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11th Mathematics Archive

Mathematical Inequalities

1.गणितीय असमिकाएँ (Mathematical Inequalities),असमिकाएँ (Inequalities): गणितीय असमिकाएँ (Mathematical Inequalities) उन्हें कहते हैं जिनमें दोनों पक्ष बराबर नहीं हो।समीकरण में एक या अधिक चर राशियाँ होती है जिन्हें हम ज्ञात करते हैं।समीकरण के दोनों पक्ष बराबर होते हैं।इसलिए मध्य में हम बराबर या समता का चिन्ह “=” लगाते हैं।बायीं ओर के व्यंजक को वाम पक्ष तथा

Method of Find Antilog

1.प्रतिलघुगणक ज्ञात करने की विधि (Method of Find Antilog),एंटीलॉगरिथ्म खोजने की विधि (Method of Find Antilogarithm): प्रतिलघुगणक ज्ञात करने की विधि (Method of Find Antilog):किसी संख्या का प्रति लघुगणक ज्ञात करना,लघुगणक ज्ञात करने की विपरीत क्रिया विधि है।अतः लघुगणक की विपरीत क्रिया को प्रति लघुगणक कहते हैं।इस प्रकार एक धनात्मक संख्या n किसी अन्य संख्या

System of Logarithms

1.लघुगणक की पद्धतियाँ (System of Logarithms): लघुगणक की पद्धतियाँ (System of Logarithms) में लघुगणक का आधार कोई भी राशि हो सकती है परंतु e तथा 10 आधार वाली दो पद्धतियां सर्वाधिक उपयोग में लाई जाती है।(i) स्वाभाविक या नैपियर की पद्धति (Natural or Napierian System of Logarithm):इस पद्धति का नाम गणितज्ञ नैपियर के नाम पर

Fundamental Law of Logarithms

1.लघुगणक के मूल नियम (Fundamental Law of Logarithms),लघुगणक के मौलिक नियम की व्याख्या करें (Explain Fundamental Laws of Logarithms): लघुगणक के मूल नियम (Fundamental Law of Logarithms) निम्नलिखित हैं:नियम (Rule):1.दो संख्याओं के गुणनफल उनके अलग-अलग लघुगणक के बराबर होता है अर्थात् उपपत्ति (Proof):मान लीजिए तथा अब या (3) में लघुगणक की परिभाषा का उपयोग करने

Logarithm

1.लघुगणक (Logarithm),लोगरिथ्मिक (Logarithmic): लघुगणक (Logarithm) के माध्यम से गुणा,भाग तथा घातों की संख्याओं को हल करना अत्यन्त सरल हो जाता है।गणित के माध्यम से समस्याओं को हल करते समय कई बार हमें ऐसे व्यंजकों को काम में लेना होता है जिसमें बड़ी संख्याओं का गुणा,भाग या परिमेय घातों का प्रयोग होता है।सामान्य प्रचलित विधि से

Theorem of Compound Probability

1.मिश्र प्रायिकता का नियम (Theorem of Compound Probability),प्रायिकता का गुणन प्रमेय (Multiplication Theorem of Probability): मिश्र प्रायिकता का नियम (Theorem of Compound Probability) में दो या दो से अधिक घटनाएँ एक साथ घटित होती हैं।कोई दो घटनाओं A तथा B के एक साथ घटित होने की प्रायिकता,A की प्रायिकता तथा B की प्रतिबन्धित प्रायिकता (जब

Addition Theorem of Probability

1.प्रायिकता का योग प्रमेय (Addition Theorem of Probability),पूर्ण प्रायिकता का प्रमेय (Theorem of Total Probability): प्रायिकता का योग प्रमेय या पूर्ण प्रायिकता का प्रमेय (Addition Theorem of Probability or Theorem of Total Probability):(1.)जब घटनाएं परस्पर अपवर्जी हों:प्रमेय (Theorem):1.दो परस्पर अपवर्जी घटनाओं में से किसी एक के घटित होने की प्रायिकता दोनों घटनाओं के घटित होने

Probability Definition

1.प्रायिकता की परिभाषा (Probability Definition): प्रायिकता की परिभाषा (Probability Definition):प्रायिकता की चिरप्रतिष्ठित परिभाषा (Classical Definition of Probability):यदि किसी अभिप्रयोग के कुल n परिणाम समप्रायिक,परस्पर अपवर्जी एवम् नि:श्शेष हों और उनमें से m परिणाम किसी विशेष घटना A के अनूकूल हों तो A की प्रायिकता अनुपात द्वारा परिभाषित की जाती है जिसे संकेत P(A) से व्यक्त

Probability

1.प्रायिकता (Probability),प्रायिकता का अर्थ (Probability Meaning): प्रायिकता (Probability) के सिद्धान्त की उत्पत्ति 17वीं शताब्दी में यूरोप में हुई।वहाँ के उद्योगपतियों एवं व्यापारियों ने उनसे सम्बन्धित व्यवसाय के परिणामों के पूर्वानुमान करने के प्रयास किए जिससे अधिक से अधिक लाभ हो सके।इन लोगों ने अपनी समस्याओं को तत्कालीन गणितज्ञों गैलीलियो,पास्कल,फर्मा कारडेनो आदि के सामने रखा।गणितज्ञों ने

Trigonometrical Equations

1.त्रिकोणमितीय समीकरण (Trigonometrical Equations):- त्रिकोणमितीय समीकरण (Trigonometrical Equations):एक ऐसा समीकरण जो एक या एक से अधिक अज्ञात कोण या कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपातों से सम्बन्धित हो त्रिकोणमितीय समीकरण कहलाता है।जैसे: त्रिकोणमितीय समीकरण के हल से अभिप्राय एक ऐसा व्यापक व्यंजक प्राप्त करने से होता है जो समीकरण में अज्ञात कोण के प्रत्येक मान के लिए