Menu

Internet Addiction Affect Math Studies

Contents hide

1.इण्टरनेट की लत से गणित की पढ़ाई प्रभावित (Internet Addiction Affect Math Studies),इण्टरनेट से विद्यार्थी गणित के सवाल हल नहीं कर पाते (Students are Not Able to Solve Questions of Mathematics Due to Excessive Use of Internet):

  • इण्टरनेट की लत से गणित की पढ़ाई प्रभावित (Internet Addiction Affect Math Studies) होती जा रही है।इंटरनेट का दुरुपयोग,सोशल मीडिया पर घंटों व्यस्त रहना,टीवी पर फिल्में देखना,फिल्मों को देखने की लत,वीडियो गेम्स खेलना,ट्विटर,फेसबुक पर अत्यधिक सक्रिय रहने से विद्यार्थियों की गणित की पढ़ाई सबसे अधिक प्रभावित हो रही है।इंटरनेट के दुष्प्रभाव यों तो पिछले कई वर्षों से सामने आ रहे हैं परंतु कोरोनावायरस ने कोढ़ में खाज का काम कर दिया है।
  • कोरोनावायरस से फैली महामारी के कारण विद्यार्थियों को स्कूल जाना नहीं पड़ता है या बहुत कम जाना पड़ा है।पिछले 3 साल से कोविड-19 महामारी के कारण विद्यार्थीयों को स्कूल से अवकाश मिलने के कारण अब घंटो सोशल मीडिया तथा इंटरनेट पर व्यतीत करते हैं।
  • इस महामारी में विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने के प्रयास किए गए।माता-पिता ने भी ऑनलाइन स्टडी के लिए मोबाइल व स्मार्टफोन को जरूरी समझते हुए उन्हें मुहैया करा दिया है।प्रथम वर्ष तो बोर्ड ने विद्यार्थियों को सीधे ही प्रोन्नति कर दिया है।इन सब कारणों से विद्यार्थियों की गतिविधियां इंटर्नेट, यूट्यूब, ट्विटर और फेसबुक पर बढ़ गई है।अन्य विषयों की पढ़ाई पर इतना दुष्प्रभाव नहीं पड़ा परन्तु गणित के अध्ययन पर सबसे अधिक दुष्प्रभाव पड़ा है।इस आर्टिकल में ऐसी टिप्स बताई जा रही है जिनके आधार पर इंटरनेट से छुटकारा मिल सकता है।
  • आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें।जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके । यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए । आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

Also Read This Article:Keep yourself positive to solve math

2.माता-पिता स्मार्टफोन उपलब्ध कराने में सावधानी बरतें (Parents Should be Careful in Providing Smartphones):

  • विद्यार्थियों के कहने में आकर तत्काल उनको स्मार्टफोन मुहैया न कराएं।बल्कि इस बात की तहकीकात करें कि वास्तव में उनको स्मार्टफोन, मोबाइल फोन की जरूरत है या नहीं।अध्यापक, प्रधानाध्यापक से संपर्क करके सच्चाई जानी जा सकती है।यदि आवश्यकता नहीं है फिर भी विद्यार्थी जिद्द करता है तो सख्ती बरते।उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित करें।साथ इंटरनेट के दुरुपयोग से अवगत कराएं।
  • दरअसल स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने से छात्र-छात्राएं पढ़ने लिखने की गतिविधियों से दूर होते जा रहे हैं।वे गणित के सवाल हल करने में दिलचस्पी नहीं लेते हैं।मोबाइल फोन के प्रयोग से छात्र-छात्राएं निष्क्रिय हो जाते हैं।

3.छात्र छात्राओं को भविष्य संवारने पर गौर करना चाहिए (Students Should Look at Considering the Future):

  • छात्र-छात्राओं को मोबाइल का प्रयोग करने से पहले यह सोचना चाहिए कि उनका वास्तव में लक्ष्य क्या है?क्या उस लक्ष्य की प्राप्ति में मोबाइल सहायक है? छात्र-छात्राओं का भविष्य उज्जवल तभी हो सकता है जबकि वे छात्र जीवन में तप व कठिन परिश्रम को अपनाएंगे।
  • ध्यान-योग,प्राणायाम इत्यादि हमारी पुरातन संस्कृति की अमूल्य धरोहर को अपनाएंगे।
    इंटरनेट,टेबलेट व कंप्यूटर को घंटों इस्तेमाल करने से उसकी चमकती हुई स्क्रीन का दुष्प्रभाव पड़ता है।मस्तिष्क में अनावश्यक उत्तेजना आती है।शरीर कई रोगों का शिकार हो जाता है।जैसे तनाव, चिंता,सिरदर्द, चिड़चिड़ापन,क्रोध करना,अनिद्रा इत्यादि।हालांकि प्रोफेशनल का घंटों सोशल मीडिया व इण्टरनेट पर व्यस्त रहना समझ में आता है।परंतु इंटरनेट के दुष्प्रभावों से प्रोफेशनल्स भी बच नहीं सकते।
  • तकनीकी,स्मार्टफोन,मोबाइल फोन,इंटरनेट के उपयोग तथा लाभ से इनकार नहीं किया जा सकता है।परंतु अति हर चीज की खराब होती है।हर चीज का उपयोग और दुरुपयोग किया जा सकता है।यदि विद्यार्थी गणित के सवालों,समस्याओं तथा अपने काम की चीज के लिए इंटरनेट का उपयोग करते हैं तो बुरा नहीं है।परंतु अक्सर छात्र सोशल मीडिया,फेसबुक,इंस्टाग्राम,व्हाट्सएप,टि्वटर पर अनावश्यक घंटों व्यस्त रहते हैं।छद्म मित्रता, आभासी मित्रता को वास्तविक जीवन से अधिक महत्त्व देने लगते हैं।
  • अपने लक्ष्य जैसे आईआईटी इंजीनियरिंग,जैम अथवा अन्य कोई लक्ष्य की विषय सामग्री के लिए इंटरनेट का प्रयोग करना इसका उपयोग है।

