Menu

3Tips to Build Good Habits for Student

Contents hide

1.छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी आदतों का निर्माण करने की 3 टिप्स (3Tips to Build Good Habits for Student),गणित के छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी आदतों का निर्माण करने की 3 टिप्स (3 Tips to Build Good Habits for Mathematics Students):

  • छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी आदतों का निर्माण करने की 3 टिप्स (3Tips to Build Good Habits for Student) के आधार पर वे अध्ययन तथा गणित का अध्ययन करने की नींव को मजबूत कर सकेंगे।इन टिप्स का पालन करने पर वे अपनी बुरी आदतों को छोड़ सकेंगे।अच्छी आदतों से छात्र-छात्राएं गणित तथा अन्य विषय पर पकड़ मजबूत कर सकते हैं तथा उन्हें उनके अभीष्ट लक्ष्य तक पहुंचने में सहायक हो सकती है।जबकि बुरी आदतें हमें अध्ययन से दूर कर देती है और लक्ष्य से भटका देती है।
  • हम जिन चीजों तथा बातों का बार-बार अभ्यास करते हैं,पुनरावृत्ति करते हैं वे आदतों का रूप धारण कर लेती हैं और हमारे स्वभाव का अंग बन जाती है।फिर स्वभाव व आदतों को बदलना बहुत मुश्किल हो जाता है।जिन बातों तथा चीजों का अभ्यास करते हैं सर्वप्रथम मन में वैसे करने की इच्छा पैदा होती है।इच्छा से चेष्टा करने की प्रेरणा मिलती है।बार-बार चेष्टा (प्रयत्न) करने पर आदत बन जाती है।आदत अंतर्मन में संस्कार के रूप में संचित हो जाती है।आदतों से आचरण और संस्कारों का निर्माण होता है।विद्यार्थी की अध्ययन में रुचि और लगन के होने में हमारी आदतों का भी योगदान है।
  • यदि विद्यार्थी की अध्ययन में रुचि और लगन नहीं है तो इसका अर्थ है कि उसने अध्ययन करने की आदत का निर्माण नहीं किया है,उसके अध्ययन करने के संस्कार नहीं है।अध्ययन न करने की आदतें इतनी मजबूत बनकर हमारे संस्कार बन चुकी होती है कि फिर हम अध्ययन करने की कोशिश करते हैं तो हमारे मन पर अध्ययन न करने की आदत अधिकार जमा चुकी होती है कि वह आदत,नई आदत (अध्ययन करने की आदत) को न जमने देने के लिए संघर्ष करती है।पुरानी आदत (अध्ययन न करने की) जो आज इतनी प्रबल है वह एक दिन में नहीं पड़ जाती है बल्कि काफी लंबे समय और अभ्यास तथा रुचि के साथ जड़ जमा चुकी होती है।
  • आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें।जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके । यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए । आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

Also Read This Article:Factors Influencing Study Habits 

2.अध्ययन की आदत कैसे निर्मित करें? (How to Build a Habit of Studying?):

  • जिन विद्यार्थियों की प्रारंभ से अध्ययन करने की आदत की नींव लग चुकी है वे लगातार प्रगति और उन्नति की तरफ अग्रसर होते जाते हैं।ऐसे विद्यार्थी जीवनभर अध्ययन-अध्यापन करते रहते हैं भले ही वे किसी भी क्षेत्र में अपने जीवन का निर्माण करते हों।अध्ययन करने की आदतों और संस्कारों के कारण ऐसे छात्र-छात्राएं जीवनभर विद्यार्थी बने रहते हैं और नई-नई बातें सीखते रहते हैं।महान् गणितज्ञ,वैज्ञानिक अथवा महापुरुष कोई भी एक दिन में नहीं बन जाते हैं बल्कि उनके अनेक वर्षों की अनवरत अध्ययन करने की आदतों और संस्कारों से शीर्ष पर पहुंचते हैं।ऐसे मनस्वी लोग बुरी आदतों को न तो अपनाते हैं और न ही उनके पास बुरी आदतों को निर्मित करने के लिए समय होता है।
  • आदतें चाहे अच्छी हों या बुरी हों उनको जीवन का अंग बनाने के लिए,आचरण में उतारने के लिए अनवरत अभ्यास तथा कठिन परिश्रम करना पड़ता है।आदतें जितनी पुरानी होती जाती हैं उनकी पकड़ उतनी ही मजबूत होती जाती है और फिर उनकी जकड़न से छूटना बहुत मुश्किल होता है।
  • अच्छी आदतों का निर्माण करने के लिए छात्र-छात्राओं को शुरू से ही अध्ययन करने की प्रवृत्ति अपनानी चाहिए।माता-पिता तथा अध्यापक को भी बालक-बालिकाओं पर सतत निगरानी रखकर उन्हें अध्ययन करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।बालक-बालिकाओं को शुरू से ही अच्छी आदतें डालनी चाहिए।जैसे समय का पाबंद होना,जल्दी उठना,योगासन-प्राणायाम या व्यायाम करना,अध्ययन करना,अपने कार्य स्वयं करना,अध्ययन कक्ष की सफाई करना,पुस्तकों को यथास्थान रखना,समय पर पढ़ना,समय पर खेलना,समय पर भोजन करना,समय पर शौच-स्नान से निवृत्त होना,समय पर ध्यान करना,समय पर पूजा पाठ करना इत्यादि।
  • अध्ययन करने की आदत डालने के लिए माता-पिता को स्वयं अध्ययन करने की आदत डालनी चाहिए क्योंकि बालक-बालिका सर्वप्रथम माता-पिता से ही सीखता है।माता-पिता जैसा आचरण करते हैं वैसे ही बच्चे करने की कोशिश करते हैं।बच्चों को कुछ समय अध्ययन के लिए लेकर बैठना तथा अध्ययन में आने वाली समस्याओं को हल करना।आदतें हमेशा धीरे-धीरे बनती है।यदि बच्चा नियत समय पर अध्ययन के लिए नहीं बैठता है तो उन्हें स्वयं अध्ययन के लिए साथ लेकर बैठना चाहिए।यदि माता-पिता पढ़े-लिखे नहीं है तो भी उनके साथ बैठना चाहिए।बालक-बालिका की अध्ययन करने की आदत पड़ जाए तो फिर वह स्वयं ही पढ़ने के लिए बैठने लगता है।
  • बच्चों के मित्रों पर भी नजर रखनी चाहिए।माता-पिता को चाहिए कि वे अध्ययनशील बच्चों को ही मित्र बनाएं।आवारागर्दी करने वाले,फालतू समय नष्ट करने वाले,मटरगश्ती करने वाले छात्र-छात्राओं से अभिभावक को अपने बच्चों को बचाना चाहिए।उनसे मेलजोल रखने या मित्रता करने से बचाना चाहिए।
  • बालक-बालिकाओं के गृहकार्य पर भी नजर रखनी चाहिए।परीक्षा में प्राप्त अंकों का भी निरीक्षण करते रहना चाहिए।कभी-कभी शिक्षकों तथा विद्यालय से भी संपर्क रखना चाहिए।बालक-बालिका यदि गणित में या अन्य विषय में पिछड़ रहा है तो उसका कारण जानकर उसे दूर करना चाहिए।बचपन में बालक-बालिकाओं में आदतों का निर्माण करना सरल और सहज होता है परंतु बड़े होने पर आदतें परिपक्व हो जाती है अतः नई आदतें डालना बहुत मुश्किल होता है।
  • अध्ययन की आदत डालने के लिए बार-बार अभ्यास करना चाहिए।जैसे गणित में कोई प्रश्नावली कठिन मालूम पड़ रही है तो दूसरी बार में पहली बार जितनी कठिनाई महसूस नहीं होगी।जब तीसरी बार प्रश्नावली को हल करेंगे तो वह ओर सरल लगने लगेगी।इस प्रकार गणित का अध्ययन करने की आदत पड़ जाएगी।गणित का बार-बार अध्ययन करने से वह सरल लगने लगेगी।
  • गणित की पुस्तक को हल करने लगें तो बीच में कठिनाई आने पर उसको हल करना नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि बीच-बीच में छोड़ देने से गणित का अध्ययन करने की आदत नहीं पड़ेगी और गणित विषय कठिन लगने लगेगा।इसलिए नियमित रूप से गणित का अध्ययन करना चाहिए।शुरू-शुरू में कठिनाई महसूस होगी लेकिन निरन्तर अध्ययन करने से वह सरल लगने लगेगी।
  • दृढ़ इच्छाशक्ति व संकल्प के बिना अध्ययन ही नहीं बल्कि कोई भी कार्य आसान नहीं होता है।अध्ययन में मन लगाने के लिए,गणित को हल करने के लिए दृढ़ संकल्प शक्ति की आवश्यकता होती है।दृढ़ संकल्प शक्ति से अध्ययन कार्य करने पर धीरे-धीरे अध्ययन करने की आदत पड़ जाएगी।

