What is CAB CAA PCB AND UCC?
1.सीएबी सीएए पीसीबी और यूसीसी क्या है? (What is CAB CAA PCB AND UCC?):
- सीएबी सीएए पीसीबी और यूसीसी क्या है? (What is CAB CAA PCB AND UCC?):नागरिकता संशोधन बिल,नागरिकता संशोधन एक्ट इत्यादि क्या हैं?कुछ पाने के लिए कुछ तो खोना पड़ता ही है।सवाल यह भी है कि वे कौन लोग थे जिन्होंने पेट्रोल बम्ब फेंके थे?एक बात ओर केन्द्रीय सरकार को हमने ही तो चुना है।सभी तथ्यों पर भली भांति विचार करके ही टीका-टिप्पणी करनी चाहिए। वैसे हमने हमारे विचार इस आर्टिकल में लिखकर कर दिया है कि भारतीय नागरिकों का सीएबी,सीएए तथा एनआरसी से कोई सम्बन्ध ही नहीं है। वैसे एनआरसी अब लागू ही नहीं हुआ तो फिर उसके बारे में बवाल खड़ा करने का क्या तुक है?
- (1.)केंद्र की मोदी सरकार द्वारा (CAB)सीएबी (CAA) सीएए लागू किया गया है ।गुरुवार को इस विधेयक पर राष्ट्रपति कोविंद ने हस्ताक्षर कर दिए ।सीएबी की फुल फॉर्म है सिटीजन अमेंडमेंट बिल अर्थात नागरिक संशोधन बिल तथा लोकसभा व राज्यसभा से पारित होने के बाद यह बिल एक्ट बन गया जिसको सीएए अर्थात् नागरिक संशोधन एक्ट कहा गया अर्थात सीएए सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट। इस एक्ट के तहत जो भी ईसाई ,हिंदू ,सिख,जैन ,बौद्ध इत्यादि बांग्लादेश पाकिस्तान अफ़गानिस्तान इत्यादि देशों में प्रताड़ित होता है या उस देश ने उनको निकाल दिया है तो वह भारत की नागरिकता ले सकता है। अन्य देशों के मुस्लिम नागरिक विशेषकर अफगानिस्तान ,पाकिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ित हो ही नहीं सकते हैं क्योंकि वे मुस्लिम देश हैं इसलिए इस एक्ट में विदेशी मुस्लिम नागरिक को नागरिकता देने का प्रावधान नहीं रखा है ।यह एक नागरिकता लेने से संबंधित है इसलिए भारतीय मुस्लिमों को डरने की जरूरत ही नहीं है क्योंकि वह पहले से ही नागरिक हैं ।इस एक्ट की मानसिकता को बिना समझे ही विरोध प्रदर्शन हो रहा है ।धारा 370, राम मंदिर जैसे मुद्दे शांतिपूर्वक हल हो गए ।इसलिए विपक्ष को अपनी राजनीति को चमकाने का अवसर नहीं मिला क्योंकि कोई भी दुष्प्रचार तभी फैलता है जब जनता साथ हो। इन दोनों मुद्दों पर जनता साथ नहीं थी परंतु जनता सीएबी व सीएए के जाल में फंस कर विपक्ष के हाथ का खिलौना बन गई है।
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(2.)एनआरसी की फुल फॉर्म नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन(राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर)। एनआरसी को अभी लागू नहीं किया गया है तो इसके बारे में भी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है, इसका स्वरूप क्या होगा तथा किस तरह लागू किया जाएगा ,इसके बारे में अभी तक कोई भी खुलासा नहीं हुआ है । - 3.PCB(पीसीबी) पापुलेशन कंट्रोल बिल(जनसंख्या नियंत्रण कानून )है। भारत की जनसंख्या जिस तीव्र गति से बढ़ रही है उस तरह अगर बढ़ती रही तो निश्चित ही भयावह स्थिति हो सकती है ।आज रोजगार ,पेयजल ,चिकित्सा जैसे मुद्दे नहीं सुलझ पाने के पीछे भारत की बढ़ती हुई तेज रफ्तार से जनसंख्या भी एक कारण है ।
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- 4.UCC (यूसीसी)यूनीफार्म सिविल कोड:
- (समान नागरिक संहिता) यानी देश में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनाना ।चाहे वह किसी भी धर्म के मानने वाले हो। भारत का लोकतंत्र 70 वर्ष पुराना हो चुका है यहां पर आपातकाल भी लागू किया गया ,इसके अलावा राज्य सरकारें 356 के द्वारा असंवैधानिक रूप से बर्खास्त की गई परंतु अब शक्ति का स्पष्ट विभाजन हो चुका है। राज्य व केंद्र सरकार भारत के संविधान के साथ खिलवाड़ करती है तों उसके लिए सुप्रीम कोर्ट निगरानी में बैठा हुआ है ।ऐसा हमने देखा भी है जैसे हाल ही में महाराष्ट्र में सुप्रीम कोर्ट ने दखल देकर और उत्तराखंड में दखल देकर संविधान की रक्षा की। आधार कार्ड को सर्वोपरि परिचय पत्र को मानने से इंकार कर दिया और केंद्र सरकार को मानना पड़ा।अब भारत के नागरिक भी समझदार हो गए हैं। उन्होंने अपनी समझदारी का परिचय धारा 370व राम मंदिर जैसे मुद्दों पर दिखाई भी। लेकिन कुछ बुद्धिजीवियों व देश विरोधी ताकतों का साथ देने वालों के जाल में कुछ भारत के नागरिक फंस गए और उन्होंनेे राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से मना कर दिया। इसलिए इसमें भी समझदारी दिखाने की आवश्यकता थी। अतः अब भी अपनी समझदारी दिखाने की आवश्यकता हैं। आज कोई भी सरकार मोनोपोली नहीं कर सकती है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट सजग है,जनता जागरूक है,समाचार पत्रों की भी विशिष्ट भूमिका है ।इसलिए भारत के किसी भी नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है।
- 5.राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर(एनपीआर) (NPR):
नागरिकता संशोधन अधिनियम को
(सीएए), मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल
स्वीकृत धन - अद्यतन करने के लिए 8,500 करोड़ रुपये से अधिक की धन
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर(एनपीआर), अधिकारियों ने कहा है। - एनपीआर की कवायद अगले साल अप्रैल से शुरू होनी है।एनपीआर देश के “सामान्य निवासियों” की एक सूची है।2015 के दौरान डोर-टू-डोर सर्वे करके इस डेटा को अपडेट किया गया था।अद्यतन जानकारी का डिजिटलीकरण पूरा हो गया है।
- इस बीच, वाम दलों ने 1 से 7 जनवरी तक सात दिनों के राष्ट्रव्यापी विरोध और 8 जनवरी को सीएए, एनपीआर और आम हड़ताल के खिलाफ आम हड़ताल करने की घोषणा की।
- एनआरसी
- एक संयुक्त बयान में, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) -Liberation, अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक और क्रांतिकारी समाजवादी ने कहा कि विरोध कार्यक्रम की घोषणा की गई थी। ट्रेड यूनियनों के साथ एकजुटता, जिसने 8 जनवरी को एक आम हड़ताल भी कहा है।
- अब असम को छोड़कर, सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में अप्रैल से सितंबर 2020 तक जनगणना 2021 की हाउस-लिस्टिंग चरण के साथ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने का निर्णय लिया गया है।
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- NPR क्या है?
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) नागरिकता अधिनियम 1955 और नागरिकता के प्रावधानों के तहत स्थानीय (गाँव / उप नगर), उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किए जा रहे देश के सामान्य निवासियों का एक रजिस्टर है।नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम, 2003. भारत के प्रत्येक सामान्य निवासी के लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य है।एनपीआर के तहत, एक सामान्य निवासी को एक व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो पिछले छह महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में रहता है या एक व्यक्ति जो अगले छह महीने या उससे अधिक समय तक उस क्षेत्र में निवास करने का इरादा रखता है।
इसका उद्देश्य क्या है?
