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Intelligence Test in Mathematics

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1.गणित में बुद्धि-परीक्षण (Intelligence Test in Mathematics),बुद्धि-परीक्षण (Intelligence Test):

  • गणित में बुद्धि-परीक्षण (Intelligence Test in Mathematics) वर्तमान परीक्षा में शामिल किया जाना चाहिए।इससे विद्यार्थियों की बुद्धि व तार्किक क्षमता का विकास होता है।बुद्धि अर्थात् सद्बुद्धि का महत्त्व सर्वविदित है।सद्बुद्धि तभी विकसित होती है जब बचपन से ही बुद्धि विकास के प्रयास किए जाएं। क्योंकि सद्बुद्धि आचरण और अनुभव से ही आती है।अब बुद्धि का विकास हो रहा है या नहीं हो रहा है,उचित दिशा में हो रहा है या नहीं हो रहा है इसका पता परीक्षण से चलता है।परीक्षण के आधार पर हम आगे का रास्ता तय कर सकते हैं।हमारे भविष्य के बारे में निर्णय ले सकते हैं।चाणक्य नीति में कहा है:
  • “बुद्धिर्यस्य बलं तस्य निर्बुद्धेश्च कुतो बलम्।
    वने सिंहों मदोन्मत्तः शश्किन निपातितः।।
  • भावार्थ:जिसके पास बुद्धि है उसी के पास बल है, बुद्धिहीन के पास बल कहां? वन में मद से उन्मत्त सिंह भी बुद्धिमान खरगोश के द्वारा मारा गया।
  • गणित अध्यापक को शिक्षा-प्रक्रिया अर्थात् गणित शिक्षण में कहां तक सफलता मिली है,यह विद्यार्थियों के परीक्षण से ही पता चल पाता है। विद्यार्थियों को पढ़ी हुई गणित कितनी समझ में आई है यह परीक्षण से ही पता चल पाता है।
  • परंतु यह परीक्षण तभी सार्थक हो सकता है जब इसमें बुद्धि परीक्षण के सवाल भी शामिल किए जाएं।क्योंकि सूत्रों के ऊपर आधारित तथा सीधे सपाट प्रश्नों के उत्तर तो विद्यार्थी यंत्रवत लिख देता है।परीक्षा प्रश्न-पत्र में कुछ बौद्धिक प्रश्न भी शामिल करने चाहिए जिससे विद्यार्थी सोच-विचार कर तथा अपनी बुद्धि के बल पर उत्तर दे सकता है।यह ठीक है कि अधिक प्रश्नों के शामिल करने से संपूर्ण पाठ्यक्रम को कवर किया जा सकता है।
  • बौद्धिक प्रश्नों को शामिल करने से विद्यार्थी की रूचि,बुद्धि और मनोबल का पता चलता है।अधिक प्रश्नों को शामिल करने से विद्यार्थियों द्वारा नकल करने की तथा रटने की गुंजाइश खत्म हो जाती है। इस प्रकार के प्रश्न पत्रों की जांच भी वस्तुनिष्ठ होती है।इस प्रकार के प्रश्नों में अध्यापक की मनोदशा का फर्क नहीं पड़ता है।प्रश्नों के उत्तर भी अटकल व अनुमान के आधार पर नहीं दिए जा सकते हैं।
  • बौद्धिक प्रश्न केवल वस्तुनिष्ठ तथा बहुविकल्प (Multiple Choice Questions) वाले ही नहीं होने चाहिए।बल्कि निबंधात्मक प्रश्न भी होने चाहिए।क्योंकि वस्तुनिष्ठ प्रश्नों से गणित के ज्ञान का परीक्षण तो हो जाता है।परंतु गणित के तथ्यों और विषयवस्तु को विद्यार्थी दूसरों के सामने प्रकट नहीं कर पाता है।इस कमी को निबंधात्मक प्रश्नों तथा मौखिक परीक्षा को शामिल करके दूर किया जा सकता है।
  • इसमें इस प्रकार के प्रश्नों को शामिल किया जाता है।जैसे:एक वृत्ताकार पार्क की परिधि के तीन बिंदुओं पर समान दूरी पर विद्यार्थी बैठे हुए है तथा वृत्ताकार पार्क की त्रिज्या 6 मीटर हो तो उनके आपस के बीच की दूरी ज्ञात करो।इसमें निर्देशांक ज्यामिति की दूरी वाले सूत्र की सहायता लेनी पड़ेगी।आयताकार मैदान का क्षेत्रफल 400 वर्ग मीटर है यदि लंबाई चौड़ाई से दुगनी है तो लंबाई और चौड़ाई ज्ञात करो।इसमें द्विघात समीकरण की सहायता लेनी पड़ेगी।
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2.बुद्धि परीक्षण के लाभ (Benefits of Intellectual Testing):