3.बुरी आदतों को कैसे बदलें? (How to Change Bad Habits?):

  • बुरी आदतों को वातावरण के प्रभाव,संगी-साथियों की बुरी संगत,अश्लील व गलत साहित्य को पढ़ने,माता-पिता व अभिभावक की लापरवाही इत्यादि कारणों से छात्र-छात्राएं सीख जाते हैं। गलत आदतें छात्र-छात्राओं के जीवन को नष्ट कर देती हैं इसलिए इनसे बचने और सावधान रहने की आवश्यकता है।छात्र-छात्राएं निम्नलिखित गलत आदतें सीख जाते हैंःअस्तव्यस्त दिनचर्या,देर से उठना,देर से सोना,अय्याशी करना,मादक पदार्थों का सेवन करना,कभी पढ़ना,कभी न पढ़ना,मन में आए तो पढ़ लिया नहीं तो नहीं पढ़ा,पढ़ने के समय खेलना,नियमित रूप से अध्ययन न करना,कठिन परिश्रम से बचना,अत्यधिक क्रोध करना,बातचीत में गाली-गलौज करना।
  • गलत आदतें छात्र-छात्राओं तथा अभ्यर्थी को उसके लक्ष्य से भटका देती है।इसलिए सचेत (alert) और सजग रहकर गलत आदतों से बचाव करना चाहिए।गलत आदतों से बचाव का सबसे अच्छा तरीका तो यह है कि शुरू से ही अच्छी आदतों को अपनाया जाए।अच्छी आदतें हमारे जीवन को मूल्यवान बना देती है जबकि गलत आदतें हमारे जीवन को मूल्यहीन कर देती है।
  • समाज में तथा सभी जगह अच्छी आदतों को धारण करने वाले व्यक्ति का सम्मान किया जाता है।अच्छी आदतें छात्र-छात्राओं के जीवन का निर्माण करने में भी सहायक हैं।अच्छी आदतें हमारे जीवन का कायाकल्प कर देती है।
  • बुरी आदतों को छोड़ने का उपाय है कि अपने आपको व्यस्त रखें,कभी भी खाली न बैठे रहें।क्योंकि कहा गया है कि खाली दिमाग शैतान का घर।फालतू या खाली बैठे रहने पर हमारे बुरे संस्कार हमें बुरे कार्यों को करने के लिए उकसाते हैं।इसलिए हमेशा सतसाहित्य,सद्ग्रंथों का अध्ययन करें और हमेशा व्यस्त रहें।
  • बुरे लोगों,बुरे मित्रों,बुरे सहयोगियों से धीरे-धीरे सम्पर्क रखना छोड़ दें।क्योंकि बुरे लोग तथा बुरी संगत वालों के साथ उठने-बैठने से न चाहते हुए भी वैसा करने लगते हैं।बुरी संगत से हमें बुरा कार्य की तलब हो जाती है।
  • तीसरा उपाय यह है कि निरंतर बार-बार अच्छी आदतों का अभ्यास करें।जैसे आपमें अध्ययन न करने की बुरी आदत पड़ी हुई है तो आप धीरे-धीरे अध्ययन करने की आदत डालें।जैसे शुरू में एक घंटा अध्ययन करें,दस दिन के बाद दो-दो घंटे अध्ययन करें फिर एक माह बाद तीन-तीन घंटे अध्ययन करें।इस प्रकार बार-बार अभ्यास करने से बुरी आदत से छुटकारा पाया जा सकता है।जो बुरी आदत है उसके विरोध में अच्छी आदत है उसके लिए मन को तैयार करना और बार-बार अभ्यास करना।
  • चौथा उपाय है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प से बुरी आदत को उखाड़ फेंके।यदि मन हठधर्मी करे तो उसके विरोध में अपने आपको खड़ा करके कटिबद्घ हो जाएं।
  • रोजाना प्रातःकाल ध्यान व योग करें तथा रात्रि को सोते समय आत्म-निरीक्षण करें।कौन-कौनसी गलत आदतें थी और उनमें कितना सुधार हुआ तथा किस प्रकार सुधार किया जा सकता है।
  • अन्तिम उपाय यह है कि गलत और बुरी आदतों को कंपनी देना बंद कर दें।ज्योंही गलत व बुरी आदत मन में आए तो उसको भगा दें अर्थात् विवेकपूर्वक नियंत्रण करें।

