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Top 4 Tips for Board Exam for Students

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1.छात्र-छात्राओं के लिए बोर्ड परीक्षा की बेहतरीन 4 टिप्स (Top 4 Tips for Board Exam for Students),छात्र-छात्राओं के लिए परीक्षा की तैयारी की बेहतरीन 4 टिप्स (4 Best Exam Preparation Tips for Students):

  • छात्र-छात्राओं के लिए बोर्ड परीक्षा की बेहतरीन 4 टिप्स (Top 4 Tips for Board Exam for Students) अध्ययन करने की रणनीति तैयार करने में सहायक सिद्ध होगी।परीक्षाएं नजदीक आ रही है।अधिकांश छात्र-छात्राएं परीक्षा की तैयारी कर रहे होंगे तथा जो छात्र-छात्राएं उथले मन से परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उन्हें भी परीक्षा की गंभीरतापूर्वक तैयारी में जुट जाना चाहिए।परीक्षा के लिए शरीर और मन का सक्रिय और जागरूक होना जरूरी है।अक्सर परीक्षा के दबाव,एग्जाम फोबिया के कारण स्वास्थ्य तथा मानसिक समस्याएं (तनाव,चिंता,भय,हताशा इत्यादि) खड़ी हो जाती हैं।लेकिन ये समस्याएं उन्हीं विद्यार्थियों में खड़ी होती हैं जो छात्र-छात्राएं परीक्षा की तैयारी सत्रारम्भ से शुरू नहीं करते हैं।ऐसे छात्र-छात्राएं परीक्षा के निकट तैयारी शुरू करते हैं।इसलिए उन्हें यह समझ में नहीं आता कि किस विषय की तैयारी करें और किस विषय के कौन-कौनसे टॉपिक की तैयारी करें।जब उनकी नजरों के सामने परीक्षा का संपूर्ण पाठ्यक्रम मस्तिष्क में घूमने लगता है तो वह बेचैन हो जाते हैं,हड़बड़ा जाते हैं।
  • कई विद्यार्थियों को मानसिक थकान,सिरदर्द,अनिद्रा,बैचेनी,निराशा,हताशा,तनाव,चिंता,भय,भूख न लगना,चिड़चिड़ा स्वभाव हो जाना,दिमागी कमजोरी,अध्ययन किया हुआ भूल जाना इत्यादि शारीरिक और मानसिक विकृतियाँ परेशानी में डाल देती हैं।ऐसी स्थिति में परीक्षा प्रश्न-पत्र खराब होने तथा परीक्षा पर बुरा असर पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
  • इन सबसे मुक्त रहने का उपाय है अपने आपको अध्ययन करने में व्यस्त रखें।धैर्य धारण करें और शांतिपूर्वक अध्ययन कार्य में जुट जाएं।अध्ययन की सटीक रणनीति अपनाकर उसका दृढ़ता से पालन करें।चिंता नहीं बल्कि चिंतन करें और कुछ समय ध्यान व योग साधना में दें।इस आर्टिकल में अध्ययन की रणनीति बताई जा रही है जिन पर अमल करके आप उपर्युक्त समस्याओं से मुक्त हो सकते हैं।
  • यह ठीक बात है कि छात्र-छात्राओं की सफलता और असफलता को मापने का परीक्षा फल अर्थात परीक्षा में अर्जित अंक होते हैं।परीक्षा छात्र-छात्राओं के जीवन का खास अंग है जिसे हर छात्र-छात्रा को गुजरना पड़ता है।परीक्षा के द्वारा यह पता चलता है कि छात्र-छात्राएं कठिन परिस्थितियों का सामना कैसे करता है और समस्याओं को सुलझाने की उसमें कितनी दक्षता व क्षमता रखता है।साप्ताहिक,मासिक टेस्ट,अर्धवार्षिक परीक्षा,प्री बोर्ड परीक्षा,बोर्ड परीक्षा,प्रवेश परीक्षा इत्यादि विद्यार्थी के अध्ययन का हिस्सा है।इस आधार पर छात्र-छात्राओं की सफलता-असफलता का मूल्यांकन किया जाता है।फलतः विद्यार्थी परीक्षा से डरते हैं।
  • जो विद्यार्थी परीक्षा के निकट तैयारी प्रारंभ करते हैं,वर्षभर पढ़ाई करते हैं परन्तु एकाग्रतापूर्वक अध्ययन नहीं करते हैं,कुछ विद्यार्थी ऐसे भी होते हैं जो परीक्षा में अच्छे प्रतिशत लाने की चिन्ता में तनावग्रस्त हो जाते हैं इस प्रकार के विद्यार्थियों पर एग्जाम फोबिया सवार हो जाता है।सभी विद्यार्थियों को जो परीक्षा के समय तैयारी चालू करते हैं अथवा वर्षभर से तैयारी कर रहे हैं उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि आपके जीवन में परीक्षा ही सब कुछ नहीं है।कई महान् लोग ऐसे हुए हैं जो पढ़ने में फिसड्डी थे लेकिन उन्होंने खेल में,संगीत में,राजनीति में यहां तक कि विज्ञान और गणित के क्षेत्र में उल्लेखनीय और अद्भुत कार्य किए हैं।
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2.परीक्षा की तैयारी हेतु रणनीति बनाएं (Strategize for Exam Preparation):

