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Increasing and Decreasing Functions

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1.वर्धमान और ह्रासमान फलन (Increasing and Decreasing Functions),वर्धमान और ह्रासमान फलन कक्षा 12 (Increasing and Decreasing Functions Class 12):

वर्धमान और ह्रासमान फलन (Increasing and Decreasing Functions) में वर्धमान फलन में हम देखते हैं कि आलेख के अनुदिश जैसे-जैसे बाँए से दाँए आलेख की ऊँचाई लगातार बढ़ती जाती है। इसी कारण वास्तविक संख्याओं x>0 के लिए फलन वर्धमान कहलाता है।
जब जैसे-जैसे आलेख के अनुदिश बाँए से दाँए की ओर जाते हैं आलेख की ऊँचाई लगातार घटती जाती है फलस्वरूप वास्तविक संख्याओं x<0 के लिए फलन ह्रासमान कहलाता है।

परिभाषा:1.मान लीजिए वास्तविक मान फलन f के प्रान्त I में एक विवृत अन्तराल है।तब (i)अन्तराल I में वर्धमान है यदि I में x_{1}<x_{2} \Rightarrow f\left(x_{1}\right) \leq f\left(x_{2}\right) सभी x_{1}, x_{2} \in I के लिए

(ii)अन्तराल I में निरन्तर वर्धमान है यदि I में x_{1}<x_{2} \Rightarrow f\left(x_{1}\right)<f\left(x_{2}\right) सभी x_{1}, x_{2} \in I के लिए

(iii) अन्तराल I में ह्रासमान है यदि I में x_{1}<x_{2} \Rightarrow f\left(x_{1}\right) \geq f\left(x_{2}\right) सभी x_{1}, x_{2} \in I के लिए

(iv)अन्तराल I में निरन्तर ह्रासमान है यदि I में  x_{1}<x_{2} \Rightarrow f\left(x_{1}\right) > f\left(x_{2}\right) सभी x_{1}, x_{2} \in I के लिए

परिभाषा:2.मान लीजिए कि वास्तविक मानों के परिभाषित फलन f के प्रान्त में एक बिन्दु x_{0} है तब x_{0} पर f वर्धमान है,निरन्तर वर्धमान,ह्रासमान और निरन्तर ह्रासमान कहलाता है यदि x_{0} को अन्तर्विष्ट करने वाले एक ऐसे विवृत अन्तराल I का अस्तित्व इस प्रकार है कि I में f क्रमशः वर्धमान,निरन्तर वर्धमान,ह्रासमान और निरन्तर ह्रासमान है। x_{0} पर वर्धमान कहलाता है यदि एक अन्तराल I=\left(x_{0}-h, x_{0}+h\right), h>0 का अस्तित्व इस प्रकार है कि x_{1}, x_{2} \in I के लिए
x_{1} < x_{2} \Rightarrow f\left(x_{1}\right) \leq f\left(x_{2}\right) अन्य दशाओं का इसी प्रकार से स्पष्टीकरण दिया जा सकता है।
प्रमेय (Theorem):1.मान लीजिए कि f अन्तराल [a,b] पर संतत और विवृत अन्तराल (a,b) पर अवकलनीय है।तब
(a)[a,b] में वर्धमान है यदि प्रत्येक x \in(a, b) के लिए f'(x)>0 है।
(b)[a,b] में f ह्रासमान है यदि प्रत्येक x \in(a, b) के लिए f'(x) <0 है।

(c) [a,b] में f एक अचर फलन है यदि x \in(a, b) के लिए f'(x)=0 है।

उपपत्ति (Proof):(a).मान लीजिए x_{1}, x_{2} \in[a, b] इस प्रकार है कि x_{1}< x_{2} तब मध्यमान प्रमेय से x_{1} और x_{2} के मध्य एक बिन्दु c का अस्तित्व इस प्रकार है कि

f\left(x_{2}\right)-f\left(x_{1}\right)=f^{\prime}\left(c\right)\left(x_{2}-x_{1}\right) \\ \Rightarrow f\left(x_{2}\right) -f\left(x_{1}\right)>0 \\ \Rightarrow f\left(x_{2}\right)>f\left(x_{1}\right)