- एनपीआर का उद्देश्य देश में हर सामान्य निवासी का एक व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है।डेटाबेस में जनसांख्यिकीय के साथ-साथ बॉयोमीट्रिक विवरण शामिल होंगे।आधार, मोबाइल नंबर, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी विवरण और भारतीय पासपोर्ट नंबर उन विवरणों में से हैं जिन्हें भारत के सभी सामान्य निवासियों से एकत्र किया जाएगा।इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के मद्देनजर आधार को साझा करना स्वैच्छिक है।
जनसांख्यिकीय विवरण की आवश्यकता है? - व्यक्ति का नाम घर के मुखिया से संबंध, पिता का नाम, माता का नाम, पति का नाम (यदि विवाहित है), लिंग, जन्म तिथि, वैवाहिक स्थिति, जन्म स्थान, राष्ट्रीयता (घोषित), सामान्य निवास का वर्तमान पता, रहने की अवधि।वर्तमान पते पर, स्थायी आवासीय पता, व्यवसाय / गतिविधि, शैक्षिक योग्यता।
वर्तमान स्थिति क्या है? - भारत की जनगणना 2011 के आंकड़ों के संग्रह के दौरान 2010 में एनपीआर के लिए डेटा एकत्र किया गया था।इसे 2015 में डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के माध्यम से अद्यतन किया गया था।अद्यतन जानकारी का डिजिटलीकरण पूरा हो गया है।एनपीआर डेटा अब असम को छोड़कर सभी राज्यों में अप्रैल-सितंबर 2020 से जनगणना 2021 की हाउस-लिस्टिंग चरण के साथ अपडेट किया जाएगा।इस आशय की एक गजट अधिसूचना केंद्र सरकार द्वारा पहले ही प्रकाशित की जा चुकी है।
- किन राज्यों ने एनपीआर को अवरुद्ध किया है?
- पश्चिम बंगाल सरकार ने इस महीने एनपीआर की तैयारी और अपडेशन से जुड़ी सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी।सीएए और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच यह निर्णय दोहराया गया कि राज्य में प्रस्तावित पैन-इंडिया एनआरसी को लागू नहीं किया जाएगा।ममता बनर्जी ने कहा,”राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर की तैयारी और अपडेशन के बारे में सभी गतिविधियाँ पश्चिम बंगाल में हैं। एनआरपी के बारे में कोई भी गतिविधि पश्चिम बंगाल सरकार की मंजूरी के बिना नहीं की जा सकती है।”केरल और राजस्थान ने यह कहते हुए सूट किया है कि वे एनपीआर को संकलित करने का काम नहीं करेंगे क्योंकि केंद्र द्वारा नागरिकों पर ‘बुनियादी जानकारी’ दर्ज करना अनिवार्य है।केरल के मुख्यमंत्री पिनययी विजयन के कार्यालय ने कहा, “नागरिकता अधिनियम में 2019 के संशोधन के मद्देनजर उठाई गई चिंताओं पर विचार करने के बाद, राज्य सरकार ने एनआरसी को तैयार करने के लिए एनपीआर को अद्यतन करने की प्रक्रिया में सहयोग नहीं करने का फैसला किया है।”पिछले सप्ताह एक बयान में कहा गया।
- असम को बाहर क्यों रखा गया है
- अभी तक, असम में एनपीआर अभ्यास नहीं किया जा रहा है।असम ने हाल ही में अवैध प्रवासियों की पहचान करने और उन्हें बंद करने के लिए NRC अभ्यास किया था।अखिल भारतीय NRC का उद्देश्य गैरकानूनी प्रवासियों का पता लगाना और उन्हें रोकना है, भले ही विश्वास के बावजूद, यह चिंताएं हैं कि यह वास्तविक भारतीय नागरिकों को मनमाने ढंग से बाहर कर सकता है।
- NPR डेटा को कैसे एक्सेस किया जा सकता है.