  • कुछ छात्र-छात्राएं अव्यवस्थित,बिना योजना तथा टाइम टेबल के बिना पढ़ते रहते हैं।किसी विषय को खूब पढ़ लेते हैं,किसी विषय को बिल्कुल नहीं पढ़ते हैं,कभी पढ़ते हैं और कभी नहीं पढ़ते हैं।कुछ विद्यार्थी ऐसे भी होते हैं जिनकी आंख परीक्षा के समय ही खुलती है,उस समय वे इसी उधेड़बुन में लग जाते हैं कि क्या पढ़े,क्या नहीं पढ़े,समय निकलता जा रहा है और उनकी घबराहट बढ़ती जाती है।
  • सत्रारम्भ से पढ़ाई न भी की हो तो भी एक निश्चित रणनीति के अनुसार पढ़ाई की जाए तो परीक्षा में सफल हुआ जा सकता है।यों तो जीवन के हर मोड़ पर रणनीति की जरूरत होती है परंतु छात्र जीवन में पढ़ाई की रणनीति और टाइम टेबल की अधिक उपयोगिता और महत्ता है।
  • हम सुबह-शाम का भोजन,स्नान करने,सोने और जागने का कार्य नियत समय पर करते हैं।विद्यालय में हर विषय तथा अध्यापक का एक नियत समय होता है।साप्ताहिक,मासिक टेस्ट,अर्द्धवार्षिक परीक्षा और वार्षिक परीक्षा एक नियत समय के अनुसार होती है तो फिर छात्र-छात्राएं अध्ययन की रणनीति और टाइम टेबल बनाकर क्यों नहीं पढ़ें।जो छात्र-छात्राएं सत्रारम्भ से योजनाबद्ध और समय सारणी बनाकर अध्ययन करते हैं उन्हें समय का अभाव महसूस नहीं होता है।परंतु जो छात्र-छात्राएं बिना रणनीति और टाइम टेबल के पढ़ते हैं उन्हें समय की कमी महसूस होती है।ऐसे छात्र-छात्राएं समय की कमी का रोना रोते रहते हैं।
  • यदि छात्र-छात्राएं योजनाबद्ध,व्यवस्थित,रणनीति और समय सारणी के अनुसार अपने को ढाल लेते हैं तो उन्हें परीक्षा में ही नहीं बल्कि जीवन के किसी मोड़ पर असफलता नहीं मिलती है।
  • पढ़ाई की रणनीति तैयार करते समय यह विचार करना चाहिए कि उनके लिए कौनसा विषय सरल है और कौनसा विषय कठिन है? हर छात्र-छात्रा की मानसिक स्थिति अलग-अलग होती है।किसी छात्र-छात्रा को अंग्रेजी व सामाजिक विज्ञान सरल लगते हैं किंतु गणित व विज्ञान विषय कठिन लगते हैं।ऐसे छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी,सामाजिक विज्ञान व हिंदी को कम समय देना चाहिए जबकि गणित व विज्ञान जैसे विषयों को अधिक समय अध्ययन करना चाहिए।
  • कुछ विद्यार्थियों को गणित विषय सरल लगता है।वे गणित के सवाल और समस्याओं को चुटकियों में हल कर देते हैं।ऐसे विद्यार्थियों को गणित को कम समय तथा जो विषय कठिन लगे उसे अधिक समय देना चाहिए।परंतु केवल अध्ययन की रणनीति और टाइम टेबल बनाना ही महत्त्वपूर्ण नहीं है बल्कि उस पर अमल करना उससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण है तभी विषय पर पकड़ मजबूत की जा सकती है।अध्ययन की रोजाना समीक्षा भी करना चाहिए।रोजाना सोते समय विचार करना चाहिए कि जिस विषय को जितना समय दिया जाना चाहिए उतना दिया गया है या नहीं।यदि उतना समय नहीं दिया गया तो क्यों नहीं दिया गया? प्रत्येक विषय को उचित समय किस प्रकार दिया जा सकता है? विषय को अधिक समय देना ही आवश्यक नहीं है बल्कि पढ़ा हुआ कितना याद रहा है यह ज्यादा महत्त्वपूर्ण है।समय-समय पर रिवीजन भी करते रहना चाहिए।

3.परीक्षा की तैयारी हेतु टिप्स (Tips for Exam Preparation):

  • (1.)पढ़ाई के लिए रणनीति,योजनाबद्ध और टाइम टेबल बनाकर करें।
  • (2.)कठिन विषयों को अधिक समय और सरल विषयों को कम समय दें।
  • (3.)नियमित रूप से पढ़े हुए विषय की पुनरावृत्ति करते रहें।पुनरावृत्ति करने से विषय स्मरण रहता है और विषय पर पकड़ मजबूत होती है।साथ ही आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
  • (4.)किसी विषय के पाठ को रटने के बजाय समझकर याद करें।
  • (5.)विषय को समझकर पढ़ने के बाद उसके नोट्स भी बनाए।नोट्स में चित्रों और रेखाचित्र का भी उल्लेख करें।पुनरावृत्ति करने के लिए नोट्स से पढ़ना रोचक और सरल हो जाता है।
  • (6.)परीक्षा से करीब एक माह पूर्व मॉडल पेपर्स को हल करें।माॅडल पेपर्स से कमजोर टाॅपिक्स का पता चल जाएगा।कमजोर टाॅपिक को पुनः तैयार करें।
  • (7.)किसी विषय के टाॅपिक में कठिनाई महसूस हो तो मित्रों,शिक्षकों तथा सन्दर्भ पुस्तकों की सहायता से समझने का प्रयास करें।
  • (8.)सभी विषयों को महत्त्व दें।किसी सरल विषय की उपेक्षा न करें क्योंकि परीक्षा में प्राप्तांक बढ़ाने में हर विषय का योगदान होता है ज्ञान प्राप्ति के दृष्टिकोण से भी हर विषय का प्राथमिक ज्ञान होना चाहिए।
  • (9.)परीक्षा के निकट समय में नए टॉपिक को याद करने की कोशिश न करें।नए टाॅपिक को समझकर याद करने में समय लगता है।यदि समझ में नहीं आता है तो पहले से याद किया हुआ अध्ययन भी प्रभावित होता है।
  • (10.)परीक्षा के दौरान तथा परीक्षा के निकट समय में नोट्स पढ़ना चाहिए अथवा मॉडल पेपर्स हल करना चाहिए।
  • (12.)अपनी कमजोरियों को पहचानकर दूर करने की कोशिश करें।
  • (13.)ऐसे कक्ष में पढ़े जिसमें शोरगुल न हो तथा वातावरण शान्त हो।
  • (14.)यदि समय कम है तो सिलेबस को गौर से देखें तथा जिन टाॅपिक को आसानी से तैयार कर सकते हैं उन्हें पढ़ सकते हैं।यदि आपके समझ में नहीं आ रहा है कि कौनसे टाॅपिक सरल हैं तो मित्रों व अध्यापक की सहायता लें।
  • (15.)नियमित रूप से पुनरावृत्ति के लिए भी टाइम टेबल में स्थान दें और रिवीजन करें।
  • (16.)लगातार पढ़ने के बजाए बीच में ब्रेक दें।कुछ समय कमरे में टहल लें।आंखे बंद करके तरोताजा होने की कोशिश करें।
  • (17.)अध्ययन एकाग्रता पूर्वक करें।एकाग्रता के लिए रोजाना प्रातःकाल ध्यान करें।पढ़ते समय अन्य विचारों को मन में न आने देकर भी एकाग्रता का अभ्यास किया जा सकता है।
  • (18.)चयनित अध्ययन (Selected Study) न करके संपूर्ण पाठ्यक्रम का अध्ययन करें।यदि सत्रारम्भ से अध्ययन नहीं किया है और परीक्षा के समय ही अध्ययन कर रहे हैं तो चयनित अध्ययन कर सकते हैं।
  • (19.)अध्ययन करने के लिए सुबह का समय ही बेहतर होता है।परंतु कुछ छात्र-छात्राओं की आदत सुबह जल्दी न उठकर देर रात तक पढ़ने की होती है ऐसे छात्र-छात्राओं को पर्याप्त विश्राम और नींद भी लेना चाहिए।
  • (20.)रोजाना कुछ समय योगासन-प्राणायाम अथवा व्यायाम करें।इससे मानसिक असंतुलन,तनाव,चिंता तथा अन्य समस्याओं से मुक्ति पाने में सहायता मिलती है।
  • (21.)किसी भी टॉपिक को पढ़ने के बाद उसे मन ही मन दोहराना चाहिए।