Also Read This Article:Influence of Habits in Study of Maths

4.आदतों के वश में होने का दृष्टांत (The Parable of Being Possessed by Habits):

  • दो घनिष्ठ मित्र थे।दोनों ने गणित ऐच्छिक विषय ले रखा था।इसलिए दोनों अक्सर साथ-साथ अध्ययन करते थे।एक बार पहला मित्र बीमार पड़ गया।काफी समय बीमार रहा बमुश्किल बीमारी से छुटकारा मिला।बीमार होने के कारण उसका संपर्क अध्ययन से छूट गया।जब तक वह स्वस्थ हुआ तब तक वार्षिक परीक्षा निकट आ चुकी थी।अब पहले मित्र को परीक्षा में उत्तीर्ण होने की चिंता सताने लगी।अतः उसने अपने मित्र को कहा कि वह उसे परीक्षा में उत्तीर्ण करने में सहायता करे।दूसरे मित्र ने कहा कि परीक्षा में मैं तुम्हारी किस प्रकार सहायता कर सकता हूं? पहला मित्र बोला कि तुम अपनी उत्तर-पुस्तिका से नकल करवा देना।
  • दूसरा मित्र बोला मुझे मूर्ख समझ रखा है क्या? नीति में कहा है कि गलत कार्य का गलत परिणाम होता है।तुम्हारी एक बहुत ही गलत आदत है कि तुम्हारे पेट में कोई बात पचती नहीं है।तुम हर बात को बक देते हो।यह विचार-चिन्तन करते ही नहीं हो कि कौनसी बात मन में रखनी है और कौनसी बात दूसरों को कहनी चाहिए।
  • पहला मित्र बोला कि यदि तुम उत्तर-पुस्तिका से मुझे नकल करवा दोगे और मैं इस बात को कह दूंगा तो मैं भी पकड़ा जाऊंगा और मैं भी असफल हो जाऊंगा तथा दंड मिलेगा वह अलग।
  • दूसरा मित्र पहले मित्र के तर्कयुक्त बातों से सहमत हो गया।दूसरे मित्र ने परीक्षा में पहले मित्र को नकल करवा दी।परीक्षा समाप्त होने के बाद पहले मित्र के सहपाठियों ने उसके प्रश्न-पत्र का हालचाल पूछा।पहले मित्र ने कहा कि मेरे प्रश्न-पत्र तो बहुत अच्छे हुए हैं।उसके सहपाठी बोले कि तुम तो बीमार थे फिर तुम्हारे प्रश्न-पत्र अच्छे कैसे हो सकते हैं?
  • पहले मित्र ने सच्चाई उगल दी और बोला मेरे मित्र ने नकल करवाई है।यह खबर उच्चाधिकारियों के पास पहुंच गई।उन्होंने दोनों की उत्तर-पुस्तिका का मिलान किया तो दोनों की उत्तर पुस्तिका हूबहू निकली।अतः उन्होंने दोनों मित्रों को परीक्षा से बहिष्कृत कर दिया और एक साल तक परीक्षा देने से वंचित कर दिया।तात्पर्य यह है कि गलत आदतों को बदलना मुश्किल होता है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी आदतों का निर्माण करने की 3 टिप्स (3Tips to Build Good Habits for Student),गणित के छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी आदतों का निर्माण करने की 3 टिप्स (3 Tips to Build Good Habits for Mathematics Students) के बारे में बताया गया है।

5.गणित शिक्षक की साइलेंट अटैक से मौत (हास्य-व्यंग्य) (Mathematics Teacher Dies of Silent Attack) (Humour-Satire):