- एनपीआर डेटा सार्वजनिक डोमेन में नहीं डाला जाएगा लेकिन पासवर्ड से सुरक्षित प्रोटोकॉल के माध्यम से संबंधित उपयोगकर्ता के लिए एक सुरक्षित डेटाबेस सुलभ रहेगा।सरकार का कहना है कि यह डेटा का उपयोग लाभार्थी-उन्मुख योजनाओं के लक्ष्यीकरण को बढ़ाने के लिए करेगी और आंतरिक सुरक्षा में सुधार के लिए निहितार्थ होगा।
- NOTE-भारत सरकार के गजट नोटिफिकेशन के अंग्रेजी और हिंदी अनुवाद को ही प्रामाणिक माना जाए(Only English and Hindi translations of Government of India Gazette notifications should be considered authentic)
6.CAA GAZETTE NOTIFICATION COPY
- REGISTERED NO. DL—(N)04/0007/2003—19
EXTRAORDINARY
PART II — Section 1 - PUBLISHED BY AUTHORITY
No. 71] NEW DELHI, THURSDAY, DECEMBER 12, 2019/AGRAHAYANA 21, 1941 (SAKA)
Separate paging is given to this Part in order that it may be filed as a separ
MINISTRY OF LAW AND JUSTICE
(Legislative Department) - New Delhi, the 12th December, 2019/Agrahayana 21, 1941 (Saka)
The following Act of Parliament received the assent of the President on the
12th December, 2019, and is hereby published for general information:—
THE CITIZENSHIP (AMENDMENT) ACT, 2019
NO. 47 OF 2019
[12th December, 2019.] - An Act further to amend the Citizenship Act, 1955.
BE it enacted by Parliament in the Seventieth Year of the Republic of India as
follows:— - 1. (1) This Act may be called the Citizenship (Amendment) Act, 2019.
(2) It shall come into force on such date as the Central Government may, by notification
in the Official Gazette, appoint.
Short title and
commencemen - 2. In the Citizenship Act, 1955 (hereinafter referred to as the principal Act), in section 2,
in sub-section (1), in clause (b), the following proviso shall be inserted, namely:—
“Provided that any person belonging to Hindu, Sikh, Buddhist, Jain, Parsi or
Christian community from Afghanistan, Bangladesh or Pakistan, who entered into
India on or before the 31st day of December, 2014 and who has been exempted by the
Central Government by or under clause (c) of sub-section (2) of section 3 of the
Passport (Entry into India) Act, 1920 or from the application of the provisions of the
Foreigners Act, 1946 or any rule or order made thereunder, shall not be treated as
illegal migrant for the purposes of this Act;”.
- 3. After section 6A of the principal Act, the following section shall be inserted,
namely:—
‘6B. (1) The Central Government or an authority specified by it in this behalf
may, subject to such conditions, restrictions and manner as may be prescribed, on an
application made in this behalf, grant a certificate of registration or certificate of
naturalisation to a person referred to in the proviso to clause (b) of sub-section (1) of
section 2. - (2) Subject to fulfilment of the conditions specified in section 5 or the
qualifications for naturalisation under the provisions of the Third Schedule, a
person granted the certificate of registration or certificate of naturalisation under
sub-section (1) shall be deemed to be a citizen of India from the date of his entry into
India. - (3) On and from the date of commencement of the Citizenship (Amendment)
Act, 2019, any proceeding pending against a person under this section in respect of
illegal migration or citizenship shall stand abated on conferment of citizenship to him:
Provided that such person shall not be disqualified for making application for
citizenship under this section on the ground that the proceeding is pending against
him and the Central Government or authority specified by it in this behalf shall not
reject his application on that ground if he is otherwise found qualified for grant of
citizenship under this section:
Provided further that the person who makes the application for citizenship
under this section shall not be deprived of his rights and privileges to which he was
entitled on the date of receipt of his application on the ground of making such
application. - (4) Nothing in this section shall apply to tribal area of Assam, Meghalaya,
Mizoram or Tripura as included in the Sixth Schedule to the Constitution and the
area covered under “The Inner Line” notified under the Bengal Eastern Frontier
Regulation, 1873.’. - 4. In section 7D of the principal Act,—
(i) after clause (d), the following clause shall be inserted, namely:—
“(da) the Overseas Citizen of India Cardholder has violated any of the
provisions of this Act or provisions of any other law for time being in force as
may be specified by the Central Government in the notification published in the
Official Gazette; or”;
(ii) after clause (f), the following proviso shall be inserted, namely:—
“Provided that no order under this section shall be passed unless the
Overseas Citizen of India Cardholder has been given a reasonable opportunity
of being heard.”. - 5. In section 18 of the principal Act, in sub-section (2), after clause (ee), the following
clause shall be inserted, namely:—
“(eei) the conditions, restrictions and manner for granting certificate of
registration or certificate of naturalisation under sub-section (1) of section 6B;”.
