5 Spells to Develop Skill for Employee
1.एम्प्लाॅई के लिए हुनर को विकसित करने के 5 मंत्र (5 Spells to Develop Skill for Employee),जाॅब कल्चर को विकसित करने की 5 तकनीक (5 Techniques to Develop Culture):
- एम्प्लाॅई के लिए हुनर को विकसित करने के 5 मंत्र (5 Spells to Develop Skill for Employee) के इस आर्टिकल के अलावा भी अनेक लेख इस साइट पर मिल जाएंगे।दरअसल अपने कौशल को विकसित करने की कला आज के प्रतियोगी युग में लगातार सीखते रहना चाहिए अन्यथा आप पिछड़ जाएंगे।इस लेख में कुछ अतिरिक्त और गुर आपको बताए जा रहे हैं जो आपकी स्किल में और अधिक निखार लाएंगे।
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2.अपने आप में इंप्रूवमेंट करते रहें (Keep improving yourself):
- आप हर दिन अपने आपमें,अपने कौशल में इंप्रूव कब करते रहेंगे,जबकि आपको अपनी कमजोरियों और ताकत का पता रहेगा।अतः अपने व्यक्तित्व की हर बारीक से बारीक खूबियों और कमजोरियों को पहचानें।जहां भी आप जॉब करते हैं वहां स्मार्ट वर्क करें और खूबियों में निखार लाते रहें तथा कमजोरियों को ढूंढ-ढूंढकर निकालते रहें।हर एम्पलाई में कोई ना कोई कमजोरी अवश्य होती है और खूबी भी होती है।आपकी कमजोरियां कोई एक दिन में समाप्त होने वाली नहीं हैं।लेकिन लगातार आप प्रयास करते रहें तो अपनी कमजोरियों को दूर कर सकेंगे।मसलन आपको तकनीक का ज्ञान नहीं है।अब यह तो जाहिर सी बात है कि आधुनिक युग में तकनीक का ज्ञान होना कितना जरूरी है।अतः कंप्यूटर का ज्ञान होने के साथ-साथ ऑफिस वर्क को तकनीक के जरिए निबटाने में आपको अपने कौशल को विकसित करते रहना चाहिए।
- कर्मचारियों के सामने जो समस्याएं आती रहती हैं वे यही तो प्रकट करती है कि उसमें कुछ कमजोरियां हैं याकि वह उनको निपटाने की कला नहीं जानता है।अतः सकारात्मक दृष्टिकोण रखें जिससे समस्याओं को हल करने में बेहतर विचार सामने आएंगे और आपकी वर्क एनर्जी एकजुट रहेगी।वे समस्याएं ही तब आपको अवसर के रूप में नजर आएंगी।नकारात्मकता से वे समस्याएं हमारे अंदर तनाव उत्पन्न करती है और हमारी उर्जा विखंडित हो जाती है और समस्याएं हमारे लिए चुनौती बन जाती हैं।यदि समस्याओं का समाधान आप स्वयं नहीं कर सकते हैं तो अपने सहकर्मियों तथा बॉस के साथ,सीनियर्स के साथ साझा करें,उनसे डिस्कस करें ताकि उनका समाधान निकल सके।यदि उन्हें पता होगा तो वे समस्या का समाधान बताएंगे अन्यथा बहुत बार आपस में डिस्कस से भी समस्या का हल निकल जाता है।
- तनाव से स्वयं पर या दूसरों पर गुस्सा आता है परंतु गुस्सा करने से समस्या को हल करने के विकल्प बंद हो जाते हैं।यदि कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही है तो काम को प्राथमिकता के अनुसार हैंडल करें।जो सबसे ज्यादा जरूरी है उससे पहले निपटायें।समस्या बड़ी है तो उसे टुकड़ों में बाँटकर हल करें।आप अपनी समस्या का हल ऑनलाइन टूल्स की मदद से यथा यूट्यूब वीडियो,वेबसाइट पर भी देखकर हल कर सकते हैं।वर्क लोड या समस्या हल न होने पर तनाव होना स्वाभाविक है अतः इससे चिंतित होने के बजाय समस्या का समाधान ढूंढे और सहज रहने का प्रयास करें।रोजाना ध्यान-योग और योगासन-प्राणायाम करेंगे तो तनाव हावी नहीं होगा,मानसिक संतुलन बना रहेगा।
- अपने आप को इंप्रूव करने के तरीके में केवल आपके द्वारा क्वालिफिकेशन प्राप्त करना ही पर्याप्त नहीं है।बल्कि अपने आप को अपडेट एवं अपग्रेड करते रहें। नेटवर्किंग के संपर्क में रहें।अपने सहकर्मियों और मित्रों से फीडबैक लेते रहें कि कहां कुछ हो रहा है।इससे न केवल आपको नए जॉब्स का पता चलेगा बल्कि नई-नई तकनीक के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती रहेगी और आपकी स्किल इंप्रूव होती रहेगी।अतः अपने सहकर्मियों व बाॅस से संपर्क और तालमेल बनाए रखने से आप प्रोफेशनल नजर आएंगे।आज की दुनिया में लोगों से कटे रहने,एकाकी रहने से नुकसान ही है।
3.कंपनी की सुविधाएँ प्राप्त करें (Keep getting company features):
- हर कर्मचारी को कंपनी कुछ ना कुछ सुविधाएं देती हैं लेकिन इन सब के बारे में वे जानकारी हासिल न कर पाने के कारण परेशान होते हैं तथा दूसरों से सहायता मांगते हैं।कई कंपनियां लोन,मेडिकल सुविधाएं,ट्रैवलिंग एलाउंस,ओवर टाइम अलाउंस,लैपटॉप तथा इंटरनेट जैसी अनेक सुविधाएं कर्मचारियों को मुहैया कराती है और अनेक छोटे-मोटे खर्चों का पेमेंट करती हैं।अतः कंपनी जो भी सुविधाएं देती हैं उनकी जानकारी हासिल करें।कई बार कर्मचारी बीमार होता है तो इलाज के लिए,बच्चों की शिक्षा और शादी वगैराह के अवसर पर उन्हें कुछ महीनों की सैलरी का एडवांस पेमेंट भी करती हैं।अतः ऐसी सुविधाएँ प्राप्त करेंगे तो आपको अनेक परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।अक्सर कर्मचारी ऐसी बातों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में संकोच करते हैं और अपने व्यक्तिगत कार्यों हेतु बाजार से या बैंक से लोन उठाते हैं और उच्च ब्याज दरों का भुगतान करते हैं।
- दरअसल आप ऑफिस एक्टिविटी का हिस्सा बनेंगे,ऑफिस से जीवन्त संबंध रखेंगे तो आप अनेक व्यक्तिगत सुविधाएँ ही नहीं बल्कि जाॅब से संबंधित अनेक सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।ऑफिस में कई बार अनौपचारिक मीटिंग आयोजित की जाती है जिसमें कर्मचारियों की व्यक्तिगत और ऑफिस संबंधित समस्याओं पर चर्चा की जाती है और यथासंभव समस्याओं का तत्काल समाधान भी बताया जाता है।ज्यादातर एम्प्लॉई ऐसी गतिविधियों में भाग नहीं लेते हैं।परंतु उनको ध्यान रखना चाहिए कि ऐसी एक्टिविटी से न केवल तनाव से मुक्ति मिलती है बल्कि आपकी जाॅब से संबंधित और व्यक्तिगत समस्याएं भी हल होती हैं।आपकी स्किल इंप्रूव होती है।आपकी स्किल बढ़ने से कस्टमर को संतुष्ट कर सकेंगे,आप रिलैक्स महसूस करेंगे,आपका वर्क लोड कम होगा और काम के प्रति आपका सकारात्मक रवैया बनेगा।इस प्रकार की अनौपचारिक एक्टिविटी,मीटिंग और प्रोग्राम के अनेक मकसद होते हैं।मसलन एम्प्लॉइज की समस्याओं से अवगत होना और निपटाना,व्यक्तिगत परेशानियों को सुनना और यदि कंपनी की तरफ से कोई सुविधा मुहैया कराकर उसका समाधान किया जा सकता है तो उसे बताना,तनाव कम करना,एंप्लॉईज की स्किल्स और एबिलिटी को बढ़ाना आदि।
- ये सब एक्टिविटी आपके जॉब को आसान करने और पर्सनल लाइफ को सहज करने में मदद करती है साथ ही आपको अधिक सक्षम,समर्थ और योग्य बनाती हैं।आप वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ को हंसी-खुशी और जिंदादिली के साथ जी पाते हैं और आनंद का अनुभव करते हैं।कई एंप्लॉई को आपने देखा होगा कि वे जाॅब को तथा अपनी लाइफ को भार समझते हैं और जीवन को बोझ समझकर व्यतीत करते हैं।जब तक जीना है तब तक जिंदादिली के साथ जिएं तो हम खुद के साथ-साथ औरों को भी खुशी दे सकते हैं,उनके साथ खुशी बांट सकते हैं,औरों की लाइफ को सहज बनाने में मदद कर सकते हैं।
- तनाव,बोझ व निराशा से अपने जीवन को व्यतीत करने से न केवल हम खुद के जीवन को जटिल और बोझिल बनाते हैं बल्कि अन्य लोगों के जीवन में भी तनाव घोलते हैं।दरअसल जिस एंप्लॉई के पास जो होगा,जैसी मानसिकता होगी उसका प्रभाव एम्प्लॉइज और लोगों पर पड़े बिना नहीं रहता है।लैपटॉप,इंटरनेट जैसी सुविधाएं कंपनियां इसलिए उपलब्ध कराती हैं ताकि तकनीक के जरिए आप अपने वर्कलोड को आसान कर सकें,जल्दी निपटा सकें और आप किसी प्रकार का दाब-दबाव महसूस ना करें।
4.जाॅब को आसान करने के कुछ विकल्प (Some options to make jobs easier):
- कुछ एम्प्लॉई ऑफिस में बैठकर जाॅब को करने में सहज महसूस नहीं करते हैं अथवा इमरजेंसी टाइम में ऑफिस में कार्य नहीं कर सकते हैं।जैसे घर का कोई सदस्य बीमार है या घर पर बच्चों को संभालने वाला कोई नहीं है,बूढ़े माता-पिता की परवरिश करनी हो आदि स्थितियों में कई कंपनियां वर्क फ्रॉम होम का विकल्प देती हैं।कई कंपनियां वर्क फ्रॉम होम की सुविधा नहीं देती लेकिन इमरजेंसी में वे भी अनुमति दे देती हैं।
- वर्क फ्रॉम होम को अपनी आदत ना बनाएं परंतु जैसा ऊपर उल्लेख किया जा चुका है कि इमरजेंसी पीरियड के लिए आपको अनुमति मिल जाती है।अतः बार-बार कंपनी से वर्क फ्रॉम होम अनुमति लेकर इसे अपनी आदत न बनाएँ क्योंकि यह तो आप जानते ही हैं कि ज्यादातर कंपनियों की विचारधारा होती है कि जाॅब को कंपनी में रहकर ही बेहतरीन तरीके से निपटाया जा सकता है।कई बार ऑफिस में अप्रत्याशित कार्य करने होते हैं जिन्हें ऑफिस में रहकर ही निपटाया जा सकता है।मसलन सहकर्मी किसी कारणवश लंबी छुट्टी पर चला गया हो तो उसका वर्क आपको या आपके किसी सहकर्मी को ही करने के लिए दिया जाता है,जा सकता है।
- अतः वर्क फ्रॉम होम से कंपनी का काम प्रभावित होता है।बार-बार इमरजेंसी में वर्क फ्रॉम होम की अनुमति लेने पर कंपनी का बाॅस आपकी इस आदत से नाराज होता है और आपकी छवि निगेटिव बनती चली जाती है।बहुत ही रेयर केस में ही वर्क फ्रॉम होम की अनुमति लेनी चाहिए।केवल घर पर लंबी छुट्टियां को एंजॉय करने,पार्टी आयोजित करने,मौज मजे के लिए वर्क फ्रॉम होम की इजाजत लेना ठीक नहीं है।इससे ऑफिस का कल्चर बिगड़ता है क्योंकि आपकी तरह अनेक एम्प्लॉई ऐसे हैं जो वे भी वर्क फ्रॉम होम की डिमांड करने लगेंगे।कोई भी एम्प्लॉई ऑफिस में काम करना पसंद ही नहीं करेगा।अतः केवल अपना ही फायदा न देखें बल्कि कंपनी की साख,कंपनी के एम्प्लॉइज पर पड़ने वाले प्रभाव,कंपनी के कार्यशैली,कंपनी का प्रभावित होने वाला काम आदि पर भी गौर करें।
- एक-दो बार वर्क फ्रॉम होम की इजाजत मिलने के बाद आगे अनुमति न मिलने पर आप अपने स्वार्थ के कारण कंपनी,कम्पनी के बॉस की निंदा करने लगते हैं।यह आपका एकांकी रवैया है।यदि तटस्थ दृष्टिकोण से देखेंगे तो आपको अपनी गलत आदत का एहसास होगा।
- नई जगह जॉब प्राप्त करते समय इस बात का ख्याल रखें कि पुरानी कंपनी में किसी सहकर्मी तथा बाॅस से संबंध खराब ना करें।कई बार नई कंपनी के प्रबंधक पुरानी कंपनी से आपका फीडबैक मांग लेते हैं।यदि आपके संबंध खराब होंगे तो वे आपके बारे में नेगेटिव पिक्चर प्रस्तुत करेंगे,भले ही आप में कितना ही टैलेंट हो और आप लाख नई कंपनी के प्रबंधकों को समझाने की कोशिश करें परंतु आपका इससे नुकसान ही होगा।कहीं भी जॉब करते समय किसी की एक्टिविटी और व्यवहार पसंद नहीं है तो आपको उसे स्पष्ट बता देना चाहिए लेकिन उसके साथ लड़ाई-झगड़ा करना,गलत व्यवहार करना ठीक नहीं है।जैसे किसी-किसी एम्प्लॉई की बातचीत में गाली-गलौज,रूढ़ शब्दों का इस्तेमाल करने की आदत होती है।आपको यह पसंद नहीं है तो उसे बताना चाहिए।फिर भी वह नहीं मानता है तो उसके साथ मेलजोल रखना बंद कर दें परंतु संबंध खराब न करें।प्रोफेशनल लाइफ में अनौपचारिक संबंधों और बिहेवियर का खासा प्रभाव पड़ता है।आपको नए जॉब प्राप्त करने,आपकी कंपनी में तरक्की में,आपको अन्य जिम्मेदारी देने में,आपकी पर्सनेलिटी के निर्माण में,कंपनी की गुड बुक में आने में इसका अहम रोल होता है।
5.कुशल नेतृत्व की तकनीक (Techniques of Efficient Leadership):
- अनौपचारिक चीजों का आपके नेतृत्व को विकसित करने में अहम भूमिका निभाता है जैसे संवेदनशीलता,हेल्पिंग नेचर,समन्वय और सहानुभूति जैसे गुणों का आपके ऑफिस में जॉब को करने में सहज बनाता है,आपका व्यक्तित्व निखरता है।
- आप अपने बॉस व सहकर्मियों के दृष्टिकोण को समझेंगे और उनके दृष्टिकोण का सम्मान करेंगे तो आप तरक्की के एक पायदान ऊपर चढ़ जाएंगे।सहकर्मियों व बाॅस की आलोचना करने के बजाय यदि आपको उनसे कोई शिकायत है तो व्यक्तिगत रूप से अकेले में उनसे कहें।वाद-विवाद न करने के बजाय संवाद करेंगे तो समस्या का समाधान निकलकर आएगा।
- आलोचना करने के बजाय समालोचना करें ताकि आपके प्रति नेगेटिव तस्वीर न बनें और सामने वाले एम्प्लॉई की नजर में आपके प्रति नकारात्मक सोच विकसित नहीं होगी।कोई ट्रेनिंग,सेमिनार,गोष्ठी आदि हो तो उसमें भाग लें ताकि आप अपने जॉब को अच्छी तरह से हैंडल कर सकें।सकारात्मक फीडबैक और आपके काम के नजरिए के प्रति असहमति को सकारात्मक रूप से लें।छोटी-छोटी बातों से ही तो व्यक्तित्व का विकास होता है और आपमें परिपक्वता आती है।यदि आप नेगेटिव बात में से भी सकारात्मकता ढूंढने में कामयाब हो जाएंगे तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है।जैसे आप ऑफिस में अधिक काम करते हैं तो अन्य एम्प्लॉई आपसे कह सकता है कि तुम तो बुद्धू हो।ज्यादा काम करने से आपको ज्यादा वेतन नहीं मिलने वाला है।आप इसका जवाब इस तरह से दे सकते हैं कि बुद्धू और अच्छा एम्प्लॉई घोषित करने का ठेका कंपनी ने आपको दे रखा है क्या? लेकिन इससे आपको यह भी सीख लेनी चाहिए कि ऑफिस में अधिक काम करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि आप बाॅस या सीनियर्स की चमचागिरी करें,उनकी चापलूसी करें,ऐसा करने से बचें।
- उस एम्प्लॉई को थोड़ा साॅफ्ट जवाब देना हो तो इसके अलावा आप यह भी कर सकते हैं कि मुझे अधिक जॉब करने से जॉब सेटिस्फेक्शन मिलता है,अधिक वेतन या बाॅस की गुड बुक में आने के लिए वह ऐसा नहीं करता है।इस तरह जॉब करने का कल्चर विकसित करेंगे तो अन्य एम्प्लॉई भी आपसे सीख लेंगे।याद रखें अच्छे काम की कद्र एक न एक दिन जरूर होती है।जाॅब को बोझ समझकर न करें बल्कि आत्म-संतुष्टि के लिए दिल से जाॅब करें।
- कोई झूठी प्रशंसा करता है तो उससे सावधान रहें।लेकिन जो वाकई में आपको प्रोत्साहित,सराहना करता है तो अपने अंदर अहंकार ना आने दें।यानी आपको सही और गलत एम्प्लॉई की परख करना आना चाहिए।सही प्रोत्साहन,सराहना और पारदर्शिता आपको आगे बढ़ाने में मदद करती है,इसका अर्थ यह नहीं है कि आप अपने आपको बहुत बड़ा समझने लगें।यदि आप निष्पक्ष,तटस्थ नजरिया,संतुलित दृष्टिकोण विकसित करने में लगे रहेंगे तो आप एक टीम लीडर के रूप में निखर कर बाहर आएंगे।इन सब बातों के परिणाम उत्साहवर्धक,बेहतरीन,सुखद और आपके मन को सुकून देने वाले ही निकलेंगे।अच्छी बातों,अच्छे व्यवहार,अच्छे नजरिए,अच्छा कार्य करने की शैली आदि बातों को भले ही तत्काल न पहचाना जाता हो परंतु देर-सबेर उसकी पहचान भी होती है,कद्र भी होती है और तरक्की के अवसर भी मिलते हैं।तात्पर्य यह है कि कुशल नेतृत्व,व्यक्तित्व को निखारने की कुंजी आपमें ही छिपी है।
- उपर्युक्त आर्टिकल में एम्प्लाॅई के लिए हुनर को विकसित करने के 5 मंत्र (5 Spells to Develop Skill for Employee),जाॅब कल्चर को विकसित करने की 5 तकनीक (5 Techniques to Develop Culture) के बारे में बताया गया है।
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6.गुस्से में बाॅस (हास्य-व्यंग्य) (Angry Boss) (Humour-Satire):
- एम्प्लॉई (बॉस से):सर हम आपके केबिन में आते हैं तो इतना गुस्सा क्यों होते हो,आप तो फट पड़ते हो?
- बाॅस:मैं गुस्सा इसलिए होता हूं क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि गुस्से में बाॅस अधिक हैंडसम दिखाई देता है।
7.एम्प्लाॅई के लिए हुनर को विकसित करने के 5 मंत्र (Frequently Asked Questions Related to 5 Spells to Develop Skill for Employee),जाॅब कल्चर को विकसित करने की 5 तकनीक (5 Techniques to Develop Culture) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न:1.जॉब में गलतियों को कैसे सुधारें? (How to correct mistakes in the job?):
उत्तर:अन्य एम्प्लॉइज तथा बाॅस द्वारा की गई आलोचना और नकारात्मक प्रतिक्रिया को देखने का सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने की आदत डालें तो यह आदत आपको गलतियों को सुधारने में मदद करेगी।
प्रश्न:2.अपने आप पर काबू कैसे रखें? (How to control yourself?):
उत्तर:आप अपने जॉब में कितने ही धुरन्धर हो जाएं लेकिन याद रखें हर स्तर पर सीखने की आदत बनाए रखें।अपने आप को शिखर पर होने का अहंकार ना रखें।दूसरों द्वारा दी गई सलाह बुरी लगने लगे तो समझना चाहिए आप गलत दिशा की तरफ बढ़ रहे हैं।पूर्वाग्रह रहित होकर दूसरों की सलाह से सीख लें,अहंकार नहीं रखेंगे तो सलाह बुरी नहीं लगेगी।
प्रश्न:3.ऑनलाइन जॉब की टिप्स बताएं। (Tell me online job tips):
उत्तर:अपने काम पर फोकस रखें,हर दिन कुछ ना कुछ सीखते रहें।कंटेंट में सुधार करते रहें।कंटेंट का SEO (search engine optimization) तथा तकनीक सीखें और अपने जाॅब पर एप्लाई करें।सोशल प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम,ट्विटर,लिंक्डइन पर सक्रिय रहें और अपने कंटेंट को सोशल प्लेटफॉर्म पर शेयर करते रहें।तकनीकी स्किल्स को इंप्रूव करते रहें।
- उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा एम्प्लाॅई के लिए हुनर को विकसित करने के 5 मंत्र (5 Spells to Develop Skill for Employee),जाॅब कल्चर को विकसित करने की 5 तकनीक (5 Techniques to Develop Culture) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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Satyam
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