  • (1.)इससे तार्किक तथा बौद्धिक क्षमता का विकास होता है।
  • (2.)बुद्धि परीक्षण में वस्तुनिष्ठ तथा निबंधात्मक दोनों ही तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं।इसलिए विद्यार्थी का सही मूल्यांकन हो जाता है।
  • (3.)वस्तुनिष्ठ तथा निबन्धात्मक प्रश्नों का निर्माण करने से संपूर्ण पाठ्यक्रम को कवर किया जा सकता है।
  • (4.)इस प्रकार के सवालों को जांच करने में गणित के शिक्षक की मनोदशा का फर्क नहीं पड़ता है।यदि गलत सवाल किया है तो जीरो नम्बर मिलेगा तथा सही सवाल करने पर पूरे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।
  • (5.)इस प्रकार के प्रश्नों में छात्र-छात्राओं के रटने की प्रवृत्ति को समाप्त किया जा सकता है।
  • (6.)इन प्रश्नों के उत्तर अनुमान व अटकल के आधार पर नहीं दिए जा सकते हैं।
  • (7.)इस प्रकार के प्रश्नों से बालक में ज्ञान की वृद्धि शीघ्रता से होती है।
  • (8.)इन प्रश्नों के आधार पर बालक श्रेष्ठ तथा उत्तम तैयार किए जा सकते हैं।

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3.बुद्धि परीक्षण की सीमाएं (Limitations of Intellectual Testing):

  • (1.)इन प्रश्नों को तैयार करने में समय व श्रम अधिक लगता है।
  • (2.)वस्तुनिष्ठ प्रश्नों में अनुमान के आधार पर उत्तर दिए जा सकते हैं।
  • (3.)इन सवालों का निर्माण गणित का विशेषज्ञ ही तैयार कर सकता है।
  • (4.)मंदबुद्धि के बालक इन प्रश्नों को हल करने में असमर्थ रहते हैं।
  • (5.)इस प्रकार के प्रश्नों से गणित के तथ्यात्मक जानकारी को अभिव्यक्त करने का विकास नहीं हो पाता है।
  • (6.)प्रश्नों को हल करने में विद्यार्थियों को पर्याप्त समय तथा मानसिक परिश्रम करना पड़ता है।

4 बौद्धिक परीक्षण के लिए सुझाव (Suggestions for Intellectual Testing):

  • (1.)प्रश्न-पत्र संपूर्ण पाठ्यक्रम पर आधारित होना चाहिए।
  • (2.)बौद्धिक प्रश्नों के साथ-साथ गणित के तथ्यात्मक तथा सूत्रों पर आधारित सवाल भी होने चाहिए।
  • (3.)प्रश्नों की संख्या कम अर्थात् सीमित नहीं होने चाहिए।
  • (4.)प्रश्नों में वस्तुनिष्ठ ही नहीं होने चाहिए बल्कि निबंधात्मक,लघुत्तरात्मक तथा वस्तुनिष्ठ इत्यादि प्रश्नों को शामिल करना चाहिए।
  • (5.)निबन्धात्मक प्रश्नों की संख्या कम तथा लघुत्तरात्मक व अतिलघुत्तरात्मक प्रश्नों की संख्या अधिक होनी चाहिए।
  • (6.)परीक्षाओं के परिणाम के आधार पर अध्ययन व अध्यापन में सुधार करना चाहिए।
  • (7.)छात्र-छात्राओं को रटने और यन्त्रवत उत्तर देने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित नहीं मिलना चाहिए।
  • (8.)सवालों की भाषा सरल,स्पष्ट तथा समझने वाली होनी चाहिए।अर्थात प्रश्नों का स्तर (कठिनाई) विद्यार्थियों की योग्यता के अनुसार होना चाहिए।
  • (9.)गणित के प्रश्न-पत्र में वस्तुनिष्ठ सवाल बहुत कम होने चाहिए।लिखित परीक्षा के साथ-साथ मौखिक परीक्षा भी होनी चाहिए।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में गणित में बुद्धि-परीक्षण (Intelligence Test in Mathematics),बुद्धि-परीक्षण (Intelligence Test) के बारे में बताया गया है।

5.विश्व का महान् गणितज्ञ बनना (हास्य-व्यंग्य) (To Become Great Mathematician of World) (Humour-Satire):