4.शिक्षण संस्थानों के प्रधान सावचेत रहें (Head of Educational Institutions Shou be Careful):

  • शिक्षण संस्थानों के अध्यापकों को जहाँ तक हो सके मैन्युअल कार्य करना चाहिए।इंटरनेट का उपयोग बहुत ही आवश्यक होने पर निर्देश देना चाहिए।छोटे-छोटे बच्चों को इंटरनेट व ऑनलाइन शिक्षण नहीं प्रदान करना चाहिए।कॉलेज व विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं में इतनी समझ विकसित हो चुकी होती है कि उनको ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने में इंटरनेट का प्रयोग किया जा सकता है।विद्यार्थी अध्यापक के निर्देशों का पालन करते हैं।अतः यदि वे स्मार्टफोन व मोबाइल फोन के के लिए निर्देश देते हैं तो छात्र-छात्राओं को माता-पिता पर स्मार्टफ़ोन व मोबाइल फोन उपलब्ध कराने का बहाना मिल जाता है।छात्र-छात्राएँ आॅनलाईन एजुकेशन के बहाने इंटरनेट का दुरुपयोग करने लग जाते हैं।
  • इंटरनेट के अत्यधिक उपयोग से मस्तिष्क निष्क्रिय हो जाता है।इसे छात्र-छात्राओं में सवालों को,गणित की समस्याओं को हल करने की क्षमता पर दुष्प्रभाव पड़ता है।जो छात्र-छात्राएं इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करते हैं तथा मैन्युअल अथवा पुस्तक की सहायता से गणित की समस्याओं को हल करते हैं उनमें सोचने-चिंतन-मनन करने तथा तार्किक क्षमता का अधिक विकास होता है।पुस्तकों में हर सवाल तथा समस्या का हल नहीं मिलता है।इसलिए छात्र-छात्राओं को सवालों और समस्याओं को हल करना होता है।इससे दिमाग खुलता है और दिमाग अधिक सक्रिय होता है।
  • जबकि इंटरनेट पर हर सवाल तथा समस्या का हल किया हुआ मिल जाता है ऐसी स्थिति में जब छात्र-छात्राओं को दिमाग का प्रयोग नहीं करना पड़ता है,बुद्धि का प्रयोग नहीं करना पड़ता है तो बौद्धिक बल नहीं बढ़ सकता है।बौद्धिक बल तभी बढ़ता है जब हम गणित की समस्याओं को खुद हल करते हैं।
  • इंटरनेट की लत के इस लेख के माध्यम से हम छात्र-छात्राओं में भय पैदा नहीं कर रहे हैं बल्कि उन्हें सतर्क व सचेत कर रहे हैं।जिस उद्देश्य से इस लेख को लिखा गया है वही अर्थ ग्रहण करेंगे तो इससे आपको लाभ ही होगा,आपके हित में ही होगा।
    उपर्युक्त आर्टिकल में इण्टरनेट की लत से गणित की पढ़ाई प्रभावित (AddictionInternet Addiction Affect Math Studies),इण्टरनेट से विद्यार्थी गणित के सवाल हल नहीं कर पाते (Students are Not Able to Solve Questions of Mathematics Due to Excessive Use of Internet) के बारे में बताया गया है।

Also Read This Article:Solution to Disinterest in Mathematics

5.गणित का रिजल्ट (हास्य-व्यंग्य) (Result of Mathematics) (Humour-Satire):

  • पिता (पुत्र से):तुम्हारे गणित में कितने नम्बर आए हैं?
  • पुत्र:जी,अंग्रेजी में 60 नम्बर आए हैं।
  • पिता:फिर से, मैं गणित के नंबर पूछ रहा हूं।
  • पुत्र:जी, विज्ञान में 40 नंबर आए हैं।
  • पिता:लेकिन मैं गणित के नंबर पूछ रहा हूं।
  • पुत्र:जी सोशल साइंस में 45 अंक आए हैं।
  • पिता (गुस्से से):तुम होश में हो कि नहीं मैं गणित में नंबर पूछ रहा हूं।
    पुत्र:गणित में 20 नम्बर आए हैं।
  • पिता:20 नम्बर तो स्कूल वाले सत्रांक के ही भेज  देते हैं।उत्तर पुस्तिका को खाली छोड़कर आए हो क्या?
  • पुत्र:क्या करता, कोई सवाल नहीं आ रहा था। गणित की उत्तर पुस्तिका को खाली छोड़ना पड़ा।
  • पिता:ओर छात्र-छात्राओं के भी तो नंबर आए हैं। तुम्हारे नंबर क्यों नहीं आए?
  • पुत्र:ओर छात्र-छात्राएं तो कोचिंग करते थे।ट्यूशन करते थे।इसलिए उनके नंबर आए हैं।आप आज जिस तरह ध्यान दे रहे हैं उसी तरह शुरू से ध्यान देते।कोचिंग करवाते या ट्यूशन करवाते तो गणित में जीरो नंबर नहीं आता।यह आपकी वजह से ही हुआ है।इसमें मेरा कोई दोष नहीं है।

6.इण्टरनेट की लत से गणित की पढ़ाई प्रभावित (Addiction Affect Math Studies),इण्टरनेट से विद्यार्थी गणित के सवाल हल नहीं कर पाते (Students are Not Able to Solve Questions of Mathematics Due to Excessive Use of Internet):

प्रश्न:1.छात्र-छात्राओं में इंटरनेट की लत के लिए कौन जिम्मेदार है? (Who is Responsible for Internet Addiction Among Students?):

उत्तर:माता-पिता की लापरवाही सबसे अधिक जिम्मेदार है।छात्र-छात्राओं की दीवानगी भी इसके लिए जिम्मेदार है।माता-पिता को छात्र-छात्राओं की पढ़ाई की दिनचर्या बनानी चाहिए लेकिन परीक्षा का होव्वा दिखाकर अनावश्यक दबाव ना डालें।

प्रश्न:2.माता-पिता छात्र छात्राओं को मोबाइल दिलवाने वाले के लिए क्या सोचते हैं? (What do Parents Think of Getting Mobile phones for Students?):

उत्तर:माता-पिता सोचते हैं कि मोबाइल हमारी दिनचर्या का आवश्यक अंग हो गया है।साथ ही वे सामाजिक स्टेटस को मेंटेन करने के कारण छात्र-छात्राओं को मोबाइल फोन दिला देते हैं। मोबाइल फोन,स्मार्टफोन को सोशियल स्टेटस का सिंबल मानते हैं।

प्रश्न:3.क्या मोबाइल फोन छात्र छात्राओं के लिए आवश्यक है? (Is Mobile Phone Necessary for Students?):

उत्तर:कभी मोबाइल फोन,स्मार्टफोन,टेबलेट, कंप्यूटर को लग्जरियस (Luxurious) आइटम माना जाता था।परंतु आज हर युवाओं के हाथ में मोबाइल फोन दिखाई देता है चाहे वह कितना ही गरीब हो।अपनी आवश्यकता (Necessity),सुविधाजनक (Comfortable) स्थिति के लिए मोबाइल फोन का प्रयोग करना बुरा नहीं है।परंतु अनावश्यक रूप से घंटों दोस्तों से चैटिंग करना,फोन करना,वीडियो कॉल करना इसका दुरुपयोग करना ही है।इस प्रकार के कार्य करने से मोबाइल फोन की लत लग जाती है।इससे अध्ययन पर दुष्प्रभाव पड़ता है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा इण्टरनेट की लत से गणित की पढ़ाई प्रभावित (Addiction Affect Math Studies),इण्टरनेट से विद्यार्थी गणित के सवाल हल नहीं कर पाते (Students are Not Able to Solve Questions of Mathematics Due to Excessive Use of Internet) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Internet Addiction Affect Math Studies

इण्टरनेट की लत से गणित की पढ़ाई प्रभावित
(Internet Addiction Affect Math Studies)

Internet Addiction Affect Math Studies

इण्टरनेट की लत से गणित की पढ़ाई प्रभावित (Internet Addiction Affect Math Studies) होती जा रही है।
इंटरनेट का दुरुपयोग,सोशल मीडिया पर घंटों व्यस्त रहना,टीवी पर फिल्में देखना,फिल्मों को देखने की
लत,वीडियो गेम्स खेलना,ट्विटर,फेसबुक पर अत्यधिक सक्रिय
रहने से विद्यार्थियों की गणित की पढ़ाई सबसे अधिक प्रभावित हो रही है।

No. Social Media Url
1. Facebook click here
2. you tube click here
3. Instagram click here
4. Linkedin click here
5. Facebook Page click here
6. Twitter click here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *