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4 Tips to Get Rid of Alcohol

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1.शराब की लत से छूटने की 4 टिप्स (4 Tips to Get Rid of Alcohol),छात्र-छात्राओं को शराब से दूर क्यों रहना चाहिए? (Why Should Students Stay Away From Wine?):

  • शराब की लत से छूटने की 4 टिप्स (4 Tips to Get Rid of Alcohol) के आधार पर युवावर्ग शराब के दुष्परिणाम जान सकेंगे तथा जो इसके चपेट में नहीं है वह सावधान हो जाएंगे व जो इसकी चपेट में हैं उन्हें छोड़ने की प्रेरणा मिल सकेगी।दुर्व्यसन कोई भी हो विद्यार्थियों तथा व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य और धन दोनों दृष्टिकोण से हानिकारक है।शराब तथा मादक द्रव्यों के सेवन से फेफड़ा,लीवर प्रभावित होते हैं,हाथ पैरों में कार्य करने की शक्ति नहीं रहती है,आंखे निस्तेज हो जाती हैं और शरीर शक्तिहीन हो जाता है,धीरे-धीरे शिथिल हो जाता है।शराब एक धीमा जहर है जो शरीर पर विषाक्त प्रभाव डालता है।
  • शराब और मादक द्रव्यों से युवा पीढ़ी अधिक से अधिक प्रभावित होती जा रही है क्योंकि युवा पीढ़ी के पास विवेक और अनुभव की कमी होती है।कुछ लोग देशी व कच्ची शराब को ही घातक विष व हानिकारक मानते हैं परंतु वे विदेशी शराब जैसे रम,व्हिस्की,ब्राण्डी,बियर को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं बल्कि लाभदायक सिद्ध करने की कोशिश करते हैं।परंतु वास्तविकता कुछ अलग ही है।शराब कोई सी भी हो उसमें एल्कोहल,पानी,एथाइल होता है और एल्कोहल व एथाइल दोनों ही जहर का काम करते हैं।
  • मादक द्रव्यों अफीम,गाँजा,चरस,कोकीन,माॅर्फीन,हेरोइन,केनेबीस उत्पाद,हशीश,ब्राउन शुगर,एलएसडी,सिलसेसाइबिन,बार ब्यूरेट्स,ट्रेंक्यूलाइजर,कोर्टीसोन,स्मैक इत्यादि को शामिल किया जाता है।शराब तथा उपर्युक्त मादक पदार्थ शरीर व स्वास्थ्य पर विषाक्त प्रभाव डालते हैं और व्यक्ति धीरे-धीरे मौत की ओर अग्रसर होता जाता है।कई धनाढ्य व्यक्ति तो शराब के सेवन से रोड़ पर आ जाते हैं क्योंकि शराब के साथ अन्य अनेक बुराइयां अपना ली जाती है जैसे जुआ,सट्टेबाजी इत्यादि।
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2.शराब व मादक द्रव्यों की लत के कारण (Causes of Alcohol and Drug Addiction):

