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How to develop Intelligence in hindi

1.बुद्धिमत्ता कैसे विकसित करें? का परिचय (Introduction to How to develop Intelligence in hindi),ज्ञान कैसे विकसित करें? (How to develop wisdom in hindi):

  • बुद्धिमत्ता कैसे विकसित करें?(How to develop Intelligence in hindi),ज्ञान कैसे विकसित करें? (How to develop wisdom in hindi):बुद्धि का विकास ज्ञानार्जन तथा विद्या प्राप्त करने से होता है।नीति में कहा है कि जो पढ़ता है,लिखता है,प्रश्न पूछता है,विद्वानों के पास बैठता है,उसकी बुद्धि उसी प्रकार विकसित हो जाती है जैसे सूर्य की किरणों से कमल विकसित होता है।
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via https://youtu.be/fIlcm0WLOfI

2.बुद्धिमत्ता कैसे विकसित करें?(How to develop Intelligence in hindi),ज्ञान कैसे विकसित करें? (How to develop wisdom in hindi):

  • मनुष्य और पशु में बुद्धि और विवेक का अंतर है। अन्य मामलों में दोनों में समानता है।सुख-दुख का अनुभव करना,सोना-जागना,संतान पैदा करना और उसका पालन पोषण करना यह सारे काम मनुष्य और पशु दोनों ही करते हैं।इन कामों के आधार पर हम मनुष्य और पशु में अंतर नहीं कर सकते हैं।केवल बुद्धि और विवेक ही है जिसके आधार पर हम अंतर कर सकते हैं।
  • मनुष्य ने बुद्धि का विकास करके अपने आपको विकसित तथा उन्नत कर लिया जबकि पशु-पक्षी उसी अवस्था में अपना जीवनयापन कर रहे हैं। मनुष्य अपने बुद्धि के बल पर ही शारीरिक रूप से शक्ति संपन्न पर शासन करता आ रहा है चाहे वह पशु,पक्षी हो या मनुष्य।
  • बुद्धि के बल पर मनुष्य हर क्षेत्र में भौतिक उन्नति दिनोंदिन करता जा रहा है।वह अपने ज्ञान,विज्ञान,व्यापार,यातायात,चिकित्सा,कृषि,शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करता जा रहा है और आगे से आगे उन्नति कर रहा है।
  • सद्बुद्धि के बल पर मनुष्य सही-गलत,उचित-अनुचित,न्याय-अन्याय,पाप-पुण्य,धर्म-अधर्म,विवेक-अविवेक का निर्णय कर पाता है।
  • सद्बुद्धि के द्वारा ही मनुष्य अपने परिवार,समाज,देश तथा मिलने-जुलने वालों,मित्रों,सहयोगियों को आगे बढ़ाता है तथा उनका सहयोग करता है।
  • सद्बुद्धि के द्वारा ऐसा कौनसा कार्य है जो नहीं किया जा सकता।यहां तक कि सद्बुद्धि के द्वारा जीवन-जगत,धर्मग्रंथों का अध्ययन,मनन-चिंतन,ज्ञान-विज्ञान,साहित्य,कथाओं तथा वार्ता का सदुपयोग कर पाता है।
  • सद्बुद्धि और शारीरिक बल में मुख्य अंतर यह है कि शारीरिक बल के आधार पर लाभ मनुष्य को एक सीमा तक ही मिल सकता है परंतु बुद्धि की सीमा अपार,विस्तृत और व्यापक है।तात्पर्य यह कि सद्बुद्धि मनुष्य के लिए एक वरदान है जिसके आधार पर मनुष्य अपने जीवन को अधिक उन्नत एवं प्रभावशाली बना सकता है।
  • जो मनुष्य अपनी बुद्धि को विकसित करने में लगा रहता है,अपने को संस्कारी और समर्थ बनाता जाता है।उसकी बुद्धि ज्यों-ज्यों बढ़ती है अच्छाई-बुराई,हानि-लाभ,उन्नति-अवनति का भेद उसको आता जाता है।बुद्धि को अधिक परिपक्व बनाने के लिए ज्ञान की साधना,विचारों को शुद्ध करना आवश्यक है।मन में आए नए विचारों और अपने ढंग से सोचने पर हमारी बुद्धि का विकास होता जाता है।
  • बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने के तरीके हैं जैसे पुस्तकों का स्वाध्याय करना,नए ज्ञान को ग्रहण करना,नई-नई बातें सीखना,बुद्धि को बढ़ाने की तीव्र लगन,जिज्ञासा होनी चाहिए।ज्ञान का भंडार अनन्त है।विकास का यह भी एक तरीका है कि अर्जित ज्ञान या स्वाध्याय को हम दूसरों को सिखाने में काम में लेते हैं तो भी बुद्धि का विकास होता है।
  • बुद्धि का विकास करने का एक ओर तरीका है कि ज्ञान कहीं से भी,किसी से भी मिले लेना अच्छा ही होता है।सीखने के लिए दूसरों के विचारों व दृष्टिकोण से घृणा नहीं करनी चाहिए।
  • जो बात छोटे बालक या बड़ों से,किसी से भी सीखते हैं, वह हमारे लिए गुरु ही होता है। दत्तात्रेय जी की तरह हमारे जीवन में ऐसे अनेक गुरु होते हैं या हो सकते हैं।बुद्धि की साधना को अपने तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए।भारत के विद्वानों,ऋषियों,मुनियों ने जहां उचित लगा उसे अपनाया है।
  • सद्ज्ञान जहाँ से भी मिले यथा धर्म,दर्शन,नीतिशास्त्र,अध्यात्म,मनोविज्ञान,समाजशास्त्र,विज्ञान,संस्कृति इत्यादि वही से ग्रहण कर लेना चाहिए।इससे हमारी बुद्धि का विकास होता है,दायरा बढ़ता है।अन्त में सबसे प्रमुख बात है कि हमारा सीखना तभी सार्थक होगा जबकि सीखने से हमें अपने अस्तित्व का बोध हो जाए हो जाए।इस प्रकार हम अपनी सद्बुद्धि को उन्नत कर सकते हैं।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में बुद्धिमत्ता कैसे विकसित करें?(How to develop Intelligence in hindi),ज्ञान कैसे विकसित करें? (How to develop wisdom in hindi) के बारे में बताया गया है।
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