Amendment
of section 2.
Reg. 5 of 1873.
34 of 1920.
31 of 1946.
Insertion of
new section 6B.
Special
provisions as
to citizenship
of person
covered by
proviso to
clause (b) of
sub-section (1)
of section 2.
Amendment
of section 7D.
Amendment
of section 18.
57 of 1955.
2 THE GAZETTE OF INDIA EXTRAORDINARY [P - 6. In the Third Schedule to the principal Act, in clause (d), the following proviso shall
be inserted, namely:—
‘Provided that for the person belonging to Hindu, Sikh, Buddhist, Jain, Parsi or
Christian community in Afghanistan, Bangladesh or Pakistan, the aggregate period of
residence or service of Government in India as required under this clause shall be
read as “not less than five years” in place of “not less than eleven years”.’.
Amendment
of Third
Schedule.
————
DR. G. NARAYANA RAJU,
Secretary to the Govt. of India.
MGIPMRND—4385GI(S3)—12-12-2019.
UPLOADED BY THE MANAGER, GOVERNMENT OF INDIA PRESS, MINTO ROAD, NEW DELHI–110002
AND PUBLISHED BY THE CONTROLLER OF PUBLICATIONS, DELHI–110054.
SEC. 1] THE GAZETTE OF INDIA EXTRAORDINARY 3
हिंदी अनुवाद(HINDI TRANSLATION)
- पंजीकृत नंबर । डीएल (एन) 04/0007 / 2003-19
- असाधारण
- भाग II – अनुभाग 1
- AUTHORITY द्वारा प्रकाशित
- नं। 71] नई दिल्ली, गुरुद्वारा, डेमबेर 12, 2019 / आगरा 21, 1941 (SARA)
- इस भाग को अलग से पेजिंग दी गई है ताकि इसे एक अलग के रूप में दर्ज किया जा सके
- कानून और न्याय मंत्रालय
- (विधायी विभाग)
- नई दिल्ली, 12 दिसंबर, 2019 / अग्रायण 21, 1941 (शक)
- संसद के निम्नलिखित अधिनियम को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई
- 12 दिसंबर, 2019, और यहां सामान्य जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है: –
- CITIZENSHIP (AMENDMENT) ACT, 2019
- नंबर । 2019 का 47
- [12 दिसंबर 2019]
- नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन करने के लिए एक अधिनियम।
- इसे भारतीय गणतंत्र के सातवें वर्ष में संसद द्वारा अधिनियमित किया गया
- इस प्रकार है: –
- 1. (1) इस अधिनियम को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 कहा जा सकता है।
- (2) यह केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना के अनुसार ऐसी तिथि पर लागू होगा
- आधिकारिक राजपत्र में, नियुक्ति।
- लघु शीर्षक और
- commencemen
- 2. नागरिकता अधिनियम, 1955 में (बाद में मुख्य अधिनियम के रूप में संदर्भित), धारा 2 में,
- उपधारा (1) में, खंड (ख) में, निम्नलिखित अनंतिम सम्मिलित किया जाएगा, अर्थात्: –
- “बशर्ते कि कोई भी व्यक्ति हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या
- अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान से ईसाई समुदाय, जिन्होंने प्रवेश किया
- दिसंबर, 2014 के 31 वें दिन या उससे पहले भारत और किसके द्वारा छूट दी गई है
- की धारा 3 की उप-धारा (2) के उपखंड (सी) के तहत या केंद्र सरकार
- पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 या के प्रावधानों के आवेदन से
- विदेशी अधिनियम, 1946 या उसके तहत किए गए किसी भी नियम या आदेश को नहीं माना जाएगा
- इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए अवैध प्रवासी; “।
- 3. प्रमुख अधिनियम की धारा 6 ए के बाद, निम्नलिखित अनुभाग डाला जाएगा,
- अर्थात्: –
- ‘6B। (1) केंद्र सरकार या इसके द्वारा इसमें निर्दिष्ट एक प्राधिकरण
- ऐसी शर्तों, प्रतिबंधों और तरीके के अधीन, जैसा कि निर्धारित किया जा सकता है, एक पर
- इस संबंध में किया गया आवेदन, पंजीकरण का प्रमाण पत्र या प्रमाण पत्र प्रदान करता है
- उप-धारा (1) के खंड (बी) के लिए अनंतिम में निर्दिष्ट एक व्यक्ति के लिए प्राकृतिककरण
- धारा 2।
- (2) धारा 5 या में निर्दिष्ट शर्तों की पूर्ति के अधीन
- तीसरी अनुसूची के प्रावधानों के तहत प्राकृतिककरण के लिए योग्यता, ए
- व्यक्ति ने पंजीकरण का प्रमाण पत्र या के तहत प्राकृतिककरण का प्रमाण पत्र प्रदान किया
- उप-धारा (1) को उसके प्रवेश की तारीख से भारत का नागरिक माना जाएगा
- भारत।
- (3) नागरिकता (संशोधन) के प्रारंभ होने की तारीख से
- अधिनियम, 2019, इस धारा के तहत किसी व्यक्ति के खिलाफ लंबित कोई कार्यवाही
- अवैध प्रवास या नागरिकता उसे नागरिकता प्रदान करने पर रोक दी जाएगी:
- बशर्ते कि ऐसे व्यक्ति को आवेदन करने के लिए अयोग्य घोषित नहीं किया जाएगा
- इस धारा के तहत इस आधार पर नागरिकता कि कार्यवाही लंबित है
- उसके और उसके द्वारा केंद्र सरकार या उसके द्वारा निर्दिष्ट प्राधिकारी ऐसा नहीं करेंगे
- अगर वह अन्यथा अनुदान के लिए योग्य पाया जाता है तो उस आधार पर उसके आवेदन को अस्वीकार कर दें
- इस धारा के तहत नागरिकता:
- बशर्ते कि जो व्यक्ति नागरिकता के लिए आवेदन करता है
- इस धारा के तहत उसके अधिकारों और विशेषाधिकारों से वंचित नहीं किया जाएगा जो वह था
- ऐसे बनाने की जमीन पर उसके आवेदन की प्राप्ति की तारीख के हकदार
- आवेदन।
- (४) इस खंड में कुछ भी असम, मेघालय के आदिवासी क्षेत्र पर लागू नहीं होगा,
- मिजोरम या त्रिपुरा जैसा कि संविधान और छठी अनुसूची में शामिल है
- बंगाल पूर्वी सीमा के अंतर्गत अधिसूचित “इनर लाइन” के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र
- विनियमन, 1873. ‘।
- 4. मुख्य अधिनियम की धारा 7D में, –
- (i) खंड (डी) के बाद, निम्नलिखित खंड को सम्मिलित किया जाएगा, अर्थात्: –
- “(दा) ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया कार्डधारक ने किसी का भी उल्लंघन किया है
- इस अधिनियम के प्रावधान या किसी अन्य कानून के प्रावधान जो समय के लिए लागू हों
- में प्रकाशित अधिसूचना में केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट किया जा सकता है
- सरकारी राजपत्र; या “;
- (ii) क्लॉज (एफ) के बाद, निम्नलिखित अनंतिम सम्मिलित किया जाएगा, अर्थात्: –
- “बशर्ते कि इस धारा के तहत कोई भी आदेश पारित नहीं किया जाएगा जब तक कि
- ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया कार्डधारक को एक उचित अवसर दिया गया है
- सुना जा रहा है। “
- 5. मुख्य अधिनियम की धारा 18 में, उपधारा (2) में, खंड (ईई) के बाद, निम्नलिखित
- खंड, अर्थात् डाला जाएगा: –
- “(ईईई) प्रमाणपत्र देने के लिए शर्तें, प्रतिबंध और तरीके
- पंजीकरण और धारा 6 बी के उपधारा (1) के तहत प्राकृतिककरण का प्रमाण पत्र; ”।
- संशोधन
- धारा 2 का।
- रेग। 5 का 1873।
- 34 का 1920।
- 1946 का 31।
- का सम्मिलन
- नया खंड 6B
- विशेष
- प्रावधानों के अनुसार
- नागरिकता के लिए
- व्यक्ति का
- से ढका हुआ
- करने के लिए
- का खंड (बी)
- उपधारा (1)
- धारा 2 का।
- संशोधन
- धारा 7D की।
- संशोधन
- 18 की धारा।
- 1955 का 57।
- 2 भारत के राजपत्र के गजेटी [पी
- 6. मुख्य अधिनियम की तीसरी अनुसूची में, खंड (घ) में, निम्नलिखित अनंतिम होगा
- सम्मिलित हो, अर्थात्: –
- ‘बशर्ते कि हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या संबंधित व्यक्ति के लिए
- अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान में ईसाई समुदाय, की कुल अवधि
- भारत में निवास या सेवा इस खंड के तहत आवश्यक होगी
- “ग्यारह वर्ष से कम नहीं” के स्थान पर “पांच वर्ष से कम नहीं” के रूप में पढ़ें। ‘
- संशोधन
- के तीसरे
- अनुसूची।
- —-
- डॉ। जी। नारायण राजू,
- सरकार के सचिव। भारत की।
- MGIPMRND-4385GI (S3) -12-12-2019।
- प्रबंधक, भारत प्रेस, मिन्ट रोड, नई दिल्ली -112 के द्वारा जारी
- और प्रकाशनों के नियंत्रक द्वारा प्रकाशित, दिल्ली -110054।
- एसईसी। १] भारतीय विदेश मंत्रालय का गजेट 3
- उपर्युक्त आर्टिकल में सीएबी सीएए पीसीबी और यूसीसी क्या है? (What is CAB CAA PCB AND UCC?) के बारे में बताया गया है.
2.सीएबी सीएए पीसीबी और यूसीसी क्या है? (What is CAB CAA PCB AND UCC?) के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.जिस तरह से नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद देश में हिंसा हो रही है, क्या जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने के बाद ऐसे ही हिंसा होगी? (The way violence is taking place in the country after the passage of the Citizenship Amendment Bill will there be similar violence after the Population Control Act is introduced?):
प्रश्न:2.यदि NRC और CAA सभी भारतीय नागरिकों के लिए अच्छा है तो सेवानिवृत्त सेना अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह और पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार का क्या हुआ है? जो असम में NRC की लिस्ट से बाहर हो गए हैं? (If NRC and CAA are good for all Indian nationals, what has happened to the family of retired Army officer Mohammad Sanaullah and former President Fakhruddin Ali Ahmed? Who has dropped out of the list of NRC in Assam?):
प्रश्न:3.मोदी जी ने रामलीला मैदान में दिए अपने भाषण में एनआरसी पर चर्चा ना होने जैसे गलत तथ्य क्यों पेश किये जबकि अमित शाह बार बार एनआरसी की बात करते हैं? (Why did Modiji present wrong facts like not discussing NRC in his speech at Ramlila Maidan while Amit Shah repeatedly talks about NRC?):
प्रश्न:4.एनपीआर,एनआरसी से कैसे अलग है? (How is NPR different from NRC?):
प्रश्न:5.दिल्ली पुलिस का जामिया मिलिया इस्लामिया के अंदर घुसकर छात्रों पर लाठियां बरसाना, कानून की नजरों में कितना सही है? (How right is the Delhi Police’s lathicharge on students by entering Jamia Millia Islamia in the eyes of the law?):
प्रश्न:6.नागरिकता संशोधन बिल में तीन ही देश क्यों शामिल किये गए हैं? (Why are only three countries included in the Citizenship Amendment Bill?):
प्रश्न:7.यदि NRC पूरे भारत में लागू होता है तो क्या होगा? (What if NRC is applicable all over India?):
प्रश्न:8.भारत में रहने वाले नागरिको को जिस तरह से अधिकार मिल रहा है पर क्या यहाँ के लावारिस भिखारियों को देश से बाहर कर दिया जाएगा ? (The way the citizens living in India are getting rights but will the unclaimed beggars here be thrown out of the country?):
प्रश्न:9.अगर कोई मुसलमान भारत में आज़ादी से भी पहले से रह रहे हैं, लेकिन किसी वजह से उनके पास कागज़ नहीं हैं या कागज़ थे लेकिन चोरी हो गए हैं या बाढ़ में बह गए हैं, तो वो कैसे अपनी नागरिकता साबित कर सकते हैं और कैसे कागजात दुबारा हासिल कर सकते हैं? (If A Muslim is already living in India before independence but for some reason he does not have papers or papers but has been stolen or washed away in floods how can he prove his citizenship and how can he regain the papers?):
प्रश्न:10.सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे बीएचयू के 51 प्रोफेसरों पर आपके क्या विचार हैं? (What are your views on 51 BHU professors protesting against CAA and NRC?):
प्रश्न:11.CAB वास्तव में देश की ज़रूरत थी या इसे केवल चौपट होते अर्थव्यवस्था तथा बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई से ध्यान हटाने के लिए लाया गया है? (CAB was really the need of the country or has it been brought in only to divert attention from the quadrupled economy and rising unemployment inflation?):
प्रश्न:12.भारत के अधिकतर बुद्धिजीवी एनआरसी और सीएए का विरोध क्यों कर रहे हैं? (Why are most of India’s intellectuals opposing the NRC and the CAA?):
प्रश्न:13.राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) तैयार करने के फायदे या नुकसान क्या होंगे? (What will be the advantages or disadvantages of preparing the National Population Register (NPR)?):
प्रश्न:14.क्या आप नए नागरिकता कानून से सहमत हैं या फिर असहमत अगर असहमत है तो क्यों? (Do you agree with the new citizenship law or disagree if you disagree why?):
प्रश्न:15.एनआरसी और सीएए के बीच विपक्ष ने आर्थिक मंदी का मुद्दा क्यों छोड़ दिया? (Why did the opposition between NRC and CAA drop the issue of economic slowdown?):
प्रश्न:16.सीएए और एनआरसी कानून क्या है? इसके खिलाफ इतना प्रतिरोध क्यों है? (What is CAA and NRC law? Why is there so much resistance against it?):
प्रश्न:17.क्या आपको लगता है इतने भारी विरोध के बाद भी मोदी सरकार देश में NRC और NPR लागू करवाने में कामयाब रहेगी ? (Do you think the Modi government will be able to implement NRC and NPR in the country even after such a huge protest?):
प्रश्न:18.देशभर के लोग CAA, NRC और NPR के खिलाफ प्रदर्शन क्यों कर रहे है, क्या प्रदर्शन करने से कुछ होता है? (Why are people across the country protesting against CAA NRC and NPR does performing do anything?):
प्रश्न:19.क्या CAA के विरोध में शिक्षा संस्थानों में हिंसात्मक आंदोलन कुछ लोगों के शिक्षा के अधिकारों का हनन नहीं है? (Is the violent agitation in educational institutions against CAA not a violation of the rights of some people to education?):
प्रश्न:20.सीएए व एनआरसी का विरोध देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी जोर शोर से हो रहा है इसके पीछे क्या कारण हैं ? (What are the reasons why the CAA and NRC are being opposed not only in the country but also abroad ?):
प्रश्न:21.क्या सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनो ने आपकी मुश्किले बढ़ाई है? (Have the protests against CAA and NRC added to your woes?):
प्रश्न:22.आज अगर देश में आवेशित माहौल है तो सबसे महत्वपूर्ण सवाल तो यही कि इसका जिमेदार कौन है? वर्तमान सरकार या भूतकाल में कई गई गलतियाँ? (Today if there is a charged atmosphere in the country the most important question is who is responsible for it? Many mistakes made in the present government or in the past?):
प्रश्न:23.ममता बनर्जी द्वारा दिए गये बयान “सीएए के रद्द होने तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा” पर आपके क्या विचार हैं? (What are your views on mamata banerjee’s statement “Protests will continue till CAA is cancelled”):
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा सीएबी सीएए पीसीबी और यूसीसी क्या है? (What is CAB CAA PCB AND UCC?) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
What is CAB CAA PCB AND UCC?
सीएबी सीएए पीसीबी और यूसीसी क्या है?
(What is CAB CAA PCB AND UCC?)
What is CAB CAA PCB AND UCC?
एबी सीएए पीसीबी और यूसीसी क्या है? (What is CAB CAA PCB AND UCC?):
नागरिकता संशोधन बिल,नागरिकता संशोधन एक्ट इत्यादि क्या हैं?
कुछ पाने के लिए कुछ तो खोना पड़ता ही है।सवाल यह भी है कि वे कौन लोग थे
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