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3 Tips to Prepare for JEE-Main Exam

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1.जेईईमेन परीक्षा की तैयारी के लिए 3 टिप्स (3 Tips to Prepare for JEE-Main Exam),जेईई-मेन परीक्षा 2023 की तैयारी के लिए बेहतरीन 3 टिप्स (3 Best Tips to Prepare for JEE-Main Exam 2023):

  • जेईईमेन परीक्षा की तैयारी के लिए 3 टिप्स (3 Tips to Prepare for JEE-Main Exam) के आधार पर आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं और अपने भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं।हालांकि जेईई-मेन और जेईई-एडवांस परीक्षा में कुछ अभ्यर्थी ही सफलता प्राप्त कर पाते हैं और शेष सभी अभ्यर्थियों को असफलता मिलती है।
  • आईआईटी इंजीनियरिंग सबसे प्रतिष्ठित सेवा है। इसलिए गणित के अभ्यर्थी की इसमें सफल होने की अभिलाषा मन में होती है।इनमें कुछ अभ्यर्थी आत्म-विश्वास की कमी एवं अन्य कारणों से इसमें सम्मिलित ही नहीं होते हैं जबकि कुछ अभ्यर्थी सही जानकारी और मार्गदर्शन के अभाव में दिशाहीन तैयारी करते हैं।सही मार्गदर्शन के अभाव में तो कई अभ्यर्थी उम्र सीमा को पार कर जाते हैं।जेईई-मेन ऐसी प्रवेश परीक्षा है जिसमें सफल होने पर तो ज्यादा कुछ नहीं मिलता है परंतु असफल होने पर कठिन परिश्रम चौपट हो जाती है।अतः जेईई-मेन में परीक्षा को गम्भीरता से लेना चाहिए।जेईई-मेन में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को दिशाहीनता तथा उहापोह की स्थिति से बचाने तथा उनके अध्ययन की कार्यनीति को सही दिशा देने के लिए कुछ आवश्यक जानकारी दी जा रही है।जिसका उद्देश्य अभ्यर्थियों को सही मार्गदर्शन करना है जिससे वे बिना भटके स्वयं तैयारी कर सके।यह रणनीति एक औसत विद्यार्थी को ध्यान में रखकर तैयार की गई है फिर भी यदि आप ओर भी अन्य जानकारी चाहते हैं तो अवगत कराएं।
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2.निश्चित सफलता की रणनीति (Definite Success Strategy):

  • जेईई-मेन में लाखों अभ्यर्थी भाग लेते हैं।इस परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को मेहनती,सक्षम और जागरूक मान लिया जाता है।परंतु कई अभ्यर्थी कठिन परिश्रम भी करते हैं,वे जागरूक भी रहते हैं,उनमें लगन भी होती है परंतु फिर भी वे सफल नहीं हो पाते हैं।आजकल असफल अभ्यर्थियों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है।ऐसे विद्यार्थी समझ ही नहीं पाते हैं कि कठिन परिश्रम करने के बावजूद कहां गलती हो रही है? मैं सफल क्यों नहीं हो रहा हूं? जब वे अपनी समस्या को सफल छात्र या अनुभवी अध्यापकों को बताते हैं तो वे मेहनत करने की रटी-रटाई सलाह दे बैठते हैं।
  • ऐसी स्थिति में असफल अभ्यर्थी समझ बैठता है कि शायद टाॅपर्स व सफल छात्र-छात्राएं हमसे ज्यादा पढ़ते होंगे।अतः वे अपने पढ़ने के समय को बढ़ा देते हैं लेकिन इसके बावजूद वे फिर भी असफल हो जाते हैं।वस्तुतः इसका कारण है उनका बैकग्राउंड (पृष्ठभूमि) का कमजोर होना,मानसिक संतुलन का अभाव,प्रश्न-पत्र कठिन आने पर अपने मानसिक संतुलन को बनाए रखने की कमी,किसी एक विषय में कमजोर होना ये सभी समस्याएं एक दूसरे से संबंधित हैं और एक की कमी से दूसरी समस्या खड़ी हो जाती है जो आपकी सफलता में बाधक बन जाती है।जैसे यदि आपकी पृष्ठभूमि कमजोर है तो किसी भी सवाल अथवा प्रश्न को हल करने में कुछ ज्यादा समय लेंगे और समय की कमी के कारण बचे हुए समय में सफलता के लायक सवालों और प्रश्नों को हल नहीं पर कर पाएंगे।यह तथ्य आपके मस्तिष्क में आते ही आप मानसिक संतुलन खो देंगे और सवालों या प्रश्नों को हल करने की गति बढ़ा देंगे ताकि सफलता के लायक पर्याप्त सवालों व प्रश्नों को आप बचे हुए समय में हल कर सकें।जब सवालों और प्रश्नों को बिना विचार किए हल करेंगे तो आपकी सफलता संदिग्ध हो जाएगी।
  • अधिकांश अभ्यर्थी जब तैयारी शुरू करते हैं तो मूलभूत (Fundamental) बातों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।मूलभूत बातों को अच्छी तरह सीख लेने पर वे मॉडल पेपर्स के द्वारा पूर्वाभ्यास करते हैं जिससे अपनी क्षमता और मानसिक संतुलन को परखा और बढ़ाया जा सके।अभ्यर्थी से गलती तब होती है जब वे मूलभूत बातों पर उतना ध्यान नहीं देते हैं जितना ध्यान देना चाहिए,मेहनत करनी चाहिए।मूलभूत बातों का थोड़ा सा अभ्यास करके वे समझ लेते हैं कि मूलभूत बातें उसके समझ में आ गई है।लेकिन मूलभूत बातों की जानकारी ही पर्याप्त नहीं है बल्कि मूलभूत बातों में पारंगत होना आवश्यक है।प्रतियोगिता परीक्षा में कम समय में हल करने के लिए यह आवश्यक है।मजबूत आधार अभ्यर्थियों को सवालों तथा प्रश्नों को हल करने के लिए छोटा रास्ता दिखाता है।छोटे रास्ते से समय बचाकर सफलता के लिए आवश्यक सवालों और प्रश्नों को हल कर लेंगे।इसलिए अभ्यर्थी को मूलभूत बातों को समझने और उस पर मजबूत पकड़ कर लेनी चाहिए।मूलभूत बातों की कमजोरी शैक्षिक कक्षाओं में ही दूर कर लेनी चाहिए।यदि मूलभूत बातों पर पकड़ मजबूत नहीं है तो पहले उस पर मजबूत पकड़ करें।

3.मॉडल पेपर्स हल करें (Solve Model Papers):

  • मूलभूत बातों पर पकड़ मजबूत करने के बाद मॉडल पेपर्स को परीक्षा की समयावधि के अनुसार हल करने का पूर्वाभ्यास करें।परीक्षा देते समय जिन नियमों तथा समय सीमा का पालन करते हैं,मॉडल पेपर्स को हल करते समय उन सभी का पालन करें। इससे आपके मानसिक संतुलन में वृद्धि होगी और आप विपरीत परिस्थिति में मानसिक संतुलन नहीं खोएंगे।
  • मॉडल पेपर्स को हल करने पर यह भी मालूम हो जाएगा कि किस प्रकार के टॉपिक पर आधारित सवालों को हल करने में कठिनाई महसूस करते हैं।जिस टाॅपिक पर आधारित सवालों को हल करने में कठिनाई महसूस करते हैं उससे संबंधित विशेष पुस्तक को पढ़कर उस कमजोरी को दूर करें।जब उस टॉपिक पर आधारित पुस्तक से आप पुनरावृत्ति कर लेते हैं और आप कठिनाई महसूस नहीं करते हैं तब उस टॉपिक पर आधारित सवालों और प्रश्नों को हल करें।गलत किए गए सवालों और प्रश्नों की जांच करें।यह पता लगाएं कि गलती मूलभूत बातें समझ में न आने के कारण हुई है या मानवीय भूल के कारण।
  • यदि मूलभूत बातें समझ में न आने के कारण गलती हुई है तो संबंधित टाॅपिक का फिर से गंभीरतापूर्वक अध्ययन करें और उस पर आधारित सवालों और प्रश्नों को हल करके उन पर मजबूत पकड़ करें। यदि गलती मानवीय भूल के कारण हुई है तो माॅडल पेपर्स को हल करते समय मानसिक संतुलन बनाकर शांत रहने की कोशिश करें।कई अभ्यर्थी मानवीय भूल को गंभीरता से नहीं लेते हैं और गलत हल को भी सही मान लेते हैं।वे यह समझ ही नहीं पाते हैं कि मानवीय भूल क्यों हुई? मानवीय भूल यह दर्शाती है कि आप सवालों और प्रश्नों को हल करते समय तनाव में थे।यह तनाव या तो मन की एकाग्रता की कमी के कारण या गलती करने से पहले सवालों वाले सवालों में ज्यादा समय खर्च करने के कारण पैदा हो सकता है।

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4.गणित के प्रश्न-पत्र का स्वरूप (Nature of Mathematics Question Paper):

  • गणित के प्रश्न-पत्र की तैयारी कैसे की जाए,इसके लिए यह जानना है कि प्रश्न-पत्र में सवाल किस स्तर के तथा किस प्रकार के आते हैं? पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों का अध्ययन करने पर यह जानकारी प्राप्त हो सकती है।वैसे तो हर टाॅपिक के प्रश्न व सवालों की संख्या बदलती रहती है इसलिए किसी भी टाॅपिक की उपेक्षा न करके सबकी एक समान तैयारी करनी चाहिए।जेईई-मेन के अभ्यर्थी पढ़ तो बहुत कुछ जाते हैं लेकिन प्रायः उनके अध्ययन की दिशा सही नहीं होती और वे जो पढ़ते हैं उनको पूरी तरह समझ नहीं पाते हैं।दरअसल यह समझना बेहद जरूरी है कि गणित तथा अन्य विषयों के लिए क्या पढ़े और क्या नहीं पढ़ें?
    प्रथम श्रेणी के सवाल:इसमें वस्तुनिष्ठ प्रकार के सवाल होते हैं।ऐसे सवाल सामान्य प्रकृति के होते हैं जिनमें चार विकल्पों में से एक का चयन करना होता है।जैसे:
  • (1.)माना कि ABCD एक ऐसा चतुर्भुज जिसका क्षेत्रफल 18 है,भुजा AB भुजा CD के समांतर है तथा AB=2CD है।माना कि AD,AB एवं CD के लंबवत है।यदि चतुर्भुज के भीतर एक वृत्त सभी भुजाओं को स्पर्श करते हुए खींचा गया है तो वृत्त की त्रिज्या निम्न हैः
    (A)3   (B)2  (C)\frac{3}{2}   (D)1
    द्वितीय श्रेणी:द्वितीय श्रेणी में नकारात्मक प्रकृति के सरल प्रश्न होते हैं।जैसेः
  • (2.)एक सम बहुभुज के लिए माना अंतःवृत्त तथा परिवृत्त की त्रिज्याएँ क्रमशः r तथा R है। निम्नलिखित में से कौन सा प्रकथन मिथ्था है?
    (1.)एक समभुज ऐसा है जिसके लिए \frac{r}{R}=\frac{1}{\sqrt{2}}
    (2.)एक समभुज ऐसा है जिसके लिए \frac{r}{R}=\frac{2}{3}
    (3.)एक समभुज ऐसा है जिसके लिए \frac{r}{R}=\frac{\sqrt{3}}{2}
    (4.)एक समभुज ऐसा है जिसके लिए \frac{r}{R}=\frac{1}{2}
    तृतीय श्रेणी:इस श्रेणी के सवालों और प्रश्नों में विभिन्न तथ्यों को सुमेलित करना होता है।इसमें दो कॉलम दिए हुए होते हैं।प्रत्येक काॅलम में चार या पांच तथ्य होते हैं जिसको सुमेलित करते हुए यह बताना होता है कि प्रथम काॅलम के तथ्य दूसरे काॅलम के किस तथ्य के साथ मेल खाते हैं।जैसेः
  • (3.)काॅलम I में दिए गए वक्तव्यों का कॉलम II में दिए गए गुणधर्मों से सुमेल कराएंः
    कॉलम (I)
    (A) दो परस्पर काटते हुए वृत्तों
    (B) दो परस्पर बाह्य वृत्तों (mutually external circles)
    (C)दो वृत्त जिनमें एक दूसरे के पूर्णतया भीतर (strictly inside) है।
    (D) एक अतिपरवलय (hyperbola) की दो शाखाएँ (branches)
    काॅलम II
    (p) की एक उभयनिष्ठ (common) स्पर्शरेखा है।
    (q) का उभयनिष्ठ अभिलम्ब (normal) है।
    (r)की कोई उभयनिष्ठ स्पर्शरेखा नहीं है।
    (s) का कोई उभयनिष्ठ अभिलम्ब नहीं है
    चतुर्थ श्रेणी :
    इस श्रेणी दो कथन दिए हुए होते हैं।अभ्यर्थी को दिए हुए कूटों के आधार पर उत्तर देना होता है।जैसेः
  • (4.)प्रकथन-1.किसी विशेष क्रम में रखे जाने पर इन चुनी गई संख्याओं के समान्तर श्रेणी में होने की प्रायिकता \frac{1}{85} है।
    प्रकथन-2.चुनी गई चारों संख्याएँ समान्तर श्रेणी में है तो उसके सार्व अन्तर के सभी संभावित मानों का समुच्चय \left\{\pm{1},\pm{2},\pm{3},\pm{4},\pm{5}\right\}
  • (1.)प्रकथन-1 सत्य है, प्रकथन-2 सत्य है,प्रकथन-2,प्रकथन-1 की सही व्याख्या नहीं है।
    (2.)प्रकथन-1 सत्य है, प्रकथन-2 मिथ्या है।
    (3.)प्रकथन-1 मिथ्या है, प्रकथन-2 सत्य है।
    (4.)प्रकथन-1 सत्य है, प्रकथन-2 सत्य है,प्रकथन-2,प्रकथन-1 की सही व्याख्या है।
    पाँचवी श्रेणी:पूर्णांक उत्तर प्रकार के प्रश्नों को हल करके सही बुल्ले को काला करना होता है।जैसेः
  • (5.)सरल रेखा 2x+y=1,अति परवलय \frac{x^{2}}{a^{2}}-\frac{y^{2}}{b^{2}}=1 की स्पर्शी है।यदि यह रेखा निकटतम नियता (eccentricity) तथा x-अक्ष के कटान बिंदु से होकर गुजरती है तो अतिपरवलय की उत्केन्द्रता (eccentricity) है।
    उपर्युक्त आर्टिकल में जेईईमेन परीक्षा की तैयारी के लिए 3 टिप्स (3 Tips to Prepare for JEE-Main Exam),जेईई-मेन परीक्षा 2023 की तैयारी के लिए बेहतरीन 3 टिप्स (3 Best Tips to Prepare for JEE-Main Exam 2023) के बारे में बताया गया है।

5.गणित में मूर्ख (हास्य-व्यंग्य) (Fools in Mathematics) (Humour-Satire):

  • रमेश (कमल से):क्या तुम सच का सामना कर सकते हो?
    कमल:बिल्कुल कर सकता हूं।
  • रमेशःक्या तुम्हारे घर वालों को पता है कि तुम गणित में बिल्कुल मुर्ख हो? तुम्हें गणित में कुछ भी नहीं आता है।

6.जेईईमेन परीक्षा की तैयारी के लिए 3 टिप्स (3 Tips to Prepare for JEE-Main Exam),जेईई-मेन परीक्षा 2023 की तैयारी के लिए बेहतरीन 3 टिप्स (3 Best Tips to Prepare for JEE-Main Exam 2023) से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्नः

प्रश्न:1.विभिन्न प्रकार के प्रश्नों की प्रकृति में क्या अंतर है? (What is the Difference in the Nature of Different Types of Questions?):

उत्तर:चारों विकल्पों में से एक विकल्प के चयन वाले सवाल सरल होते हैं।नकारात्मक सवाल कुछ कठिन प्रकृति के होते है क्योंकि इसमें चारों के बारे में जानकारी होने पर एक असत्य कथन का विकल्प चुना जा सकता है।सुमेलित करने वाले सवाल इनसे भी कठिन प्रकृति के होते हैं क्योंकि अभ्यर्थी को सभी कथनों के बारे में सटीक जानकारी होनी चाहिए।दो प्रकथन वाले सवालों का उत्तर देने के लिए दोनों प्रकथनों के बारे में तो जानकारी होनी ही चाहिए साथ ही अभ्यर्थी में पर्याप्त तार्किक क्षमता भी होनी चाहिए ताकि वह दोनों प्रकथनों में संबंध स्थापित कर सके।पूर्णांक उत्तर वाले सवालों में पूर्ण समझ होनी चाहिए यदि सही समझ और विषय,सूत्रों की जानकारी नहीं है तब तक ऐसे सवालों के उत्तर देना कठिन होगा।

प्रश्न:2.क्या मित्रों के साथ चर्चा करना सही रणनीति है? (Is It the Right Strategy to Discuss with Friends?):

उत्तर:अभ्यर्थी को कठिन टाॅपिक पर अपने मित्रों से चर्चा तथा विचार-विमर्श करना चाहिए।इस तरह से आपकी रुचि बढ़ेगी साथ ही प्रतिस्पर्धा होने से अध्ययन के प्रति लगाव बढ़ता जाएगा।विचार-विमर्श के बाद पढ़ने से सवाल व समस्याओं को आसानी हल किया सकता है।

प्रश्न:3.प्रशन-पत्र को हल करने में कैसी रणनीति अपनाएं? (How to Use Strategy in Solving Question Paper?):

उत्तर:प्रश्न को एक बार जल्दबाजी में पढ़ कर उत्तर देना गलत है।प्रश्न को एक से अधिक बार पढ़कर उत्तर देना चाहिए अन्यथा सरल सा प्रश्न भी गलत हो जाएगा।जिन प्रश्नों के चारों विकल्प सही लग रहे हो उनमें सर्वप्रथम उस विकल्प को ढूंढना चाहिए जो गलत हो।इसके बाद कम गलत उत्तर को छाँटना चाहिए।अंततः बचा हुआ विकल्प ही सही उत्तर होगा।प्रश्नपत्र को हल करते समय एकाग्रता होना बहुत आवश्यक है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा जेईईमेन परीक्षा की तैयारी के लिए 3 टिप्स (3 Tips to Prepare for JEE-Main Exam),जेईई-मेन परीक्षा 2023 की तैयारी के लिए बेहतरीन 3 टिप्स (3 Best Tips to Prepare for JEE-Main Exam 2023) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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