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Limits and continuity

सीमा और संततता का परिचय (Introduction to Limits and continuity):

  • सीमा और संततता (Limits and continuity):यदि फलन का किसी दिए अन्तराल में लेखाचित्र (Graph) खींचने पर वक्र कहीं पर टूटा हुआ नहीं हो अर्थात् दिए अन्तराल में x में अल्प परिवर्तन से f(x) में भी अल्प परिवर्तन हो तब फलन इस अन्तराल में संतत कहलाता है।स्पष्ट है कि ऐसे फलनों के लेखाचित्रों को बिना पेन्सिल को ऊपर उठाए बनाया जा सकता है।किन्तु संतत फलन की यह परिभाषा अंकगणितीय होने के साथ-साथ उन फलनों के लिए भी महत्वहीन हो जाती है जिनके लेखाचित्र न हो।अतः हमें संतत फलन की गणितीय परिभाषा की आवश्यकता होती है जिसे कोशी (cauchy) द्वारा परिभाषित किया गया है।
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सीमा और संततता (Limits and continuity):

  • x\longrightarrow{a} का अर्थ
    माना x एक चर है और a एक अचर है।जब x,a के अत्यंत निकट मान ग्रहण करता हुआ a की ओर अग्रसर होता है तो हम कहते हैं x, a की ओर प्रवृत्त है किन्तु x, a के बराबर नहीं है और इसे लिखते हैं:
    x\longrightarrow{a}
  • यदि x दायीं ओर से a की ओर प्रवृत्त होता है अर्थात् x, a से बड़ी संख्याओं से a की ओर प्रवृत्त होता है तो इसे लिखते हैं :
    x\longrightarrow{a^{+}}
    इसी प्रकार यदि x बायीं ओर से a की ओर प्रवृत्त होता है अर्थात् x,a से छोटी संख्याओं से a की ओर प्रवृत्त होता है तो इसे लिखते हैं:
    x\longrightarrow{a{-}}
  • अब यदि \delta एक धनात्मक संख्या है जो कितनी भी छोटी है तथा x इस प्रकार मान ग्रहण करता है कि 0<|x-a|<\delta तो हम कहते हैं कि x,a की ओर प्रवृत्त है और इसे लिखते हैं:
    x\longrightarrow{a}
  • टिप्पणी:x के a की ओर अग्रसर होने का अर्थ है कि a को छोड़कर उसके सामीप्य (neighboured) में प्रत्येक मान x ग्रहण कर सकता है। इस मान को x=a के लिए सीमान्त मान कहते हैं।जैसे x,2 के सामीप्य में प्रत्येक मान 1.9,1.99,1.999,….तथा 2.1,2.01,2.001,…इत्यादि ग्रहण कर सकता है परन्तु 2 नहीं।
  • फलन की सीमा को परिभाषा (Definition of Limit of a Function):
    माना फलन y=f(x),x=a पर अपरिभाषित या परिभाषित है किन्तु x=a के दायें तथा लघुसामीप्य में फलन f(x) परिभाषित है तो वास्तविक संख्या l फलन f की सीमा कहलाती है जब x का मान a की ओर अग्रसर हो यदि केवल और केवल यदि स्वेच्छतः निर्दिष्ट धनात्मक संख्या \epsilon के लि धनात्मक संख्या \delta का अस्तित्व इस प्रकार हो कि |f(x)-l|<\epsilon जबकि 0<|x-a|<\delta इसे संकेत रूप में निम्न प्रकार लिख सकते हैं:
    \lim_{{x}\longrightarrow{a}}f(x)=l
  • दायीं सीमा:यदि x दायीं ओर से a की ओर प्रवृत्त होता है तो f की दायीं सीमा के हम लिखते हैं:
    \lim_{{x}\longrightarrow{a^{+}}}f(x) अथवा f(a+0)
    दायीं ओर की सीमा ज्ञात करने के लिए हम फलन f(x)में x=a+h प्रतिस्थापित कर h\longrightarrow{0} करते हैं अतः f(a+0)=\lim_{{h}\longrightarrow{a}}f(a+h),h>0
  • बायीं सीमा:यदि x बायीं ओर से a की ओर प्रवृत्त होता है तो f की बायीं सीमा को हम लिखते हैं:
    \lim_{{x}\longrightarrow{a^{-}}}f(x) अथवा f(a-0)
    बायीं सीमा ज्ञात करने के लिए हम फलन f(x) में x=a-h प्रतिस्थापित कर h\longrightarrow{0} करते हैं अतः
    f(a-0)=\lim_{{h}\longrightarrow{a}}f(a-h),h>0
  • उपर्युक्त आर्टिकल में सीमा और संततता (Limits and continuity) के बारे में बताया गया है।
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