  • युवावर्ग अपने साथ-संगत और उत्सुकता के कारण इसका स्वाद लेने के लिए उत्सुक हो जाते हैं।शुरू-शुरू में साथी उसे फ्री में उपलब्ध करा देते हैं।एक बार लत पड़ जाने के बाद वे इसके आदी हो जाते हैं और शराब व मादक द्रव्यों का सेवन किए बिना राहत महसूस नहीं होती है।
  • शराब व मादक द्रव्यों के कारण शरीर में उत्तेजना आ जाती है और उन्हें विभिन्न कष्टों,दुःखो,तनावों से राहत महसूस होती है।फलतः युवावर्ग नशे की जोखिम उठाने के लिए प्रेरित हो जाते हैं।वस्तुतः नशे की लत में शुरू में यह लगता है कि वह शराब को पी रहा है परन्तु बाद में शराब उसके शरीर को पीने लगती है अर्थात् खोखला कर देती है।
  • शराब व मादक द्रव्यों के सेवन से शुरू में स्फूर्ति महसूस होती है।अतः युवावर्ग अधिक से अधिक शारीरिक व मानसिक कार्य को निपटाने के लिए नशा करता है।
  • कुछ युवा परीक्षा में मिली असफलता,दुःखो,कष्टों,निराशा व चिन्ता से मुक्त होने के लिए शराब व मादक द्रव्यों का सेवन करने लगते हैं।वे नशा करके अपने कष्टों और दुखों व असफलताओं को भूलने का प्रयास करते हैं।
  • कई-कई समाजों में कुरीतियां हैं जो शादी,जन्मदिन मनाने इत्यादि पर सामूहिक तौर पर शराब परोसी जाती है।वहां पर लोग शराब की कृत्रिम अच्छाईयाँ बताते हैं और सामाजिक रस्म को निभाने का आग्रह करते हैं।कमजोर इच्छाशक्ति के युवक इसके शिकार बन जाते हैं।कहीं-कहीं पर विशिष्ट त्यौहारों पर शराब पीने-पिलाने का प्रचलन है (सार्वजनिक तौर पर)।
  • कई परिवारों में माता-पिता शराब या मादक पदार्थों का सेवन करते हैं।उनको देखकर उनके बच्चे भी शराब पीने लगते हैं क्योंकि बच्चे माता-पिता,शिक्षकों से ही सीखते हैं।अच्छी चीज को सीखने में तो पुरुषार्थ व कठिन परिश्रम करना पड़ता है परन्तु बुराई तो सहज ही सीखी जा सकती है।
  • फिल्मों में भी शराब को महिमामंडित किया जाता है और युवावर्ग फिल्मों को देखकर भटक जाते हैं तथा नशे की आदत को अपना लेते हैं।कुछ असामाजिक तत्व भी युवाओं को बहला-फुसलाकर उनमें नशे की लत डाल देते हैं।
  • कई राजनेता भी चुनाव जीतने के लिए फ्री में शराब का वितरण करते हैं तथा युवावर्ग जल्दी ही उनकी चपेट में आ जाते हैं।आजकल छात्रावास भी राजनीति के अड्डे बने हुए हैं।छात्रसंघ के चुनावों में छात्र नेता चुनाव जीतने के लिए हर हथकण्डे अपनाते हैं।इसमें शराब व मादक द्रव्यों का सेवन करना-कराना भी शामिल है।
  • पाश्चात्य संस्कृति के दुष्प्रभाव,आधुनिक जीवन शैली तथा अपने आपको तथाकथित प्रगतिशील कहलाने के चक्कर में भी युवावर्ग नशे को अपना लेते हैं।
  • पारिवारिक कलह,अशांत वातावरण,बेरोजगारी,प्रेम में असफलता,असुरक्षा की भावना,परिवार में उपेक्षित होने तथा अकेलेपन के कारण भी युवावर्ग नशा करने लगते हैं।
  • स्प्रिंग ब्रेक,वेलेन्टाइन डे,फ्रेंडशिप डे,लिव इन रिलेशनशिप जैसे कामुक उत्सव युवक-युवतियों की मनोवृत्ति को दूषित करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं।अपने आपको आधुनिक कहलाने के चक्कर में सेक्स और नशे का भरपूर प्रयोग करते हैं।युवावर्ग ने इसे फैशन के रूप में अपनाना शुरू कर दिया है।

3.शराब व नशा करने के दुष्प्रभाव (Side effects of Alcohol and Intoxication):

