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Online teaching of Mathematics and Science in Sanskrit by IIT Indore

1.आइआइटी इंदौर द्वारा संस्कृत में गणित एवं विज्ञान का ऑनलाइन अध्यापन का परिचय (Introduction to Online teaching of Mathematics and Science in Sanskrit by IIT Indore)-

  • आइआइटी  इंदौर द्वारा संस्कृत में गणित एवं विज्ञान का ऑनलाइन अध्यापन (Online teaching of Mathematics and Science in Sanskrit by IIT Indore) शुरू किया जा रहा है।
  • कोई भी देश अपनी संस्कृति एवं विरासत से कटकर विकास नहीं कर सकता है। हमारे देश भारत का पिछड़ने का यह भी एक कारण है कि हम हमारी संस्कृति एवं विरासत की उपेक्षा कर रहे हैं।आज हर इंजीनियर एवं आईएएस जैसी प्रतिष्ठित सेवाओं की शिक्षा अंग्रेजी में दी जा रही है जो कि एक विदेशी भाषा है।
  • कई युवा जो ग्रामीग पृष्ठभूमि से होते हैं और आईआईटी में उनका चयन हो जाता है।इसके पश्चात् वे वहां की शिक्षा को अपने अनुकूल नहीं पाते हैं। इसलिए जल्दी ही वे आईआईटी जैसी प्रतिष्ठित संस्थानों को छोड़ देते हैं।
    इसका अर्थ यह नहीं है कि अंग्रेजी भाषा को सीखना और सिखाना ही नहीं चाहिए। अंग्रेजी विश्वस्तरीय भाषा है, इसलिए अंग्रेजी भाषा को भी सीखना-सिखाना चाहिए परन्तु हमारी मातृभाषा हिन्दी व संस्कृत की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।
  • संस्कृत देवों की भाषा है।इस भाषा में चार वेदों , अठारह पुराणों,महाभारत, रामायण, मनुस्मृति, चाणक्य नीति, भतृहरि नीति शतक जैसे उत्कृष्ट ग्रंथों की रचना की गई है।इस भाषा के अध्ययन से छात्र-छात्राओं में चारित्रिक विकास होता है।
    इसलिए इतनी महत्त्वपूर्ण भाषा की आज अपने देश भारत में उपेक्षा हो रही है।यह हमारे लिए घोर लज्जाजनक बात है।
  • संस्कृत में ही आर्यभट्ट ने आर्यभटीय की रचना की है जिसमें सूर्य सिद्धान्त,ज्योतिष गणित में अंकगणित, बीजगणित,रेखागणित तथा त्रिकोणमिति का वर्णन किया गया है।
  • ब्रह्मगुप्त गणित के प्रकाण्ड विद्वान थे। प्रसिद्ध गणितज्ञ भास्कराचार्य ने इन्हें गणित चक्र चूरामणि की संज्ञा दी थी। इन्होंने ब्रह्मस्फुट सिद्धान्त की रचना की जिसमें गणित और बीजगणित का उल्लेख है।
  • प्रसिद्ध गणितज्ञ महावीराचार्य ने गणित सार संग्रह,ज्योतिष पटल तथा षटत्रिशका की रचना की। महावीराचार्य ने गणित गणित सार संग्रह में लिखा है कि कामशास्त्र, अर्थशास्त्र,गान्धर्व शास्त्र,गायन, नाट्यशास्त्र,पाकशास्त्र, आयुर्वेद,वास्तुविद्या,छन्द अलंकार,काव्यतर्क,व्याकरण इत्यादि में तथा कलाओं के समस्त गुणों में गणित अत्यन्त उपयोगी है।
  • श्रीधर बीजगणित के आचार्य थे। इन्होंने त्रिशतिका नामक पुस्तक की रचना की।इसी प्रकार भास्कराचार्य द्वितीय ने गणित के बारे में लीलावती की रचना की।
  • इस प्रकार देखा जाए तो प्राचीन भारत में जितने भी महान् गणितज्ञ हुए हैं उनमें से अधिकांश ने अपने ग्रन्थों की रचना संस्कृत में ही की है।
  • इतने महान् ग्रन्थों की रचना संस्कृत में होने के बावजूद भारत में संस्कृत व हिन्दी की उपेक्षा हो रही है।यदि भारत के स्वतन्त्र होते ही इसके महत्त्व को समझ लिया जाता और संस्कृत व हिन्दी को वह स्थान प्रदान किया जाता जिसकी वह हकदार है तो आज भारत की तस्वीर बहुत अलग, विशिष्ट व अद्वितीय नजर आती।
  • देर आयद दुरुस्त आयद के अनुसार देर से सही लेकिन अब आइआइटी इंदौर द्वारा संस्कृत में गणित एवं विज्ञान का ऑनलाइन अध्यापन (Online teaching of Mathematics and Science in Sanskrit by IIT Indore) की शुरुआत करना एक शुभ संकेत है।
  • आइआइटी इंदौर द्वारा संस्कृत में गणित एवं विज्ञान का ऑनलाइन अध्यापन (Online teaching of Mathematics and Science in Sanskrit by IIT Indore) हमारे सबके तथा देश के लिए सम्मान की बात है।
    अभी तक संस्कृत भाषा की उपेक्षा का कारण यह है कि तथाकथित बुद्धिजीवी इसका विरोध करते हैं।शासन में पदस्थापित आईएएस और इंजीनियर अंग्रेजी में पढ़े-पले है। इसलिए इनको संस्कृत भाषा व शिक्षा के महत्त्व का पता नहीं है।
  • कुछ युवाओं को संस्कृत भाषा आउटडेटेड, पुरानी, घिसी-पिटी तथा परम्पराओं को ढोनेवाली लगती है। लेकिन ऐसा वे इसलिए सोचते हैं क्योंकि उन्हें संस्कृत का वास्तविक महत्त्व पता नहीं है।
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2.आइआइटी इंदौर द्वारा संस्कृत में गणित एवं विज्ञान का ऑनलाइन अध्यापन (Online teaching of Mathematics and Science in Sanskrit by IIT Indore)-

  • संस्कृत में रचे गए हमारे प्राचीन ग्रंथों में गणित-विज्ञान की समृद्ध विरासत है, मगर वर्तमान पीढ़ी इस ज्ञान से अनभिज्ञ
    Mon, 31 Aug 2020
  • आइआइटी इंदौर द्वारा संस्कृत में गणित एवं विज्ञान का ऑनलाइन अध्यापन कराना भाषा के लिए ही नहीं देश के लिए भी गौरव की बात है।
  • देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में गणित और विज्ञान की पढ़ाई अमूमन अंग्रेजी में होती है, लेकिन अब उस कक्षा की कल्पना कीजिए, जिसमें इन विषयों के प्राचीन पाठ संस्कृत में पढ़ाए जाएंगे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), इंदौर ने यह पहल की है। उसने प्राचीन ग्रंथों में सदियों पहले संजोए गए गणितीय और विज्ञान विषय के ज्ञान से वर्तमान पीढ़ी को अवगत कराने के लिए एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किया है, जिसमें प्रतिभागियों को संस्कृत में पढ़ाया जा रहा है।
  • दरअसल संस्कृत में रचे गए भारत के प्राचीन ग्रंथों में गणित और विज्ञान की समृद्ध विरासत है, लेकिन वर्तमान पीढ़ी इस ज्ञान से अनभिज्ञ है।संस्कृत विश्व की सबसे स्पष्ट भाषा है। इसमें जैसे बोला जाता है, वैसे ही लिखा जाता है। इसका शब्दकोश बहुत विशाल है। इसमें 102 अरब, 78 करोड़, 50 लाख शब्द हैं। संस्कृत ही ऐसी भाषा है, जिसमें कम से कम शब्दों में वाक्य पूरे हो जाते हैं। एक वक्त नासा विज्ञानियों द्वारा अंतरिक्ष यात्रियों को भेजे जाने वाले संदेश पलट जाते थे, जिससे उनके अर्थ भी बदल जाते थे। एलियन से संवाद स्थापित करने के लिए भी नासा और अन्य संस्थानों ने संस्कृत वाक्य ही अंतरिक्ष में भेजे। हालांकि उनका अभी तक कोई उत्तर नहीं मिला है।
  • दुनिया की तमाम प्राचीन रचनाएं संस्कृत में लिखी गई हैं। ज्यामिति, बीजगणित और ज्योतिष एवं खगोल विद्या पर अति प्राचीन किताबें संस्कृत में ही हैं। अमेरिकन हिंदू विश्वविद्यालय के एक शोध के अनुसार, संस्कृत में वार्तालाप से मानव का तंत्रिका-तंत्र सक्रिय रहता है। इसका सकारात्मक प्रभाव रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित करता है। गायत्री मंत्र के 24 अक्षर शरीर की 24 ग्रंथियों को प्रभावित कर मानव की एकाग्रता बढ़ाते हैं और बोली को स्पष्ट करते हैं। ऋषि कणाद ने भौतिकी में प्रकाश एवं ऊष्मा को एक ही तत्व के विभिन्न रूप हजारों साल पहले बता दिया था। नागार्जुन ने रसायनशास्त्र का प्रसिद्ध ग्रंथ रस-रत्नात्कर संस्कृत में लिखा है।
  • आर्यभट्ट ने अपने खगोलीय एवं बीजगणितीय सिद्धांतों के आधार पर ईसा की छठी शताब्दी में ही बता दिया था कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है। आर्यभट्ट ने पृथ्वी का जो व्यास निर्धारित किया था, वह आधुनिक वैज्ञानिकों द्वारा तय व्यास के लगभग बराबर है। कौटिल्य के अर्थशास्त्र को आज भी दुनिया में मान्यता प्राप्त है। संस्कृत के ग्रंथों की वैज्ञानिकता को व्यावहारिक रूप में समझने की दृष्टि से अमेरिका के सेटों हॉल विवि. ने गीता को वहां के प्रत्येक विद्यार्थी के लिए पढ़ना अनिवार्य कर दिया है। कुछ साल पहले राजस्थान विवि. ने हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के ग्रंथों को प्रबंधन के पाठ्यक्रम में शामिल किया था। बहरहाल आइआइटी, इंदौर द्वारा संस्कृत में गणित एवं विज्ञान का ऑनलाइन अध्यापन कराना भाषा के लिए ही नहीं, देश के लिए भी गौरव की बात है।इस आर्टिकल में हमने आइआइटी इंदौर द्वारा संस्कृत में गणित एवं विज्ञान का ऑनलाइन अध्यापन (Online teaching of Mathematics and Science in Sanskrit by IIT Indore) शुरू किया जा रहा है, के बारे में अध्ययन किया है।

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