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Student Should Make Good Use of Time

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1.विद्यार्थी को समय का सदुपयोग करना चाहिए (Student Should Make Good Use of Time), समय का महत्त्व (Importance of Time):

  • विद्यार्थी को समय का सदुपयोग करना चाहिए (Student Should Make Good Use of Time) क्योंकि बीता हुआ समय किसी भी कीमत पर,किसी अवस्था में प्राप्त नहीं किया जा सकता है।विद्यार्थी तथा हम सभी के लिए समय अमूल्य है। इसका एक-एक क्षण अमूल्य है।
  • कुछ विद्यार्थी समय की कमी का रोना रोते हैं। वस्तुतः जिन महापुरुषों ने महान कार्य किया है उनको भी उतना ही समय मिला है जितना हमें मिल रहा है।समय की कमी यथार्थरूप से तभी दिखाई देती है जब हम समय को फालतू के कार्यों में बर्बाद करते हैं।
  • कुछ विद्यार्थी अपने दैनिक कार्य अर्थात पढ़ाई को करके कुछ समय रचनात्मक,सृजनात्मक कार्यों में लगाते हैं।ऐसे बालक-बालिकाएं समय की कद्र करते हैं।ऐसे बालक आगे जाकर महान सृजन तथा नवीन खोज करके अपना,अपने माता-पिता,समाज और देश का गौरव बढ़ाते हैं।उनके कृतित्व से वे हमेशा याद किए जाते हैं।परंतु कुछ बालक-बालिकाएं अतिरिक्त समय का उपयोग गप्पे लगाने,मनोरंजन करने,आवारागर्दी करने,सिनेमा देखने,ताश-पत्ती खेलने,निद्रा का आनंद लेने,घण्टों वाट्सएप तथा नेटवर्क पर चैटिंग करने,फेसबुक पर छद्म मित्रों के कमेंट देखने इत्यादि के फालतू के कार्यों में व्यस्त रहते हैं।ऐसे छात्र-छात्राएं अपने मस्तिष्क को विकसित करने,चिन्तन-मनन करने में समय का उपयोग नहीं करते हैं।
  • संसार में प्रगतिशील और विकासशील लोगों,विद्यार्थियों के साथ-साथ चलना है तो अपने मस्तिष्क का विकास करना ही होगा,एक-एक क्षण का उपयोग करना होगा।
  • संसार में सबसे अमूल्य वस्तु समय है जो कभी किसी के लिए नहीं रूकता है,किसी की प्रतीक्षा नहीं करता है और न किसी भी शर्त पर वापस लौटकर आता है।जिसने समय के एक-एक क्षण का सदुपयोग किया उसका जीवन सफल और सार्थक हो जाता है।ऐसे मानव ही महामानव बनते हैं।
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2.समय का महत्त्व (The Importance of Time):

  • समय को नष्ट करने का अर्थ है कि अपने जीवन के उतने अंश को नष्ट करना जितना समय नष्ट किया है।संसार में अन्य किसी चीज के अभाव की कमी की पूर्ति हो सकती है लेकिन समय की कमी (नष्ट किए गए समय की पूर्ति) की पूर्ति किसी भी सूरत में नहीं की जा सकती है।कौन सा समय कैसा अवसर लेकर आ सकता है यह कोई नहीं जानता है?हो सकता है जिस समय को विद्यार्थी नष्ट कर रहा हों वही समय उसके भाग्योदय का समय हो।कई विद्यार्थी समय को नष्ट करके पश्चाताप करते रहते हैं।बाद में वे यह सोचते हैं कि यदि समय का सही उपयोग किया होता तो उसके केरियर की दिशा उज्जवल होती।परंतु बाद में पश्चाताप करने से कुछ भी संभव नहीं है।विद्यार्थी को समय के महत्त्व को समझ कर आज का काम आज ही पूरा करना चाहिए कल पर टालना नहीं चाहिए।
  • कल कभी भी नहीं आता है जब भी समय आता है तो हमारे सामने आज के रूप में,वर्तमान के रूप में आता है।विद्यार्थीकाल सबसे महत्त्वपूर्ण समय होता है।इसलिए अपने कर्तव्य को भूलकर भी टालना नहीं चाहिए।
  • विद्यार्थियों का सबसे प्रमुख कार्य है पढ़ाई करना, विद्या अर्जित करना।जो विद्यार्थी समय काटने के लिए यह जुमला बोलते हैं कि वे टाइम पास कर रहे हैं उन्हें वास्तव में विद्या और पढ़ाई के महत्त्व का पता नहीं।सफल विद्यार्थी होने के लिए अपने समय का उपयोग अच्छी पुस्तकें पढ़ने,अपने कोर्स की पुस्तकें पढ़ने में व्यतीत करना चाहिए।अतिरिक्त समय में आधुनिक तकनीक एवं केरियर से संबंधित पुस्तकें पढ़ना सोने पे सुहागा है।अपने अतिरिक्त समय को,खाली समय को किसी प्रकार के ज्ञान,कला कौशल,केरियर के निर्माण में व्यतीत करना चाहिए।

3.विद्यार्थी समय सारणी बनाए (Create Student Time Table):

  • विद्यार्थी अपने महत्त्वपूर्ण,अति महत्त्वपूर्ण,गौण कार्यों की सूची बनाएं।सूची बनाकर दैनिक,साप्ताहिक,मासिक तथा वार्षिक टाइम टेबल बनाएं।टाइम टेबल बनाना ही महत्त्वपूर्ण नहीं है बल्कि उस टाइम टेबल के अनुसार पालन करना अधिक महत्त्वपूर्ण है।कहना न होगा कि अति महत्त्वपूर्ण कार्य विद्यार्थी के लिए पढ़ाई करना,विद्या अर्जित करना है।इसलिए सबसे अधिक टाइम पढ़ाई को देना चाहिए।सभी विषयों को नियमित रूप से टाइम टेबल में स्थान देना चाहिए। कभी-कभी टाइम टेबल में परिस्थितिजन्य रुकावट आ जाती है।जैसे कोई मित्र आपसे मिलने आ जाता है अथवा घरवाले कोई कार्य बता देते हैं अथवा किसी समारोह,सामाजिक कार्य में शिरकत करनी होती है।ऐसी स्थिति में जिस विषय का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई अतिरिक्त समय में करना चाहिए।अच्छा है कि अपने रीडिंग रूम के कमरे का दरवाजा बंद करके अध्ययन करें क्योंकि कई मिलने वाले दरवाजे को बंद देख कर आपसे बिना मिले ही लौट जाते हैं और आपके समय की बचत हो जाती है।दरअसल मेलजोल बढ़ाना,मिलने-जुलने तथा सामाजिक रीति-रिवाजों को निभाने के लिए विद्यार्थी काल के बाद बहुत समय है।विद्यार्थी काल में इन कार्यों से परहेज करना चाहिए।
  • अपने लक्ष्य अर्थात् अध्ययन करने पर विद्यार्थियों को ध्यान फोकस करना चाहिए।यदि किसी कार्य को आपके माता-पिता तथा अन्य कर सकते हैं तो स्पष्ट रूप से कह दें कि मैं अध्ययन कर रहा हूं।अन्य लोग यदि सिनेमा देखने,मनोरंजन करने के लिए अथवा गप्प शप्प करने के लिए आमंत्रित करें तो इनको स्पष्ट रूप से मना कर दें।तात्पर्य यह है कि मना करने की भी आदत डालें।
  • किसी छात्र-छात्रा के टाइम टेबल तथा उसका पालन करने के आधार पर उसके भविष्य के बारे में कहा जा सकता है कि वह अपने खाली समय को किस प्रकार व्यतीत करता है।
  • विद्यार्थी को टाइम टेबल में व्यर्थ के कार्यों को बिल्कुल भी जगह नहीं देनी चाहिए।जैसे गप्पें मारना,मटरगश्ती करना,मस्ती करना,सोशल मीडिया पर फालतू चैटिंग करना इत्यादि को बिल्कुल भी स्थान नहीं देना चाहिए।

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4.विद्यार्थी आलस्य न करें (Students Should not be Lazy):

  • जो विद्यार्थी आलस्य करते हैं वे समय को नष्ट करते हैं।कई विद्यार्थी आलस्यवश सोते रहते हैं।आलस्यवश सोते रहने से उतना समय और आयु बेकार में नष्ट हो जाता है।कई विद्यार्थी सुबह देर तक 8-9 बजे तक सोते रहते हैं।
  • विद्यार्थी को विश्राम की आवश्यकता होती है।सामान्यत 6 घंटे की नींद पर्याप्त होती है।दिन में नहीं सोना चाहिए इससे कफ  की वृद्धि होती है। ग्रीष्मकाल में यदि थोड़ा आराम कर ले तो कोई हानि नहीं क्योंकि इस ऋतु में एक तो दिन बड़े होते हैं।दोपहर में कड़ी धूप और गर्मी में अध्ययन करना मुश्किल होता है और कफ का प्रकोप भी स्वभाविक रूप से प्रकृति में कम हो जाता है।
  • समय पर नियमानुसार सोने से मनुष्य की धातुएं सम रहती है।किसी प्रकार का आलस्य दिन में नहीं आता,शरीर पुष्ट होता है और बल व उत्साह बढ़ता है।भूख खुलकर लगती है।

5.नियत समय पर कार्य करें (Work at the Appinted Time):

  • हर कार्य का नियत समय होता है।विद्यार्थी को नियत समय पर नियत कार्य करना चाहिए।जैसे परीक्षा पूर्व परीक्षा की तैयारी करना चाहिए,अध्ययन करना चाहिए।परीक्षा के पश्चात अध्ययन करने का कोई तुक नहीं होता है।इसी प्रकार सोने का समय होता है तो जागने का भी समय होता है।जन्म का समय होता है तो मृत्यु का भी समय होता है।रोने का समय होता है तो हंसने का भी समय होता है।चुप रहने का समय होता है तो बोलने का भी समय होता है।
  • विद्यार्थी के खेलने का समय होता है तो अध्ययन करने का भी समय होता है।यदि आप रात को 2:00 बजे उठकर पढ़ने लग जाए तो यह पढ़ने का समय नहीं है।परीक्षा के समय देर रात तक जाकर पढ़ना समझ में आता है।परंतु आदतन देर रात तक अध्ययन करने का समय नहीं होता है।
  • यदि विद्यार्थी नियत समय पर कार्य करने का रूटीन (Routine) बनाएंगे तो उसमें एक अनुशासन पैदा होता है।नियमों और अनुशासन का पालन करने से हर कार्य सफल होता है।यदि विद्यार्थी नियमों और अनुशासन का पालन नहीं करेगा, नियत समय पर कार्य नहीं करेगा तो उसके दुष्परिणाम भी उसको भोगने पड़ेगें।कार्य न करने के दुष्परिणाम विद्यार्थी की एवज में कोई दूसरा नहीं भुगतेगा।जैसे देर रात तक जाग-जागकर पढ़ने से निद्रा तथा विश्राम न मिलने से स्वास्थ्य खराब हो जाएगा।स्वास्थ्य खराब होगा तो अध्ययन कार्य में बाधा उत्पन्न हो जाएगी।

6.योजनाबद्ध कार्य करें (Do a Planned Job):

  • विद्यार्थी को अपना अध्ययन कार्य तथा अन्य कार्य योजना बनाकर पूर्ण करना चाहिए।योजना बनाने से विद्यार्थी को यह पता रहता है कि कौनसा कार्य कब करना है तथा कब तक निपटाना है?जैसे पढ़ाई या कोर्स को कब तक समाप्त करना है तथा उसका रिवीजन कितने समय में करना है।बिना योजना अध्ययन करने से अध्ययन कार्य तथा दिनचर्या अस्तव्यस्त हो जाती है।
  • कोई विषय का कोर्स अधूरा रह जाता है तो किसी विषय का रिवीजन नहीं होता है।योजना न बनाने से आदतन जैसे अध्ययन करते हैं वैसे ही करते रहते हैं।परंतु योजना बनाने से हमारे कार्य में गतिशीलता आ जाती है।हम सतर्क और सचेत हो जाते हैं कि यह कार्य इस समय तक तो निपटाना ही है।योजना के अनुसार विद्यार्थियों को अध्ययन कार्य ही नहीं करना चाहिए बल्कि अन्य कार्यों की योजना बनाकर  उनका क्रियान्वयन करना चाहिए।केवल योजना बनाना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उसका क्रियान्वयन भी जरूरी है वरना वह योजना कागजी योजना ही है,काल्पनिक योजना ही है।योजना का क्रियान्वयन उससे कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण है।
  • योजना बनाकर कार्य करने से दिमाग एक्टिव रहता है।इससे विद्यार्थी के चिन्तन-मनन और सृजनात्मकता का विकास होता है।क्योंकि योजना बनाने के बाद उसको समय पर किस प्रकार तथा कैसे निपटाया जाए इसका विचार-चिन्तन करता है।

7.अध्ययन तथा कार्य का मूल्यांकन (Evaluate Study and Tasks):

  • विद्यार्थी को कार्य तथा अध्ययन की योजना और क्रियान्वयन के बाद उसकी समीक्षा भी करते रहना चाहिए।कौनसा टॉपिक अनावश्यक रूप से पढ़ लिया गया,किस टॉपिक में आवश्यकता से अधिक समय लगा दिया गया? इस प्रकार अपने अध्ययन तथा कार्यों की रोजना समीक्षा करें।रात को सोते समय 10 मिनट में पूरे दिन की गतिविधि व कार्यों पर एक नजर डाल लें।हालांकि अपने अध्ययन व कार्य का मूल्यांकन करना है तो कठिन लेकिन धीरे-धीरे मूल्यांकन से तटस्थता आ जाती है।
  • जिस टाॅपिक में अधिक समय लगेगा,उसको ओर किस तरह से तैयार किया जा सकता था ताकि समय कम लगे।दरअसल यह सब विद्यार्थी को इसलिए करने की जरूरत होती है क्योंकि विद्यार्थी को समय का अभाव रहता है।उपलब्ध समय में अधिक से अधिक अध्ययन तथा अपने कार्यों को निपटाना चाहता है।मूल्यांकन करने से उचित-अनुचित,आवश्यक-अनावश्यक अध्ययन के टाॅपिक और कार्यों की छंटनी हो जाएगी।इस प्रकार आपमें ऐसी दक्षता उत्पन्न हो जाएगी कि आप उपलब्ध समय को बेहतरीन तरीके से उपयोग कर सकेंगे।अन्त में इस कथन के साथ इस आर्टिकल को विराम देता हूं:
  • “आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपु:।
    नास्त्युद्यसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति।। (भतृहरि नीतिशतक)
  • अर्थात् आलस्य ही मनुष्य की देह में रहनेवाला सबसे बड़ा शत्रु है,उद्योग के समान मनुष्य का कोई बन्धु नहीं है जिसके करने से मनुष्य दुखी नहीं होता है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में विद्यार्थी को समय का सदुपयोग करना चाहिए (Student Should Make Good Use of Time), समय का महत्त्व (Importance of Time) के बारे में बताया गया है।

8.शिक्षा अधिकारी का शिष्ट व्यवहार (हास्य-व्यंग्य) (Courteous Behaviour of Education Officer) (Humour-Satire):

  • एक बार शिक्षा अधिकारी औचक निरीक्षण करने एक विद्यालय में आए।उन्होंने गणित कालांश का मुआयना किया।वहाँ गणित शिक्षक आराम से सो रहे थे।
  • शिक्षा अधिकारी (गणित अध्यापक से):क्षमा करना मैं आपको सोते हुए नहीं जगाना चाहता था परंतु एक अत्यंत महत्वपूर्ण सूचना बतानी है।
  • गणित अध्यापक:ऐसी कौनसी महत्वपूर्ण सूचना है?
  • शिक्षा अधिकारी (गणित अध्यापक से):तुम्हें अध्यापक की नौकरी से बर्खास्त किया जाता है।

9.विद्यार्थी को समय का सदुपयोग करना चाहिए (Student Should Make Good Use of Time), समय का महत्त्व (Importance of Time) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.अध्ययन के लिए समय कैसे बचाया जा सकता है? (How to Save Time for Study?):

उत्तर:विद्यार्थी घर,परिवार,बच्चों,मित्रों,रिश्तेदारों के साथ समय बर्बाद करता है।इसके अलावा मौजमस्ती,मनोरंजन,घूमने-फिरने,सिनेमा देखने,नेटवर्क पर चैटिंग में घंटों समय बर्बाद करता है।इस समय को अनुशासन के द्वारा,मन पर नियंत्रण के द्वारा बचाव करके अध्ययन कार्य तथा अन्य उपयोगी कार्यों में लगा सकता है।

प्रश्न:2.विद्यार्थी के पास बहुत सा कार्य होता है तो पढ़ाई कैसे करें? (If the Student has a Lot of Work How Can He Study?):

उत्तर:विद्यार्थी के पास अति महत्त्वपूर्ण कार्य अध्ययन करना है।इसके अलावा अन्य कार्य गौण कार्य हैं।इसलिए अध्ययन करने के पश्चात समय बचता है तो उस समय में अन्य कार्यों तथा घर,परिवार के कार्यों को निपटाएं।याद रखें अनुत्तीर्ण होने अथवा कम मार्क्स आने पर सब साथ छोड़ देते हैं।सभी आपको दोषी ठहराते हैं। ऐसे में अध्ययन को नुकसान पहुंचाने वाला कोई कार्य न करें।

प्रश्न:3.पढ़ते समय अन्य बातें मस्तिष्क में क्यों आती हैं? (Why Do Other Things Come to Mind While Reading?):

उत्तर:एकाग्रता के अभाव में मस्तिष्क में अन्य बातें आती है।यदि आप मन को नियंत्रित करने का प्रयास करेंगे तो धीरे-धीरे अभ्यास से मन एकाग्र होने लग जाएगा।फिर आपके मन में अध्ययन के सिवाय अन्य बातेँ नहीं आएगी।आपकी ज्यों-ज्यों रुचि व लगन होती जाएगी तथा एकाग्रता का अभ्यास होता जाएगा तो दिमाग में फालतू व अनावश्यक बातों का आना बंद हो जाएगा।रोजाना प्रातः काल ध्यान और योग करना चाहिए।नित्यकर्मों से निवृत्त होने के बाद ध्यान व योग का अभ्यास करना चाहिए।साथ ही पढ़ते समय फालतू बातें दिमाग में आएं तो विवेक के द्वारा नियंत्रण करें।उनको कंपनी देना छोड़ दें,कंपनी न दें।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा विद्यार्थी को समय का सदुपयोग करना चाहिए (Student Should Make Good Use of Time), समय का महत्त्व (Importance of Time) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Student Should Make Good Use of Time

विद्यार्थी को समय का सदुपयोग करना चाहिए
(Student Should Make Good Use of Time)

Student Should Make Good Use of Time

विद्यार्थी को समय का सदुपयोग करना चाहिए (Student Should Make Good Use of Time) क्योंकि बीता हुआ
समय किसी भी कीमत पर,किसी अवस्था में प्राप्त नहीं किया जा सकता है।विद्यार्थी तथा हम सभी के लिए समय अमूल्य है।

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