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How Student to Become More Competitive?

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1.छात्र-छात्राएं अधिक प्रतियोगी कैसे बनें? (How Student to Become More Competitive?),परीक्षा हेतु अधिक प्रतियोगी कैसे बनें? (How to Become More Competitive for Exam?):

  • छात्र-छात्राएं अधिक प्रतियोगी कैसे बनें? (How Student to Become More Competitive?) क्योंकि प्रतियोगी छात्र-छात्राएं परीक्षा में श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं।अपनी योग्यता को सिद्ध करने के लिए प्रत्येक प्रतियोगी को परीक्षा के दौर से गुजरना होता है।अगर हम श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों का मूल्यांकन करें तो सभी ने अपने सहपाठियों से आगे निकलने के लिए अच्छी आदतें विकसित की और ज्यादा क्षमताओं का विकास किया।ज्यादा प्रतियोगी बनना ही इसका उद्देश्य था।
  • हमें दुनिया का सामना करना है,हमें आगे बढ़ाना है।दूसरों को कमतर समझने की भूल न करें।ज्यादा प्रतियोगी बनने के लिए हमें एक योजना तैयार करनी होगी और उसका क्रियान्वयन करना होगा।
  • करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए बहुत सारी प्रतियोगी परीक्षाएं उपलब्ध हैं।एक परीक्षा में उत्तीर्ण होने से सीधे आप किसी कैरियर को अपना सकते हैं।कुछ को संस्थानों में प्रवेश मिल जाता है।करियर में प्रवेश तो बाद में होता है।विस्तृत अर्थ में छात्र-छात्रा का आकलन करना प्रतियोगी परीक्षा का उद्देश्य होता है और वे उम्मीद करते हैं कि छात्र-छात्रा को सारी जानकारी हो।
  • जो पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है,वह सीमित पढ़ाई तक ही प्रतिबंधित नहीं होता।इन परीक्षाओं के लिए विस्तृत जानकारी चाहिए होती है,यही सोचकर इस पाठ्यक्रम में व्यापक चीजों को लिया जाता है।
  • स्कूल और कॉलेज की परीक्षा की तुलना में प्रतियोगी परीक्षा में अन्य एक ओर महत्त्वपूर्ण अंतर यह होता है कि इसमें आपका चयन न्यूनतम अंकों के आधार पर नहीं होता है।इन परीक्षाओं में उम्मीदवारों की संख्या बहुत ज्यादा होती है और इन परीक्षाओं का मुख्य उद्देश्य होता है टॉपर्स को चुनना।इनसे मिले अंक इसमें उतने मायने नहीं रखते।
  • आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें।जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके । यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए । आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं।इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

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2.प्रतियोगी परीक्षा (Competitive Examination):

  • प्रश्न पत्रों का उत्तर गति और सही ढंग से देना ज्यादा महत्त्वपूर्ण होता है।इसके लिए आवश्यक है कि अभ्यर्थी द्वारा बेहतरीन तैयारी की गई हो।प्रतियोगी परीक्षा के लिए बेहतरीन तैयारी का रहस्य है कि जितना संभव हो मॉक टेस्ट (mock test),मॉडल पेपर्स (model papers) और पुराने पेपर्स को हल करें।ये प्रश्न-पत्र इंटरनेट और बाजार में दोनों जगह आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
  • प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए प्रकाशित विभिन्न पत्रिकाओं में भी पुराने पेपर्स,मॉक टेस्ट और मॉडल पेपर्स और सफलता के लिए गाइडलाइंस दी हुई होती है।वे पुराने पेपर्स भी बेचती हैं।
  • कई छात्र-छात्राएं स्थानीय कोचिंग सेंटर में भी प्रवेश ले लेते हैं,जो इन प्रतियोगी परीक्षाओं की गहन तैयारी कराते हैं।कई संस्थान पत्राचार द्वारा भी कोचिंग कराते हैं।सफलता का रहस्य कठिन परिश्रम,अभ्यास और स्मार्ट तैयारी में निहित है।जितना आप अभ्यास करते हैं,उतना ज्यादा आपमें निखार और प्रवीणता आती जाती है।कोचिंग सेंटरों में भी जितना संभव हो,उतने ज्यादा प्रश्न और उत्तरों से छात्र-छात्राएं परिचित होते हैं।सही जवाब देने और उसकी गति बढ़ाने के लिए अभ्यर्थियों को जितना संभव हो पुराने प्रश्नों,मॉडल पेपर्स के प्रश्नों,मॉक टेस्ट के प्रश्नों के उत्तर देते रहने चाहिए।
  • अच्छी तैयारी के लिए अभ्यर्थी को पाठ्यक्रम में निर्धारित पुस्तकों को अच्छी तरह से पढ़ना चाहिए।अच्छे नोट्स अध्ययन की सामग्री को दोहराने में मदद करते हैं।अतिरिक्त अध्ययन से दूसरे छात्रों से आप आगे बढ़ सकते हैं।दूसरे छात्र-छात्रा से आगे बढ़ने का अर्थ है ज्यादा अंक पाना और उच्च श्रेणी हासिल करना।आरंभिक अवस्था में अच्छी पढ़ने की आदत विकसित करना,प्रतियोगी परीक्षा में अव्वल आने में मदद करती है।व्यवस्थित पढ़ाई,अभ्यास,बार-बार पढ़ना और तनावरहित रहने का दृष्टिकोण इन परीक्षाओं में बहुत मदद करता है।
  • आखिरी मिनट की परेशानी से बचने के लिए यह ध्यान रखें कि समय पर आपको अपना प्रवेश पत्र मिल जाए।पहले से ही अपने परीक्षा केंद्र की जगह के बारे में जान लें।जिस कमरे में बैठना है,उसे भी देख लें।चूँकि इन परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा होती है,इसलिए अगर इन बातों का पहले से ही ध्यान न रखा जाए तो,आखिरी मिनट में कोई भी गड़बड़ी हो सकती है।
  • परीक्षा वाले दिन सेंटर पर समय से पहुंचे।तनावमुक्त रहें।अगर आपने पुराने पेपर्स,मॉक टेस्ट एवं मॉडल पेपर्स का अभ्यास करते रहे हैं,तो आपको उत्तर देने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।उत्तर बेहतरीन भाषा और लिखावट में लिखें।पेपर देने से पहले अपनी गलतियों और छूटे हुए हिस्सों पर नजर अवश्य डाल लें।

3.परीक्षा की तैयारी कैसे करें? (How to Prepare for the Exam?):

  • कुछ स्कूल और कॉलेजों में परीक्षा से पहले तैयारी करने की छुट्टियां देना अनिवार्य है।दो हफ्ते की इन छुट्टियों का प्रयोग इसी उद्देश्य के लिए करना चाहिए।जो आपने पढ़ा है,उसे दोहराने का समय यही होता है।छुट्टियों का प्रयोग इसी उद्देश्य के लिए करना चाहिए।
  • जो आपने पढ़ा है,उसे दोहराने का यही समय होता है।परीक्षा कब होनी हैं,उसका समय व तिथि नोट कर लें।सही जगह पर उसे चिपका दें।देखें कि हर विषय से संबंधित पाठ्यक्रम पूरा हो गया है कि नहीं।विषय के अनुसार किताबें और नोटबुक अपने पास तैयार रखें।हर विषय के बारे में स्वयं अपनी तैयारी का आकलन करें।क्या आपको हर विषय की समान रूप से तैयारी की जरूरत है? या किसी विषय के लिए ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है?
  • चूंकि इन दो हफ्तों का उपयोग सिर्फ आपको परीक्षा की तैयारी करने में करना है,इसलिए पढ़ाई की नई समय सारणी बनाएं।ऐसा करते समय पहले बताए गए नियमों का पालन करें।बहुत देर तक किसी विषय को न पढ़ें।बोरियत से बचने के लिए दूसरे विषय भी पढ़ें।बीच-बीच में आराम करते रहें,नींद लें।तनाव को बनने न दें।इस समय की तुलना ‘करो या मरो’ की स्थिति से न करें।सामान्य जीवन जीएं।केवल जो अतिरिक्त समय मिला है,उसे पढ़ने में व्यतीत करें।यह जरूरी है कि जब आप परीक्षा देने जाएं तो बिल्कुल तनाव रहित हों।
  • अगर पहले बताई गई तकनीक का पालन कर रहे हैं,तो आप ठीक तरह से परीक्षा की तैयारी कर चुके हैं।अगर आप निजी नोट्स बनाते रहे हैं,तो याद करना ओर भी आसान हो जाएगा।आवश्यक विषयों पर नोट्स पढ़ने के बाद किताब पढ़े।अतिरिक्त किताबें पढ़कर अपने को उलझन में न डालें।चूँकि परीक्षा में लिखना होता है,इसलिए केवल पढ़ने में ही समय न बिताएं।रोज कुछ लिखें भी अवश्य।अगर आप दो हफ्तों तक कुछ नहीं लिखेंगे,तो जब आप परीक्षा देने पहुंचेंगे तो आपको एहसास होगा कि आपका अभ्यास छूट जाने से आपके लिए लिखना मुश्किल हो रहा है।
  • छुट्टी के आखिरी एक-दो दिन का प्रयोग पहली परीक्षा के विषय को दोहराने के लिए करें।परीक्षा से पहले शाम को पढ़ना बंद कर दें।अपने पेन,पेंसिल और अन्य चीजें तैयार कर लें।अपने साथ एक अतिरिक्त पैन ले जाएं।अगर पानी की बोतल ले जाने की अनुमति हो,तो साथ ले जाएं।परीक्षा के दौरान कुछ घूंट पानी पीने से राहत मिलती है।जल्दी सो जाएं।आप अगली सुबह जल्दी उठ सकते हैं।
  • नहाकर तैयार हो जाएं।एक नजर अगर नोट्स पर डालना चाहे तो उन्हें पढ़ें।परीक्षा से एक घंटा पहले कुछ न करें।अगर तनाव महसूस हो तो लंबी सांस लें।मित्रों के साथ मजाक करें।शांत रहें।
  • पहली परीक्षा के बाद दूसरी परीक्षा की तैयारी में जुट जाएं।अगर समय हो तो परीक्षा खत्म होने पर तनावमुक्त होते ही आराम करें,सैर करें,दोस्तों से मिलें या टीवी देख लें।जब आराम महसूस करें तो,फिर से अगली परीक्षा की तैयारी में जुट जाएं।

4.प्रश्न-पत्र को कैसे हल करें? (How to Solve the Question Paper?):

  • आवश्यक सामग्री लेकर परीक्षा भवन पहुंच जाएं मित्रों से किसी बात पर चर्चा करके अपने को उलझाएं नहीं।नियत समय से 5 मिनट पहले परीक्षा भवन के गेट पर पहुंच जाएं।अंदर पहुंचकर अपने डेस्क पर बैठ जाएं।उत्तर पुस्तिका पर अपना नाम और रोल नंबर लिखें।वह साफ और स्पष्ट रूप से लिखा हो। अनिवार्य हो तो अन्य बातें लिखें।
  • प्रश्न-पत्र मिलते ही उत्तर लिखना शुरू न कर दें।यह सच है कि आपके पास सीमित समय होता है और हर मिनट कीमती होता है।प्रश्न-पत्र को अच्छे से पढ़ने व समझने में बिताए 5 मिनट भी महत्त्वपूर्ण सिद्ध होते हैं।किसी अन्य कारण की अपेक्षा गलत ढंग से प्रश्न की व्याख्या करने से अंक ज्यादा कटते हैं।अगर आपको लगे कि प्रश्न-पत्र आसान है,तो उत्तेजित न हों।अगर मुश्किल लगे तो उलझन में न पड़ें।शांत रहें।पढ़ते हुए रणनीति तय करें।पेपर में कितने प्रश्न है? उनमें कितनों का उत्तर देना है? जल्दबाजी में चयन न करें।सोचें,आपको किससे फायदा होगा।हर प्रश्न का उत्तर देने के लिए कितना समय उपलब्ध है?
  • समय प्रबंधन जरूरी है।जैसे आपको अगर 5 प्रश्नों का उत्तर 3 घंटे में देना है यानी आपके पास 180 मिनट हैं,तो हर प्रश्न का उत्तर देने के लिए आपके पास 36 मिनट हैं।पूरे समय में से 5 मिनट प्रश्न-पत्र को अच्छे से पढ़ने और समझने में लगा दें।आखिर में पेपर को दुबारा जाँचने के लिए 15 मिनट रखें।इससे आपके पास हर प्रश्न का उत्तर देने के लिए 32 मिनट रहेंगे।ऐसी स्थिति में यही अच्छा रहेगा कि आप हर प्रश्न के लिए 30 मिनट लें।बाकी के 10 मिनट किसी लंबे उत्तर को लिखने के लिए रखे जा सकते हैं।
  • जब छात्र प्रश्न पढ़ते हैं तो प्रश्न के विषय को ढूंढना उनकी प्रवृत्ति होती है।वे यह जानना चाहते हैं कि उन्हें कितनी अच्छी तरह से आता है।हालांकि महत्त्वपूर्ण बात तो यह होनी चाहिए की परीक्षक विषय के बारे में क्या जानना चाहता है? प्रश्नों में मुख्य शब्दों को चिन्हित करें।कुछ आम शब्द और वाक्य इस प्रकार हैं:
  • विस्तृत रूप से व्याख्या करें….
    तुलना कर मिलाएं… और…
    सिद्ध करें……
    आपकी इस बारे में क्या राय है…..
    इस पर संक्षिप्त नोट लिखें…..
    विस्तृत रूप से चर्चा करें….
    आप इसकी व्याख्या कैसे करेंगे…..?
    इन दोनों के बीच अंतर बताएं….
    इससे तुलना करें……
    वर्णन करें……
    उदाहरण दें….।
  • प्रश्न बनाने का अपना एक तरीका होता है।सिर्फ थोड़ा बहुत शब्दों का हेर-फेर होता है।मुख्य शब्दों को देखें।यह आपको समझना है कि प्रश्न के माध्यम से परीक्षक आपसे क्या चाहता है।उत्तर पुस्तिका के बाई ओर जगह छोड़ें।सुविधा के लिए आप आरंभ में प्रश्न लिख सकते हैं।अगर समय लगे तो आप प्रश्न का नंबर डाल सीधा लिखना भी शुरू कर सकते हैं।उत्तर को एक उचित शीर्षक देने के बाद लिखना शुरू करें।
  • उत्तर अच्छी लिखावट में लिखें।आपकी लिखने की योग्यता की भी जांच हो रही है।उचित शब्दों का प्रयोग करें।वर्तनी और व्याकरण पर ध्यान दें।ऐसे लिखें जैसे आप उस व्यक्ति को विषय के बारे में बता रहे हैं,जो इसके बारे में कुछ नहीं जानता।आकर्षक भूमिका लिखें।अनुच्छेदों में विभाजित करके एक-एक बिंदु की व्याख्या करें।एक स्पष्ट अंत से खत्म करें।
  • घड़ी पर नजर रखें।अगर आप 30 मिनट की अपेक्षा 25 मिनट में उत्तर लिख देते हैं,तो ग्लानि न महसूस करें।अगर लिखते-लिखते आपको लगे कि समय कम है,तो मुख्य बिंदुओं पर केवल चर्चा कर संक्षिप्त में लिखें।जैसे उत्तर का अंत करते हैं,वैसे ही करें।अगर समय से ज्यादा कुछ वक्त लगे तो,इसे गलत न समझें।जो फालतू समय हमारे पास है,वह इस कमी को पूरा कर देगा।
  • अगर प्रश्न के कई हिस्से हों जैसे इस पर संक्षिप्त नोट लिखें….. और आपको चार प्रश्नों के उत्तर देने हैं,तो उन्हें आपको 30 मिनट में ही पूरा करना होगा।उत्तर बड़ा न हो,ताकि हर नोट 7 से 8 मिनट में लिख सकें।
  • जब तक आप हर प्रश्न के लिए एक नियत समय तय नहीं रखेंगे,तब तक आप पांच प्रश्नों के उत्तर नहीं लिख पाएंगे।अगर एक भी छूट गया तो 20% अंक कट जाएंगे।जो छात्र अव्वल आना चाहते हैं,वे ऐसा कभी नहीं करना चाहेंगे।घड़ी पर नजर रखे रहें।बहुत धीरे लिखने की तुलना में जो समस्या ज्यादा उत्पन्न होती है वह है,समय से पहले लिखकर खत्म करने की होड़।कुछ इस तरह से लिखने की कोशिश करते हैं,मानों वे किसी रेस में हिस्सा ले रहे हैं।तेज गति से लिखने पर लिखावट बिगड़ सकती है।जल्दी खत्म करने के कोई अतिरिक्त अंक नहीं मिलेंगे।इसलिए,अपना पूरा समय लें।अगर कुछ समय बाकी हो,तो पेपर पर एक नजर डाल लें।देख लें कि आपसे कुछ छूटा तो नहीं है।
  • अगर किसी उत्तर में आपको चित्र बनाना हो तो उसी समय में बनाना होगा।कम समय में हो सकता है,चित्र बिल्कुल सही न बने।पर ऐसा होना चाहिए कि वह विषय की व्याख्या करे और परीक्षक को लगे की आपको विषय का ज्ञान है।पेपर लिखने के बाद पुनः जांच करें कि कोई गलती तो नहीं रह गई है।असावधानीपूर्वक की गई गलतियों से अंक कट जाते हैं।पुन: जांचें।अगर कुछ सुधार करना है,तो सफाई से लिखें।जब आपको तसल्ली हो जाए कि आपने अच्छी तरह से पेपर किया है,तभी उसे परीक्षक को सौंपें।

5.प्रतियोगी बनने का दृष्टांत (The Vision of Being a Competitor):

  • एक बार एक भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई।प्रतियोगिता का विषय था:संवेदनशील कैसे बनें? प्रतियोगिता स्थल पर प्रतियोगिता प्रारंभ हो गई।प्रतियोगिता के वक्ता इतिहास और संवेदनशील संबंधी पुस्तकों एवं धर्म ग्रंथो के उदाहरण देने लगे।वे महापुरुषों के प्रवचनों का निचोड़ प्रस्तुत कर बताने लगे कि संवेदनशील कैसे बन सकते हैं।
  • प्रतियोगिता में दुनिया-भर के उदाहरण और दृष्टांत प्रस्तुत किए गए।
  • प्रतियोगिता में अपना नाम देने वाला,बहुत ही अच्छा बोलने वाला एक विद्यार्थी उसमें भाग लेने बहुत विलम्ब से पहुंचा।जब प्रतियोगिता के संयोजकों,शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने उस छात्र से विलंब से आने का कारण पूछा,तब उसने बतलाया:मैं इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए समय पर आ रहा था कि रास्ते में मैंने देखा कि एक लड़के को भीषण चोट लग गई है और उसकी बड़ी असहाय अवस्था है।उस विद्यार्थी को चिकित्सालय में योग्य चिकित्सक के पास पहुँचाकर ही यहाँ पहुंच पाया हूँ।देरी से आने का मेरा यही कारण है।
  • प्रतियोगिता में उसी छात्र को प्रथम पुरस्कार दिया गया।उसने भाषण देने के स्थान पर अपनी करनी के द्वारा स्पष्ट कर दिया था कि प्राणियों की सच्ची सेवा करके ही संवेदनशील बना जा सकता है।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में छात्र-छात्राएं अधिक प्रतियोगी कैसे बनें? (How Student to Become More Competitive?),परीक्षा हेतु अधिक प्रतियोगी कैसे बनें? (How to Become More Competitive for Exam?) के बारे में बताया गया है।

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6.जन्मदिन का गिफ्ट (हास्य-व्यंग्य) (Birthday Gift) (Humour-Satire):

  • रीना:मीना,तुम्हें जन्मदिन पर सबसे अच्छा गिफ्ट कौनसा मिला?
  • मीना:यह गणित की पुस्तक।
  • रीना:पर यह सबसे अच्छा कैसे हैं?
  • मीना:क्योंकि इसे हल करने पर मां मुझे रोज ₹10 देती है।

7.छात्र-छात्राएं अधिक प्रतियोगी कैसे बनें? (Frequently Asked Questions Related to How Student to Become More Competitive?),परीक्षा हेतु अधिक प्रतियोगी कैसे बनें? (How to Become More Competitive for Exam?) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.परीक्षा भवन में समस्यामूलक स्थितियां क्या हो सकती हैं? (What Can be the Problematic Situations in the Exam?):

उत्तर:कई बार ऐसा होता है की परीक्षार्थी ने सही ढंग से आराम नहीं किया होता है और जब वह पेपर देखता है,तो उसे लगता है कि उसे कुछ नहीं आता है।परीक्षार्थी के दृष्टिकोण से यह बहुत गंभीर स्थिति है।कोई गोली या पानी पीने या लंबी सांस लेने से तुरंत राहत मिल जाती है।पूर्ण आराम केवल आराम,तनावमुक्ति और नींद से ही मिलता है।अगर स्थिति गंभीर न भी हो,तब भी लंबी सांस लेने और पानी पीने से राहत महसूस होती है।चूँकि दिमाग नियंत्रक अवयव है,इसलिए आत्मविश्वास की कमी होने तथा सही ढंग से तैयारी न करने की वजह से समस्या उत्पन्न होती है।राहत पाने के लिए आपको पहले बताई गई दीर्घकालीन तैयारी का पालन करना चाहिए।

प्रश्न:2.बेहतरीन तैयारी के लिए किनसे सहयोग लें? (Who Should You Help for the Best Preparation?):

उत्तर:चूँकि स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई पाठ्यक्रम के अनुसार और सामूहिक रूप से कराई जाती है इसलिए वह किसी खास प्रतियोगी परीक्षा में व्यक्ति को पारंगत नहीं बना पाती है।इस कमी को दूर करने के लिए,न सिर्फ बड़े शहरों में वरन छोटे शहरों में भी अनगिनत कोचिंग केंद्र खुले हुए हैं।प्रवेश लेने से पहले ठीक प्रकार से पता कर लें।अपने क्षेत्र के संस्थानों में जाएं।छात्रों से बात करें।अध्यापकों के बारे में उनकी राय लें।फीस के बारे में जानकारी लें।कई बार इसे कम भी करवाया जा सकता है।देखें कि आपको सही चीज मिलें।संस्थान चाहे कोई हो,यह जरूरी नहीं है कि वह आपको सफलता दिला ही दे।महत्त्वपूर्ण यह है कि आप कैसे इस प्रशिक्षण का फायदा उठाते हैं और कड़े अभ्यास के द्वारा अपने को किसी खास परीक्षा के लिए तैयार करें।
इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षा पर पत्रिकाएं भी बाजार में उपलब्ध हैं।कई तो पुस्तकालय में भी उपलब्ध होती हैं।अक्सर छात्र-छात्राएं एक-एक पत्रिका ले लेते हैं और समूह में एक दूसरे को देते रहते हैं।इन पत्रिकाओं में आगामी परीक्षाओं की जानकारी,किसी परीक्षा की तैयारी कैसे करें? इस पर लेख,विभिन्न तरह के प्रश्न और पुराने प्रश्न होते हैं जिनका आप अभ्यास कर सकते हैं।
परीक्षा संबंधी अनगिनत पुस्तकें हैं।विषय में फर्क हो सकता है जैसे सीबीएसई की किताबें,एनसीईआरटी,एनबीटी आदि की पुस्तकें।ये पुस्तकें परीक्षा के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकती है।हालांकि खतरा इस बात का होता है कि जो किताबें पाठ्यक्रम का हिस्सा होती हैं,उन्हें पढ़ने के बजाय वे इन पर भरोसा कर लेते हैं।ये किताबें छात्रों को नोट्स बनाने से रोकती हैं।इसी वजह से पढ़ाई उतनी अच्छी नहीं होती जितनी की होनी चाहिए।बिना पूरी पढ़ाई व नोट्स बनाए परीक्षा में अव्वल आना मुश्किल है।
इसके अलावा इंटरनेट सूचना और ज्ञान का एक ऐसा स्रोत है जिसका उपयोग भी आप कर सकते हैं।यद्यपि इंटरनेट बहुत सा ज्ञान प्राप्त करने का अवसर देता है।जिनके पास घर में कंप्यूटर नहीं है,वे साइबर कैफे में जाकर इसका प्रयोग कर सकते हैं।

प्रश्न:3.वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का उत्तर कैसे दें? (How to Answer Objective Questions?):

उत्तर:वस्तुनिष्ठ परीक्षा प्रतियोगी परीक्षाओं में ली जाती है।इन परीक्षाओं में हर विषय की जानकारी और गति की आवश्यकता होती है।इन परीक्षाओं में सही उत्तर और करीब-करीब उत्तर के बीच अंतर होता है।हर परीक्षा में समय सबसे बड़ी बाधा होती है।इसमें गति से उत्तर देने की जरूरत होती है।अच्छे अंक पाने के लिए उत्तर तीन चरणों में दें।पहले चरण में उन प्रश्न के उत्तर दें जिनके सटीक उत्तर पता हो।जिनको हल करके उत्तर दे सकते हैं उन्हें दूसरे चरण में तथा आखिर में मुश्किल प्रश्नों के उत्तर दें।अंक काटने का डर न हो तो बुद्धिमत्ता से अनुमान लगाएं।अभ्यास से सफलता मिलती है,कोशिश करते रहें।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा छात्र-छात्राएं अधिक प्रतियोगी कैसे बनें? (How Student to Become More Competitive?),परीक्षा हेतु अधिक प्रतियोगी कैसे बनें? (How to Become More Competitive for Exam?) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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