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6 Best Job Tips for Freshers

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1.फ्रेशर्स के लिए 6 बेहतरीन जाॅब टिप्स (6 Best Job Tips for Freshers),एक नया जाॅब शुरू करने के लिए 6 विशेषज्ञ युक्तियाँ (6 Expert Tips for Starting a New Job):

  • फ्रेशर्स के लिए 6 बेहतरीन जाॅब टिप्स (6 Best Job Tips for Freshers) के आधार पर नवयुवक अपने जॉब में अपने आपको ठीक प्रकार से स्थापित कर सकेंगे।नव युवाओं को जाॅब प्रारंभ करते समय एक हिचक तथा घबराहट सी रहती है कि वे अपने जॉब को पूर्ण आत्मविश्वास से कैसे प्रारंभ कर पाएंगे? कोई भी उच्चाधिकारी अथवा निम्न स्तर पर जॉब करने वाला कंपनी,संस्थान या विभाग में पहला कदम रखने से पहले नौसिखिया ही होता है।कोई भी जन्म से जाॅब सीखकर नहीं आता है।परंतु आप कुछ बातों का ध्यान रखेंगे और उसका रिहर्सल कर लेंगे तो जाॅब प्रारंभ करने में आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे।
  • हालांकि जाॅब पर मजबूत पकड़ रखने के लिए इससे पूर्व भी दो-तीन आर्टिकल लिखे जा चुके हैं परंतु यह आर्टिकल उन आर्टिकल से हटकर है।आप उन आर्टिकल को भी पढ़ेंगे तो आपके ज्ञान में तो वृद्धि होगी ही साथ ही जॉब को निपुणता से करने की युक्तियां भी जान समझ सकेंगे और अपने जॉब को निपुणता से कर सकेंगे।
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2.सोच समझकर कदम उठाएं (Take Thoughtful Steps):

  • जाॅब को प्रारंभ करने से पहले हर रोज कुछ समय सोचने-चिंतन करने के लिए निकालें।हम में से अधिकतर फ्रेशर्स जॉब के लिए कुछ भी बिना सोचे-समझे चले जाते हैं और जब बॉस उन्हें कोई निर्देश देता है तो इधर-उधर भागते रहते हैं।जैसे-तैसे जाॅब को गलत-सही तरीके से करके निपटाते हैं और अपने सहकर्मी,बाॅस (Boss) तथा कस्टूमर पर कोई प्रभावी छाप नहीं छोड़ पाते हैं।यदि वे जाॅब को शुरू करने से पहले उसमें आने वाली परेशानियां-चुनौतियों पर कुछ विचार कर लें और उसको कैसे निपटाना है इसके लिए कुछ रणनीति अपना लें तो जाॅब को ज्यादा अच्छी तरह से निपटा सकते हैं।
  • जॉब करते हुए कोई भी कठिनाई आ जाए तो थोड़ा रुककर सोच लें।बार-बार किसी भी टास्क में कुछ फेर-बदल करने,कांट-छांट करने से आपकी छवि खराब होती है।आपके बारे में बाॅस की राय हल्के स्तर के कर्मचारी के रूप में होती है।सोच-विचारकर निर्णय लें और फिर अपना स्टेटमेंट तैयार करें अथवा जाॅब को निपटाएं।
  • यदि कस्टूमर है और उसकी कोई समस्या निपटानी है तो समझ-बूझकर उसकी समस्या का समाधान करें।सोच-समझकर लिया गया निर्णय ही ठीक होता है।इसका तात्पर्य यह नहीं है कि आप कदम-कदम पर दूसरों से परामर्श लेकर ही काम करें।क्योंकि सहकर्मी को भी अपना काम निपटाना होता है अतः बार-बार वे भी आपकी समस्या पर ध्यान नहीं दे पाएंगे।स्वयं सोच-समझकर भी निर्णय लेना सीखें।जरूरी नहीं कि तुरंत निर्णय लें,थोड़ा रुककर या कुछ समय लेकर निर्णय ले सकते हैं।
  • जाॅब में सफलता के लिए उच्च अधिकारियों के दिमाग और कार्य कुशलता से अधिक महत्त्वपूर्ण कर्मचारियों का उत्साह और काम के प्रति उनकी निष्ठा होती है।इसलिए यदि आप कर्मचारी हैं तो इस बात पर भी चिंतन करें कि अन्य लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं?दरअसल आप किसी भी कंपनी,संस्थान या विभाग में सहकर्मियों से मिल-जुलकर एक टीम की तरह काम करते हैं तो कंपनी की साख बढ़ती है और आपमें उत्साह का संचार होता है।जाॅब को करते समय यह सोचें कि काम आप वेतन के बदले,उच्चाधिकारी के आदेश से कर रहे हैं अथवा जाॅब को आप दिल से करना चाहते हैं।इसमें दिल से जाॅब करने की महत्ता बहुत अधिक है।
  • जब आप किसी कंपनी में या संस्थान में जाॅब प्रारंभ करते हैं तो न केवल अपने जॉब पर अधिक से अधिक ध्यान दें बल्कि अन्य सहकर्मी जाॅब को किस निपुणता के साथ निपटाते हैं इस पर भी ध्यान दें।अपने आसपास के वातावरण पर नजर रखनी चाहिए और उससे सीखते रहना चाहिए।आप नए हैं इसलिए जाॅब को तभी ठीक से कर पाएंगे।इसका तात्पर्य यह नहीं है कि अन्य कर्मचारी मौज-मस्ती,ऐश-आराम,गप्पे हाँकते हैं तो आपको भी ऐसा ही करना चाहिए।
  • आपको उनसे जॉब करने की स्किल सीखनी है,अच्छी टेक्नीक सीखनी है न कि नकारात्मक बातें।वरना इसका प्रभाव आपके जॉब पर तो पड़ेगा ही साथ ही कंपनी की साख पर भी पड़ेगा।इसलिए आपको यह भूलना पड़ेगा कि आपको केवल अपने जाॅब से जुड़ाव रखना चाहिए।अपने जाॅब से तो पूर्ण एकाग्रता के साथ जुड़ाव रखना ही चाहिए परंतु अपने अन्य सहकर्मियों से भी सीखना चाहिए।हालांकि जाॅब पर केंद्रित रहने पर भी जाॅब भी आपको बहुत सी बातें सीखा देगा परंतु खुद अनुभव करके सीखने में वक्त लगेगा इसलिए दूसरों के अनुभव का लाभ उठाना चाहिए।

3.निर्देशों को स्पष्ट रूप से समझें (Understand the Instructions Clearly):

  • बाॅस द्वारा किसी काम को करने का निर्देश देने पर कुछ गलतफहमी हो सकती है तो वह जरूर होगी।अधिकतर कर्मचारी यह स्वीकारने से डरते हैं कि उन्हें निर्देश समझ में नहीं आया।कुछ कर्मचारी इसे स्वीकारने में अपना अपमान समझते हैं क्योंकि वे अपने आपको ज्यादा तेज तर्रार और समझदार मानते हैं इसलिए बाॅस के निर्देशों की हाँ में हाँ मिलाते रहते हैं।फिर होता यह है कि जब आपसे काम बिगड़ जाता है तो बाॅस को व अन्य सहकर्मियों को पता लग जाता है कि आपको बॉस के निर्देश समझ में नहीं आए और आपकी समझदारी धरी रह जाती है।
  • आप कितने ही प्रतिभाशाली हों परंतु अनुभव सबसे शक्तिशाली होता है और आप जाॅब प्रारंभ कर रहे हो इसलिए अनुभव से आप शून्य हैं।इससे बचने का एक तरीका है कि आप बाॅस से या सुनाने वाले से कहें कि वह अपनी बात को दोहराए ताकि आप उसकी बात को ठीक से समझ सके।इससे आप निश्चित कर पाएंगे कि आप दोनों कही गई बात का एक ही अर्थ ले रहे हैं।
  • अच्छा यही है कि आप सामने वाले से पूछ लें कि उन्होंने क्या कहा है? ऐसा बहुत बार होता है कि सुनाने वाले या सुनने वाले का ध्यान कहीं ओर होता है और तब कही गई बात को कुछ का कुछ समझ लिया जाता है।दिए गए निर्देशों पर ध्यान दें।काम शुरू करते समय ही जांच कर लें की काम दिए गए निर्देशानुसार हो रहा है या नहीं।अपनी कल्पना का प्रयोग करें।
  • जो काम आपको सौंपा गया है और उस काम की बहुत अधिक समझदारी आपके पास नहीं है,तो गलती होना स्वाभाविक है।अतः संभव गलतियों का पहले ही पूर्वानुमान लगा लें और उनके बारे में स्पष्ट दिशा-निर्देश ले लें।सकारात्मक तरीका अपनाएं।
  • अगर कुछ गलत हो रहा है तो शायद आप पर बाॅस गुस्से में आकर गलती करने पर चिल्लाना शुरू कर दें।अतः धैर्य रखें तथा अपना मानसिक संतुलन बनाए रखें।क्योंकि आप भी चिल्लाना चालू कर देंगे तो इससे हासिल कुछ नहीं होगा।इससे बाॅस व सहकर्मियों का सहयोग नहीं मिल सकेगा।उल्टे,एक गलत बात और गलत व्यवहार से स्थिति ओर बिगड़ जाएगी।अगर आप निर्देश देने वाले से असहमत हैं तो उसे शांति से बात करें ताकि उसे बुरा न लगे।अगर आप उसे उत्तेजित कर देंगे तो वह अपनी बात पर अड़ जाएगा।
  • कई बार ऐसा हो जाता है कि दिए गए निर्देशों को समझने में कर्मचारी/अधिकारी भूल कर देते हैं।”मुझे लगा आपने ऐसा कहा था”, या “ओह,मैं नहीं जानता था आप यह चाहते हैं।” ऐसी बातें अक्सर सुनने को मिलती हैं।यदि आप चाहते हैं आप जाॅब को कुशलता के साथ करें तो दिए गए निर्देशों के बारे में आपको दो काम करने होंगे:पहला,निर्देश सीधे और स्पष्ट ढंग से समझने का प्रयास प्रयास करें और दूसरा,अच्छी तरह निश्चित कर लें कि दिए गए निर्देश आपके ठीक से समझ में आ गए हैं वरना गड़बड़ियां जरूर होंगी।

4.अनुभव अर्जित करें (Gain Experience):

  • चाहे आप कर्मचारी हैं या अधिकारी हैं,आपके लिए अनुभव अर्जित करना जरूरी है।जब तक काम पर पकड़ मजबूत नहीं होती है तब तक धैर्य रखें और सीखते रहें।अपने से जूनियर से भी सीखने को मिले तो सीखें।सीखने में लज्जा या संकोच का अनुभव न करें।
  • यदि कोई नौसिखिया किसी संस्थान में व्यवसाय-प्रबंधन का प्रशिक्षण लेकर अपने को कामकाज चलाने में बहुत चतुर समझने लगे और लोगों से काम करवाने लायक समझने लगे तो उसकी हालत पतली हो जाएगी।वह सावधानी न बरते तो सारा काम बिगाड़ सकता है।
  • हमेशा यह मंत्र ध्यान रखना होगा कि मुझे अपनी गलतियों से सीखना होगा,इसी को अनुभव कहते हैं।एक ही बात को बार-बार दोहराने से अनुभव हासिल नहीं किया जाता है।बल्कि जाॅब से संबंधित नई-नई बातें सीखने से अनुभव अर्जित होता है।
  • हो सकता है कोई व्यक्ति एक कंपनी में 15 साल से काम कर रहा हो और इस बीच उसने कुछ भी न सीख कर मानो एक ही साल को 15 बार दोहराया हो।वहीं हो सकता है किसी अन्य व्यक्ति ने उसी दौरान हर दिन,हर सप्ताह,हर माह,हर साल इतना कुछ सीखा हो कि वह कई सालों के अनुभव के बराबर हो।हर बार गलती करने पर उसने उस पर बार-बार सोचा हो:ऐसा क्यों हुआ,इससे कैसे बचा जा सकता था? अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आप आसमान भी छू सकते हैं।गलतियों से ही सीखा जाता है।
  • समस्याएं तो होंगी ही:इसी के लिए आपको काम पर रखा गया है।अगर समस्याएं न होती तो कर्मचारी/अधिकारी की क्या जरूरत थी? एक अच्छा कर्मचारी/अधिकारी समस्याओं को शांति से सुलझाने का प्रयास करता है,जबकि एक कुशल कर्मचारी/अधिकारी उनसे डर कर निढाल हो जाता है।समस्याओं से परेशान न हों।संतुलित ढंग से उनका सामना करें।आज तक किसी के पास भी ऐसी जादू की छड़ी नहीं है जिससे सब कुछ हमेशा ठीक हो सके।समस्याओं का समाधान करने से ही अनुभव अर्जित होता है।
  • कभी-कभी आप अपने को दूसरे व्यक्ति की जगह रख कर देखें और उसके नजरिए और प्रतिक्रिया को समझने का प्रयत्न करें।आप पाएंगे कि इससे आप समस्या को ज्यादा अच्छी तरह से हल कर सकेंगे।
  • आजकल सब कुछ तेजी से बदल रहा है।इसी से विकास भी होता है।नई तकनीक,नए विचार,नए नियम,नई प्रणाली,विभिन्न प्रकार के लोग।इन बदलती परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने के लिए आपको समझदारी और खुले दिमाग से काम लेना होगा।अगर आप बदलते परिवेश के साथ नहीं चलेंगे तो निश्चित रूप से पीछे छूट जाएंगे।नई तकनीक,नई बातों से अपने आपको अपडेट और अपग्रेड करते रहें और अनुभव अर्जित करते रहेंगे तो आगे से आगे बढ़ते जाएंगे।
  • जाहिर है नए कर्मचारी/अधिकारी परेशान हैं।पर फिर भी ठीक समय पर ऑफिस जाना है और काम करना है।लोग इन बातों पर ध्यान देते हैं।वे जो देखते हैं वही समझते हैं।इसलिए आप जिस तरह काम चाहते हैं और इसमें अनुशासन भी शामिल है:वैसा ही उदाहरण उनके सामने रखें।

