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7 Top Tips of How to Become Freelancer

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1.फ्रीलांसर कैसे बनें की 7 टॉप टिप्स (7 Top Tips of How to Become Freelancer),फ्रीलांसिंग कैसे शुरू करें की 7 तकनीक (7 Techniques of How to Start Freelancing):

  • फ्रीलांसर कैसे बनें की 7 टॉप टिप्स (7 Top Tips of How to Become Freelancer) के आधार पर आप जान सकेंगे कि फ्रीलांस क्या होता है? फ्रीलांसर के लिए किन-किन योग्यताओं की जरूरत होती है? फ्रीलांस के लिए कौन-कौन से फील्ड हैं? क्या फ्रीलांस पार्टटाइम जॉब है या फुलटाइम जॉब?
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2.फ्रीलांस क्या है? (What is Freelance?):

  • फ्रीलांसर कोई कर्मचारी नहीं होता है।यानी किसी कंपनी या वेबसाइट के वेतनिक कर्मचारी को फ्रीलांसर नहीं कहते हैं।रिमोट वर्क और वर्क फ्रॉम होम में काम करने वाला एम्प्लाॅई होता है परंतु फ्रीलांसर एम्प्लाॅई नहीं होता है।फ्रीलांसर का अर्थ होता है स्वतंत्र लेखक या स्वतंत्र कार्य करने वाला।यानी फ्रीलांसर अनेक जगह से जाॅब प्राप्त करता है और कर सकता है।उस पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है।फ्रीलांस काम पार्टटाइम या फुलटाइम किया जा सकता है।यह फ्रीलांसर पर निर्भर करता है कि वह पार्ट टाइम जॉब करें या फुल टाइम जॉब करें।फ्रीलांसर के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह कोई डिग्री कोर्स,डिप्लोमा किया हुआ हो।हां यह अवश्य है कि आपके पास अनुभव है तो आपको जाॅब मिलने के बहुत अधिक चांसेस होते हैं।
  • फ्रीलांसिंग ऑनलाइन या ऑफलाइन धन कमाने का तरीका है।एक स्टूडेंट भी अध्ययन करते हुए फ्रीलांस कार्य कर सकता है क्योंकि इसे पार्ट टाइम भी किया जा सकता है।ऑनलाइन या ऑफलाइन आप घर बैठे फ्रीलांस कार्य कर सकते हैं।जैसे किसी पत्र-पत्रिका या अखबार में समसामयिक विषयों या प्रतियोगिता परीक्षाओं के लेख लिखना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन या ऑफलाइन कर सकते हैं।पत्रिका या अखबार के लिए घर बैठे लेख लिखकर भेज दीजिए।प्रतियोगिता दर्पण,सिविल सर्विसेज,क्रॉनिकल,कंपटीशन सक्सेस आदि प्रतियोगिता पत्रिकाएं एवं अनेक अखबार प्रकाशित होते हैं उनमें फ्रीलांसर के लेख प्रकाशित होते हैं।
  • इसमें बड़े बिजनेस का कोई रोल नहीं होता है।एक स्टूडेंट भी यूट्यूब चैनल (youtube channel),वेबसाइट (website) को कस्टमाइज (customize) करना,ऐप (app) डेवलप करना,कंटेंट (content) लिखना,फोटो एडिटिंग करना,वीडियो एडिटिंग करना आदि कार्य बहुत आसानी से कर सकता है।डाटा एंट्री,बुककीपिंग,वर्च्युअल एस्सिटेंट,ट्यूटर,डाटा साइंस,डाटा एनालिसिस,साइबर सिक्योरिटी,सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO),ऑनलाइन ट्यूटरिंग,सोशल मीडिया मार्केटिंग,ग्राफिक डिजाइनिंग आदि ढेरो ऐसे कार्य हैं जिनमें फ्रीलांस कार्य किया किया जा सकता है।
  • कुछ कार्यों में केवल मोबाइल की जरूरत है जबकि कुछ कार्यों में लैपटॉप की जरूरत है।जैसे वेब डिजाइनिंग या एप डवलपिंग में लैपटॉप की भी जरूरत है।ऐसी स्थिति में आप कोई पुराना लैपटॉप ले सकते हैं और अपना कार्य प्रारंभ कर सकते हैं।
    अपनी रुचियों,योग्यता और सामर्थ्य को समझें और उसके अनुसार ही अपना फील्ड तय करें।यदि आप विद्यार्थी है तो ज्यादा अच्छा होगा कि अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए फील्ड का चयन करें।अर्थात् जिस क्षेत्र में भविष्य में भी जॉब करना चाहते हैं वही फील्ड चयन करेंगे तो ज्यादा अच्छा है।अन्यथा अपनी पढ़ाई का खर्च निकालना चाहते हैं और भविष्य में कोई ओर लक्ष्य बनाएंगे तो उस लक्ष्य के लिए आपके पास अनुभव बिल्कुल नहीं होगा।

3.फ्रीलांसर के लिए योग्यता (Eligibility for Freelancer):

  • फ्रीलांसर के लिए किसी भी योग्यता का होना अर्थात् कोई डिग्री,डिप्लोमा का होना तो आवश्यक नहीं है परंतु जिस फील्ड में काम करना चाहते हैं उस फील्ड का ज्ञान और अनुभव होना चाहिए।यदि आप स्टूडेंट हैं तो फ्रीलांस प्लेटफार्म से जुड़कर आप अपनी खूबियों,रुचियों को भी जान सकते हैं।जिस फ्रीलांस प्लेटफार्म पर आप अपना रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं,वहां अपने सम्पूर्ण डॉक्यूमेंट सबमिट करें।आपकी प्रोफाइल कंप्लीट होनी चाहिए।इसमें जो जरूरी चीजें हैं वे हैं:ईमेल,मोबाइल फोन नंबर (काॅन्टेक्ट की जानकारी हेतु),नाम,पता आदि।काॅन्टेक्ट की गलत जानकारी ना दें जिससे आपकी प्रोफाइल को फर्जी न माना जाए।
  • आप जिस तरह के फ्रीलांस वर्क करते हैं,उसकी ठीक-ठीक जानकारी दें।यह ध्यान रखें कि यहां उन बातों को लिखिए जिसमें वाकई में आप एक्सपर्ट हैं।इस तरह आपसे कोई भी उन कामों के लिए काॅन्टेक्ट कर सकेगा।
  • अपनी प्रोफाइल में अपने अनुभव का जिक्र करें।इसके साथ ही अपने कामों के चार्जेज का भी जिक्र करें।ध्यान रखें चार्जेज इतने अधिक नहीं होने चाहिए कि प्रोजेक्ट मिलने में दिक्कत हो।क्वालिटी वर्क बहुत मायने रखता है इसलिए इस पर अवश्य गौर करें।कोई भी आपको जाॅब देगा तो क्वालिटी के साथ समझौता नहीं करना चाहेगा।
  • आज के युग में काम प्राप्त करने के लिए आपको अनेक स्किल्स डेवलप करना जरूरी होता है।विद्यार्थी जीवन इसीलिए मिला है कि आप कुछ ना कुछ स्किल सीखें।यदि आपको किसी कंपनी में निजी या सरकारी जॉब प्राप्त नहीं हो रहा है तो फ्रीलांसिंग एक अच्छा विकल्प हो सकता है।फ्रीलांस काम करके आप पच्चीस-तीस हजार रुपए से लेकर आगे तक कमाई कर सकते हैं।दरअसल आपकी कमाई इस बात पर निर्भर करती है कि जिस क्षेत्र में आपकी रुचि है उसकी मार्केट में डिमांड कितनी है और उस फील्ड में काम प्राप्त करने वाले कितने हैं।इस प्रकार फ्रीलांस काम करके आप अपनी घर-गृहस्थी आसानी से चला सकते हैं।
  • फ्रीलांस प्लेटफार्म पर वर्क प्राप्त करने के लिए यों तो अनेक वेबसाइट हैं परंतु हम आपको चुनिंदा मुख्य-मुख्य वेबसाइट की जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं जहां आप अपना रजिस्ट्रेशन कराकर वर्क प्राप्त कर सकते हैं।
  • Truelancer.com पर स्टूडेंट अलग-अलग फील्ड में जाॅब प्राप्त कर सकते हैं।यहाँ मुख्य रूप से क्रिएटिव राइटिंग,ग्राफिक डिजाइनिंग,वेब डेवलपमेंट आदि में काम पा सकते हैं।WorkHhire.in यह कंटेंट राइटिंग,लैंग्वेज ट्रांसलेशन,कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और डिजिटल मार्केटिंग में फ्रीलांसिंग करने के लिए ट्रेंडी पोर्टल है।Upwork.com पर अलग-अलग कार्यों के अवसर देता है।Freelancer.in प्लेटफार्म पर कंटेंट राइटिंग,डिजाइन जैसी एक्टिविटीज में फ्रीलांस करने के अवसर देता है।Fiver.com पर स्टूडेंट ग्राफिक डिजाइन,डिजिटल मार्केटिंग,वीडियो एडिटिंग जैसे फील्ड्स में एक्सपीरियंस हासिल कर सकते हैं।
  • PeoplePerHour.com पर राइटिंग,डिजाइन,सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और स्ट्रक्चरल वर्क्स के लिए फ्रीलांस अवसर देता है।
    काम करने के लिए खुद को डिसाइड (decide) करना होता है।साथ ही बारगेनिंग (bargaining) भी करनी पड़ती है।बार्गेनिंग में यह ध्यान रखना होता है कि आपके पास कितना अनुभव है,आपको कितनी रिक्वायरमेंट है और सामने वाले को कितनी रिक्वायरमेंट है।इन सब चीजों को जानने के लिए अनुभव की जरूरत होती है।अतः ज्यों-ज्यों आप अनुभव प्राप्त करते जाते हैं त्यों-त्यों काम प्राप्त करने और बार्गेनिंग में कुशल होते जाते हैं।यदि बिल्कुल नए हैं तो सामने वाले की शर्तों पर काम करना पड़ सकता है।

4.अनुभव कैसे अर्जित करें? (How to gain experience?):

  • फ्रीलांस काम आप तभी तक कर पाएंगे जब आपके पास अनुभव होगा।मुश्किल तो तब है जबकि आपके पास अनुभव नहीं है और आप एक स्टूडेंट हैं।स्टूडेंट के पास अनुभव की कमी होती ही है।सबसे पहले ठीक से अपनी प्रतिभा को पहचानें,मार्केट की डिमांड समझें और आगे भविष्य में उससे जाॅब प्राप्त करने की काफी संभावना हो।इसके बाद उस फील्ड में ऑनलाइन या ऑफलाइन कोर्स कर सकते हैं अथवा यूट्यूब पर वीडियो देखकर या विभिन्न वेबसाइट पर फ्री में भी सीख सकते हैं।ऑनलाइन या ऑफलाइन कोर्सेज करने से तो सैद्धांतिक ज्ञान ही प्राप्त होता है,प्रैक्टिकल ज्ञान प्राप्त नहीं होता है।अनुभव अर्जित करने के लिए छोटे स्तर पर काम करें और bargaining में सामने वाले की शर्तों पर काम करें।छोटे स्तर पर काम इस तरह कर सकते हैं जैसे किसी यूट्यूब चैनल या वेबसाइट को कस्टमाइज (customize) करना,फोटो एडिटिंग (photo editing) या वीडियो एडिटिंग (video editing) करना है तो इन कार्यों को आप आसानी से कर सकते हैं।
  • धीरे-धीरे आपके अनुभव में वृद्धि होती जाएगी तो आप एप डेवलपिंग या वेब डिजाइनिंग या अन्य कार्य भी कर सकते हैं।यदि कंटेंट राइटिंग का काम करना चाहते हैं तो इसके लिए हमने कई लेख लिखे हैं उनको देखकर आप जान सकते हैं कि कैसे लेख लिखें।संक्षिप्त में इतना कहा जा सकता है कि लेख लिखने के लिए आपको लिखने की आदत डालनी होगी।साथ ही विभिन्न पुस्तकों का अध्ययन,मनन-चिंतन करते रहना होगा।अच्छी वेबसाइट पर लेख पढ़ने की आदत डालनी होगी।शुरू-शुरू में परेशानी होती है लेकिन एक बार आप किसी भी फील्ड में चल पड़ते हैं तो अनुभव के साथ आपकी झिझक खत्म होती जाएगी और आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होती जाएगी।
  • निरंतर अभ्यास करते रहे,करते रहें।आपको अभ्यास एक न एक दिन पूर्णता की ओर ले जाएगा।आप यदि अपने आप को स्कूल,कॉलेज की पुस्तकों तक ही सीमित रखेंगे तो आपमें स्किल का विकास नहीं हो पाएगा और न ही व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर पाएंगे।आप यदि तैरने की पुस्तक पढ़ लेंगे तो उससे आप पानी में नहीं तैर सकेंगे।तैरना सीखने के लिए आपको पानी में कूद कर अभ्यास करना होगा।पानी में कूदने पर डूबने का खतरा भी रहता है।यदि आप किसी कुशल प्रशिक्षक की देखरेख में तैरना सीखेंगे तो नहीं डूबेंगे।पढ़ने से ज्यादा गुनना (चिन्तन-मनन) उपयोगी होता है यानी जो पढ़ा है उसे ठीक से समझना और व्यवहार में लाना ज्यादा उपयोगी होता है।
  • एक बार आप किसी भी फील्ड का कोर्स कर लेंगे तो फिर फील्ड में उतरेंगे तब धीरे-धीरे सीख जाएंगे।घबरायें नहीं,हिम्मत रखें,अपनी योग्यता पर विश्वास रखें और भगवान को याद रखें।आगे बढ़ते जाएं,अभ्यास करते जाएं,गलतियों से सीखें,संघर्ष करें।संघर्ष ही आपको जीवन क्षेत्र में खड़ा रहना सिखाएगा।यदि कठिनाइयों,विपत्तियों से घबरा जाएंगे,संघर्ष नहीं करेंगे तो कितना ही सरल कार्य हो आप उसे नहीं कर पाएंगे,भाग खड़े होंगे।कोई भी कार्य सरल तब होता है जब आप उसका बार-बार अभ्यास करते हैं।यदि आपमें जन्मजात प्रतिभा कम है,योग्यता कम है,सामर्थ्य कम है तो आपको अधिक कठिनाइयों,विपत्तियों का सामना करना पड़ेगा।कालिदास जी बचपन में बिल्कुल मुर्ख थे लेकिन बार-बार अभ्यास करके वे महाकवि कालिदास बन गए।

5.संघर्ष से व्यक्तित्व निखरता है (Does conflict enhance personality?):

  • संघर्ष जीवन को परिभाषित करते हैं।जो कठिन संघर्ष में शांति का अनुभव करते हैं,अविचल रहते हैं,उन्हीं ने जीने का सही ढंग सीखा है।जोखिम,खतरा या संघर्ष कुछ भी नाम दें,इसे जीने का एकमात्र ढंग यही है।जिन्होंने संघर्ष किए हैं;भयावह खतरों के बीच जिए हैं,उन्हीं का जीवन विकसित हो सकता है।जिंदगी में अगर खतरे हैं,संघर्ष हैं तो समझो सब कुछ ठीक है।यदि ऐसा नहीं है,तो समझना जरूर कहीं कुछ गलत हो रहा है।
  • खतरा उठाने में कोई गलत नहीं हो सकता;क्योंकि अगर कोई खतरों से हमेशा भयभीत है कि कहीं कुछ गलत हो जाएगा,तब तो न खतरा हुआ और न ही खतरों से उपजा संघर्ष।अगर हर बात की पूरी गारंटी हो और फिर खतरा उठाया जाए;तो फिर खतरा या संघर्ष हुआ ही कहां! खतरों में,जोखिम में,संघर्ष में गलत हो जाने की,हानि होने की पूरी संभावना होती है; तभी तो उसे खतरा,जोखिम या संघर्ष कहा जाता है।इसमें कुछ ठीक भी हो सकता है और कुछ गलत भी हो सकता है।हानि और लाभ,दोनों की संभावना जानते हुए संघर्ष करने में संकोच न करना ही संघर्ष का सौंदर्य है।
  • व्यक्तित्व के विकास का पथ यही है।संघर्ष करते हुए; खतरों के बीच जीते हुए; जोखिम उठाते हुए अगर कुछ गलत होगा भी,तब भी पहले जैसे बने रहना संभव नहीं है।बस,गलती के माध्यम से कुछ समझ अवश्य होगी।अगर कहीं इन सब के बीच भटकना हो भी तो जिस क्षण भटकने का बोध होगा,उसी क्षण सीखना व समझना भी प्रारंभ हो जाएगा।इसलिए संघर्षों से,खतरों से,जोखिम उठाने से कभी मुँह नहीं मोड़ना चाहिए।एक संत के शिष्य ने संघर्ष से थक-हारकर उनसे पूछा:”क्या जीवन में सुख-चैन और आराम से जीना संभव नहीं है?” उत्तर में संत ने कहा:”थोड़ा ठहरो! जब तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी,तो कब्र में तुम सदा-सदा के लिए सुख-चैन से रह सकोगे।”इसलिए जब तक जीवन है,तब तक प्रत्येक संघर्ष के लिए,हर खतरे के लिए,हर जोखिम उठाने के लिए तत्पर रहो; क्योंकि जीवित व्यक्तियों के लिए यही मार्ग है।संघर्षविहीन पथ तो केवल मुर्दों के लिए है।

6.करियर के लिए क्या करें? (What to do for a career?):

  • अपने करियर के सपनों को पंख लगाने के लिए कई बार ऑनलाइन कोर्सेज करने के लिए या पढ़ाई के लिए आपको घर से दूर जाना भी पड़ सकता है तो ऐसे में बहुत से स्टूडेंट्स को घर की याद सताने लगती है।घर पर रहते-रहते उन्हें होम सिकनेस की बीमारी हो जाती है।इसका असर यह पड़ता है कि न तो आप फ्रीलांस के लिए कोई कोर्स कर पाते हैं और न पढ़ाई कर पाते हैं।यदि ऑनलाइन कोर्सेज कर भी लिया और घर से ही फ्रीलांस काम करना शुरू कर रहे हैं तो भी होम सिकनेस की बीमारी को दूर करना ही पड़ेगा।घर-परिवार का मोह त्यागना ही होगा क्योंकि घर पर फ्रीलांस का काम भी करेंगे तो घर-परिवार वाले किसी न किसी काम को करने के लिए कहेंगे अथवा मोहवश आप माता-पिता के साथ हँसी-दिल्लगी करेंगे,समय बिताना चाहेंगे।घर पर रहकर इस तरह काम करेंगे तो सफल नहीं हो पाएंगे।काम के समय काम करें,किसी भी स्टूडेंट अथवा व्यक्ति का काम ही प्यार होता है उसका शरीर नहीं।कुछ समय हंसी-दिल्लगी,घरवालों का काम भी कर सकते हैं।परन्तु घर के प्रति मोह का त्याग करेंगे तभी काम के साथ न्याय कर पाएंगे।यदि बाहर पढ़ने के लिए या कोई कोर्स करने के लिए गए हुए हैं और घर की याद सताती है तो आप फोन करके या वीडियो कॉल करके बात कर सकते हैं।अपने आप को एक्टिव और प्रोडक्टिव रखने से अकेलापन या घर की याद नहीं आती है।स्टडी करें और अपनी हॉबी (फ्रीलांस) को भी समय दें।इसके अलावा सत्साहित्य पढ़ना,फ्रीलांस काम से संबंधित ज्ञान अर्जित करना,योगासन-प्राणायाम,ध्यान-योग,आर्टिकल लिखना आदि कोई भी रचनात्मक कार्य कर सकते हैं।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में फ्रीलांसर कैसे बनें की 7 टॉप टिप्स (7 Top Tips of How to Become Freelancer),फ्रीलांसिंग कैसे शुरू करें की 7 तकनीक (7 Techniques of How to Start Freelancing) के बारे में बताया गया है।

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7.फ्रीलांसर का कमाल (हास्य-व्यंग्य) (Amazing of Freelancer) (Humour-Satire):

  • वेबसाइट मालिक (फ्रीलांसर से):क्या आपने वेबसाइट पर आर्टिकल क्लियर (ठीक) कर दिए हैं।
  • फ्रीलांसर:हाँ सर,वेबसाइट पर अच्छे-अच्छे आर्टिकल थे,उन्हें क्लियर (delete) कर दिए हैं।

8.फ्रीलांसर कैसे बनें की 7 टॉप टिप्स (Frequently Asked Questions Related to 7 Top Tips of How to Become Freelancer),फ्रीलांसिंग कैसे शुरू करें की 7 तकनीक (7 Techniques of How to Start Freelancing) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.क्या गृहिणी फ्रीलांस काम घर से कर सकती है? (Can a housewife do freelance work from home?):

उत्तर:गृहणियों जिनके पास टाइपिंग का अच्छा कौशल है,वे घर से आय अर्जित करने के इस अवसर का लाभ उठा सकती हैं।ऐसे कई वैध ऑनलाइन प्लेटफार्म हैं जो फ्रीलांसरों के लिए डेटा एंट्री जॉब ऑफर करते हैं।डेटा एंट्री जॉब के लिए कुछ लोकप्रिय ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में अपवर्क,फ्रीलांसर,फाइबर और गुरु (Guru) शामिल हैं।

प्रश्न:2.क्या फ्रीलांसिंग जाॅब आसान है? (Is freelancing job easy?):

उत्तर:फ्रीलांसिंग एक कठिन काम हो सकता है,लेकिन यह उन लोगों के लिए एक पुरस्कृत और संतुष्टिदायक करियर विकल्प भी हो सकता है जो स्वप्रेरित,अनुशासित हैं और जिनके पास कौशल है।

प्रश्न:3.फ्रीलांसर कैसे बनें? (How to become a freelancer?):

उत्तर:अपना niche तय करें।अपनी पेशेवर प्रोफाइल बनाना शुरू करें।अपने लक्षित ग्राहकों को खोजें।अपनी प्राइसिंग स्ट्रक्चर (pricing structure) तय करें। अपनी वेबसाइट बनाएं।अपनी सेवाओं का सक्रिय रूप से मार्केटिंग (marketing) शुरू करें।ग्राहक आधार बनाएं।अपने वित्त पर नजर रखें।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा फ्रीलांसर कैसे बनें की 7 टॉप टिप्स (7 Top Tips of How to Become Freelancer),फ्रीलांसिंग कैसे शुरू करें की 7 तकनीक (7 Techniques of How to Start Freelancing) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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