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How to Teach Maths to Weak Students?

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1.कमजोर छात्र-छात्राओं को गणित कैसे पढ़ाएं? (How to Teach Maths to Weak Students?),कमजोर छात्र-छात्राओं को गणित पढ़ाने की 3 टिप्स (3 Tips to Teach Mathematics to Weak Students):

  • कमजोर छात्र-छात्राओं को गणित कैसे पढ़ाएं? (How to Teach Maths to Weak Students?) अध्यापकों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।सर्वप्रथम गणित में कमजोर तथा सफल छात्र-छात्राओं की पहचान करनी होगी। कमजोर छात्र-छात्राओं में कैसी प्रवृत्तियाँ होती है तथा सफल छात्रों में कैसी प्रवृतियां होती है यह जानना आवश्यक है।
  • वस्तुतः अध्यापक-अध्यापिकाओं पर गणित का कोर्स पूरा करवाने का दबाव रहता है।अतः वे विद्यार्थियों को पढ़ाने पर ही ध्यान फोकस रखते हैं। इस बात की तरफ उनका ध्यान ही नहीं जाता है कि जो कुछ पढ़ा रहे हैं उसको कितने छात्र सीख रहे हैं और कितने नहीं।
  • वार्षिक परीक्षा के बाद परिणाम आता है तभी गणित के अध्यापकों को यह पता चलता है कि कितने छात्र गणित में सफल रहे हैं और कितने असफल रहे हैं?
  • यदि उचित समय पर अर्थात् सत्रारम्भ से ही गणित अध्यापक विद्यार्थियों पर नजर रखें तो उन्हें समय रहते कमजोर तथा प्रखर बालक-बालिकाओं की पहचान हो सकती है।पहचान करने के बाद अध्यापक को अपने अध्यापन विधि में बदलाव करना चाहिए तथा कमजोर छात्र-छात्राओं पर व्यक्तिगत ध्यान देकर उनकी कमजोरी दूर करते रहना चाहिए।
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2.कमजोर और प्रखर विद्यार्थियों की पहचान (Identification of Weak and Strong Students):

  • प्रखर बालक-बालिकाओं में कठिन परिश्रम,अध्ययन के प्रति रुचि,चिन्तनशील,प्रसन्नचित्त,आशावादी,विनम्र,विषय को पढ़ने में गहन रुचि,उत्साही,सकारात्मक दृष्टि,आत्मविश्वास,सावधान,सचेत इत्यादि गुण पाए जाते हैं।
  • प्रखर बालक-बालिकाएं गणित के जटिल से जटिल सवालों व समस्याओं को हल करने में आनंद का अनुभव करते हैं।उन्हें ज्यों-ज्यों जटिल समस्याएं दी जाती है तो उसे हल करने की पूरी चेष्टा करते हैं। बहुत ही प्रखर व तेजस्वी बालक-बालिकाओं को गणित के मध्यम स्तर व निम्न स्तर के बालकों के साथ पढ़ाना अध्यापक के लिए चुनौती पैदा हो जाती है।
  • कमजोर छात्र-छात्राओं में निराशावादी,आलस्य,एकाग्रता का अभाव,अनुज्ञाकारी,चिन्तित स्वभाव,अशांत,उत्तेजित होना,अहंकार,अनुशासनहीन,रूढ़िवादी,भयभीत,बहानेबाज,निष्क्रिय,चिड़चिड़ा,गणित के सवालों को हल करने में रुचि न लेना इत्यादि प्रवृत्तियाँ पाई जाती है।
  • कमजोर छात्र-छात्राएं गणित के सरल से सरल सवाल को हल करने में दिलचस्पी नहीं लेते हैं।वे कोई न कोई बहाना बना लेते हैं।या तो गणित के कालांश में उपस्थित ही नहीं होते हैं यदि उपस्थित होते हैं तो गणित के सवालों को हल करने के बजाय कक्षा में अनावश्यक बातों में संलग्न रहते हैं।

3.कमजोर छात्र-छात्राओं को पढ़ाने का तरीका (How to Teach Weak Students?):

  • कमजोर छात्र-छात्राओं को कक्षा के अलग वर्ग में रखकर पढ़ाया जाय।इससे एक ही तरह के बालकों को अध्यापन विधि अपनाने में सहायता मिलेगी।
  • कमजोर छात्र-छात्राओं को सरल से कठिन टाॅपिक्स के क्रम के अनुसार पढ़ाया जाय।उनकी पिछली कक्षा की कमजोरियों को भी साथ में दूर करते रहना चाहिए।
  • कमजोर छात्र-छात्राओं को अमूर्त चिन्तन के द्वारा न पढ़ाया जाए क्योंकि उनमें कल्पना शक्ति का अभाव होता है।उन्हें गणित की विषय सामग्री को दैनिक जीवन से जोड़कर पढ़ाया जाए।
  • जैसे यदि शंकु,बेलन,आयतफलकी का पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन पढ़ना हो तो उन्हें मॉडल्स के द्वारा अथवा शंक्वाकार,बेलनाकार व आयफलकी के आकार की प्रत्यक्ष वस्तु को दिखाकर टॉपिक को समझाया जाए।उन्हें प्रत्यक्ष वस्तु को दिखाकर बताया जाए इसमें वक्र पृष्ठ कौनसा भाग होता है,संपूर्ण पृष्ठ में कौनसा भाग शामिल होता है तथा आयतन ज्ञात करने से क्या तात्पर्य है?
  • कमजोर व मन्दबुद्धि बालकों को प्रेरित करना चाहिए,उन्हें हतोत्साहित नहीं करना चाहिए।उन पर नकारात्मक कमेंट नहीं करना चाहिए।जैसे गणित पढ़ना तुम्हारे बस की बात नहीं है,इन सवालों को तो तुम हल कर ही नहीं सकते,तुम्हारा दिमाग कमजोर है,तुम पढ़ने में ध्यान नहीं देते हो,तुम बुद्धू हो इत्यादि कमेंट नहीं करने चाहिए।ऐसे कमेंट करने से कमजोर छात्र-छात्राएं हतोत्साहित होते हैं।
  • गणित को आकर्षक व मनोरंजक तरीके से पढ़ाया जाए।उन्हें अधिक से अधिक अभ्यास कार्य कराया जाए।प्रारंभ में सरल-सरल प्रश्नावलियों को पढ़ाना चाहिए।जैसे वे गुणा,भाग तथा भिन्नों के जोड़,बाकी, गुणा, भाग करने में कठिनाई महसूस करते हैं तो उनके सवाल भी साथ-साथ में कराते रहना चाहिए।
  • जब सरल-सरल प्रश्नावलियाँ हल करा दी जाए तथा पिछली कक्षाओं की कमजोरी दूर हो जाए और उनमें परिपक्वता आ जाए तब कठिन प्रश्नावलियाँ समझानी चाहिए।श्यामपट्ट अथवा व्हाइट बोर्ड पर पढ़ाते समय ज्यामितीय आकृतियां अथवा संबंधित टॉपिक की आकृतियों को बनाकर उन्हें समझाया जाए।
  • कक्षा में कमजोर छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक नहीं रहनी चाहिए।25-30 छात्र-छात्राओं से अधिक नहीं होने चाहिए।इससे आप कमजोर छात्र-छात्राओं की व्यक्तिगत कमजोरी पर भी ध्यान दे सकेंगे।
  • समय-समय पर साप्ताहिक या पाक्षिक उनका टेस्ट लेकर पता लगाना चाहिए कि उनमें कमजोरी दूर हो रही है या नहीं।अध्यापक द्वारा पढ़ाए गए टाॅपिक को कितना समझ पा रहे हैं इसका पता समय-समय पर टेस्ट लेने से ही चलता है।
  • कमजोर छात्र-छात्राओं में गणित का फोबिया बैठा हुआ होता है।ऐसी स्थिति में गणित अध्यापक कमजोर छात्र-छात्राओं के प्रति आत्मीयतापूर्ण व्यवहार करना चाहिए।उन्हें झिड़कना अथवा दण्ड नहीं देना चाहिए।
  • उनके मन में जो भी शंकाएं उत्पन्न हो तो उसका यथोचित जवाब देना चाहिए।गणित से संबंधित जो भी शंकाएं हो उन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए।इस प्रकार सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार तथा आत्मीयता से धीरे-धीरे उनके स्वभाव में बदलाव आ जाता है।
  • ऐसे छात्र-छात्राओं को दैनिक जीवन के उदाहरण देकर गणित के सिद्धांतों व प्रमेयों को समझाना चाहिए।कमजोर छात्र-छात्राएं पढ़ते में निष्क्रिय रहते हैं।उन्हें सक्रिय करने के लिए गणित से सम्बन्धित प्रश्न बीच-बीच में पूछते रहना चाहिए।
  • छात्र-छात्राएं जहाँ भी त्रुटियाँ करते हैं उनका पता लगाकर तत्काल सुधार करवा देना चाहिए।छात्र-छात्राओं को दैनिक जीवन की प्रत्यक्ष वस्तुओं,माॅडल्स,चार्ट,आकृतियों,चित्रों के द्वारा गणित के सवालों को समझाया जाए।
  • कमजोर छात्र-छात्राएं छोटी-छोटी गलतियां करते हैं अतः गणित अध्यापक को धैर्य नहीं खोना चाहिए। उन्हें धैर्यपूर्वक समझाना चाहिए।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में कमजोर छात्र छात्राओं को गणित कैसे पढ़ाएं? (How to Teach Maths to Weak Students?),कमजोर छात्र-छात्राओं को गणित पढ़ाने की 3 टिप्स (3 Tips to Teach Mathematics to Weak Students) के बारे में बताया गया है।

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4.गणित में परिश्रम का इनाम (हास्य व्यंग्य) (Prize of Hard Work in Mathematics)(Humour-Satire):

  • गणित अध्यापक (छात्र से):तुमने कठिन परिश्रम करके गणित में 100 में से 100 अंक प्राप्त किए हैं और मेरिट में आए हो इसके एवज में यह लैपटॉप तुम्हारी मेहनत के लिए।
  • छात्र (गणित अध्यापक से):परंतु सर (sir) यह तो मेरा कर्तव्य था।
  • गणित अध्यापक (छात्र से):अगर इसी प्रकार परिश्रम करते रहोगे तो एक दिन तुम्हारी मेहनत से मुझे भी बड़े अधिकारियों द्वारा सम्मानित कर दिया जाएगा।

5.कमजोर छात्र-छात्राओं को गणित कैसे पढ़ाएं? (How to Teach Maths to Weak Students?),कमजोर छात्र-छात्राओं को गणित पढ़ाने की 3 टिप्स (3 Tips to Teach Mathematics to Weak Students)  से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.गणित में कमजोर छात्र-छात्राओं का पता कैसे लगाएं? (How to Find Out Weak Students in Mathematics?):

उत्तर:छात्र-छात्राओं का टेस्ट लेकर पता लगाया जा सकता है।इसके अतिरिक्त गृह कार्य करने में आनाकानी करता है इससे भी पता चल जाता है। छात्र-छात्राओं को गणित के प्रश्नों के उत्तर देने से भी पता चल जाता है।कमजोर छात्र-छात्राओं की कक्षा में गतिविधि से भी पता लगाया जा सकता है। कक्षा में अनुपस्थित रहने तथा उनके घर पर सम्पर्क करने पर भी कमजोर छात्र-छात्राओं की पहचान हो सकती है।

प्रश्न:2.छात्र-छात्राओं द्वारा की जाने वाली त्रुटियां कैसे दूर करें? (How to Remove Errors Made by Students?):

उत्तर:पता लगाएं कि छात्र-छात्राएं किस प्रकार की त्रुटियां करते हैं।यदि व्यक्तिगत त्रुटियाँ करते हैं तो व्यक्तिगत रूप से सुधार करवाना चाहिए।यदि सामूहिक त्रुटियां करते हैं तो उन्हें सवाल को हल करवाते समय सामूहिक त्रुटियों को दूर करवा देना चाहिए।यदि पिछली कक्षाओं की कमजोरी के कारण त्रुटियां करते हैं तो उनका पता लगाकर धीरे-धीरे उन त्रुटियों में सुधार करवाना चाहिए।

प्रश्न:3.छात्र-छात्राएं गणित में त्रुटियां क्यों करते हैं? (Why do Students Make Mistakes in Maths?):

उत्तर:गणित में छात्र-छात्राओं के त्रुटियां करने के अनेक कारण हैं।घर में माता-पिता में आपस में झगड़ा होना,घर तथा आसपास का अशांत वातावरण,छात्र-छात्रा का गलत संगत में पड़ना,बीमारी,कोई दुर्घटना,कक्षा में लगातार अनुपस्थित रहना इत्यादि कई कारण होते हैं।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा कमजोर छात्र छात्राओं को गणित कैसे पढ़ाएं? (How to Teach Maths to Weak Students?),कमजोर छात्र-छात्राओं को गणित पढ़ाने की 3 टिप्स (3 Tips to Teach Mathematics to Weak Students) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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कमजोर छात्र छात्राओं को गणित कैसे पढ़ाएं?
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कमजोर छात्र-छात्राओं को गणित कैसे पढ़ाएं? (How to Teach Maths to Weak Students?)
अध्यापकों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।
सर्वप्रथम गणित में कमजोर तथा सफल छात्र-छात्राओं की पहचान करनी होगी।

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