14 Time Management Spells for Students
1.छात्र-छात्राओं के लिए समय प्रबंधन के 14 मंत्र (14 Time Management Spells for Students),समय-प्रबन्धन कैसे करें? (How to Manage Time?):
- छात्र-छात्राओं के लिए समय प्रबंधन के 14 मंत्र (14 Time Management Spells for Students) इसलिए सीखना जरूरी है क्योंकि पूरे जीवन की नींव छात्र जीवन पर ही टिकी हुई होती है।आप जिस प्रकार की मर्यादा,अनुशासन का पालन और चरित्र का गठन करेंगे वैसे ही बनते चले जाएंगे।यों समय-प्रबंधन पर इस साइट पर लेख मिल जाएंगे,उन्हें पढ़ेंगे तो आपका ज्ञानवर्धन तो होगा ही साथ ही समय-प्रबंधन की कला भी सीख सकेंगे।आइए इस आर्टिकल में कुछ अतिरिक्त सामग्री के बारे में अध्ययन करते हैं।
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2.समय की गति को कोई नहीं रोक सकता (No one can stop the speed of time):
- समय सबके लिए एक समान निश्चित है-न तो किसी के लिए कम है और ना किसी के लिए अधिक,परंतु जो निश्चित समयावधि में अपने कार्य को पूरा कर पाता है,वह समय की न्यूनाधिकता की शिकायत नहीं करता है।इसके लिए आवश्यक है,सही समय की सही पहचान और उपयुक्त समय में उपयुक्त कार्य का नियोजन।यही है समय प्रबंधन।जो समय का प्रबंधन कर लेता है;वह अपने जीवन का भी प्रबंधन कर लेता है।
- समय उड़ रहा है,यह बुरी खबर है,लेकिन उनके लिए यह शुभ समाचार है,जो इसके पायलट हैं।क्योंकि पायलट को पता होता है कि उड़ते समय में कैसे आगे बढ़ना है।किसी ने समय के संदर्भ में ठीक ही कहा है कि वक्त एक ऐसा संदूक है,जिसमें केवल 24 घंटे भरे जा सकते हैं।यह कभी खाली नहीं होता है और हर सुबह जब इसे खोला जाता है,तो वही 24 घंटे मिलते हैं।यदि आपने पहले दिन केवल 12 घंटे काम में लिए तो अगले दिन इसमें 36 (आज के 24+कल के शेष 12) घंटे नहीं मिलेंगे,क्योंकि इसमें 24 से कम या ज्यादा घंटे नहीं भरे जा सकते।आप कितने भी चालाक,धनी,बुद्धिमान अथवा मेहनती हैं,समय की गति में कोई बदलाव नहीं कर सकते।
- समय को न अपनी इच्छा के अनुसार रोका जा सकता है,ना तेजी से भगाया जा सकता है और न ही पीछे धकेला जा सकता है।यह जरूर किया जा सकता है कि बीते हुए वक्त को याद किया जाए,उसे भुलाया जाए,समय को बर्बाद किया जाए या उसका उपयोग किया जाए,लेकिन समय के साथ एक सच्ची बात है कि यदि आपका एक घंटा बीत गया तो यह हमेशा के लिए चला गया होता है,हमेशा के लिए बीत गया होता है,कभी दोबारा लौटकर नहीं आता है।वह पीछे की कोई चीख या पुकार नहीं सुनता है और यह सच इतना व्यावहारिक है कि इसे वैज्ञानिक कसौटी पर प्रमाणित करने की आवश्यकता नहीं है।सभी का जीवन खुद ही इस बात का प्रमाण है कि हमारे जीवन का बीता हुआ समय,गुजरा हुआ बचपन कभी लौटकर फिर नहीं आता,बस,उसकी याद को ताजा जरूर किया जा सकता है।
- इस बहुमूल्य संसाधन को दुनिया की किसी भी दुकान या बाजार में नहीं खरीदा जा सकता।समय से धन तो पैदा किया जा सकता है,लेकिन धन से समय नहीं खरीदा जा सकता है,न ही इसे बचा कर रखा जा सकता है,केवल सही तरीके से इसे काम में लिया जा सकता है,तो कैसे इसका बेहतर सुनियोजन करें कि यह अपने बहुमूल्य उपहारों से हमें सरोबार करे।