  • (1.)शराब के सेवन से शरीर और स्वास्थ्य का सत्यानाश हो जाता है।शराब के आदी युवावर्ग व व्यक्ति में क्रोध व अहंकार जैसे दुर्गुण बढ़ने लगते हैं।
  • (2.)शराब के सेवन से धन की हानि होती है और ऐसा व्यक्ति व युवक लड़ाई-झगड़ा करने में सबसे आगे रहता है।समाज,परिवार में ऐसे व्यक्ति को पसन्द नहीं किया जाता है अर्थात् उसका अपयश बढ़ता है।
  • (3.)नशे की लत के कारण बुद्धि का नाश होता है,बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है और बुद्धि का नाश होते ही व्यक्ति का सर्वनाश हो जाता है।
  • (4.)नशे के कारण कई अनैतिक धन्धे चोरी,डकैती,लूटपाट,अपराध,वेश्यावृत्ति,जुआ,सट्टेबाजी इत्यादि बढ़ते हैं।हालांकि कई लोग तर्क देते हैं कि इन धन्धों के बंद हो जाने से तथा शराबबंदी से कई लोगों का रोजगार छिन जाता है।परन्तु यह तर्क नहीं बल्कि कुतर्क है।जहाँ कई लोग गलत धन्धे के कारण अपना जीवनयापन करते हैं वहीं कई लोगों के घर,परिवार व जीवन भी तो बर्बाद होते हैं।
  • (5.)शराब के सेवन से मानसिक संतुलन खराब हो जाता है।व्यक्ति शारीरिक व आर्थिक रूप से पंगु हो जाता है।शराब व मादक पदार्थ व्यक्ति,समाज व देश का सबसे बड़ा शत्रु है।कई व्यक्ति अपने पसीने की गाढ़ी कमाई को खर्च करके शराब को खरीदता है और पीता है।
  • (6.)शराब के नशे में व्यक्ति अपना विवेक खो देता है और ऐसे दुष्कृत्य कर बैठता है जो उसकी गरिमा और गौरव को गिरा देते हैं।उदाहरणार्थ शराब के नशे में तत्कालीन पंजाब पुलिस के महानिदेशक श्री के पी एस गिल आईएएस अधिकारी श्रीमती रुपन देओल बजाज के साथ अभद्र व्यवहार कर बैठे और अदालत में उन्हें घसीटा गया।उनके पद की गरिमा खण्डित हुई और यश खोया।
  • (7.)शराब व मादक द्रव्यों के सेवन से भूख कम हो जाती है,वजन घट जाता है तथा पाचन क्रिया ठीक से काम न करने के कारण कब्ज रहने लगती है।पेट साफ नहीं होता है,शौच खुलकर नहीं आता है जिससे पेट की कई बीमारियां उत्पन्न हो जाती है।व्यक्ति चिड़चिड़ा और बदमिजाज हो जाता है।कोई भी काम करने में रुचि नहीं रहती है।मूत्र और यकृत की बीमारी गले पड़ जाती है।जोड़ों में दर्द रहने लगता है और आंखें अंदर धँस जाती है।
  • (8.)महिलाएं एवं युवतियां शराब व मादक द्रव्यों का सेवन करती हैं तो उनकी प्रजनन क्षमता लगभग समाप्त हो जाती है।यदि गर्भ में बच्चा है तो गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है।बच्चे विकलांग तथा मानसिक रूप से अविकसित उत्पन्न होते हैं।बच्चों के अंगों का विकास रुक जाता है।मादक द्रव्यों और शराब का सेवन नपुसंकता को जन्म देता है।
  • (9.)मादक द्रव्य व शराब का सेवन करने से मस्तिष्क,रक्त,फेफड़े,हृदय,नेत्र इत्यादि से सम्बन्धित रोग उत्पन्न हो जाते हैं।इनके सेवन से क्षणिक राहत तो मिलती है परन्तु धीरे-धीरे विभिन्न रोगों के जाल में फंस जाता है और अन्त में अपने प्राण गँवा बैठता है।
  • (10.)शराब का आदी वर्तमान लोक को छोड़कर कल्पनालोक में विचरण करने लगता है जिससे वह अपनी कर्मठता,क्रियाशीलता और परिश्रम को भूला बैठता है।

4.शराब और मादक द्रव्यों की लत से छूटने के उपाय (Ways to Get Rid of Alcohol and Drug Addiction):

  • (1.)हमेशा अच्छे मित्रों की संगति करो।शराबी और मादक द्रव्यों की लत से ग्रस्त छात्र-छात्राओं व व्यक्तियों की संगत मत करो।
  • (2.)यदि किसी सामाजिक रीति-नीति,त्यौहार,उत्सव,शादी में शराब परोसने की परंपरा है तो उससे दूर ही रहो,उसमें भाग मत लो।यदि सक्षम हैं तो ऐसी परम्पराओं का विरोध करो।
  • (3.)माता-पिता को हमेशा जागरूक रहना चाहिए कि उनकी संतान कुसंगति में तो नहीं है।उनसे बीड़ी,सिगरेट तथा नशीली चीजें बाजार से मत मंगाओ।
  • (4.)तथाकथित आधुनिकता,फैशन के नाम पर मित्रों के इस आग्रह को स्वीकार न करें कि कभी-कभी शराब व मादक द्रव्यों का सेवन करने में हर्ज नहीं है।
  • (5.)माता-पिता को शराब व नशीली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।यदि करते हैं तो इसे छोड़ दें।क्योंकि बच्चे सबसे अधिक माता पिता से ही सीखते हैं।
  • (6.)यदि शराब व नशे की लत है तो दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प के बल पर इसे एकदम से छोड़ सके तो ज्यादा बढ़िया है।यदि नहीं छोड़ सकें तो स्टेप बाइ स्टेप धीरे-धीरे कम करते हुए बिल्कुल छोड़ दें।
  • (7.)जीवन में योगासन-प्राणायाम या व्यायाम को जगह दें।नित्यप्रति ध्यान,योग और प्राणायाम अथवा व्यायाम करने से शराब व नशे की लत नहीं लगती है और यदि है तो छूट जाएगी।
  • (8.)यदि शराब,नशे व मादक द्रव्यों का सेवन करने की आदत है और इनकी तलब हो तो मुंह में सौंफ,इलायची,मुनक्का या आंवले का सेवन करें।
  • (9.)सत्साहित्य तथा धार्मिक व आध्यात्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें।यदि पढ़े-लिखे नहीं है तो भगवान् के नाम का जप करें।
  • (10.)माता-पिता व शिक्षकों को नशे की लत वाले युवक-युवतियों के साथ अपनापन का बर्ताव करना चाहिए।नशे की लत वाले युवक-युवतियों को नशे की बुराईयों से अवगत कराना चाहिए और ऐसे लोगों का उदाहरण देना चाहिए जिनका जीवन नशे के कारण बर्बाद हो गया हो।
  • (11.)नशे की लत वाले युवक-युवतियों को समाज के अच्छे लोगों से जोड़ना चाहिए जिनसे स्नेह युक्त व्यवहार पाकर वे नशे की लत को छोड़ सकें।
  • (12.)किसी मनोचिकित्सक की देख-रेख में इलाज कराना चाहिए।इसमें माता पिता,अभिभावक व परिवार के लोगों का सहयोग आवश्यक है।वे शराब की लत तथा नशा करने की लत के विरुद्ध मनोबल को सशक्त करने में सहयोग कर सकते हैं।छात्र-छात्राओं को अपने आपको व्यस्त रखना चाहिए।

5.शराब की लत का दृष्टांत (Illustration of Alcohol Addiction):

  • एक शिक्षक ने शहर से आकर गांव में कोचिंग खोल ली।वह अक्सर शराब पिया करते थे।कुछ छात्र भी उनके साथ-साथ शराब पीने लगे।शिक्षक के शराब पीने की लत ऐसे लग गई कि कभी-कभी तो वे शराब पीकर नाली में औंधे मुँह पड़े हुए मिलते।छात्र उन्हें उठाकर मुँह साफ करते और उनको उनके कमरे तक पहुंचाकर आते।
  • एक बार उन्होंने इस खुशी में दावत दी कि उनकी कोचिंग बहुत तेजी से बढ़ रही है और काफी प्रसिद्धि पा चुकी थी क्योंकि उनमें प्रतिभा तो थी ही।
  • शराब पीने वाले छात्र इकट्ठे हो गए और उन्होंने जमकर शराब पी ली।इतनी शराब पी ली कि उनके होश-हवास दुरुस्त नहीं रहे।बेहद नशे की हालत में शिक्षक खड़े होकर,एक मोहल्ले में लड़खड़ाते हुए चले गए।वहाँ एक लड़की उनके कोचिंग में पढ़ने आती थी,उसके घर में घुस गए।
  • लड़की ने शोर मचाया तभी उधर से एक अन्य शिक्षक गुजर रहे थे।उन्होंने शोर सुना और उस लड़की के घर में चले गए।लड़की ने सारी बात बता दी कि ये मेरी इज्जत लूटने वाले थे।
  • अन्य शिक्षक ने उस शराबी शिक्षक का गला पकड़ा और बाहर घसीटकर ले आए।पहले तो अन्य शिक्षक ने उस शराबी शिक्षक को खरी-खोटी सुनाई,इस पर शराबी शिक्षक बोला तुम मेरा क्या कर लोगे?
  • अन्य शिक्षक ने शराबी शिक्षक की जमकर पिटाई की।उसकी इतनी पिटाई की कि लोग इकट्ठे हो गए और शराबी शिक्षक को बहुत बुरा-भला कहा।शराबी शिक्षक की पिटाई और खरी-खोटी सुनकर जोश ठंडा पड़ गया।सुबह होते-होते शराबी शिक्षक कोचिंग और गांव छोड़कर भाग गया।
  • लोगों ने तथा गांव के शिक्षकों ने विचार किया कि पात्रता का विकास किए बिना,शिक्षा का सदुपयोग का महत्त्व समझे बिना प्रतिभा व्यक्ति के लिए निरर्थक ही नहीं बल्कि विनाशकारी और पतगामी भी हो सकती है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में शराब की लत से छूटने की 4 टिप्स (4 Tips to Get Rid of Alcohol),छात्र-छात्राओं को शराब से दूर क्यों रहना चाहिए? (Why Should Students Stay Away From Wine?) के बारे में बताया गया है।

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6.गणित ने कंगाल कर दिया (हास्य-व्यंग्य) (Mathematics Made Me Poor) (Humour-Satire):

  • ऋषि (गजानन्द से):अरे यार गणित विषय लेकर तो मैं कंगाल हो गया।
  • गजानन्द:क्यों?
  • ऋषि:गणित शिक्षक हर बार यह कहते हैं कि गणित में कमजोर हो,गणित में कमजोर हो।अब तक में गणित की अनेक पुस्तकें खरीद चुका हूं,कोचिंग भी कर रहा हूं,घर पर ट्यूटर भी लगा रखा है।अब तक ₹20000 खर्च कर चुका हूं।

7.शराब की लत से छूटने की 4 टिप्स (Frequently Asked Questions Related to 4 Tips to Get Rid of Alcohol),छात्र-छात्राओं को शराब से दूर क्यों रहना चाहिए? (Why Should Students Stay Away From Wine?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.मादक पदार्थ हेरोइन क्या है? (What is Narcotic Heroin?):

उत्तर:माॅर्फीन के साथ एसीटिक एनहाइड्रॉइड की क्रिया से हेरोइन बनाई जाती है।इसका रासायनिक नाम डाई एसीटायल माॅर्फीन है।यह माॅर्फीन से दस गुणा अधिक शक्तिशाली है इसलिए अधिक हानिप्रद है।यह कफ दर्द निवारक के रूप में प्रयोग की जाती है।अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसका मूल्य बहुत है इसलिए इसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तस्करी होती है।यह मनुष्य को आसानी से आदी बनाता है और मुश्किल से इसकी लत से छुटकारा प्राप्त होता है।

प्रश्न:2.मादक द्रव्य ब्राउन शुगर क्या है? (What is Alcoholic Brown Sugar?):

उत्तर:यह हेरोइन का अशुद्ध स्वरुप है।इसे बनाने के लिए हेरोइन के साथ चूना,साइनेट,कुनेन आदि मिलाई जाती है।कुछ लोग हेरोइन के साथ जिंक ऑक्साइड अथवा धतूरा के बीज मिलाते हैं।यह केवल नशाकारक नहीं है बल्कि एक प्रकार का विष है।

प्रश्न:3.मादक द्रव्य स्मैक क्या है? (What is Narcotic Smack?):

उत्तर:इसके नशे की सबसे खतरनाक बात यह है कि मनुष्य बहुत ही आसानी से इसका आदी बन जाता है।इसकी तीन खुराकें किसी को भी गुलाम बना देती है।बहुत ही मुश्किल से वह इसकी लत छोड़ पाता है या यह कहें कि नहीं छोड़ पाता तो गलत न होगा।स्मैक से छुटकारा पाने वाले रोगी पुनः इस नशे की अन्धी गली में प्रवेश कर जाते हैं।यह गली उन्हें मौत के दरवाजे तक शीघ्र पहुंचा देती है।स्मैक का मतलब मौत है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा शराब की लत से छूटने की 4 टिप्स (4 Tips to Get Rid of Alcohol),छात्र-छात्राओं को शराब से दूर क्यों रहना चाहिए? (Why Should Students Stay Away From Wine?) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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