Menu

Statistical Mathematics

Contents hide
2 2.सांख्यिकीय गणित का निष्कर्ष (Conclusion of Statistical Mathematics):

1.सांख्यिकीय गणित (Statistical Mathematics):

  • सांख्यिकीय गणित (Statistical Mathematics) की रचना मैक्सवेल और वोल्ट्जमैन ने की थी।सांख्यिकीय गणित (Statistical Mathematics) का भौतिकी में प्रयोग किया जाता है।
  • न्यूटन ने ग्रहों की गतियों के बारे में नए सिद्धांत स्थापित किए थे।न्यूटन ने बताया कि संसार की हर वस्तु दूसरी वस्तु को आकर्षित करती है।जैसे सूर्य ग्रह को आकर्षित करता है और पृथ्वी चंद्रमा को आकर्षित करती है।इसी नियम के आधार पर न्यूटन ने अपना गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत स्थापित किया था।
  • परंतु गुरुत्वाकर्षण का यह सिद्धांत सभी जगह काम नहीं करता।गैसों में लाखों-करोड़ों (माॅलेक्यूल) होते हैं।ये निरंतर हलचल मचाते रहते हैं।इनकी हलचल का और गैस के दाब तथा तापमान का एक खास संबंध होता है।न्यूटन के गुरूत्वाकर्षण नियम से गैस के इन अणुओं की गति को नहीं समझा जा सकता है।इनकी गतियों को औसत वाले गणित के नियम की सहायता से ही समझा जा सकता है। पिछली शताब्दी में मैक्सवेल,बोल्ट्जमैन आदि वैज्ञानिकों ने ऐसे गणित की रचना की जिसे सांख्यिकीय गणित (Statistical Mathematics) कहते हैं।
  • सांख्यिकी में केवल औसतों पर विचार किया जाता है।जैसे सभी आदमी एक ही उम्र में नहीं मरते।पर कोई भी बीमा कंपनी केवल एक आदमी की मौत पर विचार करके अपना कारोबार नहीं खोलती।वह मृत्यु की औसत आयु का हिसाब करती है।आज के संसार में ऐसे बहुत से व्यवहार हैं जहां केवल औसत के हिसाब करके ही काम चल सकता है।
  • इसी प्रकार भौतिक जगत में भी औसत के नियम के बिना काम नहीं चल सकता।आज के भौतिक विज्ञान में कदम-कदम पर सांख्यिकी यानी औसत के गणित के नियम की आवश्यकता पड़ती है। मैक्सवेल और वोल्ट्जमैन ने ऐसे ही सांख्यिकीय गणित (Statistical Mathematics) की रचना की थी।
  • इसी सदी के आरंभ में परमाणु की खोज शुरू हुई।अल्बर्ट आइंस्टीन संसार के एक महान वैज्ञानिक थे। शुरू से लेकर आज तक के 10 महान वैज्ञानिकों की भी एक सूची बनानी पड़े तो उस सूची में आइंस्टीन का नाम जरूर रखना होगा। आइंस्टीन ने आपेक्षिकता के सिद्धांत को जन्म दिया।इस सिद्धांत ने मानव के विचारों में क्रांतिकारी रद्दोबदल की।इस सिद्धांत ने विज्ञान को एकाएक बहुत आगे बढ़ा दिया।
  • आइंस्टीन ने बता दिया कि परमाणु के भीतर कितनी शक्ति छुपी हुई है। लेकिन परमाणु भी अखंड नहीं है।इसके भीतर वैज्ञानिकों ने अब तक करीब 100 परमाणु कणों की खोज की।इन परमाणु-कणों की गतियां और गुणधर्म भी बड़े विचित्र हैं।इनकी गति पर न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम नहीं बल्कि सांख्यिकीय गणित (Statistical Mathematics) के नियम लागू होते हैं।पर मैक्सवेल-बोल्ट्जमैन की सांख्यिकी भी इनके लिए अधूरी सिद्ध हुई।इस बात को डाॅ. सत्येन्द्रनाथ बसु ने जाना और उन्होंने सांख्यिकी के नए सूत्र तैयार करके दिए।
  • आइंस्टीन के सिद्धांत में कुछ संशोधन करना या इस सिद्धांत में कुछ नया जोड़ना तो ओर भी बड़ी बात थी।डाॅ. सत्येंद्रनाथ बसु ने ऐसा ही कमाल करके दिखाया। आइंस्टीन के सिद्धांत का गणित बहुत कठिन है।आइंस्टीन के कुछ गणितीय सूत्रों के स्थान पर डाॅ.बसु ने कुछ नए सूत्रों का सुझाव दिया।
  • आइंस्टीन डाॅ. बसु के इन नए सूत्रों को देखकर चकित रह गए।उन्होंने सारे संसार के सामने स्वीकार किया कि उनके सूत्रों से डॉक्टर सत्येंद्रनाथ बसु के सूत्र बेहतर हैं।इतना ही नहीं उन्होंने इन सूत्रों के अपने नाम के साथ डॉक्टर बसु का नाम भी जोड़ दिया।आज भौतिक विज्ञान में ये गणितीय सूत्र ‘बसु-आइंस्टीन सांख्यिकी’ के नाम से प्रसिद्ध है।’बसु-आइंस्टीन सांख्यिकी’ क्वांटम भौतिकी के क्षेत्र के अनुसंधान के लिए बुनियादी गणितीय साधन बन गई है।
  • उच्च भौतिकी का कोई भी ग्रंथ उठाकर देख लीजिए उसमें आइंस्टीन के साथ सत्येंद्रनाथ बसु का नाम अवश्य मिलेगा।एक भारतीय वैज्ञानिक के लिए यह सचमुच बड़े गौरव की बात है।
  • सन् 1924 के बाद परमाणु के बारे में बहुत-सी नई बातें खोजी गई।परमाणु के भीतर अपार ऊर्जा का भंडार खोजा गया।एटम बम बने। हाइड्रोजन बम बने।परमाणु ऊर्जा से अब बिजली पैदा की जा सकती है,जहाज चलाए जा सकते हैं।परंतु परमाणु के बारे में अब भी बहुत सी बातें रहस्यमय है।इसके भीतर सौ से ऊपर परमाणु-कण खोजे गए हैं।इनकी गतिविधियां बड़ी विचित्र है।इनकी गतिविधियों और गुणधर्मों के अनुसार वैज्ञानिकों ने अब इन परमाणु-कणों को दो वर्गों में बांटा है।एक वर्ग के परमाणु कणों को डॉक्टर बसु के नाम पर बोसान और दूसरे वर्ग को प्रख्यात वैज्ञानिक एनरिको फर्मी के नाम पर फर्मिऑन नाम दिया गया है।
  • डॉ. बसु का प्रमुख शोध कार्य सैद्धांतिक भौतिकी से संबंधित है।इस विषय में उच्च गणित की भरमार रहती है।डॉक्टर बसु न केवल भौतिकवेत्ता बल्कि उच्च कोटि के गणितज्ञ थे।इसके अलावा उन्होंने कई अन्य विषयों में भी शोध कार्य किया है। आइंस्टीन ने आपेक्षिकता के सिद्धांत के बाद एक नए सिद्धांत पर काम किया था।इसे क्षेत्र सिद्धांत (फील्ड थ्योरी) कहते हैं।डाॅ.बसु ने इस सिद्धांत पर भी शोध कार्य किया है।
  • आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें ।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके ।यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए ।आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं। इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

Also Read This Article-Mathematics is as beautiful as art

2.सांख्यिकीय गणित का निष्कर्ष (Conclusion of Statistical Mathematics):

  • अंग्रेजी शासन के समय भारत में आधुनिक शिक्षा प्रारंभ हुई तो भारतीय प्रतिभाओं को विदेशों विशेषकर यूरोप में हो रहे शोध कार्यों का परिचय हुआ।भारतीय प्रतिभाओं को यूरोप के कोपरनिकस,केप्लर,न्यूटन,गैलीलियो,आइंस्टीन इत्यादि वैज्ञानिकों की खोजों का परिचय हुआ।
  • दरअसल सन् 1609 में गैलीलियो ने पहली दूरबीन बनाई,इसके कारण विज्ञान में तेजी से प्रगति हुई। जेम्स वाट ने भाप का इंजन का आविष्कार किया।इन सभी वैज्ञानिकों का अध्ययन करने पर भारतीय प्रतिभाओं को आधुनिक विज्ञान को भारतीय परंपरा में डालने की आवश्यकता महसूस हुई क्योंकि भारत तेजी से तभी आगे बढ़ सकता है।
  • आइंस्टीन का आपेक्षिकता का सिद्धांत प्रकाशित हुआ तो कहा जा सकता है कि उस समय उसे समझने वाले संसार में बहुत कम विद्वान थे।एक कारण तो यह है कि आइंस्टीन ने एकदम नए विचार दुनिया के सामने रखे थे। बसु ने उनके इसी सिद्धांत में नई बातें खोजी थी।स्पष्ट है कि डॉ. बसु का यह गणित भी बहुत कठिन है।
  • पुराने समय में यूनान और भारत में विज्ञान को जानने व समझने के लिए कामचलाऊ गणित की खोज की थी।परंतु आज विज्ञान की खोज के लिए वैज्ञानिक को गणितशास्त्र के साथ-साथ रसायन और भौतिकी को जानना व समझना भी आवश्यक हो गया है।क्योंकि विज्ञान के विषय दिनों-दिन जटिल होते जा रहे हैं। विज्ञान में आज जो नई-नई बातें खोज की जा रही हैं,उनको समझना सामान्य आदमी के लिए मुश्किल होता जा रहा है।विज्ञान और सामान्य जनता के बीच इसी कारण खाई पैदा हो गई है।
  • इसलिए आज भारत की प्रतिभाओं तथा वैज्ञानिकों के लिए यह आवश्यक हो गया है कि विज्ञान की इन खोजों को सामान्य विद्यार्थी तथा सामान्य जनता को समझाने व विज्ञान तथा लोगों के बीच की खाई को पाटने के लिए विज्ञान को सरल भाषा में लिखा जाए।
  • आज ग्रामीण जनता हिंदी व क्षेत्रीय भाषाओं को ठीक तरह से जानती व समझती है।जबकि विज्ञान के अधिकांश शोध अंग्रेजी,जर्मन,फ्रांसीसी,रूसी इत्यादि विकसित देशों की भाषाओं में लिखे जाते हैं।
  • हमारे देश में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाओं का भंडार है।परंतु प्रतिभाओं की प्रतिभा को निखारने व उभारने के लिए उन्हें उनकी भाषा में ही गणित व विज्ञान विषय को लिखा व समझाया जाए जिससे वे आगे बढ़ सके और भारत को प्रतिभाओं का लाभ मिल सके।हालांकि भारत स्वतंत्र होने के बाद गणित व विज्ञान के क्षेत्र में काफी काम हुआ है परंतु अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुकाबले में आने के लिए अभी बहुत कुछ करना है।

Also Read This Article-How Ancient Indian Art Utilizes Mathematics?

3.सांख्यिकीय गणित (Statistical Mathematics) के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.सांख्यिकी गणित क्या है उदाहरण सहित? (What is Statistics math with examples?):

उत्तर:एक आँकड़ा एक संख्या है जो नमूने के एक गुणधरू का प्रतिनिधित्व करती है। उदाहरण के लिए,यदि हम एक गणित वर्ग को सभी गणित वर्गों की जनसंख्या का एक नमूना मानते हैं,तो सत्र के अंत में उस एक गणित कक्षा में छात्रों द्वारा अर्जित अंकों की औसत संख्या एक आँकड़ों का एक उदाहरण है।

प्रश्न:2.गणित में सांख्यिकीय का क्या अर्थ होता है? (What does statistical mean in math?):

उत्तर:1: गणित की एक शाखा जो संख्यात्मक डेटा के संग्रह,विश्लेषण,व्याख्या और प्रस्तुति से संबंधित है।2: मात्रात्मक डेटा का संग्रह।

प्रश्न:3.सांख्यिकी के 3 प्रकार कौन से हैं? (What are the 3 types of statistics?):

उत्तर:गणित में सांख्यिकी के प्रकार
वर्णनात्मक आँकड़े‌ (Descriptive statistics)
आनुमानिक आंकड़े (Inferential statistics)

प्रश्न:4.सांख्यिकी का उदाहरण क्या है? (How do you do statistics in math?):

उत्तर:एक आँकड़ा एक संख्या है जो नमूने की एक गुणधर्म का प्रतिनिधित्व करती है।उदाहरण के लिए, यदि हम गणित की एक कक्षा को सभी गणित कक्षाओं की जनसंख्या का एक नमूना मानते हैं, तो सत्र के अंत में उस एक गणित कक्षा में छात्रों द्वारा अर्जित अंकों की औसत संख्या एक आंकड़े का एक उदाहरण है।

प्रश्न:5.आंकड़े सीखने लायक क्यों हैं? (Why is it worth to learn statistics?):

उत्तर:आंकड़ों का क्षेत्र डेटा से सीखने का विज्ञान है।सांख्यिकीय ज्ञान आपको डेटा एकत्र करने, सही विश्लेषण करने और परिणामों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने के लिए उचित तरीकों का उपयोग करने में मदद करता है।आंकड़े आपको किसी विषय को अधिक गहराई से समझने की अनुमति देते हैं।

प्रश्न:6.सांख्यिकी गणित हैं? (Are statistics math?):

उत्तर:परिचय।सांख्यिकी विज्ञान का एक गणितीय निकाय है जो संग्रह,विश्लेषण,व्याख्या या स्पष्टीकरण और डेटा की प्रस्तुति या गणित की एक शाखा के रूप में संबंधित है।कुछ लोग सांख्यिकी को गणित की एक शाखा के बजाय एक विशिष्ट गणितीय विज्ञान मानते हैं।
गणितीय सांख्यिकी सांख्यिकी के अनुशासन का एक प्रमुख उपसमुच्चय है।सांख्यिकीय सिद्धांतवादी गणित के साथ सांख्यिकीय प्रक्रियाओं का अध्ययन और सुधार करते हैं और सांख्यिकीय शोध अक्सर गणितीय प्रश्न उठाते हैं।सांख्यिकीय सिद्धांत संभाव्यता और निर्णय सिद्धांत पर निर्भर करता है।

प्रश्न:7.सांख्यिकीय प्रश्नों के उदाहरण क्या हैं? (What are examples of statistical questions?):

उत्तर:एक सांख्यिकीय प्रश्न प्रतिक्रिया में परिवर्तनशीलता का अनुमान लगाता है और डेटा एकत्र करके इसका उत्तर दिया जा सकता है।  उदाहरण: “छठी कक्षा के छात्र आमतौर पर प्रत्येक सप्ताह टीवी देखने में कितने मिनट लगाते हैं?” हां, यह एक सांख्यिकीय प्रश्न है।

प्रश्न:8.सांख्यिकी के चार प्रकार कौन से हैं? (What are the four types of statistics?):

उत्तर:चार प्रमुख प्रकार के वर्णनात्मक आंकड़े हैं:
आवृत्ति के माप (Measures of Frequency): * गणना (Count),प्रतिशत(Percent),आवृत्ति।
केंद्रीय प्रवृत्ति के माप (Measures of Central Tendency)।* माध्य,माध्यिका और बहुलक।
प्रसरण या विचलन के माप (Measures of Dispersion or Deviation)।* रेंज,विचरण,मानक विचलन।
स्थिति के माप (Measures of Position)। * परसेंटाइल रैंक,क्वार्टाइल रैंक।

प्रश्न:9.सांख्यिकी के 4 मूल तत्व क्या हैं? (What are the 4 basic elements of statistics?):

उत्तर:पांच शब्द जनसंख्या,नमूना,पैरामीटर, सांख्यिकीय (एकवचन) और चर आँकड़ों की मूल शब्दावली बनाते हैं।

प्रश्न:10.हम रोजमर्रा की जिंदगी में आँकड़ों का उपयोग कहाँ करते हैं? (Where do we use statistics in everyday life?):

उत्तर:वास्तविक जीवन में सांख्यिकी की भूमिका
चिकित्सा अध्ययन।सभी चिकित्सा अध्ययनों के पीछे सांख्यिकी का उपयोग किया जाता है।
मौसम की भविष्यवाणी या पूर्वानुमान।अवलोकन, विश्लेषण और गणितीय भविष्यवाणी मॉडल के लिए आंकड़े बहुत महत्वपूर्ण हैं।
गुणवत्ता परीक्षण।
शेयर बाजार।
उपभोक्ता वस्तुओं।

प्रश्न:11.हम गणित में सांख्यिकी का अध्ययन क्यों करते हैं? (Why do we study statistics in mathematics?):

उत्तर:आँकड़ों का उपयोग इन प्रणालियों के बारे में हमारे पास मौजूद बड़ी मात्रा में डेटा का अध्ययन करने और पैटर्न खोजने के लिए किया जा सकता है।गणितीय और सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग हिमनदों की गति,भूकंपीय घटनाओं और सुनामी जैसी विविध चीजों को समझने और भविष्यवाणी करने के लिए किया जा सकता है।

प्रश्न:12.सांख्यिकी के नुकसान क्या हैं? (What are the disadvantages of statistics?):

उत्तर:आँकड़ों की 8 मुख्य सीमाएँ:
गुणात्मक पहलू पर ध्यान नहीं दिया गया (Qualitative Aspect Ignored)।
यह व्यक्तिगत वस्तुओं से संबंधित नहीं है।
यह घटना की पूरी कहानी को चित्रित नहीं करता है।
यह गलत होने के लिए उत्तरदायी है।
कानून सटीक नहीं हैं।
जहां तक ​​आंकड़ों से संबंधित दो मौलिक कानूनों का संबंध है।
परिणाम केवल औसतन सत्य हैं।

प्रश्न:13.कौन से क्षेत्र सांख्यिकी का उपयोग करते हैं? (What fields use statistics?):

उत्तर:अब सांख्यिकी उद्योग,वाणिज्य,व्यापार, भौतिकी,रसायन विज्ञान,अर्थशास्त्र,गणित,जीव विज्ञान,वनस्पति विज्ञान,मनोविज्ञान,खगोल विज्ञान, आदि सहित लगभग हर क्षेत्र में एक केंद्रीय स्थान रखती है,इसलिए सांख्यिकी का अनुप्रयोग बहुत व्यापक है।

प्रश्न:14.सांख्यिकीय विश्लेषण के 5 बुनियादी तरीके क्या हैं? (What are the 5 basic methods of statistical analysis?):

उत्तर:यह सांख्यिकीय विश्लेषण के लिए सही तरीकों का उपयोग करने के लिए नीचे आता है,इस तरह हम पैटर्न और प्रवृत्तियों को उजागर करने के लिए डेटा के नमूने संसाधित और एकत्र करते हैं।  इस विश्लेषण के लिए, चुनने के लिए पाँच विकल्प हैं: माध्य(Mean), मानक विचलन(Standard Deviation), प्रतिगमन (Regression),परिकल्पना (Hypothesis Testing) परीक्षण और नमूना आकार निर्धारण (Sample Size Determination)।

प्रश्न:15.सांख्यिकी की मूल बातें क्या हैं? (What are the basics of statistics?):

उत्तर:औसत (या “माध्य”) मान और “मानक विचलन” आदि कुछ अच्छी तरह से ज्ञात आंकड़े हैं। मानक विचलन औसत मूल्य के आसपास सेट किए गए डेटा के भीतर परिवर्तनशीलता है।परिवर्तन मानक विचलन का वर्ग होता है। रैखिक प्रवृत्ति डेटा “सांख्यिकी” का एक और उदाहरण है।

प्रश्न:16.क्या सांख्यिकी गणित के समान है? (Is statistics the same as math?):

उत्तर:गणित अंतरिक्ष (Space),माप (Measures) और संरचनाओं (Structure) को उनके मूल रूप (Rudimentary) में समझने से संबंधित है जबकि सांख्यिकी केवल कच्चे डेटा के संग्रह (Collection),छंटाई (Sorting),व्याख्या (Interpretation) और प्रतिनिधित्व (Representation) से संबंधित है।

प्रश्न:17.सांख्यिकी की मुख्य सीमाएँ क्या हैं? (What are the main limitation of statistics?):

उत्तर:आंकड़े केवल समूहों और समुच्चय से संबंधित हैं।(2.)सांख्यिकीय तरीके मात्रात्मक डेटा पर सर्वोत्तम रूप से लागू होते हैं।(3.)आंकड़े विषम डेटा पर लागू नहीं किए जा सकते।(4.)यदि डेटा एकत्र करने (Collecting),विश्लेषण करने (Analysing) और व्याख्या (Interpreting) करने में पर्याप्त सावधानी नहीं बरती जाती है,तो सांख्यिकीय परिणाम भ्रामक हो सकते हैं।

प्रश्न:18.सांख्यिकीय विधियों का क्या लाभ है? (What is the advantage of statistical methods?):

उत्तर:परिणामों की विश्वसनीयता को मापने के लिए इसे व्यावहारिक बनाने की तुलना में सांख्यिकीय विधियों ने हमारे लिए अधिक काम किया है।  उन्होंने परीक्षण तकनीक के तरीके प्रदान किए हैं और अधिक कुशल और अधिक व्यापक प्रयोगों के डिजाइन को संभव बनाया है।

प्रश्न:19.क्या सांख्यिकी एक अच्छा करियर है? (Is statistics a good career?):

उत्तर:यह करियर भारत और विदेशों में भी नौकरी के बेहतरीन अवसर प्रदान करता है।आज के जॉब मार्केट में सांख्यिकीविदों और उनके विश्लेषणात्मक कौशल की अत्यधिक मांग है।आंकड़ों का अध्ययन पूरा करने के बाद,आप सिविल सेवा,भारतीय सांख्यिकीय सेवाओं और भारतीय आर्थिक सेवा परीक्षाओं के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

प्रश्न:20.क्या सांख्यिकीविद् मांग में हैं? (Are statisticians in demand?):

उत्तर:नौकरी का दृष्टिकोण
सांख्यिकीविदों (Statisticians) का रोजगार 2019 से 2029 तक 35 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है,जो सभी व्यवसायों के औसत से बहुत तेज है।व्यापार, स्वास्थ्य देखभाल और नीतिगत निर्णयों को सूचित करने के लिए सांख्यिकीय विश्लेषण (Statistical analysis) के अधिक व्यापक उपयोग के परिणामस्वरूप विकास की उम्मीद है।

प्रश्न:21.आप आंकड़े कैसे शुरू करते हैं? (How do you start statistics?):

उत्तर:चरण 1: वर्णनात्मक आंकड़े सीखें।यूडेसिटी से वर्णनात्मक आंकड़ों पर यूडेसिटी कोर्स।
चरण 2: अनुमान संबंधी आंकड़े जानें।Udacity से अनुमानित आंकड़ों पर पाठ्यक्रम से गुजरें।
चरण 3: प्रेडिक्टिव मॉडल (एसएएस पर एनोवा, लीनियर और लॉजिस्टिक रिग्रेशन सीखना)

प्रश्न:22.साइट आँकड़े न होने के क्या नुकसान हैं? (What are the disadvantages of having no site statistics?
):

उत्तर:साइट आंकड़े अक्सर ग्राफ़िकल या संख्या स्वरूपों में प्रस्तुत किए जाते हैं।साइट के आँकड़ों के बिना,व्यवसाय के स्वामी अपने व्यवसाय के मार्केटिंग पहलुओं में अंधे हो जाएंगे।उन्हें यह नहीं पता होगा कि उनके द्वारा लॉन्च या बनाए गए किसी ईवेंट या विज्ञापन के बाद उनकी वेबसाइट पर उन्हें कितनी विज़िट मिलीं।

उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा सांख्यिकीय गणित (Statistical Mathematics) के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

No. Social Media Url
1. Facebook click here
2. you tube click here
3. Instagram click here
4. Linkedin click here
5. Facebook Page click here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *