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Complementary Function

1.पूरक फलन (Complementary Function,Rules for Finding complementary Function)-

पूरक फलन (Complementary Function,Rules for Finding complementary Function) रैखिक अवकल समीकरण के व्यापक हल का एक भाग होता है।इस आर्टिकल में पूरक फलन के बारे में अध्ययन करेंगे। समीकरण

[{ D }^{ n }+{ a }_{ 1 }{ D }^{ n-1 }+{ a }_{ 2 }{ D }^{ n-2 }+.....+{ a }_{ n }]y=Q(x)....(1)
या f\left( D \right) y=Q(x) के व्यापक हल के पूरक फलन विचार करेंगे।

(1.)पूरक फलन (Complementary Function,Method of Finding out Complementary Function)-

पहले हम समीकरण (1) के उस रूप पर विचार करेंगे जब उसका दाहिना पक्ष Q(x) शून्य के बराबर है अथवा उसको शून्य मान लिया जाए अर्थात्

f\left( D \right) y=0....(3)
इसको हम रैखिक अवकल समीकरण के व्यापक रूप (1) का समान भाग (Homogeneous Part) भी कहते हैं।रैखिक अवकल समीकरण (3) का एक बहुत महत्त्वपूर्ण गुण यह है कि यदि { y }_{ 1 }(x),{ y }_{ 2 }(x)......{ y }_{ n }(x) इसके एकघातत: हल हों (n linearly independent solutions),तो

{ c }_{ 1 }{ y }_{ 1 }+{ c }_{ 2 }{ y }_{ 2 }+.......+{ c }_{ n }{ y }_{ n }.....(4)
भी समीकरण (3) का हल होगा, जहां{ c }_{ 1 },{ c }_{ 2 },.......,{ c }_{ n },n स्वेच्छ अचर (arbitrary constants) हैं।इस कथन की सत्यता की जांच हम निम्नलिखित तरीके से कर सकते हैं-
चूंकि { y }_{ 1 },{ y }_{ 2 },.......{ y }_{ n } समीकरण के स्वतन्त्र हल है।
व्यंजक (4) को हम अवकल समीकरण (1) अथवा (2) का पूरक फलन (Complementary Function) भी कहते हैं और इसे संक्षेप में C.F. लिखते हैं। अतः
C.F.={ c }_{ 1 }{ y }_{ 1 }+{ c }_{ 2 }{ y }_{ 2 }+.......+{ c }_{ n }{ y }_{ n }=u(x) (माना)…..(5)

(2.)सहायक समीकरण (Auxiliary Equation)-

माना कि अवकल समीकरण

[{ D }^{ n }+{ a }_{ 1 }{ D }^{ n-1 }+{ a }_{ 2 }{ D }^{ n-2 }+.....+{ a }_{ n }]y=0...(1)
अथवा f\left( D \right) y=0
का एक { e }^{ mx } हल है,तब समीकरण (1) में y के स्थान पर { e }^{ mx } प्रतिस्थापित (Substitute) करने पर-

Dy=m{ e }^{ mx },{ D }^{ 2 }y={ m }^{ 2 }{ e }^{ mx },......,{ D }^{ n }y={ m }^{ n }{ e }^{ mx }
हम देखते हैं कि

[{ m }^{ n }+{ a }_{ 1 }{ m }^{ n-1 }+{ a }_{ 2 }{ m }^{ n-2 }+.....+{ a }_{ n }]{ e }^{ mx }=0

चूंकि { e }^{ mx }\neq 0 इसलिए

{ m }^{ n }+{ a }_{ 1 }{ m }^{ n-1 }+{ a }_{ 2 }{ m }^{ n-2 }+.....+{ a }_{ n }=0
अथवा f\left( m \right) =0....(2)
यह m में एक n घातीय बीजगणितीय समीकरण (Algebraic equation of nth degree) है, जिसके साधारणतः n मूल (roots) होंगे और m के प्रत्येक मान के लिए जो इससे विदित होता है,{ e }^{ mx } अवकल समीकरण का हल होगा।
समीकरण (2) को हम अवकल समीकरण (1) का सहायक समीकरण (Auxiliary Equation) कहते हैं और संक्षेप में (A.E.) लिखते हैं।(1) और (2) की तुलना करने पर यह विदित होता है कि सहायक समीकरण (A.E.) f(D) में D के स्थान पर m रखने पर तथा उसको शून्य के बराबर रखने से प्राप्त होता है।
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2.पूरक फलन में सहायक समीकरण के हल-

सहायक समीकरण (A.E.) के मूल वास्तविक व भिन्न-भिन्न (Real and distinct roots) हों, पुनरावृत्त हों तथा अधिकल्पित हों
स्थिति-I जब सहायक समीकरण के मूल वास्तविक व भिन्न-भिन्न हों (when roots of A.E. are real and distinct)-
माना कि सहायक समीकरण f(m)=0 के सभी मूल भिन्न-भिन्न हैं तथा उनके मान { m }_{ 1 },{ m }_{ 2 },.......,{ m }_{ n } हैं तब अवकल समीकरण f(D)y=0 के एकघातत: n स्वतन्त्र हल { e }^{ { m }_{ 1 }x },{ e }^{ { m }_{ 2 }x },......{ e }^{ { m }_{ n }x } होंगे और ऐसी स्थिति में पूरक फलन अथवा व्यापक हल y={ c }_{ 1 }{ e }^{ { m }_{ 1 }x }+{ c }_{ 2 }{ e }^{ { m }_{ 2 }x }+.......+{ c }_{ n }{ e }^{ { m }_{ n }x } होगा, जहां { c }_{ 1 },{ c }_{ 2 },.......,{ c }_{ n } स्वेच्छ अचर हैं।
स्थिति-II जब सहायक समीकरण के मूल पुनरावृत्त हों (When roots of A.E. are repeated:)
जबकि सहायक समीकरण के कुछ मूल समान हों तो हमारे पास एकघातत: स्वतन्त्र हल (Linearly Independent Solution) की संख्या n से कम होगी और हम उपर्युक्त विधि से समीकरण का व्यापक हल नहीं लिख सकते।ऐसी दशा में हम निम्न विधि का प्रयोग करते हैं:
प्रथम माना कि अवकल समीकरण
f(D)y=0
के सहायक समीकरण f(m)=0 के दो मूल समान हैं।
माना कि { m }_{ 1 }={ m }_{ 2 }=m
इसलिए अवकल समीकरण को हम

f\left( D \right) y=\phi (D)-{ (D-m) }^{ 2 }y=0.....(3)

के द्वारा लिख सकते हैं अर्थात् समीकरण

{ (D-m) }^{ 2 }y=0.....(4)
का हल भी समीकरण का एक हल होगा।
समीकरण (4) को हम लिख सकते हैं कि

(D-m).(D-m)y=0.....(5)
मानाकि (D-m)y=v.....(6)
इसलिए (5) और (6) से प्राप्त करेंगे कि
(D-m)=0
अथवा (\frac { dv }{ dx } )-mv=0\Rightarrow \frac { dv }{ v } =mdx\\ v={ c }_{ 1 }{ e }^{ mx }....(7) जहां { c }_{ 1 } एक स्वतन्त्र अचर हैं।
अब (6) में v का मान रखने पर-

\frac { dy }{ dx } -my={ c }_{ 1 }{ e }^{ mx }
जो कि प्रथम कोटि का रैखिक अवकल समीकरण है और इसलिए इसका हल

y{ e }^{ -mx }={ c }_{ 1 }\int { { e }^{ mx } } { e }^{ -mx }dx+{ c }_{ 2 }={ c }_{ 1 }x+{ c }_{ 2 }
या y=({ c }_{ 1 }x+{ c }_{ 2 }){ e }^{ mx }
जो कि समीकरण (4) का व्यापक हल है।
फलत: समीकरण (3) का व्यापक हल निम्नलिखित होगा

y=({ c }_{ 1 }x+{ c }_{ 2 }){ e }^{ mx }+{ c }_{ 3 }{ e }^{ { m }_{ 3 }x }+.....+{ c }_{ n }{ e }^{ { m }_{ n }x }
पुनः यदि सहायक समीकरण के तीन मूल
{ m }_{ 1 }={ m }_{ 2 }={ m }_{ 3 }=m(माना)
समान हों तो संगत समीकरण

{ (D-m) }^{ 3 }y=0
इसी प्रकार की क्रिया द्वारा हम सिद्ध कर सकते हैं कि यदि मूल m,r बार पुनरावृत्त (repeat) हों,
{ m }_{ 1 }={ m }_{ 2 }=.......={ m }_{ r }=m(माना)
तो समीकरण का व्यापक हल होगा

y=({ c }_{ 1 }+{ c }_{ 2 }x+{ c }_{ 3 }{ x }^{ 2 }+.......+{ c }_{ r }{ x }^{ r-1 }){ e }^{ mx }+{ c }_{ r+1 }{ e }^{ { m }_{ r+1 }x }+.....+{ c }_{ n }{ e }^{ { m }_{ n }x }
स्थिति-III जब सहायक समीकरण के मूल अधिकल्पित हों (When roots of A.E. are complex:)
हमने माना है कि एक अद्वितीय कोटि के अवकल समीकरण f(D)y=0 जिसका सहायक समीकरण f(m)=0 है,के गुणांक (Coefficient) वास्तविक (real) है। समीकरण सिद्धान्त (Theory of Equation) से यह विदित है कि वास्तविक गुणांकों वाले समीकरण के अधिकल्पित मूल (Complex root) सदैव युग्म (pairs) में आते हैं। अतः यदि \alpha +i\beta सहायक समीकरण का एक मूल है तो उसका संयुग्मी (Conjugate) \alpha -i\beta भी सहायक समीकरण का मूल होगा, जहां \alpha  और \beta वास्तविक है।
ऐसी दशा में \alpha \pm i\beta मूलों के लिए संगत हल होगा
इस हल को हम निम्न प्रकार से लिख सकते हैं।

y={ c }_{ 1 }{ e }^{ (\alpha +i\beta )x }+{ c }_{ 2 }{ e }^{ (\alpha -i\beta )x }
या y={ e }^{ \alpha x }[{ c }_{ 1 }(\cos { \beta x } +i\sin { \beta x } )+{ c }_{ 2 }(\cos { \beta x } -i\sin { \beta x } )]
या y={ e }^{ \alpha x }[({ c }_{ 1 }+{ c }_{ 2 })\cos { \beta x } +i({ c }_{ 1 }-{ c }_{ 2 })\sin { \beta x } )] \\ y={ e }^{ \alpha x }[A\cos { \beta x } +iB\sin { \beta x } ]
इसी प्रकार हम अधिकल्पित हल को लिख सकते हैं।

3.पूरक फलन के उदाहरण (Complementary Function Examples,Rules for Finding complementary Function)-

निम्नलिखित अवकल समीकरणों को हल कीजिए:
(Solve the following differential equations:)
Eample-1.\frac { { d }^{ 2 }y }{ { dx }^{ 2 } } +2\frac { dy }{ dx } +5y=0
Solution-\frac { { d }^{ 2 }y }{ { dx }^{ 2 } } +2\frac { dy }{ dx } +5y=0\\ \Rightarrow ({ D }^{ 2 }+2D+5)y=0
इसका सहायक समीकरण होगा-

{ m }^{ 2 }+2m+5=0\\ \Rightarrow m=\frac { -2\pm \sqrt { { (2) }^{ 2 }-4\times 1\times 5 } }{ 2\times 1 } \\ \Rightarrow m=\frac { -2\pm \sqrt { 4-20 } }{ 2 } \\ \Rightarrow m=\frac { -2\pm \sqrt { -16i } }{ 2 } \\ \Rightarrow m=\frac { -2\pm 4i }{ 2 } \\ \Rightarrow m=-1\pm 2i
पूरक फलन (Complementary Function)[C.F.]={ e }^{ -x }({ c }_{ 1 }\cos { 2x } +{ c }_{ 2 }\sin { 2x } )
अतः समीकरण का व्यापक हल होगा y={ e }^{ -x }({ c }_{ 1 }\cos { 2x } +{ c }_{ 2 }\sin { 2x } )
Example-2.\frac { { d }^{ 3 }y }{ { dx }^{ 3 } } -13\frac { dy }{ dx } +12y=0
Solution\frac { { d }^{ 3 }y }{ { dx }^{ 3 } } -13\frac { dy }{ dx } +12y=0\\ \Rightarrow ({ D }^{ 3 }-13D+12)y=0
इसका सहायक समीकरण होगा-

{ m }^{ 3 }-13m+12=0\\ \Rightarrow { m }^{ 3 }-{ m }^{ 2 }+{ m }^{ 2 }-m-12m+12=0\\ \Rightarrow { m }^{ 2 }(m-1)+m(m-1)-12(m-1)=0\\ \Rightarrow (m-1)({ m }^{ 2 }+m-12)=0\\ \Rightarrow (m-1)({ m }^{ 2 }+4m-3m-12)=0\\ \Rightarrow (m-1)[{ m }(m+4)-3(m+4)]=0\\ \Rightarrow (m-1)(m-3)(m+4)=0\\ \Rightarrow m=1,3,-4
पूरक फलन (Complementary Function)[C.F.]={ { c }_{ 1 }e }^{ x }+{ c }_{ 2 }{ e }^{ 3x }+{ { c }_{ 3 }e }^{ -4x }
अतः समीकरण का व्यापक हल होगा y={ { c }_{ 1 }e }^{ x }+{ c }_{ 2 }{ e }^{ 3x }+{ { c }_{ 3 }e }^{ -4x }

Example-3.({ D }^{ 3 }+3{ D }^{ 2 }+3D+1)y=0
Solution({ D }^{ 3 }+3{ D }^{ 2 }+3D+1)y=0
इसका सहायक समीकरण होगा-

{ m }^{ 3 }+3{ m }^{ 2 }+3m+1=0\\ \Rightarrow { m }^{ 3 }+{ m }^{ 2 }+2{ m }^{ 2 }+2m+m+1=0\\ \Rightarrow { m }^{ 2 }(m+1)+2m(m+1)+1(m+1)=0\\ \Rightarrow (m+1)({ m }^{ 2 }+2m+1)=0\\ \Rightarrow (m+1){ (m+1) }^{ 2 }=0\\ \Rightarrow { (m+1) }^{ 3 }=0\\ \Rightarrow m=-1,-1,-1
पूरक फलन (Complementary Function)[C.F.]=({ { c }_{ 1 } }+{ c }_{ 2 }x+{ { c }_{ 3 } }{ x }^{ 2 }){ e }^{ -x }
अतः समीकरण का व्यापक हल होगा y=({ { c }_{ 1 } }+{ c }_{ 2 }x+{ { c }_{ 3 } }{ x }^{ 2 }){ e }^{ -x }
Example-4.({ D }^{ 4 }+8{ D }^{ 2 }+16)y=0
Solution:-({ D }^{ 4 }+8{ D }^{ 2 }+16)y=0
इसका सहायक समीकरण होगा-

{ m }^{ 4 }+8{ m }^{ 2 }+16=0\\ \Rightarrow { m }^{ 4 }+4{ m }^{ 2 }+4{ m }^{ 2 }+16=0\\ \Rightarrow { m }^{ 2 }({ m }^{ 2 }+4)+4({ m }^{ 2 }+4)=0\\ \Rightarrow ({ m }^{ 2 }+4)({ m }^{ 2 }+4)=0\\ \Rightarrow ({ m }^{ 2 }+4)=0,({ m }^{ 2 }+4)=0\\ \Rightarrow m=\pm 2i,m=\pm 2i
पूरक फलन (Complementary Function)[C.F.]=({ { c }_{ 1 } }+{ c }_{ 2 }x)\cos { 2x } +({ { c }_{ 3 } }+{ c }_{ 4 }x)\sin { 2x }

Example-5.{ ({ D }^{ 2 }+{ D }+1) }^{ 2 }(D-2)y=0
Solution{ ({ D }^{ 2 }+{ D }+1) }^{ 2 }(D-2)y=0
इसका सहायक समीकरण होगा-

{ ({ m }^{ 2 }+{ m }+1) }^{ 2 }(m-2)=0\\ \Rightarrow { ({ m }^{ 2 }+{ m }+1) }^{ 2 }=0,m-2=0\\ \Rightarrow { m }^{ 2 }+{ m }+1=0,{ m }^{ 2 }+{ m }+1=0,m=2\\ \Rightarrow m=\frac { -1\pm \sqrt { { 1 }^{ 2 }-4\times 1\times 1 } }{ 2\times 1 } ,m=\frac { -1\pm \sqrt { { 1 }^{ 2 }-4\times 1\times 1 } }{ 2\times 1 } ,m=2\\ \Rightarrow m=\frac { -2\pm \sqrt { 1-4 } }{ 2 } ,\frac { -2\pm \sqrt { 1-4 } }{ 2 } ,2\\ \Rightarrow m=\frac { -2\pm \sqrt { 3 } i }{ 2 } ,\frac { -2\pm \sqrt { 3 } i }{ 2 } ,2
पूरक फलन (Complementary Function)[C.F.]={ e }^{ (-\frac { 1 }{ 2 } x) }[({ c }_{ 1 }+{ c }_{ 2 }x)\cos { (\frac { \sqrt { 3 } x }{ 2 } ) } +({ c }_{ 3 }+{ c }_{ 4 }x)\sin { (\frac { \sqrt { 3 } x }{ 2 } ) } ]+{ c }_{ 5 }{ e }^{ 2x }
अतः समीकरण का व्यापक हल होगा y={ e }^{ (-\frac { 1 }{ 2 } x) }[({ c }_{ 1 }+{ c }_{ 2 }x)\cos { (\frac { \sqrt { 3 } x }{ 2 } ) } +({ c }_{ 3 }+{ c }_{ 4 }x)\sin { (\frac { \sqrt { 3 } x }{ 2 } ) } ]+{ c }_{ 5 }{ e }^{ 2x }
Example-6.\frac { { d }^{ 2 }i }{ { dt }^{ 2 } } +\frac { R }{ L } \frac { di }{ dt } +\frac { i }{ LC } =0
जबकि (When) { R }^{ 2 }C=4L तथा (and) R,C,L अचर हैं (are Constant)।
Solution\frac { { d }^{ 2 }i }{ { dt }^{ 2 } } +\frac { R }{ L } \frac { di }{ dt } +\frac { i }{ LC } =0
इसका सहायक समीकरण होगा-

({ m }^{ 2 }+\frac { R }{ L } m+\frac { 1 }{ LC } )=0\\ \Rightarrow m=\frac { -\frac { R }{ L } \pm \sqrt { { (\frac { R }{ L } ) }^{ 2 }-4\times 1\times \frac { 1 }{ LC } } }{ 2\times 1 } \\ \Rightarrow m=\frac { -\frac { R }{ L } \pm \sqrt { \frac { { R }^{ 2 } }{ { L }^{ 2 } } -\frac { 4 }{ LC } } }{ 2 } \\ \Rightarrow m=\frac { -\frac { R }{ L } \pm \sqrt { \frac { { R }^{ 2 }C-4L }{ { L }^{ 2 }C } } }{ 2 } \\ { R }^{ 2 }C=4L रखने पर-

\Rightarrow m=\frac { -\frac { R }{ L } \pm \sqrt { \frac { 4L-4L }{ { L }^{ 2 }C } } }{ 2 } \\ \Rightarrow m=-\frac { R }{ 2L } ,-\frac { R }{ 2L }
पूरक फलन (Complementary Function)[C.F.]=({ c }_{ 1 }+{ c }_{ 2 }t){ e }^{ -\frac { Rt }{ 2L } }
अतः समीकरण का व्यापक हल होगा i=({ c }_{ 1 }+{ c }_{ 2 }t){ e }^{ -\frac { Rt }{ 2L } }
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा पूरक फलन (Complementary Function,Rules for Finding complementary Function) को समझ सकते हैं।

4.पूरक फलन की समस्याएं

निम्नलिखित अवकल समीकरणों को हल कीजिए:
(Solve the following differential equations:)

(1)\frac { { d }^{ 3 }y }{ { dx }^{ 3 } } -3\frac { { d }^{ 2 }y }{ { dx }^{ 2 } } +4y=0\\ (2)\frac { { d }^{ 3 }y }{ { dx }^{ 3 } } -4\frac { { d }^{ 2 }y }{ { dx }^{ 2 } } +5\frac { dy }{ dx } -2y=0\\ (3)\frac { { d }^{ 2 }y }{ { dx }^{ 2 } } -2\frac { dy }{ dx } +y=0\\ (4)({ D }^{ 2 }+5D+4)y=0\\ (5)[(D+2){ (D-1) }^{ 3 }]y=0\\ (6)\frac { { d }^{ 4 }y }{ { dx }^{ 4 } } -2\frac { { d }^{ 3 }y }{ { dx }^{ 3 } } +2\frac { { d }^{ 2 }y }{ { dx }^{ 2 } } -2\frac { dy }{ dx } +y=0

उत्तर-(1)y=({ c }_{ 1 }+{ c }_{ 2 }x){ e }^{ 2x }+{ c }_{ 3 }{ e }^{ -x }\\ (2)y=({ c }_{ 1 }+{ c }_{ 2 }x){ e }^{ x }+{ c }_{ 3 }{ e }^{ 2x }\\ (3)y=({ c }_{ 1 }+{ c }_{ 2 }x){ e }^{ x }\\ (4)y={ c }_{ 1 }{ e }^{ -x }+{ c }_{ 2 }{ e }^{ -4x }\\ (5)y={ c }_{ 1 }{ e }^{ -2x }+({ c }_{ 2 }+{ c }_{ 3 }x+{ c }_{ 4 }{ x }^{ 2 }){ e }^{ x }\\ (6)y=({ c }_{ 1 }+{ c }_{ 2 }x){ e }^{ x }+{ c }_{ 3 }\cos { x } +{ c }_{ 4 }\sin { x }

उपर्युक्त समस्याओं को हल करने पर पूरक फलन (Complementary Function,Rules for Finding complementary Function) ठीक से समझ में आ जाएगा।

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