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Quantiles in Statistics

1.सांख्यिकी में क्वांटाइल्स (Quantiles in Statistics),सांख्यिकी में विभाजन मूल्य (Quantiles Statistics):

सांख्यिकी में क्वांटाइल्स(Quantiles in Statistics) मध्यका के सिद्धान्त पर आधारित हैं।मध्यका समंक श्रेणी को दो बराबर भागों में विभाजित करता है।मध्यका के सिद्धान्त के आधार पर समंक माला को चार, पाँच, आठ, दस या सौ बराबर भागों में बाँटा जा सकता है।श्रेणी को अनेकों भागों में विभक्त करने वाले मूल्यों को विभाजन मूल्य (Partition Values or Quantiles) कहते हैं।चार बराबर भागों में बाँटने वाले मूल्य चतुर्थक (Quartiles),पाँच बराबर भागों में बाँटनेवाले मूल्य पंचमक (Quintiles),आठ भागों में विभक्त करनेवाले मूल्य अष्टमक (Octiles),दस बराबर भागों में बाँटने वाले मूल्य दशमक (Deciles) तथा सौ भागों में विभक्त करनेवाले मूल्य शतमक (Percentiles) कहलाते हैं।एक समंक-माला में कुल 3 चतुर्थक,4 पंचमक,7 अष्टमक,9 दशमक तथा 99 शतमक होते हैं जिनमें से दूसरे चतुर्थक, चौथे अष्टमक, पाँचवें दशमक अथवा पचासवें शतमक का मूल्य मध्यका मूल्य के बराबर ही होता है।इन मापों की गणना करने हेतु निम्न सूत्रों का प्रयोग किया जाता है:

माप व्यक्तिगत श्रेणी  खण्डित श्रेणी  अखण्डित श्रेणी (Continuous Series)
  (Individual Series) (Discrete Series) पद ज्ञात करना  सूत्रों का प्रयोग करना
  Size of the item Size of the item Size of the item Formula
Q_{1} \frac{N+1}{4} \frac{N+1}{4} \frac{N}{4} Q_{1}=l+\frac{i}{f}(q_{1}-c)
Q_{3} \frac{3(N+1)}{4} \frac{3(N+1)}{4} \frac{3N}{4} Q_{3}=l+\frac{i}{f}(q_{3}-c)
Q_{n_{1}} \frac{(N+1)}{5} \frac{(N+1)}{5} \frac{N}{5} Q_{n_{1}}=l+\frac{i}{f}(q_{n_{1}}-c)
Q_{n_{2}} \frac{2(N+1)}{5} \frac{2(N+1)}{5} \frac{2N}{5} Q_{n_{2}}=l+\frac{i}{f}(q_{n_{2}}-c)
Q_{n_{4}} \frac{4(N+1)}{5} \frac{4(N+1)}{5} \frac{4N}{5} Q_{n_{4}}=l+\frac{i}{f}(q_{n_{4}}-c)
O_{1} \frac{(N+1)}{8} \frac{(N+1)}{8} \frac{N}{8} O_{1}=l+\frac{i}{f}(o_{1}-c)
O_{3} \frac{3(N+1)}{8} \frac{3(N+1)}{8} \frac{3N}{8} O_{3}=l+\frac{i}{f}(o_{3}-c)
O_{5} \frac{5(N+1)}{8} \frac{5(N+1)}{8} \frac{5N}{8} O_{5}=l+\frac{i}{f}(o_{5}-c)
O_{7} \frac{7(N+1)}{8} \frac{7(N+1)}{8} \frac{7N}{8} O_{7}=l+\frac{i}{f}(o_{7}-c)
D_{1} \frac{(N+1)}{10} \frac{(N+1)}{10} \frac{N}{10} D_{1}=l+\frac{i}{f}(d_{1}-c)
D_{3} \frac{3(N+1)}{10} \frac{3(N+1)}{10} \frac{3N}{10} D_{3}=l+\frac{i}{f}(d_{3}-c)
D_{4} \frac{4(N+1)}{10} \frac{4(N+1)}{10} \frac{4N}{10} D_{4}=l+\frac{i}{f}(d_{4}-c)
D_{7} \frac{7(N+1)}{10} \frac{7(N+1)}{10} \frac{7N}{10} D_{7}=l+\frac{i}{f}(d_{7}-c)
D_{9} \frac{9(N+1)}{10} \frac{9(N+1)}{10} \frac{9N}{10} D_{9}=l+\frac{i}{f}(d_{9}-c)
P_{30} \frac{30(N+1)}{100} \frac{30(N+1)}{100} \frac{30N}{100} P_{30}=l+\frac{i}{f}(p_{30}-c)
P_{76} \frac{76(N+1)}{100} \frac{76(N+1)}{100} \frac{76N}{100} P_{76}=l+\frac{i}{f}(p_{76}-c)
P_{99} \frac{99(N+1)}{100} \frac{99(N+1)}{100} \frac{99N}{100} P_{99}=l+\frac{i}{f}(p_{99}-c)

दिए गए चिन्हों का अर्थ इस प्रकार है:

Q_{1}=First Quartile

Q_{3}=Third Quartile

Q_{n_{1}}=First Quintile

Q_{n_{2}}=Second Quintile

Q_{n_{4}}=Fourth Quintile

O_{1}=First Octile

O_{3}=Third Octile

O_{5}=Fifth Octile

O_{7}=Seventh Octile

D_{1}=First Decile

D_{3}=Third Decile

D_{4}=Fourth Decile

D_{7}=Seventh Decile

D_{9}=Ninth Decile

P_{30}=Percentile Thirty

P_{76}=Percentile Seventysixth 

P_{99}=Percentile Ninety-nine
i=Class interval of the related class
f=Frequency of the related group in which the relevant value lies
c=Cumulative frequency of the preceedings class of the related group
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2.सांख्यिकी में क्वांटाइल्स के साधित उदाहरण (Quantiles in Statistics Solved Examples):

Example:1.निम्न बंटन में बहुलक,मध्यका व चतुर्थकों के मान ज्ञात कीजिए।
(Determine the mode,median and quartiles in the following distribution):

Class Frequency
0-2 1
2-3 2
3-6 1
6-8 4
8-11 3
11-12 5
12-15 18
15-18 7
18-20 12
20-22 10
22-24 8
24-29 11
29-30 9
30-34 6
34-36 3

Solution:सर्वप्रथम श्रेणी को समान अन्तर वाले वर्गान्तर में परिवर्तित करने पर:

Class Frequency संचयी आवृत्ति(cf)
0-6 4 4
6-12 12 16
12-18 25 41
18-24 30 71
24-30 20 91
30-36 9 100
Total 100  

सबसे अधिक बारम्बारता 30 है अतः बहुलक वर्ग 18-24
l=18, \quad i=24-18=6, f_{0}=25, f_{1}=30, f_{2}=20
बहुलक Z=l+\frac{f_{1}-f_{0}}{2 f_{1}-f_{0}-f_{2}} \times i \\ =18+\frac{30-25}{2 \times 30-25-20} \times 6 \\ =18+\frac{5}{60-45} \times 6 \\ Z=18+\frac{30}{15} \\ \Rightarrow Z=18+2 \\ \Rightarrow Z=20 \\ \frac{N}{2}=\frac{100}{2}=50
50 आवृत्ति प्रथम बार 71 संचयी आवृत्ति में शामिल है अतः मध्यका वर्ग 18-24 है।
l=18, \quad i=24-18=6, m=\frac{N}{2}=50\\ c=41, f=30\\ M=l+\frac{i}{f}(m-c)\\ =18+\frac{6}{30}(50-41) \\=18+\frac{1}{5} \times 9\\=18+\frac{9}{5}\\=18+1.8 \\ \Rightarrow M=19.8 \\ q_{1}=\frac{N}{4}=\frac{100}{4}=25
अतः यह 12-18 वर्ग के अन्तर्गत संचयी आवृत्ति में शामिल है।

l=12,i=18-12=6,f=25,c=16 \\ Q_{1} =l+\frac{i}{f}\left(q_{1}-c\right) \\ =12+\frac{6}{25}(25-16) \\=12+\frac{6 \times 9}{25} \\=12+\frac{54}{25} \\=12+2.16 \\ Q_{1} =14.16 \\ q_{3} =\frac{3 N}{4}=\frac{3 \times 100}{4}=75
यह 24-30 वर्ग की संचयी आवृत्ति में शामिल है अतः l=24,i=30-24=6,f=20,c=71 \\ Q_{3} =l+\frac{i}{f}\left(q_{3}-c\right) \\=24+\frac{6}{20}(75-71) \\=24+\frac{3}{10} \times 4 \\=24+\frac{6}{5} \\=24+1.2 \\ \Rightarrow Q_{3} =25.2
Example:2.

Weekly Wages($) No. of Persons
25-26 25
26-27 0
27-28 210
28-29 275
29-30 430
30-31 550
31-32 340
32-33 130
33-34 90
34-35 55
35-36 25
Total 2200

(i)सर्वाधिक प्रचलित मजदूरी क्या है?
(What is the most usual wages?)
(ii)मध्यका पगार क्या है?
(What is the median wage?)
(iii)मध्य के 50% श्रमिकों की पगार सीमाएँ निर्धारित कीजिए।
(Determine the wage limits of the middle 50% workers.)
Solution:

Weekly Wages($) No. of Persons(f) संचयी आवृत्ति(cf)
25-26 25 25
26-27 0 25
27-28 210 235
28-29 275 510
29-30 430 940
30-31 550 1490
31-32 340 1830
32-33 130 1960
33-34 90 2050
34-35 55 2105
35-36 25 2130
Total 2130  

सबसे अधिक बारम्बारता 50 है अतः बहुलक वर्ग 30-31 है।
l=30,i=31-30=1 ,f_{0}=430, f_{1}=550 \\ f_{2}=340
बहुलक =l+\frac{f_{1}-f 0}{2f_{1}-f_{0}-f_{2}} \times i\\ =30+\frac{550-430}{2 \times 550-430-340} \times 1\\=30+\frac{120}{1100-770}\\ =30+\frac{120}{330}\\ =30+0.363 \\ \Rightarrow Z \approx 30.36 \\ \frac{N}{2}=\frac{2130}{2}=1065
1065 संचयी आवृत्ति 1490 में पहली बार शामिल हुई है अतः मध्यका वर्ग 30-31 है।
l=30, m=\frac{N}{2}=1065, \quad i=31-30=1, f=550, c=940 \\ M=l+\frac{i}{f}(m-c) \\ =30+\frac{1}{550}(1065-940) \\ =30+\frac{1}{550} \times 125 \\=30+\frac{125}{550} \\=30+0.227 \\M \approx 30.23 \\ q_{1}=\frac{N}{4}=\frac{2130}{4}=532.5
अतः यह आवृत्ति वर्ग 29-30 की संचयी आवृत्ति में पहली बार शामिल हुई है।
l=29,i=30-29=1,f=430,c=510 ,q_{1}=\frac{N}{4}=532.5 \\ Q_{1} =l+\frac{i}{f}\left(q_{1}-c\right) \\=29+\frac{1}{430}(532.5-510) \\=29+\frac{1}{430} \times 22.5 \\=29+\frac{22.5}{430} \\=29+0.05 \\Q_{1} =29.05 \\ q_{3} =\frac{3 N}{4}=\frac{3 \times 2130}{4}=1597.5
अतः यह आवृत्ति वर्ग 31-32 की संचयी आवृत्ति में शामिल हुई है।
l=31,i=32-31=1,f=340,c=1490 \\ Q_{3} =l+\frac{1}{f}\left(q_{3}-c\right) \\ =31+\frac{1}{340}(1597.5+490) \\=31+\frac{1}{390} \times 107.5 \\ =31+\frac{107.5}{340} \\=31+0.316 \\ Q_{3} \approx 31.32

Example:3.Calculate (परिकलित कीजिए):
(i)Median (ii)Quartlies (iii)Decile 6 and (iv)Percentile 76,for each of the following years:

Age in years No. of Persons
  2006 2007
Below 10 5 16
10-14 8 20
15-19 7 32
20-24 12 60
25-29 28 30
30-34 20 20
35-39 10 15
40 and above 10 07
Total 100 200

Solution:समावेशी श्रेणी को अपवर्जी श्रेणी में परिवर्तित करने पर:

Age in years No. of Persons
  2006 cf_{1} 2007 cf_{2}
4.5-9.5 5 5 16 16
9.5-14.5 8 13 20 36
14.5-19.5 7 20 32 68
19.5-24.5 12 32 60 128
24.5-29.5 28 60 30 158
29.5-34.5 20 80 20 178
34.5-39.5 10 90 15 193
39.5-44.5 10 100 07 200
Total 100   200  

वर्ष (Year) 2006 : \frac{N}{2}=\frac{100}{2}=50

50 आवृत्ति पहली बार 60 संचयी आवृत्ति में शामिल है,अतः मध्यका वर्ग 24.5-29.5 है।
l=24.5, i=29.5-24.5=5 \\ f_{1}=28, c=32, m=\frac{N}{2}=50 \\ M=l+\frac{i}{f}(m-c) \\=24.5+\frac{5}{28}(50-32) \\=24.5+\frac{5}{28} \times 18 \\=24.5+3.21 \\ M=27.71
वर्ष (Year) 2007:

\frac{N}{2}=\frac{100}{2}=50
100 संचयी आवृत्ति पहली बार संचयी आवृत्ति 128 में शामिल हुई है अतः मध्यका वर्ग 19.5-24.5 है।
l=19.5,i=24.5-19.5=5,f_{2}=60,m=\frac{N}{2}=100,c=68 \\ M =l+\frac{i}{f_{2}}(m-c) \\ =19.5+\frac{5}{60}(100-68) \\ =19.5+\frac{5}{60} \times 32 \\ =19.5+\frac{160}{60} \\ =19.5+2.666 \\ \Rightarrow M =22.167 \\ \Rightarrow M \approx 22.17
Year 2006:

q_{1}= \frac{N}{4}=\frac{100}{4}=25
25 आवृत्ति पहली बार संचयी आवृत्ति 32 में शामिल है अतः प्रथम चतुर्थक वर्ग 19.5-24.5 है।
l=19.5, i=24.5-19.5=5\\ f=12, c=20 \\ Q_{1}=l+\frac{i}{f} ( q_{1}-c )\\ =19.5+\frac{5}{12}(25-20)\\=19.5+\frac{5}{12} \times 5\\=19.5+\frac{25}{12}\\=19.5+2.083\\=21.583\\ \Rightarrow Q_{1} \approx 21.58\\ q_{3}=\frac{3 N}{4}=\frac{3 \times 100}{4}=75
75 आवृत्ति प्रथम बार संचयी आवृत्ति 80 में शामिल है अतः तृतीय चतुर्थक वर्ग 29.5-34.5 है।
l=29.5, i=34.5-29.5=5 \\ f=20, c=60 \\ Q_{3}=l+\frac{i}{f}\left(q_{3}-c\right) \\=29.5+\frac{5}{20}(75-60) \\ Q_{3} =29.5+\frac{1}{4}(15) \\ =29.5+3.75 \\ Q_{3} =33.25 \\ d_{6} =\frac{6 N}{10}=\frac{6 \times 100}{10}=60
60 आवृत्ति प्रथम बार वर्ग 24.5-29.5 की संचयी आवृत्ति में शामिल हुई है।
l=24.5,i=29.5-24.5=5,f=28,c=32 \\ D_{6} =l+\frac{i}{f}\left(d_{6}-c\right) \\ =24.5+\frac{5}{28}(60-32) \\ =24.5+\frac{5}{28} \times 28 \\ \Rightarrow D_{6} =29.5 \\ p_{76} =\frac{76 N}{100}= \frac{76 \times 100}{100}=76
76 आवृत्ति प्रथम बार 29.5-34.5 की संचयी आवृत्ति में शामिल है।
अतः l=29.5,i=34.5-29.5=5,f=20,c=60 \\ P_{76} =l+\frac{i}{f}\left(p_{76}-C\right) \\ =29.5+\frac{5}{20}(76-60) \\ =29.5+\frac{1}{4} \times 16 \\=29.5+4 \\ \Rightarrow P_{76} =33.5
Year 2007

q_{1}=\frac{N}{4}=\frac{200}{4}=50
50 आवृत्ति पहली बार संचयी आवृत्ति 68 में शामिल है अतः प्रथम चतुर्थक वर्ग 14.5-19.5 है।
l=14.5,i=19.5-14.5=5,f=32,c=36 \\ Q_{1} =l+\frac{i}{f}(q_{1}-c) \\ =14.5+\frac{5}{32}(50-36) \\=14.5+\frac{5}{32} \times 14 \\=14.5+\frac{35}{16} \\=14.5+2.1875 \\=16.6875 \\ \Rightarrow Q_{1} \approx 16.69 \\ q_{3}=\frac{3 N}{4}=\frac{3 \times 200}{4}=150
150 प्रथम बार संचयी आवृत्ति 158 में शामिल है अतः तृतीय चतुर्थक वर्ग 24.5-29.5 है।
l=24.5,i=29.5-24.5=5,f=30,c=128 \\ Q_{3} =l+\frac{i}{f} \left(q_{3}-c\right) \\ =24.5+\frac{5}{30}(150-128) \\ =24.5+\frac{1}{6} \times 22 \\ =24.5+\frac{11}{3} \\ =24.5+3.666 \\ =28.166 \\ \Rightarrow Q_{3} \approx 28.17 \\ d_{6} =\frac{6 N}{10}=\frac{6 \times 200}{10}=120
120 आवृत्ति प्रथम बार वर्ग 19.5-24.5 की संचयी आवृत्ति में शामिल है।
अतः l=19.5,i=24.5-19.5=5,f=60,c=68 \\ D_{6} =l+\frac{i}{f}\left(d_{6}-c\right) \\ \Rightarrow D_{6} =19.5+\frac{5}{60}(120-68) \\=19.5+\frac{1}{2} \times 52 \\=19.5+4.333 \\ D_{6} \approx 23.83 \\ p_{76}=\frac{76 N}{100}=\frac{76 \times 200}{100}=152
152 आवृत्ति प्रथम बार वर्ग 24.5-29.5 की संचयी आवृत्ति में शामिल हुई है।
अतः l=24.5,=29.5-24.5=5,f=30,c=128 \\ P_{76} =l+\frac{i}{f}\left(p_{76}-c\right) \\ =24.5+\frac{5}{30}(152-128) \\ =24.5+\frac{1}{6}(24) \\=24.5+4 \\P_{76} =28.5
उपर्युक्त उदाहरणों के द्वारा सांख्यिकी में क्वांटाइल्स(Quantiles in Statistics) के बारे में समझ सकते हैं।

3.सांख्यिकी में क्वांटाइल्स के सवाल (Quantiles in Statistics Questions):

(1.)निम्न समंकों से दोनों चतुर्थक,द्वितीय पंचमक, तृतीय अष्टमक,नवाँ दशमक तथा 45 वाँ शतमक ज्ञात कीजिए।
(Calculate both the Quartiles,3rd Octile,9th Decile and 45th Percentile from the following data):

Marks less than No. of Students
10 4
20 16
30 40
40 76
50 96
60 112
70 120
80 125

(2.)निम्न सारणी में प्रस्तुत समंकों से प्रथम व तृतीयक चतुर्थक,चतुर्थ दशमक,पंचम अष्टमक तथा 70 वाँ शतमक ज्ञात कीजिए:
(From the data given in the following table calculate 1st and 3rd quartiles,4th deciles,5th octile and 70th percentile.):

Size 0 2 4 6 8 10
frequency 5 7 10 9 5 3

उत्तर (Answers):(1)Q_{1}=26.35 marks,Q_{n_{2}}=32.78 marks,D_{9}=60.63 marks,Q_{3}=31.91 marks,P_{45}=34.51 marks

(2)Q_{1}=2 unit,Q_{3}=6 unit,D_{4}=4 unit,O_{5}=6 unit,P_{70}=6 unit
उपर्युक्त सवालों को हल करने पर सांख्यिकी में क्वांटाइल्स (Quantiles in Statistics) को ठीक से समझ सकते हैं।

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4.सांख्यिकी में क्वांटाइल्स (Quantiles in Statistics) के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले:

प्रश्न:1.विभाजन मूल्यों में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण कौनसा मूल्य है? (Which is the most important value in the quantiles?):

उत्तर:विभाजन मूल्यों में से चतुर्थक (quartiles),दशमक (deciles) तथा शतमक (percentile) अधिक महत्त्वपूर्ण है।

प्रश्न:2.विभाजन मूल्यों का क्या उपयोग है? (What is the use of quantiles?):

उत्तर:विभाजन मूल्यों से समंक श्रेणी की रचना का आभास हो जाता है।अपकिरण (Dispersion) तथा विषमता (Skewness) ज्ञात करने में इन मूल्यों का काफी प्रयोग होता है।

प्रश्न:3.विभाजन मूल्यों का निर्धारण किस आधार पर किया जाता है? (On which basis of the quantiles are determined?):

उत्तर:चतुर्थकों, दशमकों, शतमकों आदि का निर्धारण उसी आधार पर किया जाता है जिस पर मध्यका-मूल्य का।व्यक्तिगत तथा खण्डित श्रेणियों में इन मूल्यों को ज्ञात करने के लिए (N+1) को उस अंक से भाग दिया जाता है जितने भागों में वे मूल्य श्रेणी को बाँटते हैं और उस मूल्य की क्रम संख्या से (N+1) को गुणा कर दिया जाता है।इस प्रकार जो पद संख्या निश्चित हो जाती है उसका मूल्य श्रेणी में देख लिया जाता है।उदाहरणार्थ Q_{3} =size of \frac{3(N+1)}{4} th item
P_{11} =size of \frac{11(N+1)}{100} th item
अखण्डित श्रेणी या अविछिन्न श्रेणी में विभाजन मूल्यों की पद संख्या ज्ञात करने के लिए (N+1) के स्थान पर N का प्रयोग किया जाता है जैसे: Q_{1} =size of \frac{N}{4} th item , D_{1}=size of \frac{N}{10} th item, P_{98}=size of \frac{98 N}{100} th item
पद संख्या निर्धारण करने के पश्चात् संचयी आवृत्ति की सहायता से उस विभाजन मूल्य का वर्गान्तर ज्ञात कर लिया जाता है।तत्पश्चात् इस वर्ग में उसी सूत्र द्वारा मूल्य ज्ञात किया जाता है जिसका प्रयोग मध्यका के मूल्य निर्धारण में किया जाता है।केवल m के स्थान पर आदि का प्रयोग किया जाता है।शेष चिन्हों का अर्थ वही होता है जो मध्यका सूत्र का।सभी चिन्ह विभाजन-मूल्य के वर्गान्तर से सम्बन्धित होते हैं।
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा सांख्यिकी में क्वांटाइल्स(Quantiles in Statistics) के बारे में समझ सकते हैं।

 

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Quantiles in Statistics

सांख्यिकी में क्वांटाइल्स(Quantiles in Statistics)

Quantiles in Statistics

सांख्यिकी में क्वांटाइल्स(Quantiles in Statistics) मध्यका के सिद्धान्त पर आधारित हैं।मध्यका समंक श्रेणी को
दो बराबर भागों में विभाजित करता है।मध्यका के सिद्धान्त के आधार पर समंक माला को चार, पाँच, आठ, दस
या सौ बराबर भागों में बाँटा जा सकता है।

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