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Statistics Archive

Coefficient of Variation in Maths

1.गणित में विचरण-गुणांक (Coefficient of Variation in Maths),सांख्यिकी में प्रमाप विचलन (Standard Deviation in Statistics): गणित में विचरण-गुणांक (Coefficient of Variation in Maths) एक सापेक्ष माप (Relative Measure) है।जैसा कि पूर्व आर्टिकल में बताया जा चुका है कि दो या दो से अधिक श्रेणियों में अपकिरण की मात्रा की तुलना करने के लिए विचरण-गुणांक का

Standard Deviation in Statistics

1.सांख्यिकी में प्रमाप विचलन (Standard Deviation in Statistics),सांख्यिकी में प्रमाप विचलन (Standard Deviation): सांख्यिकी में प्रमाप विचलन (Standard Deviation in Statistics) अपकिरण को मापने की सबसे अधिक लोकप्रिय और वैज्ञानिक रीति है। प्रमाप विचलन व सामूहिक प्रमाप विचलन के आर्टिकल्स इससे पूर्व भी पोस्ट कर चुके हैं अतः उन्हें भी देखना चाहिए।इस आर्टिकल में कुछ

Coefficient of Variation in hindi

1.हिन्दी में विचरण-गुणांक (Coefficient of Variation in hindi),सांख्यिकी में विचरण गुणांक (Coefficient of Variation in Statistics): हिन्दी में विचरण-गुणांक (Coefficient of Variation in hindi) के बारे में पिछले आर्टिकल में पढ़ चुके हैं।इस आर्टिकल में कुछ ओर उदाहरणों की सहायता से इसे समझेंगे।आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस

Coefficient of Variation in Statistics

1.सांख्यिकी में विचरण-गुणांक (Coefficient of Variation in Statistics),हिन्दी में विचरण गुणांक (Coefficient of Variation in hindi): सांख्यिकी में विचरण-गुणांक (Coefficient of Variation in Statistics) एक सापेक्ष माप (relative measures) है।इसका प्रतिपादन कार्ल पियर्सन (Karl Pearson) ने 1895 में किया था।अतः इसे कार्ल पियर्सन का विचरण गुणांक (Karl Pearson’s Coefficient of Variation) भी कहते हैं।कार्ल पियर्सन

Combined Standard Deviation

1.सामूहिक प्रमाप विचलन (Combined Standard Deviation),सांख्यिकी में सामूहिक प्रमाप विचलन (Combined Standard Deviation in Statistics): सामूहिक प्रमाप विचलन (Combined Standard Deviation) उसी प्रकार विभिन्न प्रमाप विचलनों के आधार पर समस्त श्रेणियों का ज्ञात किया जाता है जिस प्रकार एक से अधिक श्रेणियों के समान्तर माध्य के आधार पर सामूहिक समान्तर माध्य निकाला जाता है।परिगणन प्रक्रिया:सामूहिक

Standard Deviation by Short-cut Method

1.लघुरीति द्वारा प्रमाप विचलन (Standard Deviation by Short-cut Method),पद विचलित रीति से प्रमाप विचलन (Standard Deviation by Step Deviation Method): लघुरीति द्वारा प्रमाप विचलन (Standard Deviation by Short-cut Method) तब ज्ञात करना सही रहता है जब माध्य पूर्णांक में न होकर दशमलव में हो।अन्यथा माध्य पूर्णांक में होने पर प्रत्यक्ष रीति से ज्ञात करना सरल

Standard Deviation by Direct Method

1.प्रत्यक्ष रीति से प्रमाप विचलन (Standard Deviation by Direct Method),सांख्यिकी में प्रमाप विचलन (Standard Deviation in Statistics): प्रत्यक्ष रीति से प्रमाप विचलन (Standard Deviation by Direct Method):प्रमाप विचलन के विचार का प्रतिपादन कार्ल पियर्सन (Karl Pearson) ने 1893 में किया था।यह अपकिरण को मापने की सबसे लोकप्रिय और वैज्ञानिक रीति है।प्रमाप विचलन की गणना केवल

Coefficient of Mean Deviation

1.माध्य विचलन गुणांक (Coefficient of Mean Deviation),सांख्यिकी में माध्य विचलन (Mean Deviation in Statistics): माध्य विचलन गुणांक (Coefficient of Mean Deviation) समान्तर माध्य,मध्यका और बहुलक को आधार मानकर ज्ञात किया जाता है।परन्तु व्यवहार में मध्यका को ही आधार मानकर माध्य विचलन तथा उसके गुणक की गणना की जाती है क्योंकि यह स्थिर, निश्चित एवं प्रतिनिधि

Mean Deviation in Statistics

1.सांख्यिकी में माध्य विचलन (Mean Deviation in Statistics),माध्य विचलन गुणांक (Coefficient of Mean Deviation): सांख्यिकी में माध्य विचलन (Mean Deviation in Statistics) किसी समंकश्रेणी के किसी सांख्यिकीय माध्य (समान्तर माध्य,मध्यका या बहुलक) से निकाले गए विभिन्न मूल्यों का समान्तर माध्य होता है।मूल्यों के विचलन निकालते समय बीजगणितीय चिन्ह + तथा – को छोड़ दिया जाता

Percentile Range in Statistics

1.सांख्यिकी में शतमक विस्तार (Percentile Range in Statistics),सांख्यिकी सूत्र में शतमक विस्तार (Percentile Range in Statistics Formula): सांख्यिकी में शतमक विस्तार (Percentile Range in Statistics) का प्रयोग अपकिरण ज्ञात करने के लिए किया जाता है।90 तथा 10 क्रम संख्या के शतमकों (90th percentile and 10th percentile) का अन्तर,शतमक विस्तार (’10-90′ percentile Range) कहलता है।इसे निम्न