इस प्रकार हम देखते हैं कि [a,b] के सभी x_{1}, x_{2}  के लिए x_{1}<x_{2} \Rightarrow f\left(x_{1}\right)>f\left(x_{2}\right) [क्योंकि f'(c)>0]
अतः [a,b] में f एक वर्धमान फलन है।
भाग (b) और (c) की उपपत्ति भी इसी प्रकार है।
टिप्पणी:
(i)(a,b) में f निरन्तर वर्धमान है यदि प्रत्येक x \in(a, b) के लिए f'(x)>0
(ii)(a,b) में निरन्तर ह्रासमान है यदि प्रत्येक x \in (a, b) के लिए f'(x)<0

(iii)एक फलन R में वर्धमान (ह्रासमान) होगा यदि यह R के प्रत्येक अन्तराल में वर्धमान (ह्रासमान) है।

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2.वर्धमान और ह्रासमान फलन पर आधारित उदाहरण (Examples Based on Increasing and Decreasing Functions):

Example:1.सिद्ध कीजिए कि R पर f(x)=3x+17 से प्रदत्त फलन निरन्तर वर्धमान है।
Solution:f(x)=3x+17

माना x_{1}, x_{2} \in R इस प्रकार है कि x_{1}<x_{2}  \\ \therefore x_{1}<x_{2} \\ \Rightarrow 3 x_{1}<3 x_{2} \\ \Rightarrow 3 x_{1}+17<3 x_{2}+17 \\ \Rightarrow f\left(x_{1}\right)<f\left(x_{2}\right)

अतः f(x)=3x+17, R पर निरन्तर वर्धमान फलन है।
Example:2.सिद्ध कीजिए कि R पर f(x)=e^{2 x} से प्रदत्त फलन निरन्तर वर्धमान है।
Solution: f(x)=e^{2 x} \\ f^{\prime}(x)=2 e^{2 x} \\ x \in R के सभी मानों के लिए

2>0, e^{2 x}>0 \\ \therefore f^{\prime}(x)>0
अतः फलन f, R पर निरन्तर वर्धमान है।
Example:3.सिद्ध कीजिए कि f(x)=\sin x से प्रदत्त फलन
3(a): (0, \frac{\pi}{2})  में निरन्तर वर्धमान है।
Solution: f(x)=\sin x \\ f^{\prime}(x)=\cos x \\ x \in (0, \frac{\pi}{2}) के लिए f'(x)>0
अतः f अन्तराल में निरन्तर वर्धमान है।
3(b): (\frac{\pi}{2}, \pi) में निरन्तर ह्रासमान है;
Solution: f^{\prime}(x)=\cos x \\ x \in(\frac{\pi}{2}, \pi) के लिए f'(x)<0

अतः फलन (\frac{\pi}{2}, \pi) में निरन्तर ह्रासमान है।

3(c): \left(0, \pi\right) में न तो वर्धमान है और न ही ह्रासमान है।

Solution: f^{\prime}(x)=\cos x \\ x \in (0, \frac{\pi}{2}) में f'(x)>0
तथा x \in\left(\frac{\pi}{2}, \pi\right) में f'(x)<0

अतः f अन्तराल \left(0, \pi\right) में न तो वर्धमान है और न ही ह्रासमान है।

Example:4.अन्तराल ज्ञात कीजिए जिनमें f(x)=2 x^{2}-3 x से प्रदत्त फलन f (a)निरन्तर वर्धमान है (b)निरन्तर ह्रासमान है

Solution: f(x)=2 x^{2}-3 x \\ f^{\prime}(x)=4 x-3 \\ f^{\prime}(x)=0  से 4 x=\frac{3}{4}=0 \\ \Rightarrow x=\frac{3}{4}

f'(x) से x=\frac{3}{4} प्राप्त होता है। x=\frac{3}{4} वास्तविक रेखा को दो असंयुक्त अन्तरालों (-\infty, \frac{3}{4}) तथा \left(\frac{3}{4}, \infty\right) में विभक्त करता है।

4(a):जब x \in\left(\frac{3}{4}, \infty\right) तो f'(x)>0
अतः f निरन्तर वर्धमान है।
4(b):जब x \in(-\infty, \frac{3}{4}) तो f'(x)<0

अतः f निरन्तर ह्रासमान है।

Example:5.अन्तर ज्ञात कीजिए जिनमें f(x)=2 x^{3}-3 x^{2}-36 x+7 से प्रदत्त फलन f(a) निरन्तर वर्धमान है (b) निरन्तर ह्रासमान है

