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3 Tips for Students to Realize Dreams

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1.छात्र-छात्राओं द्वारा अपने सपने को साकार करने की 3 टिप्स (3 Tips for Students to Realize Dreams),गणित के छात्र-छात्राओं द्वारा अपने सपनों को साकार करने की 3 टिप्स (3 Tips for Mathematics Students to Realize Their Dreams):

  • छात्र-छात्राओं द्वारा अपने सपने को साकार करने की 3 टिप्स (3 Tips for Students to Realize Dreams) के आधार पर जान सकेंगे कि सपने क्या होते हैं,सपनों की वास्तविकता क्या है और उन्हें कैसे साकार करें? सपने हमारे जीवन से ही संबंधित होते हैं।ये सपने वर्तमान जीवन अथवा गत जीवन से भी संबंधित हो सकते हैं।जीवन में जिन समस्याओं से अधिक परेशानी महसूस करते हैं उनको सुलझाने का प्रयास करते हैं।अधिकतर सभी वैज्ञानिकों तथा गणितज्ञों ने स्वीकार किया है कि जब-जब वे अपनी खोज में उलझ गए और उन्हें कोई समाधान नहीं मिला तब सपनों में ही उन समस्याओं के हल दिखाई पड़े और इस तरह वे महान खोज कर पाए।कलाकारों और संगीतकारों को भी सपने में ही अपनी नई कृति की प्रेरणा मिलती रही है।सपने अक्सर भविष्य की ओर आगाह करते भी हैं और सहयोग भी।
  • सपनों पर हमें गहराई से ध्यान देना चाहिए क्योंकि जो स्वप्न हम देखते हैं उसका कोई न कोई कारण अवश्य होता है।लेकिन ऐसा भी देखा गया है कि हम जो स्वप्न देखते हैं वैसा दृश्य जगत में घटित नहीं होता या विपरीत परिणाम के साथ घटित हुआ।ऐसा तब होता है जब मन का आत्मिक संबंध नहीं होता और मन कल्पना लोक में विचरण करता रहता है।जब मन पवित्र,निर्मल होता है तो सपने सच और सही होते हैं।मन जितना ही निर्विकार,सात्त्विक और संयमी होगा सपने उतने ही सच्चे तथा गहराई तक के दृश्य सामने लाने वाले होंगे।यह सच है कि सपने हमें अगले दिन सुबह उठने पर न केवल उत्साहित रखते हैं बल्कि तरोताजगी का अनुभव भी कराते हैं और हमारी सृजनात्मक क्षमता को बढ़ाते हैं।
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2.सपनों को साकार करें (Make Dreams Come True):

  • एनातोली फ्रांस के अनुसार “कुछ बड़ा करने के लिए हमें सिर्फ कुछ करना ही नहीं होता बल्कि सपने भी देखने होते हैं;सिर्फ इरादा ही नहीं करना होता बल्कि भरोसा भी करना होता है”।इसी प्रकार डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के अनुसार “सपने वह नहीं होते जो आप नींद में देखते हैं,सपने वह होते हैं जो आपको सोने नहीं देते।अपने सपने पूरे करने के लिए आपको जागते रहना होता है,पूरी तरह आंखें खोलकर जागते रहना होता है”।
  • जब हम गणित के सवाल हल करते हैं तो कई सवाल और समस्याएं ऐसी होती हैं जो काफी प्रयास करने,अध्ययन-मनन-चिंतन करने पर भी हल नहीं होती है।परंतु उन समस्याओं व सवालों को हल करने के लिए हम मन को निर्देश देते रहते हैं तो स्वप्न में हमें उसका हल होता दिखाई देता है और सुबह उठकर जब हम उनको हल करते हैं तो सवाल या समस्या हल कर देते हैं।वस्तुतः इसके पीछे हमारी संकल्पशक्ति,इच्छाशक्ति तथा आस्था का ही सहयोग होता है।
  • हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि संकल्पशक्ति का सहारा लिया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है।संकल्पशक्ति के बल पर हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं।गणित में सभी जटिल सवालों,समस्याओं को तो हल नहीं किया जा सकता है परंतु आपमें सामर्थ्य हैं और दृढ़ संकल्पशक्ति है तो अपने लक्ष्य में कामयाबी हासिल कर सकते हैं।
  • अपनी सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए धैर्य जैसे गुण को धारण करना होता है।धैर्य को भी अपने अंदर विकसित करना होता है।अपने अंदर नकारात्मक बातों को पैदा न होने दें।सकारात्मकता,संकल्पशक्ति,दृढ इच्छाशक्ति,धैर्य,नियमित रूप से अध्ययन-मनन-चिंतन करना,विवेक तथा साहस को अपनाने पर आपकी समस्याएँ हल होती जाएंगी।
  • गणित में कोई भी जटिल सवाल तथा समस्या हल नहीं हो रही हो तो उससे संबंधित पुस्तकों का अध्ययन करें,उस पर चिंतन-मनन करें और उसको हल करने की भी पूरी चेष्टा करें।अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए सपने देखो परंतु सपने देखना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उन सपनों को पूरा करने,साकार करने की पूरी चेष्टा करें।अपने अंदर व्यावसायिक खूबियों को पैदा करें और उसमें अनवरत सुधार करते रहें।नए तौर-तरीके,तकनीक को अपनाए,स्मार्ट सोच (चतुर सोच) के साथ-साथ अपने चाल-चरित्र में सुधार करते रहें।
  • सपनों को सच्चे मन से देखते हैं तो हमारी समस्याओं का हल निकल कर जरूर आ जाता है।हमें जो अवसर मिलते हैं उनको गँवाते नहीं है,हर अवसर का पूरे मन से फायदा उठाते हैं तो आप अपने लक्ष्य में बहुत कुछ प्राप्त कर सकते हैं।जब हम गणित की गुत्थी अथवा समस्या या कोई समस्या हल नहीं कर पाते हैं तथा उसको हल करने कि हमारे अंदर तड़प होती है तो हमारा दिमाग उस गुत्थी तथा समस्या को अवचेतन मन को सौंप देता है।जब हम सो रहे होते हैं तो भी अवचेतन मन सक्रिय रहता है।यदि छात्र-छात्राएं जागरूक और सावधान रहें तो अवचेतन मन उस गुत्थी तथा समस्या को हल कर लेता है तो वह सपने के रूप में दिखाई देता है।सपने के रूप में उसका हल तथा मार्गदर्शन मिल जाता है।
  • कई बार सपनों के रूप में हमें अस्पष्ट तस्वीर दिखाई देती हैं।परंतु यदि आपका विवेक जाग्रत,आप जागरूक,आपका मन निर्विकार है तो उस अस्पष्ट मार्गदर्शन और संकेत का हल निकाल लेता है।

3.सपनों की महत्ता और उपयोगिता (Importance and Utility of Dreams):

  • हम ऐसी कई कहानियां पढ़ते हैं जिसमें भगवान अपने भक्तों को दिखाई देते हैं और उन्हें प्रेरित करते हैं,वरदान मांगने के लिए कहते हैं तथा उसे साकार करने की शक्ति देते हैं।जागरण पर भी व्यक्ति (भक्त) तदनुसार प्रेरित होकर उसको साकार करने का प्रयत्न करता है और उसे सिद्धि मिल जाती है।
  • यथार्थ में हम स्वयं अनुभव कर सकते हैं कि समस्त महान कार्यों के पीछे गणितज्ञों और वैज्ञानिकों तथा मनस्वी लोगों के स्वप्न ही होते हैं।अब ये सपने जाग्रत अवस्था में देखे जाएं या निद्रावस्था में देखें जाएं।
  • सपने हर छात्र-छात्रा देखता है परन्तु इसके दो पक्ष होते हैं।जो सपने को साकार करने का प्रयत्न करते हैं वे अपने लक्ष्य पर बढ़ने जाते हैं।जो सपने तो देखते हैं परंतु साकार करने का प्रयत्न नहीं करते हैं उनका सपना कोरी कल्पना बनकर रह जाता है।
  • सपने देखकर छात्र-छात्राएं अपना लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं और अपनी संकल्पशक्ति,इच्छाशक्ति तथा कठोर परिश्रम द्वारा उसको पूरा करने की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
  • जो सपने तो देखता है परंतु उससे प्रेरणा की अनुभूति नहीं करता है तो वह अपनी प्रगति का द्वार स्वयं बंद कर लेता है।ऐसे छात्र-छात्राओं तथा व्यक्तियों के सपनों की तुलना शेखचिल्ली के सपने से करते हैं।शेखचिल्ली ने सपना ही देखा परंतु उसको साकार करने का प्रयत्न नहीं किया।अचेतन या अवचेतन मन से गणित की गुत्थी अथवा समस्या का मार्गदर्शन मिलने पर उसे सजीव नहीं करेंगे अर्थात् उसका अभ्यास नहीं करेंगे,नोटबुक पर हल करने का प्रयास नहीं करेंगे तो ऐसे श्रेष्ठ अवसर को हम गंवा देते हैं।ऐसे व्यक्ति तथा छात्र-छात्राएं स्वप्न को निरर्थक समझकर उसको भुला देते हैं।जो छात्र-छात्राएं स्वप्न को याद रखते हैं वे अपने सपने से सर्वोत्तम लाभ लेने के लिए कटिबद्ध हो जाते हैं तथा जागरूक होकर प्रयत्न करते हैं।
  • यदि आप गणित के छात्र-छात्रा हैं तो गणित में तथा यदि गणित के छात्र-छात्रा नहीं है तो जिस भी क्षेत्र में हैं उसमें शिखर पर पहुंचने का आपका सपना होता है याकि आप शिखर पर पहुंचना चाहते हैं।परंतु शिखर पर पहुँचने के लिए कई कठिनाइयों व अवरोधों,विघ्न,बाधाओं का सामना करना पड़ता है।ये विघ्न,बाधाएँ,अवरोध,कठिनाइयों तथा समस्याओं को सभी को हम हल नहीं कर पाते हैं।जब हम जिनको हल नहीं कर पाते हैं तो शिखर की ओर अग्रसर नहीं हो सकते हैं।ये अनसुलझी समस्याएं ही हमारे अवचेतन मन में दमित-वासनाओं,अतृप्त ऐषणाओं के रूप में चली जाती हैं।अवचेतन मन में अपार शक्ति होती है।वह इन दमित-वासनाओं,अतृप्त ऐषणाओं का विश्लेषण करता है तथा उनका हल और मार्गदर्शन प्राप्त करता है जो सपनों के रूप में प्रकट होते हैं।परंतु इनका उपयोग हम जागरूक और सावधान रहकर ही कर सकते हैं।
  • कुछ छात्र-छात्राएं भूतकाल में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने अथवा कोई जाॅब प्राप्त करने पर उसका गौरव गान करते रहते हैं।परंतु भूतकाल में हम क्या थे उसका कोई अर्थ नहीं है।भूतकाल की सार्थकता तभी है जब हम वर्तमान में नए-नए सपने देखें और भूतकाल से आगे बढ़कर अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करें।
  • छात्र-छात्राओं को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारे आचरण को दिशा संकल्पशक्ति देती है तथा संकल्पशक्ति का स्रोत हमारे सपने होते हैं।
  • आपको चाहे परीक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होना हो,जीवन में तरक्की अथवा प्रगति करनी हो,अच्छा जाॅब प्राप्त करके उसमें आगे से आगे बढ़ना हो तो उनको स्वप्न ही निर्धारित करने की प्रेरणा प्रदान करता है।किसी भी व्यक्ति अथवा छात्र-छात्रा का जिस प्रकार का व्यावहारिक और मानसिक स्तर होता है उसी प्रकार के उसके सपने होते हैं।तात्पर्य यह है कि सपनों को साकार करने तथा सपने देखने की निपुणता की कला भी आपको आनी चाहिए।

4.सपनों से प्रभावित होने का दृष्टांत (The Parable of Being Influenced by Dreams):

  • एक विद्यार्थी था।वह विद्यार्थी होते हुए तप और श्रम से जी चुराता था।उसकी तप और श्रम में आस्था नहीं थी।वह रात-दिन इसी उधेड़बुन में रहता की बिना तप और श्रम किए हुए वह एक महान गणितज्ञ बन जाए।वह इन्हीं विचारों के प्रवाह में अपना समय बिता रहा था।परंतु चूंकि वह विचार-चिंतन तो करता ही था और गणित में एक से एक जटिल समस्याएं उसके सामने आती थी।एक बार उसने सुना कि विश्व की 6 अनसुलझी गणित की समस्याओं में से कोई भी एक गणित की अनसुलझी समस्या को सुलझा देगा उसे ₹100000 का पुरस्कार मिलेगा।उसे पुरस्कार राशि से एकदम से मालदार होने की जिज्ञासा जाग्रत हुई।जैसे पत्थरों में भी पेड़ उग जाते हैं।वह सोते-जागते,उठते-बैठते हर समय उन्हीं के बारे में चिंतन करता रहता।एक दिन उसे स्वप्न दिखाई दिया तथा अचेतन मन (आत्मा से निर्देशित) के द्वारा उसकी एक गणित की अनसुलझी गुत्थी का हल बताने से पूर्व एक शर्त रखी।
  • विद्यार्थी ने कहा कि शर्त क्या है? अन्तरात्मा से आवाज आई कि तुम पुरस्कार राशि में से आधी राशि नेक कार्य,परोपकार के कार्य,गणित का ज्ञान का प्रसार करने में खर्च करोगे।उसने तत्काल शर्त स्वीकार कर ली।अन्तरात्मा से उसे गणित की एक गुत्थी का हल मिल गया।जब उसने उस गणित की गुत्थी को हल करने के लिए सुबह उठकर प्रयास किया तो सचमुच वह हल हो गई।फलस्वरूप उसे ₹100000 की पुरस्कार की राशि मिल गई।
  • परंतु मन तो बिगड़ैल घोड़े की तरह होता है।₹100000 प्राप्त होने पर उसने सोचा कि यदि मैं आधी राशि परोपकार तथा गणित का ज्ञान प्रसार करने में नहीं लगाऊंगा तो अन्तरात्मा मेरा क्या कर लेगी? धीरे-धीरे उसको गणित में कठिन परिश्रम करने तथा सवालों व समस्याओं को हल करने में आनंद आने लगा।परंतु फिर उसने सुना की गणित की दूसरी गुत्थी को सुलझाने पर ₹300000 का पुरस्कार दिया जाएगा।पुरस्कार की घोषणा को सुनकर वह बहुत पछताया कि अगर मैं अंतरात्मा की बात मान लेता तो मुझे ये ₹300000 ओर मिल जाते।तब उसने सोचा कि वह अपनी गलती के लिए अन्तरात्मा से माफी मांग लेगा।तीन दिन तक कठिन तप और ध्यानावस्था में बैठने के बाद अंतरात्मा प्रकट हुई।उसे स्वप्न में बोध बोध हुआ कि अन्तरात्मा कह रही है कि इस बार बदमाशी मत करना।उसने अंतरात्मा को वचन दे दिया कि इस बार वह बदमाशी नहीं करेगा।अन्तरात्मा ने उस कठिन गणित की अनसुलझी पहेली का रहस्य प्रकट कर दिया।ध्यानावस्था से जब वह सांसारिक जगत में आया तो तत्काल उसने स्वप्न में,ध्यानावस्था में गणित की अनसुलझी पहेली का हल बड़े प्रयत्न से लिख लिया।ज्योंही उसने गणित की अनसुलझी समस्या का हल बताया तो उसे ₹300000 पुरस्कार के रुप में मिल गए।
  • धन प्राप्त करते ही उस विद्यार्थी का मन चंचल हो उठा।दरअसल धन से अच्छे-अच्छे लोगों की नीयत बिगड़ जाती है।लोग विवेक शक्ति खो देते हैं। हालांकि मन में कुछ उथल-पुथल भी हो रही थी कि परोपकार के कार्य में खर्च करना चाहिए परंतु उस आवाज को उसने अनसुनी कर दिया और सांसारिक माया मोह में फंस गया।परन्तु इसके साथ ही गणित के प्रति उसका लगाव बढ़ गया।रात-दिन गणित को हल करने की धुन सवार हो गई।
  • तीन वर्ष बाद फिर घोषणा हुई कि गणित की इस नई समस्या को जो हल कर देगा उसे छह लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।यह घोषणा सुनकर वह विद्यार्थी बहुत पछताया कि उससे बहुत बड़ी गलती हो गई है।उसने सोचा कि इस बार वह सारी रकम परोपकार और गणित का ज्ञान का प्रसार करने में लगाएगा।उसने कठोर तप और साधना की।उसके अंदर के समस्त विकार कठोर तप,तितिक्षा और ध्यान की शक्ति से जलकर भस्म हो गए।ध्यानावस्था में उसे एक दिन फिर अंतरात्मा का बोध हुआ।उसने दंडवत होकर अंतरात्मा के आगे अपना समस्त अर्पण कर दिया।अंतरात्मा ने उसे उठाया।बोली इसमें तुम्हारी गलती नहीं है।तुम्हारे मन में काम क्रोधदि विकार थे जो अब समाप्त हो गए हैं।अब तुम्हारी नीयत बिल्कुल साफ हो गई है।अब तुम किसी भी गणित की जटिल समस्या को सुलझाने में समर्थ हो।ध्यानावस्था अर्थात् सपने में उसे बोध हुआ कि इस गणित की समस्या का हल यह है।ध्यानावस्था से जब वह सांसारिक जगत में आया तो तत्काल उसने उस हल को नोट कर लिया और पुरस्कार राशि प्राप्त करके लोक कल्याण तथा गणित के ज्ञान के प्रसार में खर्च कर दिया।
  • दरअसल मन निर्विकार होकर उस परमसत्ता से जुड़ जाता है तो प्रकृति के अनेक गूढ़ रहस्यों का पता चल जाता है।सपनों का देखना और उसको साकार करना केवल मानसिक व्यायाम नहीं है बल्कि एक महान आध्यात्मिक ज्ञान और विज्ञान है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में छात्र-छात्राओं द्वारा अपने सपने को साकार करने की 3 टिप्स (3 Tips for Students to Realize Dreams),गणित के छात्र-छात्राओं द्वारा अपने सपनों को साकार करने की 3 टिप्स (3 Tips for Mathematics Students to Realize Their Dreams) के बारे में बताया गया है।

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5.छात्र द्वारा बड़बड़ाना (हास्य-व्यंग्य) (Bullying by Student) (Humour-Satire):

  • गणित अध्यापक :सोहन! जब मैं गणित के सवाल समझा रहा था तो तुम बातें क्यों कर रहे थे?
  • सोहन:सर (sir),मैं बातें नहीं कर रहा था बल्कि गणित के पीरियड,गणित के सवालों को तथा समस्याओं को देख कर नींद आने लगती है और मैं बड़बड़ाने लगता हूं।

6.छात्र-छात्राओं द्वारा अपने सपने को साकार करने की 3 टिप्स (Frequently Asked Questions Related to 3 Tips for Students to Realize Dreams),गणित के छात्र-छात्राओं द्वारा अपने सपनों को साकार करने की 3 टिप्स (3 Tips for Mathematics Students to Realize Their Dreams) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.क्या चिन्तन पर समय का प्रभाव पड़ता है? (Does Time Affect Thinking?):

उत्तर:समय का प्रभाव अर्थात् हमारी अच्छी और बुरी आदतें चिंतन प्रणाली को प्रभावित करती है। जब हमारा मन विकारों से मुक्त नहीं होता है तो हम अनिष्ट,बुरा चिन्तन करने लगते हैं।आत्मा जैसी परमशक्ति की आवाज को अनसुना कर देते हैं।परंतु जब मन सात्त्विक बुद्धि के अनुसार हो जाता है अर्थात् निर्विकार हो जाता है तो हमें हरेक परिस्थिति में रहने का अभ्यास हो जाता है।जीवन के गूढ़ रहस्य सुलझने सकते हैं।सात्त्विक बुद्धि अर्थात् सतयुग में रहना और तामसिक बुद्धि अर्थात् कलयुग में रहने के समान है।निर्विकार होने पर हमारा भविष्य उज्जवल और सद्विचारों से युक्त हो जाता है।

प्रश्न:2.स्वप्न से क्या तात्पर्य है? (What do You Mean by Dream?):

उत्तर:स्वप्न हमारी वर्तमान,भविष्य एवं भूतकालीन स्थिति के सूचक होते हैं।सपनों में आमतौर पर इतना ही आधार होता है कि प्रवृत्ति और प्रकृति के अनुरूप दिशा में चलते हैं।व्यक्ति के स्वप्नों का स्तर देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि व्यक्ति के मन पर किन विचारों ने कब्जा जमा रखा है।वह क्या चाहता है,किससे डरता है? किस्से बचता है? सपने इसी पटरी पर उड़ते-लुढ़कते हैं। मनुष्य के जीवन में उसकी जाग्रत अवस्था का जितना योगदान है उतना ही उसकी तन्द्रावस्था का योगदान है।

प्रश्न:3.स्वप्न कितने प्रकार के होते हैं? (How Many Types of Dreams are There?):

उत्तर:जाग्रत अवस्था में दिखाई देने वाली सपने,ध्यानावस्था में दिखाई देने वाली आध्यात्मिक (दिव्य सपने) सपने,मानसिक स्वप्न (स्वप्न अवस्था में दिखाई देने वाले सपने)।जो छात्र-छात्राएं तथा व्यक्ति अपने मन को विकारों (काम,क्रोध,लोभ,मोह,मद,मात्सर्य (ईर्ष्या)) से अपने को मुक्त कर लेते हैं उन्हें ऐसे-ऐसे स्वप्न दिखाई देते हैं जो न केवल लौकिक जगत की समस्याओं का हल होते हैं बल्कि दिव्य स्वप्न द्वारा अलौकिक जगत के गूढ़ रहस्यों का भी कुछ-कुछ ज्ञान हो जाता है।इसलिए छात्र-छात्राओं को हमेशा जागरूक,होशपूर्वक तथा सचेतन अवस्था में रहना चाहिए क्योंकि न मालूम कब,कौनसे रहस्य का पता चल जाए।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा छात्र-छात्राओं द्वारा अपने सपने को साकार करने की 3 टिप्स (3 Tips for Students to Realize Dreams),गणित के छात्र-छात्राओं द्वारा अपने सपनों को साकार करने की 3 टिप्स (3 Tips for Mathematics Students to Realize Their Dreams) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

3 Tips for Students to Realize Dreams

छात्र-छात्राओं द्वारा अपने सपने को साकार करने की 3 टिप्स
(3 Tips for Students to Realize Dreams)

3 Tips for Students to Realize Dreams

छात्र-छात्राओं द्वारा अपने सपने को साकार करने की 3 टिप्स (3 Tips for Students to Realize Dreams)
के आधार पर जान सकेंगे कि सपने क्या होते हैं,सपनों की वास्तविकता क्या है और
उन्हें कैसे साकार करें? सपने हमारे जीवन से ही संबंधित होते हैं।

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