करना इत्यादि से दूर रहे। अर्थात् इनको जीवन में न अपनाएं वरना आपका जीवन नर्क बन जाएगा।
  • (2.)अशुभ कार्यों जैसे:किसी की चुगली,निन्दा करना,किसी की वस्तु की चोरी करना,झूठ बोलना,आलस्य करना इत्यादि नहीं करें।जहां तक हो सके न तो किसी की निंदा करें न निंदा सुने।
    अशुभ कार्य का बीज पहले विचार बनता है फिर कृत्य बनता है तथा कर्म से आदतों व संस्कारों का निर्माण होता है।
  • (3.)कामुक कृत्य,अय्याशी करना,विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होना,छुपकर यौन कार्य को देखना,कामुक चिंतन करना,काम-क्रीड़ा का साहित्य पढ़ना,कामुक बातों की मित्रों से चर्चा करना,कामुक चर्चा में रस लेना इत्यादि काम विद्यार्थी काल में बिल्कुल भी ना करें।ये विद्यार्थी के पतन का मार्ग हैं।विद्यार्थी को गर्त में गिराने वाले हैं।
  • (4.)दुर्जनों,दुष्ट व्यक्तियों,चापलूसो इत्यादि की संगति न करें।न इनसे दोस्ती अच्छी होती है और न दुश्मनी अच्छी है।क्योंकि कोयला को हाथ में लोगे अर्थात् संगति करोगे तो हाथ काले कर देता है और जलते हुए कोयले को हाथ में लोगे अर्थात् दुश्मनी करोगे तो हाथ को जला देता है।
  • (5.)फैशनपरस्ती,फिजूलखर्ची,मौज करना,गप्पे मारना,डींग हांकना,चापलूसी करना,मटरगश्ती करना,समय नष्ट करना इत्यादि कार्य न करें।क्योंकि इन कार्यों को करने से जीवन शैली सुविधाभोगी बनती है जो कि विद्या अर्जित करने में बाधक है। अपनी आवश्यकताओं को न्यूनतम रखें।गोल-गोल और मीठी-मीठी बातें तथा चिकनी-चुपड़ी बातें करने वालों से सावधान रहें।
  • (6.)किसी विद्यार्थी को दिल दुखाने वाली बात न करें।किसी का उपहास,हंसी-मजाक न उड़ाए।हंसना और हंसाना अच्छा है पर हँसी उड़ाना ठीक नहीं है।जो बातें आप अपने साथ पसंद नहीं करते हैं वह बातें दूसरों के साथ भी न करें।
  • (7.)यदि किसी के प्रति गलतफहमी है,दुर्भावना है,किसी कारण से घृणा हो गई है तो आपस में विचार-विमर्श करके इनको दूर कर लेना चाहिए।मन ही मन में पाले रहने से यह दूसरों का कम स्वयं का अधिक नुकसान करती है।

3.सकारात्मक बातें जो अपनाई जाएं (The Positive Things That are Adopted):

  • (1.)नियत समय पर शयन करें तथा प्रातःकाल जल्दी उठे।सुबह के समय में वातावरण शांत रहता है,कोलाहल नहीं होता है तथा दिमाग भी विश्राम किया हुआ होता है।अतः प्रातःकालीन अध्ययन प्रफुल्लित,तरोताजा,प्रसन्नचित्त और एकाग्रचित्त होकर करने से टाॅपिक ठीक से समझ में आता है और याद रहता है।दुख व पीड़ा को पास न फटकने दें।ये गणित के अध्ययन में अवरोधक हैं।
  • (2.)आपके अंदर प्रतिभा का अनन्त स्रोत है जो स्वतः प्रगट नहीं होता है बल्कि गणित की समस्याओं को हल करने,बार-बार अभ्यास करने से प्रकट होती है।यदि आप गणित की समस्याओं को हल करने या जीवन की समस्याओं को हल करने में रुचि नहीं लेते हैं,हल नहीं करते हैं तो आपकी प्रतिभा सुप्त रह जाती है।आपकी प्रतिभा सड़-गल जाती है।अतः गणित की समस्याओं व कठिनाइयों से मुँह न मोड़ें बल्कि उनका खुले दिल से स्वागत करें।उनमें दिलचस्पी लेकर हल करें।
  • (3.)करोड़ों व्यक्ति जन्म ले चुके हैं और मर चुके हैं परंतु उनको कोई याद नहीं करता है।जिनको याद किया जाता है उन्हें उनके कृतित्व से,महान कार्य से याद किया जाता है।अपने आप को पहचाने,अपने भीतर की योग्यता को पहचाने और उसको निखारने,उभारने,पल्लवित होने,खिलने के लिए भरपूर प्रयास करें।
  • (4.)हमेशा शुभ,हितकारी व कल्याणकारी बातों का ही चिंतन-मनन करें।इससे आपका व्यक्तित्व निखरता है।आपकी समस्याओं का समाधान आसानी से होता है।
  • (5.)अपने आत्मविश्वास को बनाए रखें। आत्मविश्वास से गणित की समस्याएं,कठिनाइयां तो नहीं सुलझ सकती हैं परंतु आत्मविश्वास गणित की समस्याओं का सामना करने का साहस प्रदान करता है।
  • (6.)गणित में आने वाली समस्याओं,कठिनाइयों की हर किसी के साथ चर्चा न करें बल्कि उनके साथ चर्चा करें जो आपकी समस्या को सुलझाने में मदद करता है।जैसे माता-पिता,अभिभावक व शिक्षकों के साथ चर्चा कर सकते हैं।ये आपके अधिक शुभचिंतक होते हैं।
  • (7.)गणित तथा अन्य विषयों में प्रतिदिन कुछ ना कुछ नया सीखते रहें।हर दिन को ऐसे ही न गुजार दें जैसे पिछला दिन था।हर दिन कुछ न कुछ नवीन ज्ञान,नई बातों को जोड़ने से आपके ज्ञान में वृद्धि होती जाएगी।
  • (8.)समय अमूल्य है।बीता हुआ समय,नष्ट किया हुआ समय किसी भी कीमत में,किसी भी हालत में प्राप्त नहीं किया जा सकता है यहां तक कि समय का महत्त्व परमात्मा से भी अधिक है।वैसे काल को महाकाल भी कहा जाता है जो परमात्मा का ही स्वरूप है।अतः एक एक क्षण की कद्र करें।
  • (9.)किसी का सहयोग,सहायता करने पर उसका गुणगान न करें।याद रखें आप भी किसी गणित की समस्या को हल न कर पाने पर किसी से सहयोग लेते हैं।आत्मप्रशंसा दुर्गुण है।न दूसरों का सहयोग इस अपेक्षा से करें कि उसे आपका स्वार्थ सिद्ध होता है।
  • (10.)यदि आपके मित्र,सहपाठी गणित में प्रखर हैं तो उनकी प्रशंसा सबके सामने खुले दिल से करें।
  • (11.)गणित के प्रतिदिन का कार्य प्रतिदिन निपटाएं।आज का काम कल पर न टालें।कल पर टालने पर गणित का कार्यभार बढ़ता जाता है जो बाद में नियंत्रण में नहीं रहता है।
  • (12.)अपना ध्यान हमेशा अपने लक्ष्य की प्राप्ति करने में लगाएं अर्थात् विद्याअर्जन करना,गणित का निरंतर व नियमित रूप से अध्ययन,मनन व चिंतन करना।अध्ययन,मनन चिन्तन को अपने जीवन का अंग बनाएं,आदत बनाएं।

Also Read This Article:6 Best Tips to Increase Memory in Math

4.व्यावहारिक जीवन को सुगम करने हेतु अपनाई जाने वाली बातें (Things to be Adopted to Make Practical Living Easier):

  • (1.)थोड़ा-बहुत ज्ञान,ध्यान,धार्मिक,योग संबंधी बातों को भी सीखते रहना चाहिए।धार्मिक व आध्यात्मिक बातों का आध्यात्मिक जगत में तो महत्त्व है ही परंतु व्यावहारिक जगत में भी इनका महत्त्व है।आध्यात्मिकता से धैर्य,सहनशीलता,एकाग्रता,सदाचार, संयम इत्यादि गुणों का विकास होता है जो आपके विद्याअर्जन तथा गणित अध्ययन में भी आवश्यक है।
  • (2.)चरित्र का निर्माण करने के लिए विद्यार्थी काल सबसे उत्तम समय है।बाद में आदतें और संस्कार मजबूत हो जाते हैं अतः चरित्र का निर्माण बहुत कठिन हो जाता है।चरित्र कई गुणों का जोड़ होता है।जैसे:इमानदारी,सत्यवादी,सरलता,सज्जनता, विनम्रता इत्यादि।
  • (3.)चिंता के बजाय चिंतन व मनन करें।
  • (4.)आत्मविश्वास,आत्मसंयम,आत्मज्ञान तथा आध्यात्मिकता से व्यक्ति में पूर्णता आती है।केवल भौतिक पक्ष (शिक्षा) से व्यक्ति अपूर्ण ही रहता है।
  • (5.) कुछ भी बोलने से पहले सोच,समझकर बोलें।
  • (6.)मन में हमेशा शुभ,पवित्र व शुद्ध विचारों को ही कंपनी दें।बुरे विचारों को प्रश्रय न दें।
  • (7.)धर्म का पालन करें।धर्म का अर्थ संप्रदाय,पंथ,फिरका नहीं होता है।धर्म का अर्थ है जो धारण किया जाए।इसलोक (वर्तमान जीवन) तथा परलोक (आगामी जीवन) में सुख मिले वह धर्म है।
  • (8.)शिक्षा,स्वाध्याय,सत्संग आध्यात्मिकता को अपने जीवन का अंग बनाएं।
  • (9.)अनासक्त कर्म योग को अपने जीवन में अपनाएं।कर्ययोग को भली-भांति समझे और उसके अनुसार आचरण करें।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में गणित विद्यार्थियों के लिए 3 स्वर्णिम सूत्र (3 Golden Formulas for Maths Students),गणित विद्यार्थियों के लिए 3 उपयोगी सूत्र (3 Useful Formulas for Maths Students) के बारे में बताया गया है।

5.गणित के ट्यूटर की फीस (हास्य-व्यंग्य) (Fees of Mathematics Tutor) (Humour-Satire) :

  • गणित ट्यूटर (छात्र से):अरे तुम्हारा दिल इतनी जोर से क्यों धड़क रहा है? इतना घबराए हुए क्यों हो? किस चिंता में डूब गए।ऐसे अचानक क्या हो गया?
  • छात्र (गणित ट्यूटर से):क्योंकि अभी-अभी मैंने जब आपकी ट्यूशन फीस सुनी है तभी से ऐसी स्थिति हो गई है।

6.गणित विद्यार्थियों के लिए 3 स्वर्णिम सूत्र (3 Golden Formulas for Maths Students),गणित विद्यार्थियों के लिए 3 उपयोगी सूत्र (3 Useful Formulas for Maths Students) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.विद्यार्थी नम्र कब होता है? (When is the Student Humble?):

उत्तर:गणित की समस्याओं को हल न कर पाने,कम अंक आने तथा अनुत्तीर्ण होने पर नम्र होता है यदि नहीं होता है तो वह मूर्ख तथा ठूँठ है।

प्रश्न:2.गणित को आसान बनाने का मूल मंत्र क्या है? (What is the Basic Mantra of Making Maths Easier?):

उत्तर:बार-बार अभ्यास करने,पुनरावर्ती करने तथा चिंतन और मनन करने से गणित जैसे विषयों को आसान बनाया जा सकता है।

प्रश्न:3.मित्रता निभाने के लिए क्या करें?(What to Do Make Friends?):

उत्तर:मित्र से गलती हो जाए तो माफ करें और भूल जाएं।आपसी विवाद को प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनाए बल्कि विचार-विमर्श करके विवाद को सुलझाएं।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा गणित विद्यार्थियों के लिए 3 स्वर्णिम सूत्र (3 Golden Formulas for Maths Students),गणित विद्यार्थियों के लिए 3 उपयोगी सूत्र (3 Useful Formulas for Maths Students) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

3 Golden Formulas for Maths Students

गणित विद्यार्थियों के लिए 3 स्वर्णिम सूत्र
(3 Golden Formulas for Maths Students)

3 Golden Formulas for Maths Students

गणित विद्यार्थियों के लिए 3 स्वर्णिम सूत्र (3 Golden Formulas for Maths Students) बताए जा रहे हैं
जिसका पालन करने से गणित में ओर अधिक ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं।
ये स्वर्णिम सूत्र तभी उपयोगी सिद्ध होंगे जबकि इनका पालन किया जाए अर्थात् आचरण में उतारा जाए।

No. Social Media Url
1. Facebook click here
2. you tube click here
3. Instagram click here
4. Linkedin click here
5. Facebook Page click here
6. Twitter click here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *