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What are Qualities of math researcher?

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1 1.गणित शोधकर्ता की योग्यता क्या है की भूमिका(Introduction to What are Qualities of math researcher)-
1.2 (2.)गणित शोधकर्ता के लिए गणित से मित्रता जरूरी (Mathematics researcher requires friendship with mathematics):

1.गणित शोधकर्ता की योग्यता क्या है की भूमिका(Introduction to What are Qualities of math researcher)-

  • किसी भी क्षेत्र में चाहे गणित शोधकर्ता (math researcher)बनना हो या अन्य विषय में शोधकर्ता बनना हो उसके लिए गणित से दोस्ती करना आवश्यक है। गणित शोधकर्ता(math researcher) बनने के लिए किसी भी विद्यार्थी में एक विशेष प्रकार की तार्किक, चिंतन व मनन करने की शक्ति का होना आवश्यक है। गणित एक ऐसा विषय है जिसकी भाषा सार्वभौमिक होती है यानि सभी देशों में समान प्रतीकों तथा विषयवस्तु का प्रयोग होता है।यह एकमात्र ऐसा विषय है जिसमें शाश्वत भाषा का प्रयोग होता है।इस आर्टिकल में बताया गया है कि गणित शोधकर्ता(math researcher) में किन-किन गुणों की आवश्यकता होती है?
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(1.)गणित शोधकर्ता के लिए विशिष्ट चिंतन शक्ति की आवश्यकता (Specific thinking power required for mathematics researcher):

  • गणित शोधकर्ता (math researcher) द्वारा रिसर्च में एक नए विषय पर अपनी प्रामाणिक थ्योरी प्रस्तुत करनी होती है।नए विषय पर अपनी प्रामाणिक थ्योरी प्रस्तुत करने के लिए नए विषय पर सामग्री किसी पुस्तक,शिक्षक तथा सोशल मीडिया से प्राप्त करके प्रस्तुत की नहीं जा सकती है बल्कि अपनी प्रतिभा,मनन व चिंतन शक्ति का प्रयोग करना होता है।पुस्तकों, शिक्षकों तथा सोशल मीडिया से रिसर्च की आउट लाईन तथा बेसिक बातें तो जानी जा सकती है परंतु नई सामग्री वैज्ञानिक, तार्किक तथा व्यावहारिक हो इसके लिए स्वयं की विशिष्ट चिन्तन शक्ति का प्रयोग करने की आवश्यकता होती है।गणित शोधकर्ता (math researcher)में अन्य विषयों से अलग प्रकार के बैकग्राउंड की आवश्यकता होती है।जो व्यक्ति शुरू से ही अपने गणितीय तार्किक व चिंतन शक्ति का प्रयोग करता है ,आगे जाकर वही अच्छा गणित शोधकर्ता(math researcher) बन सकता है।

(2.)गणित शोधकर्ता के लिए गणित से मित्रता जरूरी (Mathematics researcher requires friendship with mathematics):

  • गणित शोधकर्ता (math researcher) बनने के लिए गणित से मित्रता का अर्थ है कि हमेशा गणित के विषय में चिंतन,मनन करना।हमेशा गणित के संपर्क में रहना। गणित को व्यवहारिक व सामान्य व्यक्ति का अंग बनाने के बारे में विचार व चिंतन करते रहना। गणित शोधकर्ता के लिए यह सबसे आवश्यक व महत्वपूर्ण बात है कि वह गणित विषय से मित्रता कर ले। मित्रता का अर्थ होता है कि वह हमेशा उसके साथ रहता है, उसके बारे में विचार करता रहता है।गणित विषय के बारे में इस प्रकार सोचते रहने से वह एक अच्छा गणित शोधकर्ता (math researcher) बन जाता है।

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(3.)गणित शोधकर्ता गणित का महत्त्व समझे (Mathematics researchers understand the importance of mathematics):

  • गणित एक ऐसा विषय है जो सर्वोच्च न्यायाधीश होता है, जिसके फैसले पर कोई अपील नहीं होती है।इसलिए गणित का जीवन में बहुत महत्व है।यदि हम एक अच्छी दुनिया का निर्माण करना चाहते हैं तो हमें गणित की शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण तरीके लेनी व देनी होगी। इसके लिए हमें गणित शोधकर्ता(math researcher) की आवश्यकता है साथ ही जब तक जीवन व जगत में गणित के महत्त्व को ठीक प्रकार से नहीं समझेंगे तब तक गणित शोधकर्ता एक अच्छा गणित शोधकर्ता साबित नहीं हो सकता है।

(4.)गणित शोधकर्ता की वर्तमान स्थिति (Current status of mathematics researcher):

  • भारत विश्व की दूसरी सबसे अधिक आबादी वाला देश है परंतु गणित तथा गणित शोधकर्ता(math researcher) के रूप में भारत का योगदान बहुत कम है।गणित तथा गणित शोधकर्ता के रूप में भारत का योगदान कम होने का मुख्य कारण है कम्पाटमेंटलाइजेशन आफ एजुकेशन।भारत में गणित को कई भागों में बांट दिया गया है जैसे अप्लाइड मैथ,स्टेटिक्स, अप्लाइड स्टैटिक्स आदि जिसके कारण विद्यार्थी सिर्फ गणित के जिस पहलू या टाॅपिक को पढ़ता है उसे उस पहलू या टॉपिक का ज्ञान होता है।
  • एक अच्छा गणित शोधकर्ता(math researcher) बनने के लिए गणित के सभी अंगों के अर्थात हर टॉपिक की जानकारी बहुत जरूरी है। इसके साथ ही यहां सीखने की प्रक्रिया भी अलग तरह की है। गणित के जो टाॅपिक कठिन होते हैं या कह लीजिए लगते हैं, उन्हें समझने के बजाय रट लेते हैं।इसका इसका अर्थ यह नहीं है कि भारतीयों में टैलेंट नहीं है।निश्चित रूप से भारत में कई युवाओं ने अपनी प्रतिभा गणित में दिखाई है तथा यह साबित किया है कि भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है। कमी है तो प्रतिभा को पहचान करके उसे निखारने की।
  • गणित शोधकर्ता(math researcher) कोई विद्यार्थी तभी बन सकता है जबकि उसकी गणितीय प्रतिभा को पहचान कर उसको प्रशिक्षित किया जाए।युवाओं में जो गणितीय प्रतिभा है उसको प्रशिक्षित करने में यह ध्यान रखा जाए कि जो टाॅपिक उनको कठिन लगते हैं,उस टाॅपिक को रटने के बजाय उन्हें समझाया जाय और फिर याद करने पर बल दिया जाए। इन बातों का पालन करने पर एक अच्छा गणित शोधकर्ता (math researcher)बना जा सकता है.

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2.गणित शोधकर्ता की योग्यता क्या है? (What are Qualities of math researcher?) के सम्बन्ध मे अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.मैं गणित का शोधकर्ता कैसे बनूँ? (How do I become a math researcher?):

उत्तर:गणित के क्षेत्र में महारत हासिल करने या गणितज्ञ बनने के लिए आपको आमतौर पर गणित में डॉक्टरेट की डिग्री यानी गणित में पीएचडी की आवश्यकता होती है।इस महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश करने के लिए,आपको पहले एक प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।लेकिन सबसे लोकप्रिय प्रवेश परीक्षा IIT JAM परीक्षा है।

प्रश्न:2.गणितज्ञ के गुण क्या हैं? (What are the qualities of a mathematician?):

उत्तर:एक अच्छे गणितज्ञ के गुण (Attributes)
अध्यवसाय,दृढ़ता (Persistence):एक गणितज्ञ को निरन्तर अध्ययन करते रहना चाहिए।अध्ययन की प्रवृत्ति में दृढ़ता होनी चाहिये तभी वह आगे से आगे बढ़ने सकता है।
संचार (Communication)।
लचीलाता (Resilience):अपना लक्ष्य फ्लेजीबल रखे।कई बार बहुत अधिक परिश्रम करने पर भी अप्रत्याशित बाधाओं के कारण सफलता नहीं मिल पाती है।
महत्वपूर्ण सोच (Critical thinking)।गणित के किसी भी टाॅपिक का अध्ययन करने के लिए उस पर कई तरीकों से विचार करना चाहिए।
तर्क (Logic)।
जिज्ञासा (Curiosity):रूचि और जिज्ञासा द्वारा आप आगे से आगे बढ़ते रहेंगे।गणित के अच्छे भविष्य की कल्पना करके आप रूचि को बनाए रख सकते हैं।
रचनात्मकता (Creativity)।
संगठन (Organization)।

प्रश्न:3.गणित शोध करने से विद्यार्थियों को किस प्रकार लाभ होता है? (How do students benefit from doing mathematics research?):

उत्तर:अनुसंधान छात्रों को यह समझ प्रदान करता है कि गणित और गणित को एक जीवन (living),बढ़ते क्षेत्र के रूप में करने का क्या अर्थ है।गणित लिखना और समस्या-समाधान छात्र के सीखने के केंद्र में हो जाते हैं।छात्रों में गणित के विषयों में निपुणता विकसित होती है।गणित में शोध करने से छात्र-छात्राओं के लिए करियर के कई क्षेत्र खुल जाते हैं।वह यह सोचने लगता है कि जीवन और जगत की समस्याओं को हल करने में गणित किस प्रकार मददगार साबित हो सकती है।

प्रश्न:4.गणितज्ञों को किन कौशलों की आवश्यकता होती है? (What skills do mathematicians need?):

उत्तर:महत्वपूर्ण सोच (critical thinking)।
समस्या को सुलझाना (problem solving):गणित में हर कदम पर समस्याएं आती रहती हैं उनको सुलझाते हुए आगे से आगे बढ़ते रहने से गणितज्ञ का कौशल बढ़ता जाता है।
विश्लेषणात्मक सोच (analytical thinking)।
मात्रात्मक तर्क (quantitative reasoning)।
सटीक और जटिल विचारों में हेरफेर करने की क्षमता।
तार्किक तर्कों का निर्माण करें और अतार्किक तर्कों को बाहर निकाल दें।
संचार।
समय प्रबंधन (time managemen):जीवन में समय का बहुत अधिक महत्त्व है इसलिए हर क्षण का उपयोग करना ही समय प्रबंधन है।क्योंकि जीवन में हर खोई हुई चीज पुनः प्राप्त की जा सकती है परन्तु गुजरा हुआ समय कभी नहीं प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न:5.गणित में शोध का उद्देश्य क्या है? (What is the purpose of research in mathematics?):

उत्तर:गणित शिक्षा में अनुसंधान के मुख्य रूप से दो उद्देश्य हैं:पहला गणितीय सोच,शिक्षण और सीखने की प्रकृति को बेहतर ढंग से समझना;और दूसरा गणित सीखने और सिखाने के लिए इस तरह के ज्ञान का उपयोग करना।

प्रश्न:6.गणित एक प्रतिभा है या एक कौशल? (Is math a talent or a skill?):

उत्तर:यह एक ऐसा कौशल है,जिसे कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में सीखना आसान लगता है।मुझे लगता है कि आप कह सकते हैं कि वे लोग अधिक “प्रतिभाशाली” थे,लेकिन मेरी राय में उनमें प्राकृतिक क्षमता नहीं है,उन्हें अधिक क्षमता प्राप्त करने के लिए बस कम मेहनत करनी पड़ती है। जहां तक ​​सीखने की शुरुआत का सवाल है,यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके पास पहले से कौन सा स्तर है।
गणित एक प्रतिभा तथा कौशल दोनों ही है।प्रतिभा के बिना हम गणित में आनेवाली समस्याओं तथा कठिनाइयों को हल नहीं कर सकते हैं।गणित का अभ्यास करते-करते एक विशेष प्रकार के कौशल का विकास होता जाता है।

प्रश्न:7.गणित में शोध कैसा है? (What is research in mathematics like?):

उत्तर:गणित मात्रा (संख्या) (quantity (numbers)),संरचना (structure),स्थान (space) और परिवर्तन (change) जैसे विषयों का अध्ययन है।गणित के सटीक दायरे और परिभाषा के बारे में गणितज्ञों और दार्शनिकों के बीच कई तरह के विचार हैं।गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए आवश्यक शोध में वर्षों या यहां तक ​​कि सदियों की निरंतर जांच हो सकती है।

प्रश्न:8.शुद्ध गणित अनुसंधान क्या है? (What is pure math research?):

उत्तर:शुद्ध गणित गणित के बाहर किसी भी अनुप्रयोग से स्वतंत्र रूप से गणितीय अवधारणाओं का अध्ययन है।ये अवधारणाएं वास्तविक दुनिया की चिंताओं में उत्पन्न हो सकती हैं और प्राप्त परिणाम बाद में व्यावहारिक अनुप्रयोगों के लिए उपयोगी हो सकते हैं,लेकिन शुद्ध गणितज्ञ मुख्य रूप से ऐसे अनुप्रयोगों से प्रेरित नहीं होते हैं।
गणित के जिन आविष्कारों का विज्ञान में तत्काल उपयोग होता दिखाई नहीं देता,उसे शुद्ध गणित कहा जाता है।शुद्ध गणित कालान्तर में उपयोगी गणित में बदला जा सकता है।शुद्ध गणित एक व्यापक विषय है।जैसे संख्याशास्त्र शुद्ध गणित का विषय है।

प्रश्न:9.क्या एक शोधकर्ता को गणित में अच्छा होना चाहिए? (Does a researcher have to be good in math?):

उत्तर:प्रख्यात जीवविज्ञानी ईओ विल्सन (biologist E. O. Wilson),हालांकि, विज्ञान प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है जो उच्च गणित से सावधान हैं:महान विज्ञान करने के लिए आपको गणित में महान होने की आवश्यकता नहीं है।शेष विज्ञान में कहीं अधिक महत्वपूर्ण अवधारणाओं को बनाने की क्षमता है,जिसके दौरान शोधकर्ता छवियों और प्रक्रियाओं को अंतर्ज्ञान (intuition) से जोड़ता है।”
आजकल के अनुसंधान चाहे भौतिक विज्ञान का क्षेत्र हो,खगोल विज्ञान का क्षेत्र अथवा अन्य कोई क्षेत्र हो गणित का ज्ञान होना आवश्यक है।

प्रश्न:10.क्या गणित एक प्राकृतिक प्रतिभा है? (Is math a natural talent?):

उत्तर:प्रारंभिक ग्रेड में,एक उच्च IQ का मतलब आमतौर पर उच्च गणित स्कोर होता है।लेकिन यह पता चला है कि प्राकृतिक प्रतिभा (natural talent) ही आपको अभी तक प्राप्त करेगी कम-विकास के रूप में सूचीबद्ध छात्रों के यह मानने की अधिक संभावना थी कि गणित की क्षमता ऐसी चीज है जिसके साथ आप पैदा हुए हैं और इसे सुधार नहीं किया जा सकता है, और वे अध्ययन करते समय याद रखने पर अधिक निर्भर थे।
प्राकृतिक प्रतिभा को जब्त तक तराशा, निखारा और उभारा नहीं जाएगा तब किसी भी व्यक्ति की प्राकृतिक प्रतिभा अपना कोई चमत्कार नहीं दिखा सकती है।वह छुपी हुई रहकर सड़ गल जाएगी।

प्रश्न:11.क्या गणित में अच्छा होना आनुवंशिक है? (Is being good at math genetic?):

उत्तर:गणितीय क्षमता को आनुवंशिक (heritable) और कई जीनों से संबंधित (related to several genes) माना जाता है जो मस्तिष्क के विकास के लिए भूमिका निभाते हैं।लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गणित से संबंधित जीन विकासशील मानव मस्तिष्क को कैसे गढ़ सकते हैं।
जन्मजात अथवा आनुवंशिक प्रतिभा को जब तक कठिनाइयों, समस्याओं,विपरीत परिस्थितियों से गुजारा नहीं जाएगा, तपाया नहीं जाएगा तब तक ऐसी प्रतिभा कोई भी चमत्कार करने में सक्षम नहीं हो सकती है।

प्रश्न:12.गणित का शोध कितना कठिन है? (How difficult is math research?):

उत्तर:गणित अनुसंधान अन्य शोधों की तुलना में इस अर्थ में कठिन है कि गणितज्ञ “अकादमिक रूप से नग्न (academically naked)” होते हैं, जबकि कहते हैं,एक भौतिक विज्ञानी एक बड़े शोध समूह में छिप सकता है।भौतिक विज्ञान की तुलना में गणित अनुसंधान अधिक कठिन होने का एक अन्य कारण यह है कि गणित अमूर्त विषय है।इसलिए अमूर्त विषय पर शोध करने के लिए उच्च स्तर का दार्शनिक ज्ञान,आत्मबल,कौशल और विशेष प्रतिभा की आवश्यकता होती है.

प्रश्न:13.गणित में सबसे सक्रिय अनुसंधान क्षेत्र कौन सा है? (What is the most active research area in mathematics?):

उत्तर:सबसे पहले इसका जवाब दिया गया: शोध गणित में सबसे लोकप्रिय क्षेत्र कौन से हैं? एक से अधिक सम्मिश्र चर के फलनों का विश्लेषण एक अपेक्षाकृत नया (50 वर्ष) क्षेत्र है जिसके लिए कुछ, यदि कोई हो, आवेदन पाए गए हैं।

प्रश्न:14.क्या अनुप्रयुक्त गणित शुद्ध गणित से बेहतर है? (Is applied math better than pure math?):

उत्तर:अनुप्रयुक्त गणित (Applied maths) की गतिविधि शुद्ध गणित (pure mathematics) में अनुसंधान के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है।यह शुद्ध गणित से बेहतर है क्योंकि यह शुद्ध गणित के सूत्रों का उपयोग करता है और उन्हें वास्तविक जीवन में लागू करता है।अनुप्रयुक्त गणित वास्तविक दुनिया में चीजों की भविष्यवाणी करने और समझाने की कोशिश करता है।
अनुप्रयुक्त गणित का विज्ञान में उपयोग होता है इसलिए अनुप्रयुक्त गणित को बेहतर माना जाता है परन्तु शुद्ध गणित का अर्थ यह नहीं है कि उसका विज्ञान में कोई उपयोग नहीं होता है।शुद्ध गणित का कालान्तर में जाकर उपयोग हो सकता है।

प्रश्न:15.गणित और विज्ञान के बीच क्या संबंध है? (What is the relationship between mathematics and science?):

उत्तर:गणित विज्ञान का एक आंतरिक घटक है,इसके ताने-बाने का हिस्सा है,इसकी सार्वभौमिक भाषा है और बौद्धिक साधनों का अपरिहार्य स्रोत है।पारस्परिक रूप से, विज्ञान गणित को प्रेरित और उत्तेजित करता है,नए प्रश्न प्रस्तुत करता है,सोचने के नए तरीकों को जन्म देता है और अंततः गणित की मूल्य प्रणाली को कंडीशनिंग करता है।
गणित विज्ञान की आत्मा है।गणित के बिना विज्ञान अपना अस्तित्व बनाए रखने में असमर्थ सिद्ध होगा।आधुनिक युग वैज्ञानिक युग है अतः इस युग की नींव गणित पर ही आधारित है।आज गणित के सिद्धान्तों का भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीवशास्त्र, वनस्पति विज्ञान, भूगर्भ शास्त्र, ज्योतिष शास्त्र, भूगोल, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान,तर्कशास्त्र, वाणिज्य, संगीत तथा अनेकों महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यापक रूप उपयोग किया जा रहा है।

प्रश्न:16.क्या हम गणित में शोध कर सकते हैं? (Can we do research in mathematics?):

उत्तर:अधिकांश गणितज्ञों के लिए,शोध करना सीखने की प्रक्रिया काफी मानक है।एक स्नातक विद्यालय में कक्षाएं लेने से शुरू होता है और बहुत सारी गृहकार्य समस्याएं करता है, जिनमें से लगभग सभी को एक निश्चित कथन को साबित करने या एक निश्चित घटना का उदाहरण (certain phenomenon) देने की आवश्यकता होती है।
यदि आपकी गणित में गहरी रुचि है और साथ ही योग्यता भी है तो आप गणेश में शोध कर सकते हैं।

प्रश्न:17.आप शोध कैसे करते हैं? (How do you do research?):

उत्तर:अनुसंधान प्रक्रिया में बुनियादी कदम
चरण 1:अपने विषय को पहचानें और विकसित करें (Identify and develop your topic)।
चरण 2 :जानकारी के लिए प्रारंभिक खोज करें (Do a preliminary search for information)।
चरण 3:सामग्री का पता लगाएँ (Locate materials)।
चरण 4:अपने स्रोतों का मूल्यांकन करें (Evaluate your sources)।
चरण 5:नोट्स बनाएं (Make notes)।
चरण 6:अपना पेपर लिखें (Write your paper)।
चरण 7:अपने स्रोतों को ठीक से उद्धृत करें (Cite your sources properly)।
चरण 8: प्रूफरीड (Proofread)।

प्रश्न:18.क्या प्रयुक्त गणित गणित से आसान है? (Is applied maths easier than maths?):

उत्तर:यदि आप इंजीनियरिंग अवधारणाओं के साथ मजबूत हैं, तो अनुप्रयुक्त गणित कठिन नहीं होगा और अधिकतर आप शुद्ध गणित अवधारणाओं को भी पीछे छोड़ सकते हैं। यदि आप कला या विज्ञान स्नातक हैं,तो शुद्ध गणित कठिन नहीं होगा।निरंतर अभ्यास और ज्ञान प्राप्त करने पर अनुप्रयुक्त गणित में भी महारत हासिल की जा सकती है।
अनुप्रयुक्त गणित की बजाय शुद्ध गणित अधिक कठिन है।लेकिन शुद्ध गणित के क्षेत्र में खोज करने वाले शुद्ध गणित को एक खेल मानते हैं।

प्रश्न:19.गणित और विज्ञान क्यों महत्वपूर्ण है? (Why is mathematics and science important?):

उत्तर:युवा शिक्षार्थियों के पास दुनिया के बारे में और यह कैसे काम करता है,इसके बारे में बहुत सारे प्रश्न हैं।गणित और विज्ञान की शिक्षा उत्तर खोजने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करती है।छात्रों को गणित और विज्ञान को समझने के लिए तैयार करने से उन्हें उन समुदायों को समझने,विश्लेषण करने और प्रभावित करने के लिए उपकरण मिलते हैं जहां वे रहते हैं।

प्रश्न:20.आप गणितीय शोध में कैसे सफल होते हैं? (How do you succeed in mathematical research?):

उत्तर:प्राइम्स: गणितीय अनुसंधान में कैसे सफल हों
जिद्दी और साथ ही लचीले बनें (Be stubborn and at the same time flexible)।
ज्ञानी बनो (Be knowledge-seeking)।
गणितीय अनुसंधान एक आंतरिक रूप से सामाजिक गतिविधि है (Mathematical research is an intrinsically social activity)।
समस्या को छोटे,काटने के आकार के चरणों में विभाजित करें या अपने गुरु से आपके लिए ऐसा करने के लिए कहें (Split the problem into small, bite-size steps, or ask your mentor to do so for you)।
उदाहरणों पर विचार करें (Consider examples)।

प्रश्न:21.शोध प्रक्रिया के 10 चरण क्या हैं? (What are the 10 steps of the research process?):

उत्तर:अनुसंधान प्रक्रिया में 8 कदम
अनुसंधान समस्या का चयन (Selection of Research Problem)।
व्यापक साहित्य सर्वेक्षण (Extensive Literature Survey)।
परिकल्पना करना (Making Hypothesis)।
अनुसंधान डिजाइन तैयार करना (Preparing the Research Design)।
नमूनाकरण (Sampling)।
आंकड़ा संग्रहण (Data collection)।
डेटा विश्लेषण (Data Analysis)।
परिकल्पना परीक्षण (Hypothesis Testing)।

प्रश्न:22.अनुप्रयुक्त गणित और सामान्य गणित में क्या अंतर है? (What is the difference between applied maths and normal maths?):

उत्तर:इसके बारे में सोचने का सबसे आसान तरीका यह है कि शुद्ध गणित अपने लिए किया गया गणित है,जबकि अनुप्रयुक्त गणित व्यावहारिक उपयोग के साथ गणित है। अनुप्रयुक्त गणित के अन्य उदाहरण सांख्यिकी या प्रायिकता सिद्धांत हो सकते हैं।दूसरी ओर,शुद्ध गणित भौतिक दुनिया से अलग है।

प्रश्न:23.एक शोध प्रक्रिया में छह चरण क्या हैं? (What are the six stages in a research process?):

उत्तर:रुमेल और बैलेन (1963) द्वारा प्रस्तावित मॉडल को अपनाते हुए,अनुसंधान प्रक्रिया में छह चरण शामिल हैं। इनमें अध्ययन के क्षेत्र की पहचान करना (identifying the area of study),विषय का चयन करना (choosing the topic),एक शोध योजना तैयार करना (formulating a research plan),डेटा एकत्र करना और फिर उसका विश्लेषण करना (collecting and then analysing the data) और फिर अंत में अध्ययन लिखना शामिल है (finally writing up the study)।

प्रश्न:25.शोध प्रक्रिया के 8 चरण क्या हैं? (What are the 8 steps of the research process?):

उत्तर:अनुसंधान प्रक्रिया के चरण
चरण 1: समस्या की पहचान करें (Identify the Problem)।
चरण 2: साहित्य की समीक्षा करें (Review the Literature)।
चरण 3: समस्या को स्पष्ट करें (Clarify the Problem)।
चरण 4: नियमों और अवधारणाओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित करें (Clearly Define Terms and Concepts)।
चरण 5: जनसंख्या को परिभाषित करें (Define the Population)।
चरण 6: इंस्ट्रुमेंटेशन योजना विकसित करें (Develop the Instrumentation Plan)।
चरण 7: डेटा एकत्र करें (Collect Data)।
चरण 8: डेटा का विश्लेषण करें (Analyze the Data)।

प्रश्न:26.अनुसंधान प्रक्रिया में 8 चरण क्या हैं? (What are the 8 steps in the research process?):

उत्तर:अनुसंधान प्रक्रिया में ये 8 चरण हैं;
समस्या की पहचान करना (Identifying the problem.)।
साहित्य की समीक्षा करना (Reviewing literature)।
अनुसंधान प्रश्न,उद्देश्य और परिकल्पना निर्धारित करना (Setting research questions, objectives, and hypotheses)।
अध्ययन डिजाइन का चयन (Choosing the study design)।
नमूना डिजाइन पर निर्णय लेना (Deciding on the sample design)।
डेटा एकत्र करना (Collecting data)।
डेटा का प्रसंस्करण और विश्लेषण (Processing and analyzing data)।
रिपोर्ट लिख रहा है (Writing the report)।

प्रश्न:27.शोध की प्रक्रिया क्या है? (What is process of research?):

उत्तर:अनुसंधान प्रक्रिया अनुसंधान कार्य के संचालन में कई वैज्ञानिक चरणों की एक प्रक्रिया है।प्रत्येक चरण अन्य चरणों के साथ जुड़ा हुआ है।प्रक्रिया सबसे पहले शोध समस्या से शुरू होती है।फिर यह क्रमिक रूप से अगले चरणों में आगे बढ़ता है।आम तौर पर एक शोधकर्ता सात चरणों के भीतर शोध कार्य करता है।

प्रश्न:28.प्रत्येक शोधकर्ता का अपने पाठकों के प्रति क्या उत्तरदायित्व होता है? (What are the responsibilities of every researcher to their readers?):

उत्तर:शोधकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि वे अपने शोध को संप्रेषित करें,जहां उपयुक्त हो वहां दूसरों के साथ सहयोग करें और अपने नियोक्ता,अर्थव्यवस्था और समग्र रूप से समाज के लाभ के लिए ज्ञान का हस्तांतरण और दोहन करें।अनुसंधानकर्ताओं का दायित्व है कि वे अपने शोध के दौरान ईमानदारी और नैतिक आचरण करें।

प्रश्न:29.अनुसंधान की पांच बुनियादी विशेषताएं क्या हैं? (What are the five basic characteristics of research?):

उत्तर:अनुसंधान के लक्षण
अनुसंधान को प्राथमिकता वाली समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।
शोध व्यवस्थित (systematic) होना चाहिए।
शोध तार्किक (logical) होना चाहिए।
अनुसंधान रिडक्टिव (reductive) होना चाहिए।
अनुसंधान प्रतिकृति (replicable) योग्य होना चाहिए।
शोध जनरेटिव (generative) होना चाहिए।
अनुसंधान क्रिया-उन्मुख (action-oriented) होना चाहिए

प्रश्न:30.शोध का कौन सा भाग सबसे कठिन है? (Which part of the research is the most difficult?):

उत्तर:परिचय (Introduction)
“परिचय” सबसे कठिन हिस्सा है।

प्रश्न:31.शोध प्रक्रिया में सबसे कठिन कदम क्या है? (What is the most difficult step in research process?):

उत्तर:वैज्ञानिक समस्या के निरूपण (Formulation of scientific problem) को अक्सर अनुसंधान परियोजना का सबसे कठिन और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।

प्रश्न:32.अनुसंधान प्रक्रिया का प्रथम चरण क्या है ? (What is the first step of research process?):

उत्तर:चरण 1 – किसी प्रश्न या समस्या की पहचान करें।
शोध प्रक्रिया में पहला कदम एक शोध प्रश्न विकसित करना है।यह एक ऐसी समस्या हो सकती है जिसे हल करने की आवश्यकता है, या कुछ जानकारी जो किसी विशेष विषय के बारे में गायब है।इस प्रश्न का उत्तर शोध अध्ययन का केन्द्र बिन्दु होगा।

प्रश्न:33.एक शोधकर्ता के आवश्यक गुण क्या हैं? (What are the essential qualities of a researcher?):

उत्तर:हम सभी के भीतर एक शोधकर्ता है जो बस छूटने का इंतजार कर रहा है
एक विश्लेषणात्मक दिमाग (An analytical mind)।
शांत रहने की क्षमता (The ability to stay calm)।
बुद्धि (Intelligence)।
जिज्ञासा (Curiosity)।
तीव्र गति से सोचने वाला (Quick thinker)।
प्रतिबद्धता (Commitment)।
शानदार लेखन और मौखिक संवाद कौशल (Excellent written and verbal communication)।
सहानुभूतिपूर्ण (Sympathetic)।
कौशल (skills)
एक रचनात्मक दृष्टिकोण और गणित में गहरी रुचि।
जटिल समस्याओं को समझने और उनका विश्लेषण करने की बौद्धिक क्षमता।
अनुसंधान परियोजनाओं को विकसित करने के लिए दृढ़ता और धैर्य।
उत्कृष्ट मौखिक एवं लिखित संचार क्षमताएं।
विस्तार पर बहुत ध्यान।
एक टीम में सहयोग करने और अच्छी तरह से काम करने की क्षमता।

प्रश्न:34.मैं एक सफल शोधकर्ता कैसे बन सकता हूँ? (How can I be a successful researcher?):

उत्तर:एक सफल शोधकर्ता बनने के लिए छह महत्वपूर्ण कौशल
विनम्र और आलोचना के लिए खुला होना (Being humble and open to criticism)।
एक सामाजिक नेटवर्क का निर्माण (Building a social network)।
कड़ी मेहनत,स्मार्ट काम करना (Working hard, working smart)।
स्पष्ट लक्ष्य होना/संगठित होना/एक अच्छी शोध योजना होना (Having clear goals / being organized / having a good research plan)।
कम्फर्ट जोन से बाहर निकल रहे हैं (Stepping out of the comfort zone)।
अच्छा लेखन कौशल होना (Having good writing skills)।

प्रश्न:36.शोध की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता क्या है? (What is the most important characteristic of research?):

उत्तर:मेरी राय में,अनुसंधान के तीन सबसे महत्वपूर्ण पहलू निम्नलिखित हैं अर्थात् मौलिकता,प्रासंगिकता और नए ज्ञान का निर्माण।

उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा गणित शोधकर्ता की योग्यता क्या है? (What are Qualities of math researcher?) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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