4.अभिभावकों तथा माता-पिता द्वारा ध्यान रखने वाली बातें (Things to Keep in Mind by Parents and Guardians):

  • (1.)अभिभावकों तथा माता-पिता को छात्र-छात्राओं के भविष्य को लेकर चिंतित होकर दाब-दबाव न डालें।
  • (2.)परीक्षा में अच्छे अंक लाने तथा अव्वल आने का दबाव डालने से छात्र-छात्राएं तनावग्रस्त हो जाते है।अधिक प्रयास करने के चक्कर में जो कुछ याद है उसे भी भूल सकता है।
  • (3.)बच्चों पर परीक्षा की तैयारी को लेकर दबाव न बनाएं और उन पर हावी होने का प्रयास न करें।
  • (4.)बच्चों की तुलना दूसरे छात्र-छात्राओं से न करें।
  • (5.)अध्ययन के लिए बच्चों को डांट-डपट से काम न लेकर प्रेमपूर्वक समझाएं जिससे वे अनावश्यक रूप से तनावग्रस्त न हो।
  • (6.)बच्चों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित करने वाली भाषा का प्रयोग करें।
  • (7.)बच्चों को अध्ययन में आने वाली परेशानियों को शांतिपूर्वक सुने और यथोचित समाधान करने की कोशिश करें।
  • (8.)बच्चों के प्रति सॉफ्ट व्यवहार रखें तथा उन्हें पढ़ने के लिए उत्साहित करें।
  • (9.)बच्चों के खान-पान,पर्याप्त विश्राम लेने संबंधी बातों का ध्यान रखें।ऐसे उत्तेजक पदार्थ तथा खाने की चीजें न दें जिससे बच्चों का अध्ययन प्रभावित होता हो।

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5.बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र का दृष्टान्त (Parable of a Student Taking Board Exams):

  • अब परीक्षा की तैयारी में हर छात्र-छात्रा जुटा हुआ है।हर छात्र-छात्रा नोट्स बनाना,याद करना,मॉडल पेपर्स हल करना,अध्ययन करने की पुनरावृत्ति करने में लगा हुआ है।लेकिन कुछ छात्र-छात्राएं ऐसे भी होते हैं जो अवसर का फायदा नहीं उठाते हैं।समय को फालतू कार्यों में नष्ट करते रहते हैं।परीक्षा में कम अंक आने पर अथवा अनुत्तीर्ण होने पर ऐसे छात्र-छात्राएं कहते हैं कि उन्होंने परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की थी परंतु वास्तव में वे पढ़ाई को टालते रहते हैं।ऐसे छात्र-छात्राएं स्वयं के साथ-साथ,माता-पिता तथा अन्य लोगों की आंखों में धूल झोंकते हैं।
  • ऐसे ही एक विद्यार्थी था उससे माता-पिता बहुत परेशान थे।हर बार माता-पिता उसे प्रेम से समझाते कि उसे पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए।हर बार उसका उत्तर होता है कि परीक्षा में अच्छे अंकों से ही उत्तीर्ण होऊंगा और स्कूल में टॉप करूंगा।लेकिन टाॅप करना तो दूर रहा,वह मुश्किल से ही उत्तीर्ण हो पाता था।माता-पिता कहते कि उसे सुबह जल्दी उठकर पढ़ने का प्रयास करना चाहिए।लेकिन सुबह सर्दियों के समय तो रजाई से निकलने का मन ही नहीं करता और सोया पड़ा रहता।गर्मियों के मौसम में कूलर की ठंडी-ठंडी हवा में सोने के बाद उठने का जी ही नहीं करता।
  • सुबह देरी से उठता और नित्य कर्मों से निवृत्त होकर सोचता कि वह भोजन करके पढ़ने बैठ जाएगा।लेकिन भोजन अधिक मात्रा में कर लेता तो फिर सोचना कि उसे टहलना चाहिए।वह इधर-उधर घूमता तो सोचता कि टीवी पर फेवरेट फिल्म आ रही है।फिल्म को थोड़ी देर देख लेता हूं फिर पढ़ने बैठ जाऊंगा।लेकिन फिल्म देखते-देखते कब दो घंटे व्यतीत हो गए पता ही नहीं चलता।
  • माता-पिता उसके खाने-पीने का,पुस्तकों,नोटबुक,नोट्स का ध्यान रखते।वे कोचिंग के लिए भी कहते परंतु उनकी बातें एक कान से सुनता और दूसरे कान से निकाल देता।वह माता-पिता को बड़े-बड़े आश्वासन देता परंतु करता कुछ भी नहीं।फिल्म देखने के बाद वह मोबाइल फोन लेकर बैठ जाता।फेसबुक पर फ्रेंड्स के नोटिफिकेशन देखता रहता,फिर उनसे चैटिंग करने लग जाता।मां डाँटती तो मोबाइल फोन को बंद करके वह दूसरे कमरे में चला जाता।
  • किसी मित्र का फोन आ जाता तो उनसे बातें करता रहता है कि उसकी पढ़ाई कैसी चल रही है।फिर स्वयं दोस्तों को फोन लगाता और उनसे पूछता कि वह रिवीजन कर चुका है या नहीं परंतु स्वयं कुछ भी सबक नहीं लेता।इस तरह दिन व्यतीत हो जाता और शाम हो जाती।शाम को घूमने-फिरने निकल जाता है,2 घंटे बाद आता।
  • रसोई से भोजन की खुशबू आती तो सोचता अब भोजन करके पढ़ने बैठ जाऊंगा।भोजन करने के बाद पुस्तक लेकर बैठता तो थोड़ी देर बाद ही पुस्तक लेकर लुढ़क जाता।थोड़ी देर बाद आंखें खुलती तो देखता कि 10:00 बज चुके हैं।तब वह सोचता कि अब मैं सो जाता हूं,सुबह जल्दी उठकर अध्ययन करूंगा।
  • माता-पिता ने सोचा कि यह ऐसे नहीं सुधरेगा।वे शाम का भोजन करने के बाद स्वयं भी पढ़ने बैठने लग गए।रोजाना रात को दो से तीन घंटे पढ़ते।विवश होकर उसको भी पढ़ना पड़ा।धीरे-धीरे उसकी आदतों में सुधार होने लगा।माता-पिता पहले प्यार से समझाते और फिर सख्ती भी बरतते।धीरे-धीरे उसकी आलसी दिनचर्या में सुधार हो गया।दरअसल अध्ययन न करने के कई बहाने होते हैं परन्तु जो बहानेबाजी नहीं करता है वह अध्ययन करता भी है और सफल भी होता है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में छात्र-छात्राओं के लिए बोर्ड परीक्षा की बेहतरीन 4 टिप्स (Top 4 Tips for Board Exam for Students),छात्र-छात्राओं के लिए परीक्षा की तैयारी की बेहतरीन 4 टिप्स (4 Best Exam Preparation Tips for Students) के बारे में बताया गया है।