3.बहुत कम लोग समय का उपयोग करते हैं (Very few people use the time):
- इसके लिए सबसे पहले इस बात पर ध्यान दें कि हरेक व्यक्ति के पास एक साल में 365 दिन या 52 सप्ताह और एक दिन में 24 घंटे अथवा 1440 मिनट या 86,400 सेकंड का समय होता है,लेकिन 365 दिनों में से केवल वे ही दिन आपके होते हैं,जिनका आप उपयोग करते हैं।बहुत से व्यक्ति हैं,जिनके लिए एक साल एक सप्ताह के बराबर होता है,जबकि कुछ एक सप्ताह में एक साल के बराबर काम कर लेते हैं।
- असल में असीमित समय का हरेक व्यक्ति को एक निश्चित हिस्सा मिलता है,जिसे वह काम में लेता है।यद्यपि हम सबको वक्त की सख्त जरूरत है,लेकिन बहुत कम लोग इस अनूठे व अमूल्य संसाधन का सही इस्तेमाल करना चाहते हैं,ज्यादातर लोग समय को यों ही काटते रहते हैं और ऐसे कार्यों में व्यस्त रहते हैं,जो थोक में समय की बर्बादी के अलावा और कुछ नहीं होते,लेकिन बर्बाद किया हुआ समय ऐसा करने से दोषी से बदला जरूर लेता है।इसे खत्म करने वाले को नुकसान जरूर उठाना पड़ता है।
- वक्त बर्बाद करने का मतलब है किसी ऐसी गतिविधि में समय बिताना,जिसकी अपेक्षा उस समय में एक ज्यादा सार्थक काम किया जा सकता था।जब हमारे पास बहुत सारे काम हों और पर्याप्त समय ना हो,तो फिर समय का सही उपयोग करने के लिए केवल यही जानना पर्याप्त नहीं होता कि आपको क्या करना है? बल्कि यह जानना जरूरी होता है कि आपको क्या नहीं करना है।हरेक व्यक्ति के कार्य करने की सीमा अलग होती है।अतः मनुष्य को उस काम के लिए अपना समय एवं ऊर्जा बर्बाद नहीं करनी चाहिए जिसे करने के लिए वह योग्य नहीं है।यानी बुद्धिमानी वही है,जो अपने उद्देश्य का चुनाव करना जानता है और सर्वोत्तम को प्राप्त करने की कोशिश करता है।
4.समय प्रबंधन के सूत्र (Time Management Formulas):
- समय-प्रबंधन के कुछ सूत्र हैं,जिनका आपको ध्यान रखने के साथ-साथ पालन करना चाहिए।
(1.)दिनचर्या तैयार करें (Prepare a routine):
- आप एम्प्लाॅई हैं या विद्यार्थी अथवा व्यवसायी या और कोई आपको अपनी दिनचर्या तैयार करनी चाहिए और उसका सख्ती से पालन करना चाहिए।
- मसलन आप एक विद्यार्थी हैं तो सुबह कितने बजे उठना है,शौच-स्नानादि से निवृत्त होकर कौन-सा विषय कितने घंटे पढ़ना है? नाश्ता या भोजन करके स्कूल या कोचिंग के लिए कितना समय निर्धारित है।एक घंटा खेलकूद तथा मनोरंजन के लिए देना है (आधा-आधा घंटा)।इसके बाद शाम का भोजन करके 15-20 मिनट विश्राम कर स्कूल का होमवर्क और अध्ययन करना है।यदि सुबह जल्दी उठना है तो रात को दस-साढ़े बजे तक अध्ययन करके सो जाना है।
- सोते समय पाँच-छह मिनट इस पर विचार करें कि क्या-क्या किया,क्या करने से रह गया।क्या अच्छा किया और क्या-क्या ऐसा किया जो करना नहीं चाहिए था।ऐसा क्यों किया।कल ऐसा नहीं करेंगे आदि मुद्दों पर विचार कर सो जाएं।
(2.)काम को वरीयता दें (Give priority to work):
- जो सबसे जरूरी काम है उससे पहले और जो कम महत्त्वपूर्ण या महत्त्वपूर्ण काम है उसे सबसे बाद में,इस तरह एक सूची बना लें।सूची उन्हीं कार्यों की न बनाएं जो आपको करने हैं,बल्कि उनको भी जोड़िए जो आप करना चाहते हैं।एक बार आपके दिमाग में जो काम करने हैं उनकी लिस्ट बन जाएगी तो फिर उसको आपको निपटाने का काम ही रहेगा।दिमाग में ऐसा संशय नहीं रहेगा कि गणित पढूँ या विज्ञान या अन्य कोई विषय।
(3.)उन कामों को भी करें जो आप चाहते हैं (Do the things you want to do too):
- अक्सर प्रतिदिन हम सोचते हैं कि कुछ नया पढ़ेंगे,सत्साहित्य पढ़ेंगे,व्यावहारिक ज्ञान की पुस्तकें पढ़ेंगे पर बिना योजना और लिस्ट तैयार किये ऐसे कार्य छूट जाते हैं और चाहकर भी नहीं कर पाते हैं।कोई हमें प्रेरित करने की कोशिश करता है या कुछ अलग से करने का सुझाव देता है तो हमारे पास रटा-रटाया एक ही उत्तर रहता है कि टाइम ही नहीं मिलता है।यही कारण है कि विद्यार्थियों के चरित्र और व्यक्तित्व का गठन नहीं हो पाता है और बाद में जॉब के लिए दर-दर की ठोकरे खाते रहते हैं।कोई नई स्किल नहीं सीख पाते हैं।इसलिए आप कोई स्किल या नई टेक्नोलॉजी सीखना चाहते हैं अथवा कोर्स के अलावा अन्य पुस्तक पढ़ना चाहते हैं तो उसे भी सूची में जोड़िए।
(4.)घर के कार्य और जाॅब को संतुलित करें (Balance household chores and jobs):
- अक्सर एम्प्लॉई को यह कहते हुए सुना जाता है कि ऑफिस का कार्य का दबाव इतना रहता है कि घर के कार्यों को समय ही नहीं दे पाते हैं।विद्यार्थी यह कहते हुए पाए जाते हैं कि घर का काम इतना रहता है,होमवर्क रहता है और स्कूल तथा कोचिंग भी जाना पड़ता है कि सेल्फ स्टडी के लिए समय ही नहीं मिल पाता है।
- लंबे समय की प्रगति और अपने लक्ष्यों को पूरा करने वाले कार्यों को प्राथमिकता दीजिए;क्योंकि ये कार्य अभी बहुत जरूरी नहीं लगते,लेकिन बहुत जरूरी लगने वाले कार्य कई बार खास नहीं होते हैं।अपने घर,ऑफिस या स्कूल के कार्यों में संतुलन बैठाएं,उन्हें व्यवस्थित तरीके से करें।किसी भी कार्य में अधिक समय देने से दूसरा काम प्रभावित होगा ही।
(5.)हर कार्य व्यवस्थित तरीके से करें (Do everything in an organized way):
- चाहे आप विद्यार्थी हैं या एम्प्लाॅई हैं तो घर और ऑफिस (स्कूल) में हर काम व्यवस्थित तरीके से करें;क्योंकि व्यवस्था बनाए रखने के मुकाबले अव्यवस्था में काम करने से ज्यादा समय लगता है।आप पुस्तकों को चारों ओर फैलाकर पढ़ने लग जाएंगे या बातचीत करते हुए पढ़ेंगे तो स्वाभाविक है कि ज्यादा समय लगेगा।सभी पुस्तकों को बाहर निकालने के बाद यह तय ही नहीं कर पाएंगे कि आपको कौन-सी पुस्तक तथा कितने समय के लिए पढ़नी है।
(6.)वर्तमान में जीएं (Live in the present):
- आप भूतकाल की घटनाओं,बीते हुए कल के बारे में या भविष्य के बारे में चिंता करेंगे तो वक्त बर्बाद होगा।ऐसा अक्सर बुजुर्ग या छोटा बच्चा करता है।आप युवा मानसिकता वाले बनें।युवा मानसिकता वाला वह होता है जो वर्तमान में जीता है और जो वर्तमान में जीता है वह होशपूर्वक कार्य करता है और होशपूर्वक काम करना ही निष्काम कर्म करना होता है।निष्काम कर्म अर्थात जिसकी फल में आसक्ति नहीं होती है।क्योंकि फल उसके हाथ में होता ही नहीं है।बीते हुए कल को आज का दिन मत निगलने दीजिए।
(7.)कार्यों की समय सीमा तय करें (Set deadlines for tasks):
- यदि आप विद्यार्थी है तो सोचे कि दैनिक नित्य कर्मों को कितने समय में करना है,खेल व मनोरंजन में कितना समय देना है,घर के कार्यों के लिए कब और कितने समय में करना है,स्कूल व कोचिंग में कितना समय देना है।अपने कार्यों की समय सीमा तय करने की आदत बनाइए।
(8.)इंतजार के समय का उपयोग करें (Use the waiting time):
- इंतजार में बर्बाद किए जाने वाले समय का उपयोग करने वाला विकल्प हमेशा पास में रखिए।इंतजार के समय में अपनी नोटबुक निकालिए सूत्रों को याद कर लीजिए यदि याद है तो उनकी पुनरावृत्ति कर लें।कोई लेख पढ़ लें,समाचार पत्र पढ़ लें,अपने फोन की ई-मेल तथा मैसेज चेक कर सकते हैं।किसी को फोन करना है तो फोन कर लें आदि।इस प्रकार आप इंतजार के समय को उपयोगी कार्य में व्यतीत कर सकते हैं।
(9.)प्रत्येक क्षण का उपयोग करें (Make use of each moment):
- अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हर क्षण का प्रयोग करें वरना पास दिखता हुआ लक्ष्य भी दूर छिटक जाएगा। गुजरने वाले हर क्षण के उपयोग के प्रति सजग रहिए।प्रत्येक क्षण अमूल्य है।
5.समय का महत्त्व (Importance of Time):
- समय का पालन करने से जीवन में अनुशासन एवं नियमितता का क्रम आता है।इसके पालन करने की प्रेरणा प्रकृति से मिलती है।प्रकृति में सारे जीव-जंतु,वृक्ष-वनस्पति सभी समय से अपने कार्यों को संपादित करते हैं।सूर्य,चंद्रमा,सितारे और उपग्रह सभी समय का पालन करते हुए अपनी निश्चित कक्षा में चक्कर लगाते हैं।सूर्य निश्चित समय पर पूर्व में उदय होकर पश्चिम में अस्त होता है।इन सबसे प्रेरणा लेकर यदि हम अपने रात्रि में समय पर सोने एवं प्रातःकाल उठने के क्रम को व्यवस्थित कर लें और पूरे दिन की कार्य योजना को बना कर धीरे-धीरे कार्य पूर्ण करते चलें तो जिंदगी के व्यस्ततम समय में भी अपने कार्यों को पूर्ण कर पाएंगे।यदि हम समय पर पौष्टिक भोजन करते हैं तो स्वस्थ रहेंगे।यदि हम समय पर स्कूल,कॉलेज या ऑफिस जाते हैं तो इसके अनेक तुरंत और लंबी अवधि के फायदे मिलेंगे।दिया गया कार्य समय पर करने से ही हमें इसका फायदा मिलता है।
- कार्यालय में समय प्रबंधन का विशेष महत्त्व है।यहां पर इसके पालन से आप काम के माहौल से मिलने वाले तनाव और दबाव से मुक्त रहते हैं।जिस प्रकार समय पर सोने एवं जागने से हमारी कार्य करने की शक्ति एवं प्रभावशीलता बढ़ती है,उसी तरह प्राकृतिक नियमों का पालन करने से व्यक्ति हमेशा खुश,संतुष्ट और इन सबसे बढ़कर विजेता बनता है।यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको तुरंत ही या किसी समय-विशेष में दिक्कतों का सामना जरूर करना पड़ सकता है।जो व्यक्ति अपने जीवन में देर से उठते हैं,उन्हें पूरे दिन तेज चलना होता है।असल में आपका अपनी दिनचर्या पर पूरा नियंत्रण होना चाहिए।वस्तुतः हमें अपनी संपत्ति का नहीं,बल्कि अपने समय का मालिक होना चाहिए।अपने जीवन के उद्देश्यों से बेखबर होकर समय को बर्बाद करने वाला जीवन को व्यर्थ गँवाता है।बस,यदि हम अपने समय का सर्वोत्तम उपयोग करते हैं तो इसके अलावा हमें जीवन में और कुछ करने की जरूरत नहीं है,सभी उपलब्धियां स्वतः ही मिलती चली जाएंगी।
- घड़ी की सुई में सबसे महत्त्वपूर्ण सेकंड होता है।उसी से मिनट,घंटे और दिन अपने आप घटित होते हैं।हमें भी अपने जीवन के हर क्षण का महत्त्व समझना होगा,तो घंटे एवं दिन अपने आप सुधरते चले जाएंगे।दिन समय की एक बहुत बड़ी इकाई है,जिसमें रोमन कहावत के मुताबिक ‘एक दिन किसी साम्राज्य को डुबो या बचा सकता है।’ यदि आप वक्त की छोटी इकाइयों का नियमित उपयोग नहीं करते,तो आखरी समय में काम बहुत ज्यादा और वक्त बहुत कम रह जाता है।ऐसे में तनाव में आकर काम बिल्कुल नहीं कर सकते।यदि हम अपने कार्यों को निर्धारित समय एवं वरीयता क्रम के अनुसार करते हैं तो हमें मालूम पड़ता है कि जीवन के महत्त्वपूर्ण कार्यों के लिए हमारे पास समय शेष है।देर होने की यही सबसे खास वजह है कि आप सोचते हैं कि ‘अभी बहुत समय शेष है’ और ठीक समय पर कार्य को प्रारंभ नहीं करते।
- किसी भी कार्य में सफल होने वाले और असफल होने वाले व्यक्तियों में एक खास बात यह है कि दोनों ने समय का किस तरह से उपयोग किया है? यद्यपि आपकी बनाई गई सूची में आपके खुद के लिए समय निकालना मुश्किल होता है,लेकिन यह बहुत महत्त्वपूर्ण है।आपको अपने स्वास्थ्य एवं फिटनेस को भी पर्याप्त समय देना होगा,समय पर भोजन करना,स्वाध्याय के लिए अच्छी पुस्तकें पढ़ना,मनोरंजन करना,हंसने का आनंद लेना आदि भी आवश्यक है,अन्यथा समयाभाव से उत्पन्न समस्या हमारे लिए अतिकष्टकारक सिद्ध हो सकती है।
6.समय का सुनियोजन (Good Panning of Time):
- जीवन में अपनी सामर्थ्य एवं क्षमताओं के सुनियोजन के लिए समय की मांग के अनुरूप नई तकनीकों से भी आपका परिचय होना चाहिए,अगर आप इन्हें नहीं जानते तो इन्हें सीखना चाहिए।बहुत से ऐसे लोगों के उदाहरण हैं,जिनकी मेहनत में किसी तरह की कमी न होने के बावजूद केवल इस वजह से बेवक्त उन्हें जाॅब खोना पड़ा,क्योंकि वे कार्य के दौरान नई तकनीकी सीखने के लिए समय नहीं निकाल पाए थे।इसलिए अपने नित्य के समय में से एक घंटे का समय इन कार्यों को सीखने के लिए दें,जिनकी कमी आपको हमेशा खलती है;जैसे किसी विदेशी भाषा का ज्ञान,किसी तरह की नई विद्या,किसी कौशल का विकास,नई टेक्नोलॉजी का ज्ञान आदि।एक साल भी यदि आप यह अभ्यास नियमित करते हैं तो निश्चित तौर पर आप पारंगत होंगे।
- यदि आप पेशेवर है तो केवल भुगतान के बदले में अपने अमूल्य समय को न बेचकर खुद के लिए भी कार्य कीजिए।अपने समय के मुख्य मुद्दों को जानिए और समझिए,अपडेट रहिए और आवश्यकतानुसार अपनी भागीदारी कीजिए।
- समय का जीवंत एहसास तब होता है,जब कोई अपना बिछड़ जाता है और ऐसा बिछड़ता है कि कभी लौटकर आ नहीं सकता।उसकी कमी व्यक्ति को हमेशा के लिए रुलाती है,उसकी याद दिलाती है।अतः अपने अध्ययन में,अपने जॉब में,व्यवसाय में ही व्यस्त न रहें बल्कि परिवार को,माता-पिता को,भाई-बहन आदि को भी कुछ समय दीजिए।
- हमें अपने समय का ऐसा प्रबंधन करना चाहिए,जिसमें कुछ समय अपने लिए अपने कार्य एवं परिवार के लिए हो।यदि हम समय का सही निर्धारण एवं नियोजन कर सके तो हमारे लिए जीवन का अर्थ ही बदल जाएगा।
