Fields Medal which is Nobel of Mathematics Given to Akshay Venkatesh
Fields Medal which is Nobel of Mathematics Given to Akshay Venkatesh(Born in India
1.फील्ड्स मेडल जो अक्षय वेंकटेश (भारत में जन्मे) को दिया गया गणित का नोबेल है(Fields Medal which is Nobel of Mathematics Given to Akshay Venkatesh(Born in India)-
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Fields Medal which is Nobel of Mathematics Given to Akshay Venkatesh |
14 कैरेट का स्वर्ण पदक फिल्ड्स मेडल 40 साल से कम उम्र के सबसे उदीयमान गणितज्ञ को दिया जाता है.फील्ड्स समारोह हर चार साल में होता है.रिओ डी जेनेरियो में गणितज्ञों की अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस में उनके मेडल के लिए प्रशस्ति में उनके योगदान को रेखांकित किया जाता है. गणित का विशिष्ट फिल्ड्स मेडल (Fields medal),गणित के क्षेत्र में इसे नोबल पुरस्कार (Nobel Prize) के समान माना जाता है. हर चार साल बाद फिल्ड्स मेडल 40 साल से कम उम्र के सबसे उदीयमान गणितज्ञ (mathematician) को दिया जाता है.
2.अक्षय वेंकटेश का परिचय(Introduction to Akshay Venkatesh)-
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे नई दिल्ली में जन्मे वेंकटेश (Akshay Venkatesh) को गणित विषय में विशिष्ट योगदान के लिए फिल्ड्स मेडल (Fields medal) मिला है.
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2 August,2018 Akshay Venkatesh: नामी भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई गणितज्ञ अक्षय वेंकटेश समेत चार विजेताओं को विजेताओं में भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई नागरिक वेंकटेश भी शामिल हैं. विलक्षण प्रतिभा के धनी वेंकटेश ने महज 13 साल की उम्र में यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में गणित और फिजिक्स में स्नातक की डिग्री हासिल की थी. अब 36 वर्षीय और अमेरिका के स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय के वेंकटेश नंबर थ्योरी में विशेषज्ञ हैं.
बीजगणित ज्यामिति (एल्जेबेरेक जियोमीट्री) में विशेषज्ञ 40 वर्षीय बिरकर को 14 कैरेट का स्वर्ण पदक मिले एक घंटे से भी कम समय हुआ था कि उनका बैग गायब हो गया.कुर्द शरणार्थी से कैंब्रिज विश्वविद्यालय में गणित के प्रोफेसर बने कौचर बिरकर गणित के क्षेत्र का नोबेल ‘फील्ड्स मेडल’ मिलने के कुछ ही मिनट में चोरी हो गया.समारोह के आयोजक इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ मैथमैटिक्स ने कहा कि उसे इस घटना पर ‘गहरा खेद’ है. बिरकर ने सह-विजेताओं एलेसियो फिगाली, पीटर शूल्ज और भारतीय मूल के अक्षय वेंकटेश के साथ इस उपलब्धि का जश्न मनाया. कुर्द होने के कारण उनके लिए यह किसी परियों की कहानी के सच होने जैसा है. उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि यह खबर उन चार करोड़ लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाएगी.’
तीन अन्य विजेताओ का परिचय हैं- कैंब्रिज विश्वविद्यालय में इरानी-कुर्द मूल के प्रोफेसर कौचर बिरकर, बॉन विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले जर्मनी के पीटर स्कूल्ज और ईटीएच ज्यूरिख में इतालवी गणितज्ञ एलिसो फिगेली.