6.गणित का छात्र और शादी का तर्क (हास्य-व्यंग्य) (Mathematics Student and Marriage) (Humour-Satire):

  • नवल (गर्लफ्रेंड से):मैं ऐसी लड़की से शादी करूंगा जो गणित में होशियार हो,गणित के सवालों को चुटकियों में हल कर देती हो साथ ही सरल,विनम्र आज्ञाकारी हो तथा मृदु स्वभाव की हो।
  • गर्लफ्रेंड (नवल से):आज हमारे घर आ जाना।ये गुण हमारी नौकरानी में मिल जाएंगे।मैं स्वयं गणित के कई सवाल उससे पूछ लेती हूं।आपके लिए वह नौकरानी ठीक रहेगी।

7.छात्र-छात्राओं के लिए बोर्ड परीक्षा की बेहतरीन 4 टिप्स (Frequently Asked Questions Related to Top 4 Tips for Board Exam for Students),छात्र-छात्राओं के लिए परीक्षा की तैयारी की बेहतरीन 4 टिप्स (4 Best Exam Preparation Tips for Students) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.परीक्षा में प्रश्न-पत्र को हल करते समय क्या बातें ध्यान में रखें? (What to Keep in Mind While Solving the Exam Question Paper?):

उत्तर:परीक्षा वाले दिन पर्याप्त विश्राम लें।जल्दी उठकर जबरन पढ़कर तनाव मोल न लें।यदि आपके पास परीक्षा से पूर्व पर्याप्त समय है तथा आप मानसिक रूप से तैयार हैं तो सरसरी तौर पर नोट्स पर नजर डाल लें।एग्जाम फोबिया से बचने का सबसे बढ़िया तरीका है कि तनाव रहित रहें।परीक्षा देने के लिए सही समय पर पहुंचे।न तो बहुत जल्दी और न बहुत देर से पहुंचे।परीक्षा में प्रश्न-पत्र लेने व शुरू करने से पूर्व अपने आपको गहरी सांस लेकर रिलेक्स करें।धैर्य पूर्वक प्रश्न-पत्र को पढ़ें।प्रश्न-पत्र को पढ़ने के बाद जो प्रश्न अच्छी तरह याद है उनको पहले हल करें।यदि किसी प्रश्न का उत्तर याद नहीं आ रहा है तो धैर्य रखें,घबराए नहीं।धीरे-धीरे एक-एक बिन्दु लिखने की कोशिश करें तो याद आता जाएगा।प्रश्न का उत्तर शब्द सीमा का ध्यान रखते हुए दें परन्तु यदि प्रश्न का पूरा उत्तर याद नहीं आ रहा हो तो जितना याद है उतना ही लिख दें।परंतु प्रश्न को छोड़े नहीं।राइटिंग साफ-सुथरी लिखें क्योंकि यदि आप साफ-सुथरा नहीं लिखेंगे तो परीक्षक के आपका उत्तर समझ में नहीं आएगा तो इसका प्रभाव यह पड़ेगा कि आपको पूरे अंक नहीं मिलेंगे।प्रश्न-पत्र को पूर्ण करने के बाद थोड़ा समय बचाकर रखें जिससे प्रश्न के उत्तरों को बाद में जांच सके।यदि कोई प्रश्न छूट गया हो तो उसका उत्तर लिखने की कोशिश करें अथवा संक्षिप्त में उसका उत्तर दें।कठिन प्रश्नों के उत्तर देने के लिए कुछ समय बचा कर रखें।अक्सर छात्र-छात्राएं जो प्रश्न ठीक से आते हैं उसी में अपना समय व्यतीत कर देते हैं।

प्रश्न:2.क्या प्रश्न-पत्र के दिशा-निर्देश पढ़ना आवश्यक है? (Is it Necessary to Read the Guidelines of the Exam Question Paper?):

उत्तर:प्रश्न-पत्र में दिए गए दिशा-निर्देशों को पढ़ना आवश्यक है क्योंकि उसमें लिखा होता है कि कौन-कौनसे प्रश्न करने अनिवार्य हैं तथा कौनसे प्रश्न में विकल्प दिया हुआ होता है।प्रश्न के उत्तर की शब्द सीमा का भी इसमें उल्लेख होता है।यदि कोई दिशा-निर्देश समझ में नहीं आ रहा हो तो परीक्षक से पूछने में संकोच न करें।यदि दिशा-निर्देश पढ़े बिना आप लिखना प्रारंभ कर देते हैं अथवा बिना समझे उत्तर देते हैं तो सही उत्तर लिखने पर भी दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर अंक कट सकते हैं।जैसे किसी प्रश्न का उत्तर 150 शब्दों में देना है और आप 200 शब्दों में उत्तर दे रहे हैं तो इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

प्रश्न:2.क्या प्रश्न-पत्र के दिशा-निर्देश पढ़ना आवश्यक है? (Is it Necessary to Read the Guidelines of the Exam Question Paper?):

उत्तर:प्रश्न-पत्र में दिए गए दिशा-निर्देशों को पढ़ना आवश्यक है क्योंकि उसमें लिखा होता है कि कौन-कौनसे प्रश्न करने अनिवार्य हैं तथा कौनसे प्रश्न में विकल्प दिया हुआ होता है।प्रश्न के उत्तर की शब्द सीमा का भी इसमें उल्लेख होता है।यदि कोई दिशा-निर्देश समझ में नहीं आ रहा हो तो परीक्षक से पूछने में संकोच न करें।यदि दिशा-निर्देश पढ़े बिना आप लिखना प्रारंभ कर देते हैं अथवा बिना समझे उत्तर देते हैं तो सही उत्तर लिखने पर भी दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर अंक कट सकते हैं।जैसे किसी प्रश्न का उत्तर 150 शब्दों में देना है और आप 200 शब्दों में उत्तर दे रहे हैं तो इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न:3.घर से रवाना होने से पूर्व परीक्षा के लिए क्या जाँचना चाहिए? (What to Check for the Exam Before Leaving Home?):
उत्तर:अपने प्रवेश पत्र को साथ ले लें।इसके अलावा परीक्षा हेतु दो अच्छे पेन,पेंसिल,इरेज़र,शार्पनर और कलाई घड़ी आदि को लेकर जाएं।परीक्षा भवन जाने से पूर्व इनको ठीक से जाँच लें।पेन चलता है या नहीं।पेन में पर्याप्त स्याही है या नहीं इत्यादि।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा छात्र-छात्राओं के लिए बोर्ड परीक्षा की बेहतरीन 4 टिप्स (Top 4 Tips for Board Exam for Students),छात्र-छात्राओं के लिए परीक्षा की तैयारी की बेहतरीन 4 टिप्स (4 Best Exam Preparation Tips for Students) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Top 4 Tips for Board Exam for Students

छात्र-छात्राओं के लिए बोर्ड परीक्षा की बेहतरीन 4 टिप्स
(Top 4 Tips for Board Exam for Students)

Top 4 Tips for Board Exam for Students

छात्र-छात्राओं के लिए बोर्ड परीक्षा की बेहतरीन 4 टिप्स (Top 4 Tips for Board Exam for Students)
अध्ययन करने की रणनीति तैयार करने में सहायक सिद्ध होगी।परीक्षाएं नजदीक आ रही है।

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