Solution:-f(x)=2 x^{3}-3 x^{2}-36 x+7 \\ f^{\prime}(x)=6 x^{2}-6 x-36 \\ f^{\prime}(x)=0 से 6 x^{2}-6 x-36=0

f'(x)=0 से \Rightarrow 6\left(x^{2}-x-6\right)=0 \\ \Rightarrow x^{2}-x-6=0 \\ \Rightarrow x^{2}-3 x+2 x-6=0 \\ \Rightarrow x(x-3)+2(x-3)=0 \\ \Rightarrow(x+2)(x-3)=0 \\ \Rightarrow x=3,-2

f'(x)=0 से x=3, x=-2 बिन्दु प्राप्त होते हैं।

x=3 व x=-2 वास्तविक रेखा को तीन असंयुक्त अन्तरालों (-\infty,-2),(-2,3) तथा (3,\infty) में विभाजित करते हैं।      

अन्तराल f'(x) का चिन्ह फलन की प्रकृति
(-\infty,-2) (-)(-)>0 f निरन्तर वर्धमान है
(-2,3) (-)(+)<0 f निरन्तर ह्रासमान है
(3,\infty) (+)(+)>0 f निरन्तर वर्धमान है

अतः फलन f (-\infty,-2) \cup (3,\infty) में निरन्तर वर्धमान तथा (-2,3) में निरन्तर ह्रासमान है।

Example:6.अन्तराल ज्ञात कीजिए जिनमें निम्नलिखित फलन f निरन्तर वर्धमान या ह्रासमान है:

6(a):f(x)=x^{2}+2 x+5

Solution:-f(x)=x^{2}+2 x+5 \\ \Rightarrow f^{\prime}(x)=2 x+2 \\ \Rightarrow f^{\prime}(x)=0 से 2 x+2=0 \Rightarrow x=-1

f'(x)=0 से x=-1 प्राप्त होता है।x=-1 वास्तविक रेखा को असंयुक्त अन्तरालों (-\infty,-1) तथा (-1,\infty) में विभक्त करता है। 

अन्तराल f'(x) का चिन्ह फलन की प्रकृति
(-\infty,-1) <0 f निरन्तर ह्रासमान है।
(-1,\infty) >0  f निरन्तर वर्धमान है।

अतः फलन f अन्तराल (-\infty,-1) में निरन्तर ह्रासमान तथा अन्तराल (-1,\infty) में निरन्तर वर्धमान है।

6(b): f(x)=10-6 x-2 x^{2}

Solution: f(x)=10-6 x-2 x^{2} \\ \Rightarrow f^{\prime}(x)=-6-4 x

 f'(x)=0 से -6-4 x=0 \Rightarrow x=\frac{-3}{2}

 f'(x)=0 से x=\frac{-3}{2} प्राप्त होता है।

x=\frac{-3}{2} वास्तविक रेखा को दो असंयुक्त अन्तरालों (-\infty,-\frac{3}{2})(-\frac{3}{2},-\infty) में विभक्त करता है।

अन्तराल f'(x) का चिन्ह फलन की प्रकृति
(-\infty,-\frac{3}{2}) >0 f निरन्तर वर्धमान है।
(-\frac{3}{2},-\infty) <0 f निरन्तर ह्रासमान है।

6(c): f(x)=-2 x^{3}-9 x^{2}-12 x+1

Solution: f(x)=-2 x^{3}-9 x^{2}-12 x+1 \\ \Rightarrow f^{\prime}(x) =-6 x^{2}-18 x-2 \\ =-6\left(x^{2}+3 x+2\right) \\ =-6\left[x^{2}+2 x+x+2\right] \\ =-6[x(x+2)+1(x+2)] \\ \Rightarrow f^{\prime}(x) =-6(x+1)(x+2) \\ \Rightarrow f'(x)=0 से -6(x+1)(x+2)=0, x=-1,-2

f'(x)=0 से x=-1,-2 प्राप्त होते हैं।x=-1 व x=-2 वास्तविक रेखा को तीन असंयुक्त अन्तरालों (-\infty,-2),(-2,-1) तथा (-1,\infty) में विभक्त करता है।

अन्तराल f'(x) का चिन्ह फलन की प्रकृति
(-\infty,-2) (-)(-)(-)<0 f निरन्तर ह्रासमान है।
(-2,-1) (-)(-)(+)>0 f निरन्तर ह्रासमान है।
(-1,\infty) (-)(+)(+)<0 f निरन्तर ह्रासमान है।

