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Rolle Theorem in Differential Calculus

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1.अवकलन गणित में रोले प्रमेय (Rolle Theorem in Differential Calculus),कलन में मध्यमान प्रमेय (Mean Value Theorem in Calculus):

अवकलन गणित में रोले प्रमेय (Rolle Theorem in Differential Calculus) के साथ-साथ मध्यमान प्रमेय की ज्यामितीय व्याख्या (Geometrical Interpretation) करेंगे।
रोले का प्रमेय (Rolle Theorem):
मान लीजिए f : [a,b] \rightarrow R कि संवृत अन्तराल [a,b] तथा विवृत अन्तराल (a,b) में अवकलनीय है और f(a)=f(b) है जहाँ a और b कोई वास्तविक संख्याएँ हैं। तब विवृत अन्तराल (a,b) में किसी ऐसे c का अस्तित्व है कि f'(c)=0 है।
a और b के मध्य स्थित वक्र के बिन्दुओं पर स्पर्श रेखा की प्रवणता कम से कम एक बिन्दु पर शून्य हो जाती है।रोले प्रमेय का यथातथ्य यही दावा है क्योंकि y=f(x) के आलेख के किसी बिन्दु पर स्पर्शरेखा की प्रवणता कुछ नहीं अपितु उस बिन्दु पर f(x) का अवकलज होता है।
मध्यमान प्रमेय (Mean Value Theorem):
मान लीजिए कि f : [a,b] \rightarrow R अन्तराल [a, b] में संतत तथा अन्तराल (a,b) में अवकलनीय है। तब अन्तराल (a,b) में किसी ऐसे c का अस्तित्व है कि: f^{\prime}(c)=\frac{f(b)-f(a)}{b-a} है।
मध्यमान प्रमेय (MVT) रोले के प्रमेय का एक विस्तारण (Extension) है।
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2.अवकलन गणित में रोले प्रमेय के साधित उदाहरण (Rolle Theorem in Differential Calculus Solved Examples):

Example:1. f(x)=x^{2}+2 x-8, x \in[-4,2] के लिए रोले के प्रमेय को सत्यापित कीजिए।
Solution: f(x)=x^{2}+2 x-8, x \in[-4,2] 
(i)f(x) बहुपदीय फलन है तथा [-4,2] में परिभाषित है।अतः यह अन्तराल [-4,2] में संतत है।

f(-4)=0=f(2)
(ii) f'(x)=3x+2 का (-4,2) के सभी बिन्दुओं पर अस्तित्व अर्थात् (-4,2) अन्तराल में फलन अवकलनीय है।
(iii) f(-4)=(-4)^{2}+2 x-4-8 \\ =16-8-8 \\ =0 \\ f(2)=(2)^{2}+2 \times 2-8 \\ =4+4-8=0
अतः फलन रोले प्रमेय के तीनों प्रतिबन्धों को सन्तुष्ट करता है।
अब f^{\prime}(c)=0 \\ f^{\prime}(c)=3 c+2=0 \\ \Rightarrow c=-\frac{2}{3} \in \left(-4,2\right)
फलतः रोले प्रमेय सत्यापित होती है।
Example:2.जाँच कीजिए कि क्या रोले प्रमेय निम्नलिखित फलनों में से किन-किन पर लागू होता है।इन उदाहरणों से आप रोले के प्रमेय के विलोम के बारे में कुछ कह सकते हैं?
(i)f(x)=[x] के लिए x \in [5,9]
Solution: f(x)=[x], x \in[5,9]
फलन अन्तराल [5,9] के बिन्दुओं पर संतत नहीं है तथा अन्तराल (5,9) में अवकलनीय नहीं है।
अतः रोले का प्रमेय सत्यापित नहीं होता है।
(ii)f(x)=[x], x \in[-2,2]
महत्तम पूर्णांक फलन पूर्णांक बिन्दुओं पर न तो संतत होता है और न अवकलनीय होता है।
अतः रोले का प्रमेय सत्यापित नहीं होता है।
(iii) f(x)=x^{2}-1, x \in[1,2]
फलन, बहुपदीय फलन है। अतः अन्तराल [1,2] में संतत तथा अन्तराल (1,2) में संतत तथा अन्तराल (1,2) में अवकलनीय है।
अब f(1)=(1)^{2}-1=0 \\ f(2)=(2)^{2}-1=4-1=3 \\ f(1) \neq f(2)
रोले का प्रमेय का तीसरा प्रतिबन्ध सन्तुष्ट नहीं होता है। अतः रोले का प्रमेय सत्यापित नहीं होता है।
Example:3.यदि f : [-5,5] \rightarrow R एक संतत फलन है और यदि f'(x) किसी बिन्दु पर शून्य नहीं होता है तो सिद्ध कीजिए कि f(-5) \neq f(5)
Solution:दिया गया फलन f:[-5,5] \rightarrow R जो कि संतत तथा अवकलनीय है।
(i) फलन अन्तराल [-5,5] में संतत है।
(ii) फलन अन्तराल (-5,5) में अवकलनीय है।

f^{\prime}(C)=0 \Rightarrow C \in(-5,5)
परन्तु प्रश्नानुसार: 

f^{\prime}(C) \neq 0 \\ \Rightarrow f(-5) \neq f(5)

Example:4.मध्यमान प्रमेय सत्यापित कीजिए यदि अन्तराल [a,b] में जहाँ a=1 और b=4 है।
Solution:f(x)=x^{2}-4 x-3
दिया गया फलन एक बहुपदीय फलन है। बहुपद फलन संतत और अवकलनीय होता है। फलतः फलन अन्तराल [1,4] में संतत तथा अन्तराल (1,4) में अवकलनीय है।

\Rightarrow f(x)=2 x-4 \\ \Rightarrow f^{\prime}(c)=2 c-4 \\ \Rightarrow f(c)=\frac{f(b)-f(a)}{b-a} \\ \Rightarrow 2 c-4=\frac{\left[(4)^{2}-4 \times 4-3\right]-\left[(1)^{2}-4 \times 1-3\right]}{4-1} \\ \Rightarrow 2 c-4=\frac{(16-16-3)-(1-4-3)}{3} \\ \Rightarrow 6 c-12=-3+6 \\ \Rightarrow 6 c=3+12 \\ \Rightarrow c =\frac{15}{6} \\ \Rightarrow c=\frac{5}{2} \in (1,4)
अतः मध्यमान प्रमेय का सत्यापन होता है।
Example:5.मध्यमान प्रमेय सत्यापित कीजिए और अन्तराल [a,b]  में f(x)=x^{3}-5 x^{2}-3 x, x \in[1,3] जहाँ a=1 और b=3 है। f'(c)=0 के लिए c \in[1,3]  को ज्ञात कीजिए।
Solution:दिया गया फलन f(x)=x^{3}-5 x^{2}-3 x, x \in[1,3] बहुपद फलन है। बहुपद फलन सर्वत्र संतत तथा अवकलनीय होता है। अतः फलन अन्तराल [1,3] में संतत और अन्तराल (1,3) में अवकलनीय है।

f^{\prime}(x)=3 x^{2}-10 x-3\\ f^{\prime}(c)=3 c^{2}-10 c-3\\ f(1)=(1)^{3}-5(1)^{2}-3(1)\\ =1-5-3=7\\ f(3)=3^{3}-5 \times 3^{2}-3 \times 3\\ =27-45-9=-27\\ f(3)=-27 \\ f^{\prime}(c)=\frac{f(b)-f(a)}{b-a} \\ \Rightarrow 3 c^{2}-10 c-3=\frac{f(3)-f(1)}{3-1}\\ \Rightarrow 3 c^{2}-10 c-3=\frac{-27+7}{2}\\ \Rightarrow 6 c^{2}-20 c-6=-20\\ \Rightarrow 3 c^{2}-10 c-3=-10\\ \Rightarrow 3 c^{2}-10 c-3+10=0 \\ \Rightarrow 3 c^{2}-10 c+7=0\\ \Rightarrow 3 c^{2}-7 c-3 c+7=0\\ \Rightarrow(3 c-7)-1(3 c-7)=0\\ \Rightarrow(c-1)(3 c-7)=0\\ \Rightarrow c=1, \frac{7}{3}\\ \Rightarrow c=1 \notin(1,3)\\ \Rightarrow c=\frac{7}{3} \in(1,3)
पुनः f^{\prime}(C)=0\\ \Rightarrow 3 c^{2}-10 c-3=0 \\ c=\frac{10 \pm \sqrt{(-10)^{2}-4 \times 3 \times-3}}{2 \times 3} \\ \Rightarrow c=\frac{10 \pm \sqrt{100+36}}{6} \\ \Rightarrow c=\frac{10 \pm \sqrt{136}}{6} \\ \Rightarrow c=\frac{10 \pm 2 \sqrt{34}}{6} \\ \Rightarrow c=\frac{5 \pm \sqrt{34}}{3} \\ \Rightarrow c=\frac{5+\sqrt{34}}{3}, \frac{5-\sqrt{34}}{3} \notin(1,3)
अतः f'(c)=0 के लिए अन्तराल (1,3) में कोई बिन्दु नहीं है।
Example:6.प्रश्न संख्या 2 में उपर्युक्त दिए गए तीनों फलनों के लिए मध्यमान प्रमेय की अनुपयोगिता की जाँच कीजिए।
Solution:(i)फलन f(x)=[x], x \in[5,9] महत्तम पूर्णांक फलन है जो कि पूर्णांक बिन्दुओं पर न तो संतत होता है और न ही अवकलनीय होता है।
x=6 पर
L.H.L 

\lim _{x \rightarrow 6^{-}} f(x)=\lim _{x \rightarrow 6^{-}}=5
x=6 पर
R.H.L

\lim _{x \rightarrow 6^{+}} f(x)=\lim _{x \rightarrow 6^{+}}=6

L.H.L  \neq R.H.L
अतः मध्यमान प्रमेय सत्यापित नहीं होती है।
(ii) f(x)=[x], x \in[-2,2]
Solution:अन्तराल [-2,2] के किसी भी पूर्णांक बिन्दु पर फलन न तो संतत होता है और न अवकलनीय होता है।
अतः मध्यमान प्रमेय सत्यापित नहीं होता है।
(iii) f(x)=x^{2}-1 ; x \in[1,2]
यह एक बहुपद हैं जो कि अन्तराल [1,2] में संतत तथा अन्तराल (1,2) में अवकलनीय है।
पुनः f(1)=1^{2}-1=0 \\ f(2)=2^{2}-1=3\\ f^{\prime}(x)=2 x\\ \Rightarrow f^{\prime}(c)=2 c\\ f^{\prime}(c)=\frac{f(b)-f(a)}{b-a}\\ \Rightarrow 2 c=\frac{f(2)-f(1)}{2-1}\\ \Rightarrow 2 c=\frac{3-0}{1}\\ \Rightarrow c=\frac{3}{2} \in(1,2)
अतः मध्यमान प्रमेय सत्यापित होता है।
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा अवकलन गणित में रोले प्रमेय (Rolle Theorem in Differential Calculus),कलन में मध्यमान प्रमेय (Mean Value Theorem in Calculus) को समझ सकते हैं।

3.अवकलन गणित में रोले प्रमेय के सवाल (Rolle Theorem in Differential Calculus Questions):

(1.)फलन f(x)=\cos 2 x, x \in[0, \pi] के लिए रोले प्रमेय का सत्यापन कीजिए।
(2.)फलन f(x)=\frac{x^{2}-4}{x-1}, x \in[0,2] के लिए मध्यमान प्रमेय की वैधता की जाँच कीजिए।
उत्तर (Answer):(2.) वैध नहीं
उपर्युक्त सवालों को हल करने पर अवकलन गणित में रोले प्रमेय (Rolle Theorem in Differential Calculus),कलन में मध्यमान प्रमेय (Mean Value Theorem in Calculus) को ठीक से समझ सकते हैं।

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4.अवकलन गणित में रोले प्रमेय (Rolle Theorem in Differential Calculus),कलन में मध्यमान प्रमेय (Mean Value Theorem in Calculus) के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.रोल प्रमेय की खोज किसने की? (Who Discovered Rolle Theorem?):

उत्तर:फ्रेंच गणितज्ञ माइकेल रोल (1652-1719) ने बीजगणित में समीकरण के मूल ज्ञात करने के लिए महत्त्वपूर्ण प्रमेय का प्रतिपादन किया था जिसे बाद में अवकलन में भी काम में लिया गया। इस प्रमेय के विकसित रूप का अध्ययन रोल प्रमेय के नाम से किया जाता है।

प्रश्न:2.रोल प्रमेय का बीजीय अर्थ क्या है? (What is Algebraic Meaning of Rolle Theorem?):

उत्तर:यदि f(x), x में बहुपद है। a,b समीकरण f(x)=0 के दो मूल हैं तो समीकरण f'(x)=0 का कम से कम एक मूल a तथा b के मध्य विद्यमान होगा।
चूँकि बहुपदीय फलन f(x) सर्वत्र संतत तथा अवकलनीय होता है।f(a)=f(b) हो तो f(x) संवृत अन्तराल [a,b] में रोल प्रमेय के सभी प्रतिबन्धों को सन्तुष्ट करता हैं।अतः अन्तराल (a,b) में एक बिन्दु c अवश्य विद्यमान होगा जहाँ f'(c)=0

प्रश्न:3.रोले प्रमेय का ज्यामितीय अर्थ लिखिए।(Write Geometrical Meaning of Rolle Theorem?):

Solution:यदि एक वास्तविक फलन f(x) का आरेख बिन्दु x=a एवं x=b पर संतत है तथा इन बिन्दुओं के मध्य फलन के आरेख के प्रत्येक बिन्दु पर स्पर्श रेखा खींची जा सकती है। बिन्दु x=a एवं बिन्दु x=b पर कोटियां समान है तो वक्र पर उक्त बिन्दुओं के मध्य कम से कम एक बिन्दु इस प्रकार विद्यमान होगा जिस पर खींची गई स्पर्श रेखा x-अक्ष के समान्तर होगी।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा अवकलन गणित में रोले प्रमेय (Rolle Theorem in Differential Calculus),कलन में मध्यमान प्रमेय (Mean Value Theorem in Calculus) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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अवकलन गणित में रोले प्रमेय (Rolle Theorem in Differential Calculus) के साथ-साथ मध्यमान
प्रमेय की ज्यामितीय व्याख्या (Geometrical Interpretation) करेंगे।

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