How to solve to life problems from education?
1.शिक्षा से जीवन की समस्याओं को कैसे हल करें? का परिचय (Introduction to How to solve to life problems from education?),जीवन में समस्याओं का सामना कैसे करें? (How do you face problems in life?):
- शिक्षा से जीवन की समस्याओं को कैसे हल करें? (How to solve to life problems from education?),जीवन में समस्याओं का सामना कैसे करें? (How do you face problems in life?):मनुष्य को जीवन में बच्चों,महिलाओं,परिवार,समाज व देश की अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।चाहे वे शारीरिक,आर्थिक,व्यावसायिक,सामाजिक,धार्मिक,आध्यात्मिक इत्यादि किसी क्षेत्र से हों।
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2.शिक्षा से जीवन की समस्याओं को कैसे हल करें? (How to solve to life problems from education?),जीवन में समस्याओं का सामना कैसे करें? (How do you face problems in life?):
- जीवन में आनेवाली रुकावटों,समस्याओं तथा कठिनाइयों को हल न कर पाने के कारण व्यक्ति दुखी होता है।वास्तव में इस संसार में दो तरह के लोग ही सुखी होते हैं।एक तो बिल्कुल मूर्ख को जिसे भले-बुरे,मान-अपमान,गरीबी-अमीरी का,धर्म-अधर्म का,पाप-पुण्य का,दूसरों के सुख-दुख,जीवन में आनेवाली समस्याओं,विपत्तियों और कष्टों से बेखबर रहता है।उसके मन किसी प्रकार की चिन्ता नहीं होती है चाहे समस्याएँ सुलछे या नहीं अथवा भले समस्याएं ओर अधिक उलझ जाएं तो भी उसके मन में किसी प्रकार की चिन्ता,तनाव उत्पन्न नहीं होता है।वे सदा अपनी मौज में मस्त रहते हैं।दुनिया में कुछ भी हो इसकी उन्हें कोई परवाह नहीं होती है।
- दूसरी ओर ज्ञानीजन होते हैं जो जीवन में आनेवाली रुकावटों,समस्याओं, कष्टों और विपत्तियों का समाधान करना जानते हैं।जीवन में आने वाली कठिनाइयां,परेशानियां,विपत्तियाँ और समस्याएं कितनी ही जटिल हो? दरअसल ज्ञानीजन सारे द्वन्द्वों से ऊपर होते हैं।गर्मी-सर्दी,जय-पराजय,निन्दा-स्तुति,शुभ-अशुभ आदि के विचार उनके मन में नहीं आते क्योंकि उनका अन्तःकरण शुद्ध होता है।उनके सारे काम लोक-संग्रह के लिए अथवा मोक्ष की प्राप्ति करने के लिए होते हैं।इसलिए वे कष्टों,संकटों,विपत्तियों,समस्याओं से अप्रभावित रहते हैं।
- सुख का यहाँ भौतिक सुख नहीं है बल्कि आत्म-सुख अर्थात् आत्म-संतोष से है।महामूर्ख और महाज्ञानी दोनों आत्म-संतोषी होते हैं।इसलिए वे जीवन में आनेवाली समस्याओं से अप्रभावित रहते हैं।मूर्ख आत्म-संतोषी तो नहीं हो सकता है,संतोष की भावना से बेखबर होता है।
- परन्तु जो लोग न तो बिल्कुल मूर्ख हैं और न ज्ञानी हैं वे दुनिया की झंझटों,परेशानियों,समस्याओं,विपत्तियों से परेशान होते रहते हैं।भौतिक सुख-साधन होते हुए भी वे कई प्रकार की समस्याओं,कष्टों,विपत्तियों से घिरे रहते हैं।
- छात्र-छात्राओं तथा व्यक्तियों को समस्याओं,कष्टों,विपत्तियों में धैर्य धारण करना चाहिए तथा उन्हें विवेक,धैर्य तथा साहस के बल पर हल करने का प्रयास करना चाहिए।समस्याओं,कष्टों तथा विपत्तियों का समाधान करने पर छात्र-छात्राओं का निर्माण होता है।शिक्षा अर्जित करने का मूल उद्देश्य ही यह भी है कि आप जीवन में आनेवाली समस्याओं को ठीक प्रकार से समाधान कर सको।संसार में ऐसे छात्र-छात्राएं तथा कोई व्यक्ति नहीं मिलेगा जिसके जीवन में कष्ट,विपत्तियाँ,समस्याएं,रुकावटें न आई हों।समस्याओं का समाधान करने से छात्र-छात्राओं का मनोबल फौलाद जैसा बन जाता है।इसलिए छात्र-छात्राओं को केवल डिग्रीधारी न होकर शिक्षित होने का प्रयास करना चाहिए।
- उपर्युक्त आर्टिकल में शिक्षा से जीवन की समस्याओं को कैसे हल करें? (How to solve to life problems from education?),जीवन में समस्याओं का सामना कैसे करें? (How do you face problems in life?) के बारे में बताया गया है।
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