  • रवि (कमल से):मैं चाहता हूँ कि जब मैं मरू तो अपने गणितज्ञ दादाजी की तरह शांति से मरूं।
    कमलःउनकी मौत कैसे हुई?
  • रविःमेरे दादाजी के अंतिम कालांश में छात्र-छात्राएं जोर-जोर से चीख रहे थे परन्तु मेरे दादाजी शांत थे।
  • कमलःतब तुम्हारे गणितज्ञ दादाजी क्या कर रहे थे?
  • रविःवह सीट पर बैठे सो रहे थे (साइलेंट अटैक)।

6.छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी आदतों का निर्माण करने की 3 टिप्स (Frequently Asked Questions Related to 3Tips to Build Good Habits for Student),गणित के छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी आदतों का निर्माण करने की 3 टिप्स (3 Tips to Build Good Habits for Mathematics Students) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.बुरी आदतों से छुटकारा क्यों नहीं हो पाता है? (Why Not Get Rid of Bad Habits?):

उत्तर:हमारा अवचेतन मन बुरी आदतों से जकड़ा रहता है तथा हमारा व्यवहार अधिकांशत अवचेतन मन के निर्देश (ऑटोमेटिक) से प्रभावित होकर कार्य करता है।अर्थात् मन,अवचेतन मन पर पुराने संस्कारों के प्रभाव और दबाव से विवश होकर कार्य करता है।दूसरा कारण है कि बुरी आदत को किसी न किसी रूप में हम सही मानते हैं अर्थात् उसको गलत या बुरी नहीं मानते हैं।तीसरा कारण है कि बुरी आदत को छोड़ने की सही प्रक्रिया का ज्ञान नहीं होता है।सही प्रक्रिया का ज्ञान अनुभव सिद्ध ज्ञान से होता है।

प्रश्न:2.आदतें कितनी प्रकार की होती हैं? (How Many Types of Habits Are There?):

उत्तर:आदतें दो प्रकार की होती है।आन्तरिक और बाह्य आदतें।आन्तरिक आदतों को हम ही जान सकते हैं व महसूस कर सकते हैं,दूसरा नहीं।जैसे किसी विषय पर विचार-चिंतन करने की आदतें,हमारी रुचियां व पसंद,हमारी मनोवृत्तियाँ इत्यादि।बाह्य आदतें हैं जैसे खेलना-कूदना,उठना-बैठना,चलना-फिरना इत्यादि।बाह्य आदतों को दूसरे भी जान लेते हैं।दोनों प्रकार की आदतें हमारे जीवन का निर्माण करती है।

प्रश्न:3.आदतें परिपक्व कैसे होती हैं और आदतों के निर्माण में क्या ध्यान रखें? (How Do Habits Mature and What to Take Care of in Building Habits?):

उत्तर:अच्छी या बुरी आदतें इसलिए बढ़ती और परिपक्व होती रहती है क्योंकि व्यक्ति को उसकी आदत के अनुसार मित्र,सहपाठी,साधन-सुविधाएं,विचार,अवसर तथा वातावरण बराबर प्राप्त होता रहता है।समान आदत वालों में आपस में घनिष्ठता बढ़ती रहती है जबकि विपरीत आदत वाले एक-दूसरे से अलग रहते हैं।जब कभी नई आदत डालने का प्रयास करते हैं तो हमारे मित्र,संगी-साथी तथा जिनके बीच हम रहते हैं,उठते-बैठते है वे विरोध करते हैं।
आदतों के निर्माण में यह ध्यान रखना चाहिए कि आदतों का गुलाम नहीं होना चाहिए बल्कि आदतों के मालिक बनकर रहें चाहे वे अच्छी आदत हों या बुरी।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी आदतों का निर्माण करने की 3 टिप्स (3Tips to Build Good Habits for Student),गणित के छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी आदतों का निर्माण करने की 3 टिप्स (3 Tips to Build Good Habits for Mathematics Students) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

3Tips to Build Good Habits for Student

छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी आदतों का निर्माण करने की 3 टिप्स
(3Tips to Build Good Habits for Student)

3Tips to Build Good Habits for Student

छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी आदतों का निर्माण करने की 3 टिप्स (3Tips to Build Good Habits for Student)
के आधार पर वे अध्ययन तथा गणित का अध्ययन करने की नींव को मजबूत कर सकेंगे।

No. Social Media Url
1. Facebook click here
2. you tube click here
3. Instagram click here
4. Linkedin click here
5. Facebook Page click here
6. Twitter click here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *