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International Youth Day 2023

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1.अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 2023 (International Youth Day 2023),अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस (International Youth Day):

  • अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 2023 (International Youth Day 2023) की शुरुआत हुई 1985 से।संयुक्त राष्ट्रसंघ ने 1980 में यह प्रस्ताव पारित किया था कि सन 1985 को अंतरराष्ट्रीय युवावर्ष के रूप में मनाया जाए।संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अपने सदस्य देशों को इस वर्ष के लिए कार्यक्रम निर्धारित करने के लिए लिखा था।इसी प्रकार 2010 को भी अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष के रूप में मनाया गया था।वर्ष 2020 से प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई।इस वर्ष 12 अगस्त 2023 को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस है।
  • अधिकांश देशों की इस दिन युवाओं को ऐशोआराम के साथ देश का सैर-सपाटा कराने तक ही सीमित रहती है।अतः अन्य दिवसों की भाँति युवा दिवस भी रस्म अदायगी बनकर रह जाता है।
  • जिस प्रकार अन्तर्राष्ट्रीय छात्र दिवस,अन्तर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस छात्र-छात्राओं तथा युवाओं के विकास का कोई ठोस कार्यक्रम सामने नहीं आया,उसी प्रकार अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस भी युवकों की किसी भी समस्या का समाधान किए बिना ही समाप्त हो जाएगा।
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2.अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का कार्यक्रम (Programme of International Youth Day):

  • संयुक्त राष्ट्र ने युवा दिवस के लिए निम्न उद्देश्य निर्धारित किए हैं:शांति,सहभागिता,विकास आयुवाद और रोजगार इत्यादि।प्रत्येक राष्ट्र का युवक अपने राष्ट्र में शांतिपूर्वक वातावरण बनाए रखने में योगदान दें;राष्ट्र के प्रत्येक कार्य में उसका हाथ रहे तथा वह अपने राष्ट्र के चहुमुखी विकास में जुट जाए,जिससे उसका अपना विकास भी हो।इस तरह प्रत्येक राष्ट्र की उन्नति एवं उसके युवकों के विकास की योजना के जरिए विश्व में शांतिपूर्ण वातावरण बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ कृतसंकल्प है।
  • भारत में युवकों के कार्यक्रम पर विचार किया जाता है,तब केवल विद्यालय,महाविद्यालय व विश्वविद्यालय से जुड़े हुए युवकों को ही ध्यान में रखा जाता है।हम यह सरासर भूल जाते हैं कि हमारे यहां शिक्षा संस्थाओं से संबद्ध युवा वर्ग बहुत छोटा है।हमारे देश में युवाओं की कुल संख्या लगभग 30 करोड़ है जिसका केवल 10% शिक्षणालयों में आ पाता है।अर्थात युवा कार्यक्रमों में 30 करोड़ भारतीयों में से केवल तीन करोड़ को ही ध्यान में रखा जाता है।
  • रोजगार कार्यालयों में भी गांव के बेकार युवकों का नाम दर्ज नहीं हो पाता है अतः उनकी गणना नहीं की जाती है।अशिक्षित वर्ग भी प्रायः रोजगार कार्यालयों में नाम दर्ज नहीं करवा पाता।युवकों के विकास की योजनाएं बनाते हुए कामकाज में लगे युवकों का ध्यान भले न रखा जा सके किंतु बेकार युवकों का तो विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
  • सरकारी योजनाएं प्रायः शहरों को ही दृष्टि में रखकर बनाई जाती है जबकि देश के अधिकांश युवक ग्रामों में रहते हैं।अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस में ग्रामों के विकास को ध्यान में रखने की विशेष आवश्यकता है।
  • युवकों के कार्यक्रमों में श्रमदान,रचनात्मक कार्यक्रमों से संबंद्ध विचार-गोष्ठियों,समूह गान,सामूहिक प्रार्थना तथा शारीरिक,चारित्रिक व बौद्धिक विकास के कार्यक्रम रखे जा सकते हैं।
  • यदि भारत सरकार तथा राज्य सरकारें देश व राज्य-स्तर की विकास योजनाओं के लिए निर्धारित राशि का कुल 1% धन भी इस प्रकार के शिविरों के लिए निर्धारित कर दें,तो युवकों के विकास के साथ योजनाओं को ठीक समय पर पूरा करने में सहायता मिल सकती है।
  • युवा दिवस का उपयोग राष्ट्र की भावनात्मक एकता को मजबूत करने के लिए भी किया जा सकता है।यदि प्रत्येक राज्य के दो-दो सौ युवक-युवतियों को दूसरे राज्य में 5 से 10 वर्षों तक शिक्षा प्राप्त करने के लिए भेजा जाए तो वह देश की आंतरिक एकता को दैनिक जीवन के स्तर पर अनुभव कर सकेंगे।इस योजना में ₹700000000-750000000 से कार्यान्वित की जा सकती है।
  • इस देश में अनेक गुरुकुल एवं सर्वोदयी तथा अन्य आश्रम हैं।इनमें रचनात्मक कार्य करने के इच्छुक अधिकारी एवं कर्मचारी विद्यमान है।परंतु धन के घोर अभाव में वे अधिक कार्य नहीं कर पा रहे हैं।यदि सरकार इन गुरुकुलों एवं आश्रमों में निर्धन परिवारों के छात्र-छात्राओं को रखकर उनका खर्च वहन करे,तो यह भी युवा दिवस की एक उल्लेखनीय उपलब्धि बन सकती है।
  • इस समय देश में सस्ते छात्रावासों का भारी अभाव है।शहरों में छात्रावास के अभाव में छात्र मारे-मारे फिरते हैं और मानसिक-शारीरिक दृष्टि से अस्वास्थ्यकर स्थानों पर रहने को विवश हैं।बेकार युवक भी जब नौकरी के लिए नगरों में जाते हैं,तो आवास की कठिनाई का अनुभव करते हैं।युवा दिवस में एक योजना एक खर्चीले छात्रावासों के निर्माण की भी हो सकती है।कुछ आवास गृह उन बेकार युवकों के लिए भी बनाए जाने चाहिए,जो साक्षात्कार आदि के लिए शहरों में आते हैं।
  • युवा दिवस का उपयोग ग्राम-विकास के विविध कार्यक्रमों के लिए भी होना चाहिए।गांवों में स्वच्छता,स्वास्थ्य व शिक्षा के विविध कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए युवा शक्ति का उपयोग आवश्यक है।
  • संक्षेप में अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का उपयोग भारत में देश की परिस्थितियों के अनुरूप होना चाहिए।कम खर्चीले कार्यक्रमों को अपने सामने रखकर हम युवा दिवस को स्थायी महत्त्व का बना सकते हैं।युवावर्ग को रचनात्मक दिशा देने के लिए प्रभावी साहित्य के प्रकाशन की आवश्यकता है।समाचार पत्रों को भी चाहिए कि वे अपने पत्र में एक कालम स्थान केवल युवकों की रचनाओं अथवा उत्थान में सहायक सामग्री को दें।
  • यदि भारत सरकार और राज्य सरकारें भी युवकों व युवतियों से संबंधित सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं का एक विशाल सम्मेलन आयोजित करें,तो उसमें युवा दिवस का कार्यक्रम निर्धारित किया जा सकता है।इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा निर्धारित उद्देश्यों को ध्यान में रखकर देश में युवकों के व्यक्तित्त्व-निर्माण तथा देश के विकास की योजनाएं बनाई जा सकती है।

3.भारत का भविष्य युवाशक्ति (India’s Future Youth Power):

  • यौवन धधकती अग्नि के समान साहस एवं उसे दिशा देने वाले प्रचण्ड पराक्रम का नाम है।युवक वह है,जिसके अंतराल में आशा और उत्साह का दिव्य एवं दैवीय प्रकाश सघन होता है जो विघ्न-बाधाओं,कठिनाइयों,समस्याओं को रौंदाता-कुचलता हुआ निरंतर कार्य और उन्नति-पथ पर अग्रसर होता है।उसे अतीत पर क्षोभ नहीं,वह पीछे मुड़कर नहीं देखता,वह अपने उज्जवल भविष्य को निहारता है और वर्तमान का श्रेष्ठ सदुपयोग करता है।उसके नेत्रों में आशा की ज्योतिर्मय ज्योति जगमगाती रहती है।असंभव को संभव बनाने,अमूर्त को मूर्त करने तथा अकल्पनीय को साकार करने का साहस है यौवन!और युवक उसका सच्चा प्रतिनिधि है।युवा राष्ट्र का मेरुदंड है।वह राष्ट्र का भविष्य है।
  • ऐसे युवाओं के सबल एवं मजबूत कंधों पर राष्ट्र का सम्पूर्ण भार टिका रहता है।युवा राष्ट्र की धड़कन होते हैं।युवा राष्ट्र को प्रगति एवं विकास के पथ पर आरूढ़ करते हैं।किसी भी राष्ट्र की सच्ची समृद्धि एवं संपत्ति होते हैं वीर,चरित्रवान,उदार एवं जाँबाज युवा।
  • हमें अपने अंदर झांकना होगा।अपने सोए हुए विश्वास को झकझोरना होगा।उसे जगाओ और पहले की अपेक्षा ओर भी गौरवमण्डित और शक्तिशाली बनाकर भक्तिभाव से उचित सिंहासन पर प्रतिष्ठित कर दो,जिससे उद्देश्य एवं लक्ष्य कार्यरूप में परिणित हो जाए,उसी के लिए प्रयत्न करो।काम में प्राणपण से लग जाओ।नाम,यश अथवा अन्य तुच्छ विषयों के पीछे मत भागो,स्वार्थ को बिल्कुल त्याग दो और कार्य करो।
  • आज्ञापालन,विनम्रता,शिष्टता,सदाचार के गुणों का अनुशीलन-अनुपालन करो।अपने आत्मविश्वास को कभी मत खोओ।बिखरी हुई शक्तियों को केन्द्रीभूत किए बिना कोई महान कार्य नहीं हो सकता।
  • जो कुछ असत्य है,उसे पास फटकने न दो।सत्य पर डटे रहो बस,तभी हम सफल होंगे।शायद थोड़ा अधिक समय लगे,पर सफल हम अवश्य होंगे।हमें जीवन का लक्ष्य एक दिन मिलकर ही रहेगा।इस तरह योजनाबद्ध एवं जिम्मेदारीपूर्वक काम करो कि मानो हममें से हरेक के ऊपर सारा बोझ आ पड़ा है।नीतिपरायण तथा साहसी बनो।चांदी के चंद सिक्कों के लिए अपना ईमान मत बेचो।लक्ष्य के लिए स्वयं को खपा दो।पाप एवं अपवित्रता का विचार मन में मत लाओ।कायर लोग ही पापाचरण करते हैं,वीर पुरुष कभी पापानुष्ठान नहीं करते।तुम वीर हो,वीरोचित कार्य करो।आगे बढ़ो।हमें अनंत शक्ति,अनंत उत्साह,अनंत साहस तथा अनन्त धैर्य चाहिए तभी महान कार्य संपन्न होंगे।जिनके अंदर ऐसा मन वास करता हो जो कि वज्र के समान पदार्थ का बना हो-बल,पुरुषार्थ क्षात्रवीर्य और ब्रह्मतेज।
  • “तुम भगवान की संतान हो,अमर आनंद के भागी हो,पवित्र और पूर्ण आत्मा हो।अतः तुम कैसे अपने को दीन-दुर्बल कहते हो।उठो! साहसी बनो!वीर्यवान होओ!सब उत्तरदायित्व अपने कंधे पर लो।याद रखो कि तुम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हो।तुम जो कुछ बल या सहायता चाहो,सब तुम्हारे ही भीतर विद्यमान है।तुम्हारे अंदर शक्ति का अथाह-अनंत स्रोत है।उसे जगाओ!उठो और अपना पौरुष-पुरुषार्थ प्रकट करो।अपना आत्मविश्वास को जगाओ।उठो! उठो! मानव और मानवता दुःख से जल रही है।
  • क्या तुम सो सकते हो? मृत्यु अवश्यम्भावी है तो कीट-पतंगों की तरह मरने के बजाय वीर की तरह मरना अच्छा है।इस अनित्य संसार में दो दिन अधिक जीवित रहकर भी क्या लाभ? जराजीर्ण होकर थोड़ा-थोड़ा करके क्षीण होते हुए मरने की बजाय वीर की तरह दूसरों के कल्याण के लिए भी लड़कर उसी समय मर जाना क्या अच्छा नहीं है।”

4.वर्तमान भारत के युवाओं की स्थिति (The State of Youth in Present-Day India):

  • युवाविहीन राष्ट्र मृत,मूर्च्छित एवं निस्तेज होता है।आज भारत की दशा भी कुछ ऐसी ही है।इसी कारण विशाल युवाशक्ति के होते हुए भी भारत अपने सनातन गौरव से वंचित है।इसी कारण भगत सिंह,चंद्रशेखर आजाद,बिस्मिल जैसे अगणित-असंख्य जाँबाज और शूरमाओं को पैदा करने वाली भारतमाता की कोख आज सूनी-सूनी नजर आ रही है।इसी कारण लहूलुहान अपनी रोती-कलपती मातृभूमि की दुर्दशा को देखते हुए युवाओं की धमनियों में उष्ण रक्त उबाल-उफान नहीं ले पा रहा है।इसी कारण ऋषियों की संतान होने का त्याग-तप भरा जीवट उसे महासाधना के लिए नहीं जगा पा रहा है।
  • आज किशोरावस्था में युवावस्था की झलक-झांकी देखने को मिलने लगी है।इन सुकोमल पौधों की स्थिति अत्यंत नाजुक एवं दिल दहलाने वाली है।आज के इन किशोरों में मोटापा और मधुमेह से लेकर अवसाद तक,उन सभी बीमारियों ने घर कर लिया है,जो कभी वयस्कों तक ही सीमित थी।
  • मैकडाॅनाल्ड संस्कृति के बढ़ते प्रभाव तथा भारतीय मनोवृत्ति और आधुनिक जीवनशैली के बीच संक्रमण की वजह से यह दुर्दशा देखने को मिल रही है।आज के अधिकांश बच्चे हर दिन जंक फूड (पीजा,नूडल्स आदि) लेते हैं।
  • किशोरों में बढ़ता रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल अधिक चिंता का विषय है।जंक फूड (कम पोषक खाद्य) ने तो जैसे दाँतों को उनके कर्त्तव्य से मुक्त कर दिया है।इसके कारण किशोरों को दांतों में सड़न,मसूड़ों के रक्तस्राव,साँस में बदबू की शिकायत है।

5.युवाशक्ति का दृष्टांत (The Vision of Youth Power):

  • एक नगर में एक युवा गुंडागर्दी तथा लूटपाट में संलग्न था।परंतु एक दिन इस कुकर्म से उसे घृणा हो गई।उसने इस कुकर्म को छोड़कर सामान्य जीवन जीने का संकल्प किया।बस,इसी सकारात्मक सोच भरे दृढ़ निश्चय के साथ उसने गुंडागर्दी एवं लूटपाट को छोड़कर गणित शिक्षक बनने की ठान ली।
  • पहले उसने एक मन्दिर में गरीब बच्चों को ट्यूशन कराना चालू किया।जब बच्चों की संख्या बढ़ गई तो किराए का मकान लेकर निर्धन छात्रों को पढ़ाने के लिए स्कूल खोल लिया।
  • हालांकि उसके स्कूल में बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं,लेकिन यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों और उनके अभिभावकों में भविष्य की उज्जवल आशा एवं आत्मसंतोष जरूर है।लगभग 100 बच्चों को अलग-अलग पालियों में शिक्षा देने वाले शिक्षक का विचार है कि हमारे पास सुविधाएं भले न हों,पर मजबूत संकल्प है।जिस संकल्पशक्ति ने शिक्षक को बदला वही संकल्पशक्ति वह पढ़ने वाले बच्चों में देखना चाहता है।
  • उसका सोचना है कि एक दिन ऐसा जरूर होगा,ये गरीब बच्चे भी एक दिन ‘कलाम’,’किरण बेदी’ बनेंगे।शिक्षक का विचार है कि यदि वह ऐसा कर सका तो उसके पापों एवं अपराधों का प्रायश्चित हो जाएगा।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 2023 (International Youth Day 2023),अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस (International Youth Day) के बारे में बताया गया है।

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6.गणित शिक्षक को अधिक बोलना पड़ता है (हास्य-व्यंग्य) (The Math Teacher Has to Speak More) (Humour-Satire):

  • छात्र:इस पुस्तक में लिखा है कि छात्र को कम बोलना पड़ता है परंतु गणित शिक्षक को दुगना-तिगुना बोलना पड़ता है।
  • गणित शिक्षक:वह इसलिए कि छात्र-छात्राएं गणित के सवालों को ध्यान से नहीं सुनते हैं,न देखते हैं और न समझने की कोशिश करते हैं।इसलिए सवालों को दो बार,तीन बार बोलना और समझाना पड़ता है।
  • छात्र:सर (sir),क्या कहा आपने?
  • गणित शिक्षक:यही कि मेरी कही हुई बात और इस पुस्तक की बात सिद्ध हो गई।

7.अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 2023 (Frequently Asked Questions Related to International Youth Day 2023),अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस (International Youth Day) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.क्या युवावर्ग हताश व निराश है? (Are the Youth Despondent and Frustrated?):

उत्तर:युवा ऑडियो-वीडियो पर उत्तेजक एवं हिंसा प्रधान दृश्य देखने की लत से ग्रस्त है,जिससे युवाओं का नींदचक्र ध्वस्त हो गया है।ऊंची महत्वाकांक्षाओं को जबरदस्त प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है तो निराशा-हताशा का बादल गहरा जाता है।इससे उबरने के लिए किशोर नशीली दवाएं लेने एवं ध्रूमपान करने लग जाते हैं।उन्मादी किशोरों में यौन समस्याएँ सामान्य बात हो गई है।

प्रश्न:2.आज के युवाओं की वास्तविकता क्या है? (What is the Reality of Today’s Youth?):

उत्तर:जिस किशोरावस्था में भविष्य के,भावी जीवन के स्वप्न सजते हैं,आज युवा बनने से पूर्व ही किशोर मुरझाकर कालचक्र के पद तले कुचलने के लिए अवश-विवश हो गए हैं।काम-विकार से उत्तेजित आज की युवा पीढ़ी दीन-हीन,खिन्न,अशांत,आवेशग्रस्त होकर असमय ही बुढ़ापे को आमंत्रित कर बैठी है।व्यसनों और भोगविलासो के अंधे कुएं में गिरकर अपने चरित्र एवं ओज-तेज को अपने ही हाथों लुटा चुके युवावर्ग की निस्तेज पथरीली आंखों में भारत का सुनहला भविष्य कभी नहीं दीख सकता।तमाम मान-मर्यादाओं,नीति-नियमों को धता बताकर विषय-वासना में विदग्ध जवानी के जर्जर कंधों से राष्ट्र की उन्नति-प्रगति भला कैसे संभव हो सकती है।दिवास्वप्न में मशगूल युवाओं की विकारी आंखों को महान भारत का दिव्य स्वप्न देखने का अवकाश कहां है? जिस युवा-ऊर्जा के द्वारा राष्ट्र को विकासशील से विकसित देशों की पंक्ति में खड़ा होना चाहिए,वह पथभ्रमित-दिग्भ्रमित हो चुकी है।

प्रश्न:3.आज भारत को कैसे युवाओं की आवश्यकता है? (How Does India Need Youth Today?):

उत्तर:आज आवश्यकता है वीर्यवान,तेजस्वी,योद्धा समान और दृढ़ विश्वासी,निष्कपट नवयुवकों की।वे सिंहविक्रम से अपने देश की यथार्थ उन्नति सम्बन्धी सारी समस्याओं का समाधान करेंगे।ऐसे नवयुवक मिल जाएँ तो संसार का कायाकल्प हो जाएगा।भविष्य की पचास सदियाँ तुम्हारी ओर ताक रही है।भारत का भविष्य युवाओं पर निर्भर है।काम करने वाले युवाओं! ऐसे युवाओं का भविष्य अत्यंत उज्जवल है।युवाओं को राष्ट्रमंत्र से दीक्षित होकर संकल्पवान बनने की जरूरत है।उठकर,जागो और तब तक रुको नहीं,जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 2023 (International Youth Day 2023) पर युवाओं को कुछ ऐसा संकल्प लेना चाहिए जिससे यह युवा दिवस उनके जीवन को बिल्कुल रूपान्तरित कर दे, कायापलट कर दें तभी भारत विकास कर सकेगा। अन्यथा मेरा भारत महान कहने से कुछ होने वाला नहीं है।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 2023 (International Youth Day 2023),अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस (International Youth Day) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।<p>
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