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Student Misconceptions about Probability in Coin Flipping

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1 1.सिक्का फ़्लिपिंग में प्रायिकता के बारे में छात्र गलतफहमी का परिचय (Introduction to Student Misconceptions about Probability in Coin Flipping):

1.सिक्का फ़्लिपिंग में प्रायिकता के बारे में छात्र गलतफहमी का परिचय (Introduction to Student Misconceptions about Probability in Coin Flipping):

  • सिक्का फ़्लिपिंग में प्रायिकता के बारे में छात्र गलतफहमी (Student Misconceptions about Probability in Coin Flipping) अर्थात सिक्का उछालने में हमारी गलतफहमी तथा धारणाएं हैं। जैसे सिक्के को 100 बार उछाले तो प्रथम बार उछालने पर Head आए और अगली बार हमसे पूछा जाए कि सिक्के पर क्या आने की संभावना है तो हम तत्काल कह देते हैं कि Tail आएगा। इस प्रकार 100 बार उछालने पर हमारा अनुमान इसी प्रकार का होता है। जबकि प्रायिकता का अर्थ होता है किसी प्रयोग या घटना के सभी संभव परिणाम हमें पहले से ही ज्ञात हों परन्तु घटना या प्रयोग का एक निश्चित अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। जैसे सिक्के को उछालने पर इसके परिणाम चित्त और पट दो परिणाम पहले से ही ज्ञात हैं लेकिन यह निश्चित परिणाम नहीं बताया जा सकता है कि चित्त आएगा या पट। ज्ञात परिणामों में एक सम्भावित परिणाम अवश्य आएगा। इस आर्टिकल में हमारी गलतफहमी के बारे में बताया गया है। परन्तु प्रायिकता के जो नियम विस्तार से बताए गए हैं उसे ध्यान रखें तो इस स्थिति से बचा जा सकता है। प्रायिकता के सिद्धान्तों का प्रयोग करते हुए हम भविष्य में घटित होने वाली घटना के परिणाम के बारे में अनुमान लगाकर निर्णय ले सकते हैं। प्रायिकता का प्रयोग करके अपने व्यवसाय तथा अपने दैनिक जीवन की घटनाओं के बारे में अनुमान लगाकर उचित निर्णय ले सकते हैं। प्रायिकता का सिद्धान्त वैज्ञानिक है, यह केवल अन्धेरे में तीर मारने के समान नहीं है कि निशाना लग गया तो तीर नहीं तो तुक्का। इ आर्टिकल को पढ़ने पर आप प्रायिकता के बारे में प्रारम्भिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और गलतफहमी से बच सकते हैं।
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2.प्रायिकता (Probability):

  • हमारे दैनिक जीवन में अनेक ऐसी घटनाएँ घटित होती हैं जिनके एक से अधिक संभावित परिणाम हो सकते हैं। ऐसी घटनाओं के परिणाम की जिज्ञासा हर मनुष्य को होती हैं। ऐसी घटनाओं का पूर्वानुमान लगाकर मनुष्य लाभ उठाने की कोशिश करता है। किसी भी घटना से संबंधित पूर्व सूचनाओं व परिस्थितियों के आधार पर परिणामों की संभावनाओं का पता करने के सिद्धांत को प्रायिकता कहते हैं।
  • प्रायिकता के सिद्धांत की उत्पत्ति 17 वीं शताब्दी में यूरोप में हूई थी। वहाँ के उद्योगपतियों एवं व्यापारियों ने उनसे संबंधित व्यवसाय से सम्बंधित व्यवसाय के परिणामों के पूर्वानुमान करने के प्रयास किए जिससे अधिक से अधिक लाभ हो सके इन लोगों ने अपनी समस्याओं को तत्कालीन गणितज्ञों गेलीलियो, पास्कल, फर्मा कारडेनों आदि के सामने रखा। गणितज्ञों ने इन समस्याओं के समाधान हेतु गणितीय विधियों का विकास किया जिससे गणित की इस शाखा की उत्पत्ति हुई। 18 वीं एवं 19 वीं शताब्दी में प्रमुख गणितज्ञों लाॅप्लास, गॉस और बरनौली आदि ने इस सिद्धांत का और विकास किया। 20 वीं शताब्दी में प्रायिकता सिद्धांत पर आधारित चयन सिद्धांत, निर्णय सिध्दांत आदि का प्रतिपादन हुआ जिसका श्रेय आर. एस. फिशर तथा कार्ल पियर्सन आदि को जाता है।
  • आधुनिक युग में प्रायिकता के सिद्धांत का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में भविष्य के सम्बन्ध में निर्णय लेने हेतु किया जा रहा है जैसे किसी राज्य या देश का बजट बनाने में, बीमा कंपनियों में, संयोग पर आधारित खेलों में, कृषि, अर्थशास्त्र, वैज्ञानिक अनुसंधान में, सैनिक विशेषज्ञ सुरक्षा सम्बन्धी नीति निर्धारण में, व्यापक रूप से व्यवसाय के क्षेत्र में, प्राकृतिक एवं भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में, समाज एवं राज्य व्यवस्था की महत्त्वपूर्ण नीति निर्धारण में किया जाता है। प्रायिकता के अध्ययन में काम आने वाले कुछ महत्वपूर्ण शब्दों की निम्नांकित परिभाषा है –
    परिभाषाएं (Definitions) –

(1.)यादृच्छिक प्रयोग (Random Experiment):

  • एक प्रयोग जिसके बारे में सभी संभव परिणाम पहले से ही ज्ञात हों तथा प्रयोग के किसी विशेष परिणाम के आने का निश्चित अनुमान नहीं लगाया जा सके, यादृच्छिक प्रयोग कहलाता है।जैसे एक सिक्के के उछाल में चित्त या पट दो परिणाम पहले से ज्ञात हैं, लेकिन निश्चित परिणाम नहीं बताया जा सकता है। अतः सिक्के को उछालना यादृच्छिक प्रयोग है।

(2.)अभिप्रयोग एवं घटना (Trial and Event):

  • किसी भी संदर्भ का कोई प्रयोग जिसका कई सम्भावित परिणामों में से एक परिणाम अवश्य होता हो, एक अभिप्रयोग कहलाता है तथा इसके सम्भावित परिणाम घटनाएँ कहलाती हैं। उदाहरणार्थ – एक सिक्के को उछालना एक अभिप्रयोग है और चित्त(H) या पट (  T) आना एक घटना है।
  • एक पासे को उछालना एक अभिप्रयोग है और 1,2,3,4,5,6में से किसी एक अंक का आना घटना है, परीक्षा में किसी परीक्षार्थी का बैठना एक अभिप्रयोग है एवं उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण होना एक घटना है।

 (3.)सरल घटना (Simple Event):

  • किसी अभिप्रयोग में एक समय में केवल एक घटना घटित हो तो उसे सरल घटना कहते हैं। उदाहरणार्थ – एक थैले में कुछ काली तथा सफेद गेंदें हैं उसमें से एक गेंद निकालना सरल घटना है।

(4.)नि:श्शेष घटनाएँ या कुल स्थितियाँ (Exhaustive events or Total Number of cases):

  • किसी अभिप्रयोग के समस्त सम्भावित परिणाम उस अभिप्रयोग की नि:श्शेष घटनाएँ या कुल स्थितियाँ कहलाती हैं। उदाहरणार्थ – एक सिक्के को उछालना एक अभिप्रयोग है और चित्त (H) या पट (T) आ सकते हैं। अतः इस अभिप्रयोग में 2 नि:श्शेष घटनाएँ हैं, एक पासे को उछालने पर 1,2,3,4,5या 6 अंक आ सकता है। अतः इस अभिप्रयोग में 6 नि:श्शेष घटनाएँ हैं।

(5.)अनुकूल घटनाएँ या स्थितियाँ (Favourable events or cases):

  • किसी अभिप्रयोग में किसी विशिष्ट घटनाओं की अनुकूल स्थितियाँ उस प्रयोग के उन परिणामों की संख्या है जिसमें वह विशिष्ट घटना घटित होती है। उदाहरणार्थ – एक पासे को उछालने पर सम अंक आने की अनुकूल घटनाएँ 2,4,6अर्थात् 3 हैं, ताश की गड्डी में से दो पत्ते खींचने में राजा आने की अनुकूल स्थितियाँ 4c2 अर्थात् 6 हैं, दो पासों को उछालने पर योग 5 आने के लिए 4 अनुकूल स्थितियाँ हैं (1,4),(2,3),(3,2),(4,1)

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(6.)स्वतंत्र व आश्रित घटनाएँ (Independent and dependent events):

(i.)स्वतंत्र घटनाएँ (Independent Events):

  • दो या दो अधिक घटनाएँ स्वतंत्र घटनाएँ कहलाती हैं यदि किसी के घटित होने या न होने का प्रभाव शेष घटनाओं के घटित होने या न होने पर नहीं पड़ता है। उदाहरणार्थ – एक सिक्के तथा एक पासे के साथ-साथ उछालने पर सिक्के पर पट तथा पासे पर 4 आना स्वतन्त्र घटनाएँ हैं।

(ii.)आश्रित घटनाएँ (Dependent Events):

  • दो या दो से अधिक घटनाएँ इस प्रकार हों कि एक के घटित होने का प्रभाव दूसरे पर पड़ता हो तो उन्हें आश्रित घटनाएँ कहते हैं। उदाहरणार्थ – ताश की साधारण गड्डी खींचे एक पत्ते का पान का होना तदुपरान्त बिना इस पत्ते को गड्डी में मिलायें पुन: खींचे गए पत्ते का हुकुम का पत्ता होना दोनों आश्रित घटनाएँ हैं।

(7.)परस्पर अपवर्जी या असंयुक्त घटनाएँ (Mutually exclusive or disjoint events):

  • दो या दो से अधिक घटनाएँ परस्पर अपवर्जी या असंयुक्त घटनाएँ कहलाती हैं यदि इनमें से कोई दो घटनाएँ एक साथ घटित नहीं हो सके अर्थात् यदि एक घटना घटित होती है तो शेष घटनाएँ घटित नहीं हो सके। उदाहरणार्थ – एक सिक्के को उछालने पर चित्त या पट आना परस्पर अपवर्जी घटनाएँ हैं, ताश की गड्डी में से एक पत्ता खींचने पर राजा होना या रानी होना परस्पर अपवर्जी घटनाएँ हैं।

( 8.)समप्रायिक घटनाएँ (Equally likely events):

  • यदि किसी प्रयोग में सभी घटनाओं के घटित होने की समान सम्भावना हो तो ऐसी घटनाओं को समप्रायिक घटनाएँ कहते। उदाहरणार्थ – एक सिक्के को उछालने पर चित्त (H) या पट (T) आना समप्रायिक घटनाएँ हैं, ताश की गड्डी में से पत्ते के खींचने पर लाल या काला पत्ता होना समप्रायिक घटनाएँ हैं।

( 9.)मिश्र घटनाएँ (Compound events):

  • यदि दो या दो से अधिक घटनाएँ एक साथ घटित हों तो वे मिश्र घटनाएँ या संयुक्त घटनाएँ कहलाती हैं। उदाहरणार्थ – दो थैलों में कुछ नीली व कुछ लाल गेंदें रखी हैं। किसी एक थैले का चुनाव कर उसमें से एक गेंद निकालना एक मिश्र घटना है क्योंकि दो थैलों में से एक का चयन कर और फिर चुने हुए थैले में से एक गेंद निकालना साथ-साथ घटित होने वाली घटना है।

( 10.)प्रतिदर्श बिन्दु तथा प्रतिदर्श समष्टि (Sample point and sample space):

  • किसी अभिप्रयोग का प्रत्येक परिणाम एक प्रतिदर्श बिन्दु कहलाता है तथा इन सभी प्रतिदर्श बिन्दुओं का समुच्चय उस अभिप्रयोग का प्रतिदर्श समष्टि कहा जाता है। इसे प्रायः S से व्यक्त किया जाता है। उदाहरणार्थ – दो सिक्कों के उछाल में प्रतिदर्श बिन्दु हैं (H, H), (H, T), (T, H), (, T, T) तथा S={(H, H), (H, T), (T, H), (T, T) प्रतिदर्श समष्टि है।

3.बहुत रैंडम, या रैंडम पर्याप्त नहीं: सिक्का फ़्लिपिंग में प्रायिकता के बारे में छात्र गलतफहमी(Too Random, or Not Random Enough: Student Misconceptions about Probability in Coin Flipping):

  • संभाव्यता के लिए एक संबंधित तर्क संकेत। क्या यह संभव है? क्यों या क्यों नहीं?
    एक तरफ, दुनिया भर के प्राथमिक पाठ्यक्रम में पासा रोलिंग, सिक्का फ्लिपिंग, और स्पिनिंग स्पिनर्स जैसे सरल प्रयोग बहुत अधिक हैं। दूसरी ओर, वे अनुभव और मौका के बारे में कुछ बड़े पैमाने पर विचारों को समझने का एक तरीका हो सकते हैं।
  • यहाँ सिक्का flipping के लिए एक सबक विचार है।
    एक सिक्का फ्लिप एक सच्चा 50/50 प्रस्ताव है। यह एक निष्पक्ष खेल है। हम सच्ची यादृच्छिकता के रूप में “50/50” अनुभव करते हैं। अगर मैं आपके सामने एक सिक्का उछालता हूं, और यह जमीन से टकराता है, तो एक अच्छा मौका है कि, अगर आपसे पूछा जाए, तो आप भविष्यवाणी करेंगे कि अगला एक पूंछ होगा।
    तो इस पाठ के लिए विचार यह है:
  • हमें लगता है कि वे वास्तव में हैं की तुलना में घटनाओं अधिक यादृच्छिक हैं।
    या दूसरा तरीका:
    यहां तक ​​कि सिर्फ दो परिणामों के साथ एक प्रायिकता प्रयोग में, आपको संभवतः एक परीक्षण के लंबे परिणाम या string दिखाई देंगे, जिसे पर्याप्त परीक्षण दिया गया है।
    तो यहाँ सबक विचार है:
    क्या छात्र 100 सिक्कों के फ्लिप प्रयोग का नकली अनुकरण करते हैं। उन्हें कागज पर कुछ ऐसा बनाना चाहिए जो ऐसा दिखता है:
    HTHTHTHTHHTTTHHHTTHTHTHTHTHTHHHHTTTHTHTHHTTTHTHHTT
  • HTTTHTHTHHTTTHHHTHTHTHTHTHTHTHHHHTTTHTHTHHTTTHTHTH
    मैंने छात्रों को लिखते हुए देखा है: 100 परिणामों के माध्यम से एचटी एचटी एचटी एचटी एचटी सभी तरह से!
    2. क्या उन्होंने 100 ट्रायल्स का असली सिक्का फ्लिप किया है, जिससे परिणाम उसी तरह रिकॉर्ड हो रहे हैं।
    3. परीक्षणों को वास्तविक या नकली के रूप में चिह्नित नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन छात्रों को पता होना चाहिए कि कौन सा है। अब, आप प्रत्येक जोड़ियों को देखते हैं, और अनुमान लगाते हैं कि कौन सा असली है, और कौन सा नकली।
  • सभी उचित कठोरता के साथ, घोषणा करें कि आप एक गणितीय जादूगर हैं, या कुछ ऐसी चीज है, और आप उनके दिमाग को पढ़ सकते हैं। जैसा चाहो वैसा नाटक करो।
    यहां अपना सिक्का फ्लिप सिमुलेशन आज़माएं: वर्चुअल सिक्का फ्लिप सिमुलेशन। मैं दांव लगाऊंगा कि आप अभी 100 फ्लिप सिमुलेशन कर सकते हैं, और आपके पास एक पंक्ति में लगभग 6 Head , या छह Tail से कम का string नहीं होगा। भले ही Head या Tail का एक गुच्छा एक साथ स्ट्रिंग (string) करने की सैद्धांतिक संभावना काफी कम है, यह अभी भी परिणाम पर प्रत्येक सिक्का फ्लिप पर 0.5 है।
    छात्र समझते हैं कि 50/50 दांव क्या है, लेकिन उनके नकली परीक्षण यादृच्छिक हैं।
  • HTHTHTHTHHTTTHHHTTHTHTHTHTHTHHHHTTTHTHTHHTTTHTHHTT
  • HTTTHTHTHHTTTHHHTHTHTHTHTHTHTHHHHTTTHTHTHHTTTHTHTH
  • जब मैं इस परीक्षण को देखता हूं, तो 4 Head के केवल 2 string होते हैं, और अब नहीं। मुझे पूरा यकीन है कि यह एक नकली था। यदि अन्य परीक्षण में 4 से अधिक कोई string होता है, तो मुझे पूरा यकीन है। एक कि मुझे स्टम्प्ड 8 Head का एक स्ट्रिंग (string) था-वह छात्र स्पष्ट रूप से संभावना को समझता है।
    यह क्लंपिंग का सिद्धांत है। यह बताता है कि आप लगातार दो दिन लॉटरी क्यों जीत सकते हैं।
    समान परिणामों के “string ” के बारे में मेरे दावे के बारे में कुछ सबूत प्रदान करने के लिए एक आभासी सिक्का फ्लिपर से कुछ नमूने यहां दिए गए हैं।
  • इस नमूने में 8 Tailsकी एक स्ट्रिंग(string) है।
  • इस नमूने में 8 Tailका एक string भी है।
  • इस में 6 Tail और 5 Head के तार।
  • इसमें 6 प्रमुख और 6 Tail।क्या यह यादृच्छिकता आपको पसंद करती है? छात्रों को? इस पाठ को करो और पता करो।
    और प्रमाण चाहिए? उछालना शुरू करो!
  • उपर्युक्त आर्टिकल में सिक्का फ़्लिपिंग में प्रायिकता के बारे में छात्र गलतफहमी (Student Misconceptions about Probability in Coin Flipping) के बारे में बताया गया है.

Student Misconceptions about Probability in Coin Flipping

सिक्का फ़्लिपिंग में प्रायिकता के बारे में छात्र गलतफहमी
(Student Misconceptions about Probability in Coin Flipping)

Student Misconceptions about Probability in Coin Flipping

सिक्का फ़्लिपिंग में प्रायिकता के बारे में छात्र गलतफहमी (Student Misconceptions about Probability in Coin Flipping)
अर्थात सिक्का उछालने में हमारी गलतफहमी तथा धारणाएं हैं।

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