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3 Time Management Tips for Students

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1.छात्र-छात्राओं के लिए समय प्रबन्धन की 3 टिप्स (3 Time Management Tips for Students),छात्र-छात्राओं के लिए समय प्रबन्धन की 3 बेहतरीन टिप्स (3 Best Time Management Tips for Students):

  • छात्र-छात्राओं के लिए समय प्रबन्धन की 3 टिप्स (3 Time Management Tips for Students) के आधार पर वे अपने वक्त का सही उपयोग करना सीख सकेंगे।खाली वक्त में अपने सुख-दुख पर विचार करना समय का दुरुपयोग है। यदि अध्ययन करने के बाद समय बच रहा है तो उस समय में अपने हॉबी का कार्य सीख लीजिए परंतु खाली मत बैठे रहिए।फालतू बैठने से मन में कुछ न कुछ शंका-कुशंकाएं जन्म लेती है जो हमारे शरीर की सकारात्मक ऊर्जा को खत्म करती है।
  • समय का उचित उपयोग यह है कि दिन की शुरुआत सूर्योदय से कीजिए।परन्तु सूर्योदय से पहले उठने का यह अर्थ नहीं है कि आपके जीवन की कायापलट हो जाएगी।नित्य प्रति अखबार वितरित करने वाले,दूध देने वाले इत्यादि सूर्योदय से पूर्व ही उठते हैं परंतु उनके जीवन में कोई परिवर्तन होते हुए नहीं देखा जाता है।सूर्योदय से पूर्व उठकर दैनिक नित्य कर्मों से निवृत्त होकर अध्ययन-मनन-चिन्तन करें तभी आपके जीवन में परिवर्तन होगा।
  • विश्व के महान लोगों की सफलता का रहस्य यह भी था कि वे सूर्योदय से पूर्व उठकर अध्ययन-मनन-चिन्तन करते थे।सुबह के वक्त कोई भी कार्य जल्दी निपटा सकते हैं क्योंकि सुबह कोलाहल व शोर-शराबा नहीं होता है।अतः पूर्ण एकाग्रता के साथ काम करने पर उसे शीघ्रता से निपटा सकते हैं।दिन में कोलाहल व शोर-शराबा रहता है जिससे हमारी एकाग्रता भंग होती रहती है। इसलिए अध्ययन अथवा किसी भी कार्य को करने में समय लगता है।दूसरा फायदा यह है कि विद्यार्थी सुबह जो भी अध्ययन करते हैं उसे ठीक से याद रख पाते हैं,पढ़ा हुआ स्थाई रहता है।
  • तीसरा फायदा यह है कि आप आलस्य से छुटकारा पा लेंगे।जो विद्यार्थी देर तक सोने के आदी होते हैं,अक्सर वे आलसी होते हैं,चिड़चिड़े स्वभाव के बन जाते हैं।जबकि जल्दी उठने से चुस्त,प्रसन्नचित्त और तरोताजा महसूस करेंगे।
  • लेकिन सुबह उठकर उस समय को अपनी गलतियों,हानि और कष्टों को याद करने में व्यतीत न करें वरना आप निरुत्साहित और उदासीन बन जाएंगे।सुबह उठकर शुभ,हितकारी और मंगलमय बातों का ही चिंतन-मनन करना चाहिए।सबसे बेहतर तरीका तो यह है कि नित्य कर्मों से निवृत्त होकर अध्ययन कार्य में अपने आपको संलग्न कर दें।
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2.विद्यार्थी समय का सदुपयोग करें (Students Should Make Good Use of Time):

  • (1.)बहुत से विद्यार्थी और लोग आधुनिक जीवन शैली में इतने व्यस्त हो गए हैं कि उन्हें समय की कमी महसूस होती है।उन्हें भौतिक सुख-सुविधाओं को जुटाने तथा धन कमाने में समय का अभाव महसूस होता है।उन्हें अपने नित्य कर्मों और अध्ययन को संपन्न करने के लिए यह शिकायत करते हुए देखा जा सकता है कि इन कार्यों के लिए उन्हें समय ही नहीं मिलता है।यदि समय का प्रबन्धन सही ढंग से किया जाए तो उनके सभी कार्य ठीक ढंग से संपन्न किए जा सकते हैं।
    हम बहुत से ऐसे कार्य करते हैं जिन्हें नहीं करना चाहिए,यदि ऐसा कर सके तो उस समय को उपयोगी कार्य में लगा सकते हैं।
  • (2.)कुछ विद्यार्थी समय को बेकार के कार्यों में नष्ट करते हैं जैसे मनोरंजन करना,मटरगश्ती करना,गप्पे लड़ाना,सोने,आलस्य,फिल्में देखना,संबंधों का निर्वाह करने तथा शादी-पार्टियों को अटेंड (attend) करने में व्यतीत करते रहते हैं।वस्तुतः विद्यार्थी के लिए विद्यार्थी काल में सबसे मुख्य कार्य अध्ययन,विद्या ग्रहण करने अथवा कोई हुनर या कला-कौशल सीखने के लिए है।
  • (3.)अध्ययन काल में जो अवकाश काल आता है जैसे ग्रीष्मकालीन अवकाश,शीतकालीन अवकाश इत्यादि को कंप्यूटर कोर्स,नृत्यकला,इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स,योगासन-प्राणायाम,व्यायाम या कुछ अन्य जीवनोपयोगी साहित्य,सत्साहित्य को पढ़ने-लिखने व सीखने में व्यतीत करना चाहिए।
  • (4.)अध्ययन काल के दौरान यदि कोई अवकाश आता है जैसे शीतकालीन अवकाश,दीपावली अवकाश इत्यादि तो इस समय को अपने अध्ययन के जो टॉपिक छूटे हुए हैं उनको तैयार करने में व्यतीत करना चाहिए।यदि कोई टाॅपिक छूटा हुआ नहीं है तो कठिन विषयों,कठिन टाॅपिक की पुनरावृत्ति करनी चाहिए।
  • (5.)दरअसल यदि हम समय का सदुपयोग नहीं करते हैं तो यह निश्चित है कि उसका दुरुपयोग जरूर होगा।समय का दुरुपयोग करने पर विद्यार्थियों में अनेक प्रकार के विकार,दुर्व्यसन,ध्रूमपान करना,गुटखा खाना जहाँ-तहाँ निठल्ले बैठकर फालतू की बातें करना,ड्रग्स का सेवन करना,अय्याशी करना जैसे कार्यों को सीखने में लगाते हैं।
  • (6.)अतिरिक्त समय यदि विद्यार्थियों के पास बचता है तो उस समय में कोई कला-कौशल सीखने,हाॅबी सीखने अथवा किसी विशिष्ट प्रशिक्षण को सीखने में लगाया जाए तो इसके कई लाभ हैं।पहला लाभ तो यह है कि समय का सदुपयोग होगा।दूसरा लाभ यह है कि छात्र-छात्राएं दुर्व्यसनों की ओर अग्रसर नहीं होगा।तीसरा लाभ यह है कि छात्र-छात्रा जब बड़ा होगा तो केवल डिग्रीधारी नहीं होगा बल्कि शिक्षित होगा।किसी भी काम की बारीकियां सीखने पर बेरोजगार नहीं होगा बल्कि कोई भी छोटा-मोटा व्यवसाय करने में सक्षम होगा।
  • (7.)जो माता-पिता,अभिभावक बालक-बालिकाओं को पुस्तकों,शिक्षा संस्थानों व शिक्षकों के भरोसे छोड़ देते हैं तथा स्वयं उन पर ध्यान नहीं देते हैं वे बालक-बालिकाओं को शिक्षा के व्यावहारिक एवं जीवन की कठोर सच्चाइयों से वंचित रखते हैं और बालक-बालिकाएं कच्चे ही रह जाते हैं।
  • जब जीवन में आनेवाली परेशानियों व संकटों से उनका सामना होता है तो उनके पसीने छूट जाते हैं। वे छात्र-छात्राएं जीवन में आने वाली परेशानियों व कठिनाईयों को ठीक से handle नहीं कर पाते हैं। इसलिए माता-पिता,अभिभावक को बालक-बालिकाओं को समय का सदुपयोग करना सीखाए।उनके भविष्य के निर्माण में बिल्कुल भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए।माता-पिता,अभिभावकों को इस मामले में सदा सजग,सावधान और सक्रिय रहने की आवश्यकता है।
  • (8.)समय के महत्त्व को निम्न कहावतों से भी समझा जा सकता हैः
  • (i)जो समय को नष्ट करता है,समय उसको नष्ट कर देता है।
  • (ii)बीता हुआ समय और बोले गए शब्द वापस नहीं आते हैं।
  • (iii)समय सबसे मूल्यवान है यहां तक कि भगवान से भी।भक्ति आदि साधनों से भगवान उपलब्ध हो सकते हैं परंतु लाखों-करोड़ों उपाय करने से भी गुजरा हुआ समय नहीं लौट सकता है।तात्पर्य यही है कि समय की कद्र करेंगे तो समय हमारी कद्र करवा देगा।
  • (9.)अध्ययन कार्य को टालते रहने की आदत से बचें क्योंकि विद्यार्थियों के लिए सबसे प्रमुख लक्ष्य है अध्ययन कार्य करना और अन्य गौण कार्य हैं।

3.सफलता का सूत्र समय (Success Formula Time):

  • आधुनिक प्रतिस्पर्धा के युग में सफलता के प्रमुख सूत्रों में समय भी है अर्थात् आप समय को किस प्रकार व्यतीत करते हैं।छात्र-छात्राओं को दैनिक,मासिक,वार्षिक कार्यों की सूची बनाकर उसके अनुसार कार्य करना चाहिए।कौनसा कार्य अधिक महत्वपूर्ण है उसे पहले करें तथा कम महत्वपूर्ण कार्य को बाद में करें।अपने कार्य की पूर्व योजना बनाकर कार्य संपन्न करने तथा निपटाने पर सभी कार्य सम्पन्न हो जाते हैं।
  • नियमपूर्वक,योजनाबद्ध तथा व्यवस्थित रूप से कार्य करने पर समय का सदुपयोग होता है,समय व्यर्थ नहीं जाता है।जो छात्र-छात्राएं उपर्युक्त सूत्र का प्रयोग नहीं करते हैं वे अपने मार्ग में अड़चने खड़ी कर लेते हैं।
  • यदि छात्र-छात्राओं का अध्ययन कार्य पिछड़ रहा है,कोर्स को समय पर पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो संभव है कि आप उपर्युक्त तीनों सूत्रों नियमपूर्वक,योजनाबद्ध व व्यवस्थित को अमल में नहीं ला रहे हैं।जब अध्ययन कार्य का बहुत भाग बकाया हो जाएगा तो आप यह सोच ही नहीं पाएंगे कि कौनसे विषय को पहले पूरा किया जाए तथा कौनसे विषय को बाद में अध्ययन किया जाए।हर विषय अपने आपमें महत्वपूर्ण होता है।ऐसे छात्र-छात्राएं भ्रमित (confused) हो जाते हैं।
  • लेकिन जो छात्र-छात्राएं नियमपूर्वक,योजनाबद्ध तथा व्यवस्थित रूप से अपने कार्य को निपटाते हैं वे न केवल सफल होते हैं बल्कि वे समय के एक-एक क्षण का महत्त्व समझते हैं और उसका उपयोग करते हैं।छात्र-छात्राओं को अपने जीवन,व्यवहार और आचरण को उपर्युक्त सूत्रों के साँचे में ढाल लेना चाहिए।

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4.समय के बोध का दृष्टांत (Parable of the Realization of Time):

  • एक विद्यार्थी नवजीवन,एक कोचिंग सेंटर के आगे पहले तो काफी देर घूमता रहा।काफी देर घूमने के बाद वह कोचिंग सेंटर के अंदर आया।शिक्षक से पूछा कि गणित का कोर्स कराने की फीस कितनी है? शिक्षक ने बताया कि ₹3000।उस विद्यार्थी ने कहा कि मैं फीस दो किश्तों में अदा कर दूँगा।शिक्षक ने कहा ठीक है।
  • लेकिन कुछ समय पढ़ने के बाद विद्यार्थी ने कहा कि घरवालों ने ₹1000 ही दिए हैं।शिक्षक ने कहा कि मासिक फीस ₹700 के हिसाब से आपको फीस अदा करनी पड़ेगी।
  • कुछ समय बाद उसने छात्र नवजीवन को पुनः फीस के लिए कहा।विद्यार्थी कुछ ज्यादा ही चालाक था उसने मोलभाव करना प्रारंभ कर दिया।विद्यार्थी ने सोचा कि मोलभाव करने से शायद शिक्षक फीस कम ले लेंगे।परंतु मासिक फीस का हिसाब उसे महंगा सौदा लग रहा था।उसने कहा कि मासिक फीस के हिसाब से तो यह फीस पूरे सत्र के लिए ₹4000 से ऊपर होती है।
  • शिक्षक ने कहा कि फीस के मोलभाव करने में जितना समय नष्ट करेंगे उतनी ही फीस बढ़ती जाएगी।अंततः विद्यार्थी नवजीवन ने धन और विद्या में से धन को बचाने का चुनाव किया।फलस्वरूप वह आधी अधूरी शिक्षा प्राप्त करके ही कोचिंग सेंटर से चलता बना।
  • ऐसे छात्र-छात्राएं न केवल अपना समय नष्ट करते हैं बल्कि शिक्षक का समय भी बर्बाद करते हैं।ऐसे छात्र-छात्राएं किसी स्थिति में सीख लेने को तैयार नहीं होते हैं।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में छात्र-छात्राओं के लिए समय प्रबन्धन की 3 टिप्स (3 Time Management Tips for Students),छात्र-छात्राओं के लिए समय प्रबन्धन की 3 बेहतरीन टिप्स (3 Best Time Management Tips for Students) के बारे में बताया गया है।

5.गणित से रोमांस (हास्य-व्यंग्य) (Romance from Mathematics) (Humour-Satire):

  • एक बार जगमोहन कोचिंग सेन्टर में गणित पढ़कर आया और गणित की पुस्तक को सीने से लगाकर गोल-गोल घूमने लगा।
  • मित्रःक्या गणित शिक्षक ने तुम्हें गणित से रोमांस करने के लिए कहा है?
  • जगमोहन:नहीं पगले।उन्होंने कहा है कि अपने दुःख खुद ही उठाओ।

6.छात्र-छात्राओं के लिए समय प्रबन्धन की 3 टिप्स (3 Time Management Tips for Students),छात्र-छात्राओं के लिए समय प्रबन्धन की 3 बेहतरीन टिप्स (Frequently Asked Questions Related to 3 Best Time Management Tips for Students) से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.समय का क्या महत्त्व है? (What is the Importance of Time?):

उत्तरःखोया हुआ धन कम खर्च और परिश्रम से पुनः प्राप्त किया जा सकता है।जिस ज्ञान या विद्या को हम भूल गए हैं वह भी पुनः अध्ययन से प्राप्त हो सकती है।नष्ट स्वास्थ्य भी औषधियों के सेवन और नियमित जीवन से पुनः प्राप्त हो जाता है।परंतु नष्ट हुआ समय पुनः प्राप्त नहीं होता,वह सदा के लिए समाप्त हो जाता है।उसकी स्मृति शेष रह जाती है। वह अतीत की छाया मात्र रह जाता है।

प्रश्न:2.समय को व्यर्थ होने से कैसे बचाएं? (How to Save Time from Being Wasted?):

उत्तर:ग्लैडस्टोन बहुत प्रतिभाशाली व्यक्ति था परन्तु वह अपना एक क्षण भी व्यर्थ नहीं जाने देता था। इन्हीं क्षणों के सदुपयोग के लिए वह सदा अपनी जेब में एक पुस्तक रखता था।उसे हर समय यह ख्याल रहता था कि कहीं कोई घड़ी व्यर्थ न चली जाए।इसी प्रकार हम प्रत्येक क्षण का उपयोग कर सकते हैं।

प्रश्न:3.अधिकांश छात्र-छात्राएं समय को कैसे व्यतीत करते हैं? (How do Most Students Spend Time?):

उत्तर:अधिकांश युवक सांयकाल का भोजन करने के बाद सो जाते हैं।इस प्रकार समय को सोकर और आलस्य में व्यतीत करने वाले युवा अपने जीवन को नष्ट कर डालते हैं।ख्याति और कीर्ति अर्जित करने वाले छात्र-छात्राएं सांयकाल का समय अध्ययन और काम करने में व्यय करते हैं।वे अपना समय ऐसे व्यक्तियों की संगति में व्यतीत करते हैं जो उनके सुधार में सहायक हो सकते हैं।
3 Time Management Tips for Students

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा छात्र-छात्राओं के लिए समय प्रबन्धन की 3 टिप्स (3 Time Management Tips for Students),छात्र-छात्राओं के लिए समय प्रबन्धन की 3 बेहतरीन टिप्स (3 Best Time Management Tips for Students) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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छात्र-छात्राओं के लिए समय प्रबन्धन की 3 टिप्स
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के आधार पर वे अपने वक्त का सही उपयोग करना सीख सकेंगे।
खाली वक्त में अपने सुख-दुख पर विचार करना समय का दुरुपयोग है।
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