5.जॉब करने का दृष्टांत (The Example of Doing a Job):

  • एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के मालिक पर एक समय बहुत बड़ा आर्थिक संकट आया,लेकिन अन्य लोगों की तरह उसने न तो अपने मित्रों व परिजनों पर कोई बोझ डाला और न सरकार से मदद मांगी।दरअसल उसे जॉब करने में निष्ठा थी,परिश्रम पर भरोसा था।
  • फलतः उसने एक दूसरी कंपनी में क्लर्क का काम स्वीकार कर लिया।एक दिन वह बाॅस से किसी जॉब के लिए दिशा-निर्देश लेने गया था कि एक व्यक्ति जो उसे जानता था,यूं ही किसी काम के लिए कंपनी के मैनेजर के पास आया।कंपनी का मैनेजर क्लर्क को दिशा-निर्देश देकर किसी अन्य व्यक्ति से बातें करने लगा,तब वह व्यक्ति जो क्लर्क को जानता था,से बातें करने लगा।मैनेजर को लगा की क्लर्क कोई असाधारण व्यक्ति नहीं है।फिर क्लर्क के जानकार व्यक्ति ने मैनेजर से भेंट करने पर कहा:आप बड़े भाग्य वाले हैं।
  • आपके यहां बहुराष्ट्रीय कंपनी के मालिक भी नौकरी करते हैं।उस क्लर्क को देखिए कितनी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी के मालिक हैं।बाद में मैनेजर ने क्लर्क को बुलाकर कहा कि क्या आप अमुक बहुराष्ट्रीय कंपनी के मालिक हैं।यदि हां,तो यह छोटी सी नौकरी क्यों करते हैं?
  • क्लर्क ने उत्तर दिया कि दूसरे का अन्न खाने की अपेक्षा अपने पद के ओहदे को भूलकर कुछ दिन के लिए अपनी मेहनत के बल पर जीना चाहिए।मैनेजर प्रसन्न हो गए उन्होंने क्लर्क के साथ बैठकर भोजन किया और कुछ समय बाद कंपनी के मालिक से बात करके उसे एक सम्मानजनक उच्चाधिकारी का पद देकर उसके साथ अपनी बेटी का विवाह भी कर दिया।
  • वस्तुतः व्यक्ति अपने बाजुओं के दम पर कर्म क्षेत्र में सक्रिय होता है तो सफलता उसके कदम चूमती है और यह सभी के लिए आदर्श बन जाता है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में फ्रेशर्स के लिए 6 बेहतरीन जाॅब टिप्स (6 Best Job Tips for Freshers),एक नया जाॅब शुरू करने के लिए 6 विशेषज्ञ युक्तियाँ (6 Expert Tips for Starting a New Job) के बारे में बताया गया है।

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6.पुस्तक मेले में पुस्तकें चोरी (हास्य-व्यंग्य) (Books Stolen at Book Fair) (Humour-Satire):

  • एक बार एक मूर्ख विद्यार्थी विद्यालय से सीधे मेला देखने चला गया।बैग रखकर वह लघु शंका करने चला गया,जब वह लौटा तो उसका बैग चोरी हो चुका था।
  • घर लौटा तो दूसरे छात्र ने उससे पूछा:क्यों भाई कैसा रहा मेला?
  • मूर्ख ने खीझकर कहा:अजी मेला-वेला कुछ नहीं,वहां तो लोग मेरी पुस्तकें और बैग चुराने के लिए इकट्ठे हुए थे।

7.फ्रेशर्स के लिए 6 बेहतरीन जाॅब टिप्स (Frequently Asked Questions Related to 6 Best Job Tips for Freshers),एक नया जाॅब शुरू करने के लिए 6 विशेषज्ञ युक्तियाँ (6 Expert Tips for Starting a New Job) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.बहस क्यों नहीं करनी चाहिए? (Why Not Argue?):

उत्तर:दो सहकर्मियों को कम से कम फ्रेशर्स को तो बहस नहीं करनी चाहिए।बहस दो या अधिक लोगों में होती है।बहस में यदि दो कर्मचारी हैं तो वे ठान चुके होते हैं वे सही है और दूसरा गलत और बहस करने से जिद ओर बढ़ेगी।इसमें हासिल तो कुछ नहीं होगा,पर आप अपना धैर्य और शायद एक सहकर्मी को खोकर अपना एक विरोधी तैयार कर लेंगे।
अगर कोई कर्मचारी अपनी समस्या सुलझाना चाहता है तो बहस के बजाय उसे समस्या का समाधान करने के लिए प्रयास करना चाहिए।कोई एक कर्मचारी/अधिकारी मना करेगा तो कोई दूसरा अथवा कोई न कोई उसकी समस्या का समाधान कर ही देगा।अगर आपको कोई काम कराना है तो इसके पीछे लगे रहें और कभी हार न मानें।

प्रश्न:2.कई बार कर्मचारी जानबूझकर गलती क्यों करते हैं? (Why Do Employees Make Mistakes Intentionally?):

उत्तर:कई बार कर्मचारी/अधिकारी कंपनी या बाॅस से किसी बात को लेकर इतना नाराज हो जाते हैं कि वे जानबूझकर गलतियां करते हैं।दरअसल वे ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।अपना गुस्सा निकालने का उनके पास यही तरीका होता है।कई बार वे सिर्फ बाॅस से बात कर अपना गुबार निकालना चाहते हैं।
यदि आप बाॅस हैं तो लोगों को अपनी बात कहने और गुबार निकालने का मौका देंगे तो बड़ी परेशानियों से बच सकते हैं।
यदि आप कर्मचारी है तो हमेशा सीधी बात करें:चाहे वह कितनी ही कड़वी हो।किसी को यह न लगने दें कि आप उसकी पीठ पीछे अपनी बात से पलट रहे हैं।अपने पत्ते खोलकर अपनी सारी बात सामने रखें।प्रश्नों को टालने,तथ्यों को छिपाने या गोलमोल बात करने का प्रयास न करें।ऐसे व्यवहार से आप बाॅस या सहकर्मियों का विश्वास खो देंगें।लोग सच्चे और निष्पक्ष कर्मचारी/अधिकारी का सम्मान करते हैं।लोगों को लगना चाहिए कि आप उनका और कंपनी दोनों का फायदा चाहते हैं।उन्हें बेवकूफ बनाने की कोशिश में आप अपना ही नुकसान कर बैठेगें।

प्रश्न:3.सहकर्मियों या बाॅस का विश्वास कैसे बनाए रखें? (How to Maintain the Trust of Colleagues or Bosses?):

उत्तर:(1.)सहकर्मियों या बाॅस का विश्वास बनाए रखने के लिए दो काम करने होंगे।पहला अगर किसी बात को गुप्त रखना है तो यही करें।अपना मुंह बंद रखें।अपने मित्रों से वह बात करने की इच्छा को दबाएं।हो सकता है,उन्हें बताने से आप अपने को यह महत्त्वपूर्ण होने का अनुभव करें,पर जो बात आपको राज के तौर पर कही गई है उसे किसी को न बताना जरूरी है।
(2.)दूसरा,लोगों को आगे बढ़ाने में सहायता दें।अगर लोगों को पता होगा कि आप उनके विकास और तरक्की में रुचि ले रहे हैं तो वे भी आपके लिए जी-जान से काम करेंगे।कंपनी भी कर्मचारी/अधिकारी से यही अपेक्षा रखती है कि वह अपने साथ काम कर रहे लोगों को आगे बढ़ने और अपने को बेहतर बनाने में सहायता दे।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा फ्रेशर्स के लिए 6 बेहतरीन जाॅब टिप्स (6 Best Job Tips for Freshers),एक नया जाॅब शुरू करने के लिए 6 विशेषज्ञ युक्तियाँ (6 Expert Tips for Starting a New Job) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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