- आपकी अर्द्धवार्षिक,प्री बोर्ड,वार्षिक परीक्षाएँ धीरे-धीरे निकट आ रही हैं।यह समय गुजरते देर नहीं लगेगी।यदि आपने समय की कद्र नहीं की,समय पर अध्ययन नहीं किया तो आप कितने ही होनहार,प्रतिभावान हों,कितने ही अपने विषय के ज्ञाता हों तो समय ऐसी स्थिति में लाकर पटक देगा कि आप कहीं के नहीं रहेंगे।समय पर आपने अध्ययन नहीं किया,समय पर रिवीजन नहीं किया तो आपका टैलेंट,आपके अन्य गुण,आपकी श्रेष्ठता धरी की धरी रह जाएगी और आपको लुढ़कने में देर नहीं लगेगी।समय इतना ताकतवर है कि बड़े से बड़े शूरमाओं को उसकी असलियत बता देता है।अतः आपको सत्रारम्भ से ही इस परीक्षा की तैयारी प्रारंभ कर देनी चाहिए,यदि प्रारंभ नहीं की तो अब तो प्रारंभ कर देनी चाहिए।हमारे जीवन की सर्वाधिक मूल्यवान वस्तु यदि कोई है तो वह समय है,ऐसी अमूल्य वस्तु का उपयोग करने के लिए जाग्रत और सतर्क रहें।इतनी अमूल्य वस्तु को चाहे तो सोने में,फालतू गप्पे लगाने या वाहियात बातें करने में गुजारते हैं या कर्मयोगी की तरह अपने अध्ययन को पूर्ण निष्ठा के साथ करें,यह आप पर निर्भर है।
उपर्युक्त आर्टिकल में छात्र-छात्राओं के लिए समय प्रबंधन के 14 मंत्र (14 Time Management Spells for Students),समय-प्रबन्धन कैसे करें? (How to Manage Time?) के बारे में बताया गया है।
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7.देरी से उठने की आदत (हास्य-व्यंग्य) (Habit of Getting up Late) (Humour-Satire):
- गजेंद्र ने सोमेंद्र से कहा:तुम्हें ऐसा नहीं लगता है कि सुबह रोजाना जल्दी सोने और सुबह देरी से उठने से,देरी से उठने की आदत पड़ जाती है,समय बर्बाद होता है और तुम सफलता से वंचित हो सकते हो।
- सोमेंद्र बोला:अरे नहीं,पिछले दस साल से तो यही रूटीन है,कहां आदत खराब पड़ी और कभी फेल भी नहीं हुआ।
8.छात्र-छात्राओं के लिए समय प्रबंधन के 14 मंत्र (Frequently Asked Questions Related to 14 Time Management Spells for Students),समय-प्रबन्धन कैसे करें? (How to Manage Time?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.समय सबसे बलवान कैसे हैं? (How is time the most powerful?):
उत्तर:समय सबसे बलवान और महान है,भगवान से भी। भक्ति आदि साधनों से भगवान को तो बुलाया जा सकता है,किंतु कोटि उपाय करने पर भी बीता हुआ समय वापस नहीं बुलाया जा सकता।
प्रश्न:2.वक्त को बर्बाद क्यों न करें? (Why not waste time?):
उत्तर:जो समय को नष्ट करता है,समय उसे नष्ट कर देता है।जो समय की कद्र करता है,एक-एक क्षण का सदुपयोग करता है उसके द्वारा समय पर थोड़ा-सा प्रयत्न भी आगे की बहुत सी परेशानियों से बचाता है।
प्रश्न:3.समय को बचाने से क्या आशय है? (What do you mean by saving time?):
उत्तर:समय का उचित उपयोग करना समय को बचाना है।
प्रश्न:4.क्या जीवन क्षणभंगुर है तो समय बर्बाद करें? (Is life fleeting so waste time?):
उत्तर:नहीं,किसी भी विचारशील व्यक्ति के लिए जीवन की क्षणभंगुरता का अंतिम अर्थ यह नहीं है कि वह उन क्षणों को बर्बाद करें।
- उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा छात्र-छात्राओं के लिए समय प्रबंधन के 14 मंत्र (14 Time Management Spells for Students),समय-प्रबन्धन कैसे करें? (How to Manage Time?) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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Satyam
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