  • पिता (पुत्र से):बेटा मैं चाहता हूं कि तुम संसार के सबसे महान और श्रेष्ठ गणितज्ञ बनो।पूरी दुनिया में तुम्हारी प्रसिद्धि फैले।
  • पुत्र (पिता से):पिताजी मैं विश्व का सबसे महान गणितज्ञ तो बन सकता हूं परंतु एक समस्या है।
  • पिता (पुत्र से):ऐसी कौनसी समस्या है जो तुम्हें महान बनने से रोक रही है?
  • पुत्र (पिता से):आप तो जानते हो कि अमेरिका हर देश की टांग खींचने में लगा रहता है।ज्योंही कोई आगे बढ़ता है तो वह उसके मार्ग में कोई न कोई अड़चन पैदा कर देता है।वह नहीं चाहता है कि दूसरा देश उससे किसी मामले में आगे निकले।वह नहीं चाहता है कि दुनिया के किसी मामले की ठेकेदारी कोई दूसरा देश करे।इसलिए आप इस दुनिया से अमेरिका को हटा दो तो मैं महान गणितज्ञ बन सकता हूं।

6.गणित में बुद्धि-परीक्षण (Intelligence Test in Mathematics),बुद्धि-परीक्षण (Intelligence Test) के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.बुद्धि परीक्षण में अनुभव का क्या महत्त्व है? (What is the Importance of Experience in Intellectual Testing):

उत्तर:इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोई भी विद्यार्थी अपनी बुद्धि का उपयोग करता है तो दिनोंदिन उसका बुद्धि बल बढ़ता जाता है।मूढ़ व्यक्ति जो अपनी बुद्धि को काम में नहीं लेता है वह आगे नहीं बढ़ सकता है।परंतु कोई भी कार्य,अध्ययन,गणित का अध्ययन उपयोगी है या नहीं है, सही है या नहीं उसके अध्ययन करने की दिशा सही है या नहीं इसका पता अनुभव से ही चलता है।अध्ययन करना एक सैद्धांतिक (Theoretical) है परंतु जब तक अध्ययन हमारे जीवन का अंग नहीं बनता है,आचरण में नहीं आता है तब तक नहीं कहा जा सकता है कि वह सही कर रहा है या गलत।जैसे किसी प्रश्नावली की थ्योरी पढ़ लें,मसलन त्रिकोणमिति में दूरी ज्ञात करने की थ्योरी पढ़ लें।परंतु जब तक उसके प्रैक्टिकल सवाल नहीं करेंगे तब तक हमारे व्यावहारिक जीवन का अंग नहीं बन सकते है।इसलिए गणित में प्रैक्टिकल करना,अभ्यास करना भी आवश्यक है।

प्रश्न:2.प्राचीन और आधुनिक शिक्षा में कौनसी अच्छी है इसका परीक्षण कैसे करें?(How to Test What Ancient Education and Modern Education is Good?):

उत्तर:प्राचीन भारतीय शिक्षा श्रेष्ठ है यह कहने से श्रेष्ठ नहीं हो जाती है और न आधुनिक शिक्षा श्रेष्ठ कहने से यह प्रमाणित हो जाता है कि आधुनिक शिक्षा श्रेष्ठ है।बल्कि विवेक तथा सद्बुद्धि से परीक्षण करके ही यह जाना जा सकता है कि कौनसी शिक्षा श्रेष्ठ है।कुछ लोग तर्क तथा सत्य की जांच किए बिना ही प्राचीन भारतीय शिक्षा को आउटडेटेड (Outdated),रूढ़िवादी,समयानुकूल नहीं होने से उसे स्वीकृत नहीं करते हैं।उसे विवेकपूर्वक,आचरण में उतारे बिना तथा परीक्षण किए बिना केवल पूर्वाग्रह और हठवादिता के आधार पर निर्णय करना उचित नहीं है।

प्रश्न:3.विपत्ति से बचने का उपाय क्या है? (What is the Way to Avoid Adversity?)

उत्तर:विपत्ति के समय जिसकी बुद्धि स्थिर रहती है, विचलित नहीं होती है।ऐसा व्यक्ति बुद्धि के बल पर विपत्ति को पार कर जाता है।विपत्ति के समय आने वाले कष्टों को बुद्धिपूर्वक हल कर लेता है तथा साहस से काम लेकर धैर्य धारण करता है, वह विपत्ति से बच जाता है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा गणित में बुद्धि-परीक्षण (Intelligence Test in Mathematics),बुद्धि-परीक्षण (Intelligence Test) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Intelligence Test in Mathematics

गणित में बुद्धि-परीक्षण
(Intelligence Test in Mathematics)

Intelligence Test in Mathematics

गणित में बुद्धि-परीक्षण (Intelligence Test in Mathematics) वर्तमान परीक्षा में
शामिल किया जाना चाहिए।इससे विद्यार्थियों की बुद्धि व तार्किक क्षमता का
विकास होता है।बुद्धि अर्थात् सद्बुद्धि का महत्त्व सर्वविदित है।

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