अतः फलन f अन्तराल (-2,-1) में निरन्तर वर्धमान तथा अन्तराल (-\infty,-2)\cup (-1,\infty) में निरन्तर ह्रासमान है।

6(d): f(x)=6-9 x-x^{2}

Solution:- f(x)=6-9 x-x^{2} \\ \Rightarrow f^{\prime}(x)=-9-2 x

f'(x)=0 से -9-2 x=0 \Rightarrow x=-\frac{9}{2}

f'(x)=0 से x=-\frac{9}{2} प्राप्त होता है। x=-\frac{9}{2} वास्तविक रेखा को दो असंयुक्त अन्तरालों (-\infty,-\frac{9}{2})\left(-\frac{9}{2}, \infty\right) में विभक्त करता है।     

अन्तराल f'(x) का चिन्ह फलन की प्रकृति
(-\infty,-\frac{9}{2}) >o f निरन्तर वर्धमान है।
(-\frac{9}{2}, \infty) <0 f निरन्तर ह्रासमान है।

6(e): f(x)=(x+1)^{3} \cdot(x-3)^{3}

Solution: f(x)=(x+1)^{3} \cdot(x-3)^{3}\\ f^{\prime}(x)=3(x+1)^{2}(x-3)^{3}+(x+1)^{3} \cdot 3(x-3)^{2}\\ =3(x+1)^{2}(x-3)^{2}[x-3+x+1]\\ =3(x+1)^{2}(x-3)^{2}(2 x-2)\\ =6(x+1)^{2}(x-3)^{2}(x-1)

f'(x)=0 से 6(x+1)^{2}(x-3)^{2}(x-1)=0

x=-1,3,1

f'(x)=0 से x=-1,1,3 प्राप्त होता है।

x=-1,x=3 व x=1 वास्तविक रेखा को चार असंयुक्त अन्तरालों (-\infty,-1),(-1,1),(1,3),(3,\infty) में विभक्त करता है।

अन्तराल f'(x) का चिन्ह फलन की प्रकृति
(-\infty,-1) (+)(+)(-)<0 f निरन्तर ह्रासमान है।
(-1,1) (+)(+)(-)<0 f निरन्तर ह्रासमान है।
(1,3) (+)(+)(+)>0 f निरन्तर वर्धमान है।
(3,\infty) (+)(+)(+)>0 f निरन्तर वर्धमान है।

अतः फलन f अन्तराल (-\infty,-1) \cup (-1,1) में निरन्तर ह्रासमान तथा अन्तराल (1,3) \cup (3,\infty) में निरन्तर वर्धमान है।

Example:7.सिद्ध कीजिए कि y=\log (1+x)-\frac{2 x}{2+x},x>-1 अपने सम्पूर्ण प्रान्त में एक वर्धमान फलन है। 
Solution: y=\log (1+x)-\frac{2 x}{2+x} \\ \Rightarrow \frac{d y}{d x} =\frac{1}{1+x}-\frac{(2+x) \cdot 2-2 x \cdot 1}{(2+x)^{2}} \\ =\frac{1}{1+x}-\frac{49+2 x-2 x}{(2+x)^{2}} \\ =\frac{1}{1+x}-\frac{4}{(2+x)^{2}} \\ =\frac{4+4 x+x^{2}-4-4 x}{(1+x)(2+x)^{2}} \\ =\frac{x^{2}}{(1+x)(2+x)^{2}} \\ x>-1 \Rightarrow x+1>0 तथा (x+2)^{2}>0, x^{2}>0 \\ \Rightarrow \frac{dy}{d x}=\frac{x^{2}}{(1+x)(2+x)^{2}}>0
फलतः फलन अपने प्रान्त में निरन्तर वर्धमान है।
Example:8.सिद्ध कीजिए कि \left[0, \frac{\pi}{2}\right] में y= \frac{4 \sin \theta}{(2+\cos \theta)}-\theta , \theta का एक वर्धमान है।
Solution: y= \frac{4 \sin \theta}{(2+\cos \theta)}-\theta \\ \Rightarrow \frac{d y}{d \theta}= \frac{(2+\cos \theta) 4 \cos \theta-4 \sin \theta(-\sin \theta)}{(2+\cos \theta)^{2}}-1 \\ = \frac{8 \cos \theta+4 \cos ^{2} \theta+4 \sin ^{2} \theta}{(2+\cos \theta)^{2}}-1 \\ = \frac{8 \cos \theta+4\left(\cos ^{2} \theta+\sin \theta \right)}{(2+\cos \theta)^{2}}-1 \\ =\frac{8 \cos \theta+4\left(\cos ^{2} \theta+\sin ^{2} \theta\right)}{(2+\cos \theta)^{2}}-1 \\ =\frac{8 \cos \theta+4-(2+\cos \theta)^{2}}{(2+\cos \theta)^{2}} \\ =\frac{8 \cos \theta+4-4-4 \cos \theta-\cos ^{2} \theta}{(2+\cos \theta)^{2}} \\ =\frac{4 \cos \theta-\cos ^{2} \theta}{(2+\cos \theta)^{2}} \\ \Rightarrow \frac{d y}{d \theta}=\frac{\cos \theta(4-\cos \theta)}{(2+\cos \theta)^{2}} \\ \theta \in \left[0, \frac{\pi}{2}\right] में \cos \theta>0 \\ 4-\cos \theta>0 \quad[\because-1 \leq \cos \theta \leq 1] \\ (2+\cos \theta)^{2}>0 \\ \therefore \frac{d y}{d \theta}= \frac{\cos \theta(4-\cos \theta)}{(2+\cos \theta)^{2}}>0
अतः अन्तराल में फलन में फलन वर्धमान है। 
Example:9.x के उन मानों को ज्ञात कीजिए जिनके लिए y =[x(x-2)]^{2} एक वर्धमान है।
Solution: y =[x(x-2)]^{2} \\ y=x^{2}(x-2)^{2} \\ \frac{d y}{d x} =x^{2} \frac{d}{d x}(x-2)^{2}+(x-2)^{2} \frac{d}{d x}\left(x^{2}\right) \\ =x^{2} \cdot 2(x-2) \cdot 1+(x-2)^{2} \cdot 2 x \\ = 2 x(x-2)[x+x-2]^{2} \\ =2 x(x-2)(2 x-2) \\ \Rightarrow \frac{d y}{d x} =4 x(x-2)(x-1) \\ \frac{d y}{d x}=0 से x(x-2)(x-1)=0
x=0,1,2
\frac{d y}{d x}=0 से x=0,1,2 बिन्दु प्राप्त होते हैं।x=0,x=1 तथा x=2 वास्तविक रेखा को चार असंयुक्त अन्तरालों (-\infty,0),(0,1),(1,2) तथा (2,\infty) में विभक्त करता है।

अन्तराल f'(x) की प्रकृति फलन की प्रकृति
(-\infty,0) (-)(-)(-)<0 फलन ह्रासमान है।
(0,1) (+)(-)(-)>0 फलन वर्धमान है।
(1,2) (+)(-)(+)<0 फलन ह्रासमान है।
(2,\infty) (+)(+)(+)>0 फलन वर्धमान है।

अतः फलन अन्तराल (-\infty,0) \cup (1,2) में वर्धमान तथा अन्तराल में ह्रासमान है।
Example:10.सिद्ध कीजिए कि लघुगणकीय फलन (0,\infty) में निरन्तर वर्धमान फलन है।
Solution:माना f(x)=\log x, x>0 \\ f^{\prime}(x)=\frac{1}{x}>0, जब x>0
अतः लघुगणकीय फलन अन्तराल (0,\infty) में निरन्तर वर्धमान है।
Example:11.सिद्ध कीजिए कि (-1,1) में f(x)=x^{2}-x+1 से प्रदत्त फलन न तो वर्धमान है और न ह्रासमान है।
Solution:f(x)=x^{2}-x+1 \\ f^{\prime}(x)=2 x-1 \\ f^{\prime}(x)=0 से x=\frac{1}{2}

f'(x)=0 से x=\frac{1}{2} बिन्दु प्राप्त होते हैं। x=\frac{1}{2} वास्तविक रेखा को चार असंयुक्त अन्तरालों (-\infty,\frac{1}{2}) तथा (\frac{1}{2},\infty) में विभक्त करता है।

अन्तराल  (-1,\frac{1}{2}) के लिए

x=0,f^{\prime}(x)=2(0)-1=-1<0 \\ x=\frac{1}{2}, f^{\prime}(x)=2 \times \frac{1}{4}-1=-\frac{1}{2}<0

अतः x \in (-1,\frac{1}{2}) के लिए फलन निरन्तर ह्रासमान है।

अन्तराल  (\frac{1}{2},1) के लिए

x=\frac{3}{4}, \quad f^{\prime}(x)=2 \times \frac{3}{4}-1=\frac{1}{2}>0

अतः x \in (\frac{1}{2},1) के लिए फलन निरन्तर वर्धमान है।

फलन अन्तराल (-1,\frac{1}{2}) में निरन्तर ह्रासमान और (\frac{1}{2},1) में निरन्तर वर्धमान है।अतः फलन अन्तराल (-1,1)में न तो वर्धमान है और न ही ह्रासमान फलन है।
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा वर्धमान और ह्रासमान फलन (Increasing and Decreasing Functions),वर्धमान और ह्रासमान फलन कक्षा 12 (Increasing and Decreasing Functions Class 12) को समझ सकते हैं।

3.वर्धमान और ह्रासमान फलन पर आधारित सवाल (Questions Based on Increasing and Decreasing Functions):

(1.)सिद्ध कीजिए कि f(x)= \tan ^{-1}(\sin x+\cos x) अन्तराल (0,\frac{\pi}{4}) में वर्धमान फलन है।
(2.)सिद्ध कीजिए कि f(x)=\sin ^{4} x+\cos ^{4} x अन्तराल (0,\frac{\pi}{4}) में ह्रासमान फलन है।
उपर्युक्त सवालों को हल करने पर वर्धमान और ह्रासमान फलन (Increasing and Decreasing Functions),वर्धमान और ह्रासमान फलन कक्षा 12 (Increasing and Decreasing Functions Class 12) को ठीक से समझ सकते हैं।

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4.वर्धमान और ह्रासमान फलन (Increasing and Decreasing Functions),वर्धमान और ह्रासमान फलन कक्षा 12 (Increasing and Decreasing Functions Class 12) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.वर्धमान फलन किसे कहते हैं? (What is Increasing Function?):

उत्तर:वास्तविक संख्याओं का वह फलन जिसके मान में स्वतन्त्र चर में वृद्धि होने के साथ-साथ वृद्धि होती रहती हो।जैसे y=x^{3} यहाँ ज्यों-ज्यों x का मान बढ़ता जाता है त्यों-त्यों

प्रश्न:2.ह्रासमान फलन किसे कहते हैं? (What is Decreasing Function?):

उत्तर:वह फलन जिसका मान स्वतन्त्र चर के मान के बढ़ने पर निरन्तर घटता चला जाए।जैसे y=\frac{1}{x} यहाँ ज्यों-ज्यों x का मान बढ़ता है त्यों-त्यों y का मान घटता है।उस फलन को भी जिसका मान किसी विशिष्ट अन्तराल में स्वतन्त्र चर के मान बढ़ने पर निरन्तर घटता चला जाए जैसे 0° और 90° के बीच y=\cos x यहाँ 0° और 90° के बीच में ज्यों-ज्यों x का मान बढ़ता जाता है त्यों-त्यों y का मान घटता जाता है।

प्रश्न:3.कोई फलन कब न तो वर्धमान और न ह्रासमान फलन होता होता है? (When is there no Increasing or Decreasing Function?):

उत्तर:जब कोई फलन किसी अन्तराल में वर्धमान भी हो और ह्रासमान भी हो तो ऐसे फलन को उस अन्तराल के लिए न तो ह्रासमान और न वर्धमान फलन कहा जाता है।जैसे फलन f(x)=\sin x अन्तराल (0,\pi) में न तो वर्धमान है और न ही ह्रासमान फलन है।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा वर्धमान और ह्रासमान फलन (Increasing and Decreasing Functions),वर्धमान और ह्रासमान फलन कक्षा 12 (Increasing and Decreasing Functions Class 12) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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वर्धमान और ह्रासमान फलन
(Increasing and Decreasing Functions)

Increasing and Decreasing Functions

वर्धमान और ह्रासमान फलन (Increasing and Decreasing Functions) में वर्धमान फलन में
हम देखतेहैं कि आलेख के अनुदिश जैसे-जैसे बाँए से दाँए आलेख की ऊँचाई लगातार बढ़ती जाती है।

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