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How to Crack JEE-Main Exam 2026?

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1 1.जेईई-मेन 2026 क्रैक कैसे करें? (How to Crack JEE-Main Exam 2026?),जेईई-मेन 2026 क्रेक करने के विशिष्ट उपाय (Specific Ways to Crack JEE-Main):

1.जेईई-मेन 2026 क्रैक कैसे करें? (How to Crack JEE-Main Exam 2026?),जेईई-मेन 2026 क्रेक करने के विशिष्ट उपाय (Specific Ways to Crack JEE-Main):

  • जेईई-मेन 2026 क्रैक कैसे करें? (How to Crack JEE-Main Exam 2026?) के इस आर्टिकल में बताया गया है कि जेईई-मेन में सफलता प्राप्त करने हेतु क्या रणनीति अपनाएं और उस पर अमल करने के लिए क्या-क्या करें? साइंस मैथ सब्जेक्ट वालों का सपना होता है कि जेईई-मेन क्लियर करें।इसमें लाखों अभ्यर्थी भाग लेते हैं लेकिन चुनिंदा अभ्यर्थी ही इसमें सफल हो पाते हैं।
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2.जेईई-मेन की तैयारी कब से करें? (When to prepare for JEE-Main?):

  • दरअसल जिनका लक्ष्य जेईई-मेन होता है उन्हें शुरू से ही गंभीरतापूर्वक तैयारी प्रारंभ कर देनी चाहिए।क्योंकि भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में जेईई-मेन भी है तथा जिसमें लाखों अभ्यर्थी भाग लेते हैं।यदि आपने शुरू से ध्यान नहीं दिया तो भी छठवीं-सातवीं से तो ध्यान देना ही चाहिए ताकि एक-दो साल में आपकी पिछली कक्षाओं की कमजोरी दूर हो सके।11वीं और 12वीं कक्षा में तो आपकी तैयारी पीक पॉइंट (शीर्ष) पर होनी चाहिए।11वीं-12वीं में तो सिलेबस,मॉडल पेपर्स का अभ्यास करना,बार-बार मॉक टेस्ट देना और कमजोरियों वाले पॉइंट्स को फिर से मजबूत करने का कार्य रहता है।
  • अक्सर छात्र-छात्राएं (अधिकांश) 11वीं कक्षा में साइंस मैथ विषय का चयन करने के बाद जेईई-मेन परीक्षा की तैयारी प्रारंभ करते हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।आज कोचिंग सेंटर्स की इतनी तादाद है कि उनमें  प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों को अधिक से अधिक प्रतियोगी बनाया जाता है।ऐसी स्थिति में सेल्फ तैयारी करने वाले छात्र-छात्राएँ पिछड़ जाते हैं भले ही उनमें प्रतिभा है।अति प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों की बात अलग होती है।वे थोड़े समय में सिलेबस पढ़ लेते हैं और पिछली कमजोरियों को दूर कर लेते हैं।

3.कैसा है एग्जाम पैटर्न? (What is the exam pattern?):

  • आपको पता ही होगा कि जेईई-मेन पेपर-1 (बीई/बीटेक) में 70 एमसीक्यू टाइप (MCQ) व 5 न्यूमेरिकल वैल्यू बेस्ड (Numerical Value Based) यानी कुल 75 प्रश्न दिए जाएंगे।प्रत्येक विषय गणित,भौतिकी और रसायन विज्ञान के 25-25 प्रश्न होंगे।जबकि पेपर-2A (B.Arch) आर्किटेक्ट का कोर्स चुनाव करने वालों के लिए 75+2 लगभग 77 प्रश्न एमसीक्यू टाइप (MCQ) के होंगे और पेपर-2B (B.Plan) में 100 पूछे जाएंगे। पेपर-1 में 75 प्रश्न कुल 300 अंक के होंगे।पेपर 2A में मैथमेटिक्स,एप्टीट्यूड तथा ड्राविंग (Mathematics,Aptitude,Drawing) के प्रश्न होंगे। पेपर-2B में मैथमेटिक्स,एप्टीट्यूड तथा प्लानिंग (Mathematics,Aptitude and Planning) से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे।
  • इस पैटर्न में थोड़ा बहुत फेरबदल होता रहता है।अतः अभ्यर्थियों को अपडेट (updates) से अवगत रहना चाहिए ताकि आप अपनी परीक्षा की तैयारी सिलेबस के अनुसार कर सकें।मान लीजिए न्यूमेरिकल वैल्यू के पांच प्रश्नों से बढ़कर 10 प्रश्न कर दिए जाते हैं तो उसकी तैयारी 10 प्रश्नों के अनुसार करनी होगी और समय भी प्रश्नों के अनुसार आवंटित करना होगा।परीक्षा की तैयारी में भी और एग्जाम सेंटर में पेपर हल करते समय भी इस बात का ध्यान रखना होगा।

4.शॉर्ट नोट्स बनाएं (Make short notes):

  • हालांकि जेईई-मेन व एडवांस दोनों परीक्षाओं में ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाते हैं अतः डिटेल नोट्स बनाने के बजाय शॉर्ट नोट्स तथा बिंदुवार नोट्स बनाएं। इससे आपको बेसिक बातों,फार्मूले,कथन,सर्वसमिकाओं आदि को देखने और पढ़ने में सहूलियत रहेगी।सिलेबस की पुनरावृत्ति भी शीघ्रता से कर सकते हैं।साथ ही महत्त्वपूर्ण बातों को याद करने में आसानी होगी।डिटेल नोट्स निबंधात्मक परीक्षाओं में ही लाभकारी होता है।एमसीक्यू टाइप सवालों को हल करने के लिए तो बार-बार अभ्यास करने की जरूरत होती है।नोट्स स्तरीय पुस्तकों से ही बनाएं जैसे एनसीईआरटी अथवा अन्य स्तरीय संदर्भ पुस्तकें।

5.हार्ड वर्क और समय प्रबंधन (Hard Work and Time Management):

  • अभ्यर्थी को हार्ड वर्क और समय-प्रबंधन की आदत डाल लेनी चाहिए।अक्सर अभ्यर्थी हार्ड वर्क करने पर थकान महसूस करते हैं।थकान से बचने के लिए हमने एक लेख साइट पर पोस्ट किया हुआ है,उसे देखें और उस पर अमल करेंगे तो थकान से बच सकेंगे।यहाँ इतना कहना ही पर्याप्त है कि यदि किसी लक्ष्य को पाना होता है और उसे पाने के लिए मन में जुनून हो तो बड़ा लक्ष्य भी बौना दिखाई देने लगता है।शरीर और मस्तिष्क को थकान महसूस ही नहीं होती।सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखें जिससे आपका समय व्यर्थ नष्ट ना हो।समय का ध्यान न केवल अपने दैनिक नित्यकर्मों में रखना है बल्कि मॉडल पेपर्स,माॅक टेस्ट में भी ध्यान देना है।मॉक टेस्ट को इस तरह से दें जैसे आप वास्तविक परीक्षा दे रहे हैं।यदि निश्चित समय में प्रश्नों को हल नहीं कर पाते हैं तो अपनी कमजोरियों यानी जिन टॉपिक्स में कठिनाई महसूस होती है उन पर मजबूत पकड़ बनाएं।सिलेबस की समरी,सूत्रों,प्रमेयों,सर्वसमिकाओं पर जितनी पकड़ मजबूत होगी,हल करने की गति उतनी ही बढ़ेगी।इसके अलावा प्रश्नों को हल करते समय मानसिक रूप से भी हल करने का अभ्यास करें,कुछ स्टेप्स को मानसिक रूप से हल करके या छलांग लगाकर आगे बढ़ने की कोशिश करें।इस प्रकार बार-बार अभ्यास से समय प्रबंधन का पालन करना संभव हो जाएगा।याद रखें हार्ड वर्क तथा स्मार्ट वर्क का विकल्प नहीं है,यह तो करना ही है।

6.सफलता किस पर निर्भर है? (What does success depend on?):

  • सफलता प्रतिभा और अवसर के बजाय सतत अभ्यास और एकाग्रता पर जरूरी है।एकाग्रता के लिए जरूरी नहीं है कि आप ध्यान-योग और एकाग्रता का अलग से अभ्यास करें।आप जो विषय पढ़ते हैं उस पर पूर्ण एकाग्र होकर और तन्मयता के साथ पढ़ते हैं तो एकाग्रता सधने लगती है।यदि आप प्रातःकाल एकाग्रता के लिए अभ्यास करते हैं तो उसका एक्स्ट्रा फायदा मिलेगा।तात्पर्य यह है कि कोई भी काम पूरी निष्ठा और एकाग्रता के साथ करेंगे तो आपकी उन्नति होगी और आपको सफलता अवश्य मिलेगी।
  • यदि आप कोचिंग में जाते हैं तो लेक्चरार की बातों को ध्यान से सुनें और समझने का पूरा प्रयास करें।विद्यालय में जाते हैं तो शिक्षकों द्वारा बताई गई छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें।अक्सर अधिकांश विद्यार्थी टीचर के कालांश में गपशप करते रहेंगे और उन्हें यह ध्यान ही नहीं रहता है कि अध्यापक जी क्या पढ़ाकर चले गए हैं।इसीलिए बाद में ऐसे छात्र-छात्रा इसको-उसको पूछते रहते हैं।अर्जुन की तरह ध्यान सधना चाहिए।ऐसा तभी कर पाएंगे जब आप इस बात का महत्त्व समझेंगे कि जीवन में यह अवसर दुबारा नहीं मिलेगा।

7.कमियों को पहचानें और सतत सीखते रहें (Identify gaps and keep learning continuously):

  • अपने आपका,अपनी तैयारी का मूल्यांकन करते रहें और जिन टॉपिक्स में कमजोरी है उसे पहचानें।कमजोरी में सुधार करें और फिर मूल्यांकन करें।केवल आप अध्ययन ही करते रहेंगे या मूल्यांकन यानी टेस्ट ही देते रहेंगे तो आपमें सुधार नहीं हो पाएगा।निगेटिव मार्किंग का भी ध्यान रखें।कोशिश करें कि कम से कम गलतियां हों।हर बार इंप्रूवमेंट करें और गलतियों को न्यूनतम करने की लगातार कोशिश करते रहें।मॉडल पेपर्स,अनसाॅल्वड पेपर्स,गत वर्षो के प्रश्न-पत्र और मॉक टेस्ट को हल करने की (तय समय में) आदत डालें।इससे गलत हो रहे प्रश्नों को सही करने की आदत में सुधार होगा और जितना सुधार होगा उतना ही आपका आत्म-विश्वास बढ़ता जाएगा।
  • अक्सर कमजोरी कठिन टॉपिक्स में ही महसूस होती है अतः कठिन टॉपिक्स को अधिक समय देकर उन्हें हल करें।अध्ययन करने के बाद वापिस टेस्ट दें यदि कमी रहती है तो फिर से उसकी तैयारी करें,बिना बोर हुए।बार-बार अभ्यास और अध्ययन से कठिन से कठिन टॉपिक भी सरल लगने लग जाता है।

8.दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प शक्ति (Strong will and determination):

  • मन में संकल्पशक्ति रखें।जब हमारी दृढ़ इच्छा के साथ संकल्प जुड़ जाता है और संकल्प के साथ हमारी आत्मिक शक्ति जुड़ जाती है तो उस लक्ष्य को पाना सरल हो जाता है।मन में एक ही लक्ष्य रखें कि जेईई-मेन के लिए पूरा फोकस करना है।कोई अभ्यर्थी कोई लक्ष्य बनाता है तो उसके सामने कई तरह की अड़चनें आती है।जैसे किसी के पास कोचिंग की फीस का भुगतान करने के लिए धन नहीं है।किसी को सही मार्गदर्शक नहीं मिल पा रहा है अथवा वह काउंसलर की मदद नहीं ले पाता है या किसी के पास संदर्भ पुस्तकें नहीं है तथा वह संदर्भ पुस्तकें नहीं खरीद सकता है।इस प्रकार अनेक अड़चनें आती हैं।अथवा कोई प्रलोभन सामने आ जाता है जैसे किसी के पास इंजीनियरिंग कॉलेज से फ्री में इंजीनियरिंग करने का ऑफर आ जाए।इस प्रकार अड़चनों से अभ्यर्थी टूट जाए या प्रलोभन के कारण भटक जाए तो उसका टारगेट (जेईई) भी फिसल जाएगा।अतः दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प शक्ति के साथ तैयारी करते रहें और जुटे रहें,अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग करें,कोई कसर बाकी ना छोड़े।

9.रणनीति को फॉलो करें (Follow the strategy):

  • जो भी स्टडी प्लान बनाओं,उसको तय सीमा में पूरा करें।पूरा सिलेबस का स्टडी प्लान बनाओं।रिवीजन साप्ताहिक,पाक्षिक,मासिक करते रहें।सिलेबस का कोई भी बिंदु छूटने न पाएं।यदि स्टडी प्लान का फॉलो नहीं किया,आज का टास्क दूसरे दिन और फिर तीसरे दिन टालते रहे तो सिलेबस पूरा कवर नहीं हो पाएगा।जब सिलेबस पूरा कवर नहीं हो पाएगा तो फिर रिवीजन करना,अभ्यास करना,रिहर्सल करने का टास्क तो हो ही नहीं पाएगा।रणनीति अपनी योग्यता और सामर्थ्य के अनुसार बनाएं।
  • यदि अपनी योग्यता व क्षमता के अनुसार सिलेबस पूरा कवर नहीं हो पा रहा है तो धीरे-धीरे अपनी क्षमता व योग्यता को बढ़ाते जाएं।अन्यथा सिलेबस कवर नहीं होने पर तनावग्रस्त हो जाएंगे।तनावग्रस्त होने पर पढ़ा हुआ टॉपिक भी भूल जाएंगे।पढ़ा हुआ भूलते ही आपका आत्मविश्वास डगमगा जाएगा।आत्मविश्वास हमें संघर्ष में खड़े होने का साहस प्रदान करता है।तैयारी का हौसला प्रदान करता है।जब हौसला ही नहीं रहेगा तो मैदान छोड़कर भाग छूटेंगे।यानी आधी-अधूरी तैयारी से दी गई परीक्षा का परिणाम कैसे सफलता दिला सकता है इस पर विचार करें।

10.परिणाम के बारे में चिंता ना करें (Don’t worry about the outcome):

  • गीता में कहा है कि हे अर्जुन तेरा कर्म करने पर ही अधिकार है उसके फल पर नहीं।बात सौ टंच सही है। अभ्यर्थी के हाथ कर्म करना (अध्ययन करना) ही है,उसके हाथ में परीक्षा का परिणाम नहीं है।जब परिणाम अपने हाथ में नहीं है तो उस पर अनावश्यक चिन्तन-मनन करने से मन की एकाग्रता भंग होती है और जब मन की एकाग्रता भंग होती है तो उस कार्य में सिद्धि भी नहीं मिल सकती है।किसी विषय की तैयारी पूर्ण एकाग्रता और समर्पण के साथ करने पर ही सफल होने की संभावना जुड़ी होती है।अतः अनावश्यक अपनी ऊर्जा और समय को परिणाम के बारे में सोचने के बजाय अध्ययन में लगाना उचित है।
  • जितना ही हम परिणाम के बारे में सोचेंगे उतना ही तनावग्रस्त भी होंगे।फिर हमारा चिंतन इस बात पर चालू हो जाएगा कि जेईई-मेन में सफल नहीं हुआ तो सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा।मेरा भविष्य क्या होगा? इस प्रकार मन में नकारात्मकता पैदा हो जाएगी।और नकारात्मकता हमारी ऊर्जा को खंड-खंड कर देती है,एकाग्रता कायम नहीं रहेगी।अतः परिणाम के बारे में चिंतन न,ही करें तो अच्छा है।इस संकल्प के साथ तैयारी करते रहें कि मैं अपनी क्षमता का 100% लगा रहा हूं अब फल क्या होगा वह भगवान जाने।मेरा कर्म पर ही अधिकार है जो पूरी निष्ठा के साथ कर रहा हूं।इस प्रकार अपने आप को पॉजिटिव सजेशन दें।सकारात्मक चिंतन करें।

11.प्रश्नों को हल करने में कल्पनाशक्ति (Imagination in solving questions):

  • प्रश्नों को शीघ्रतापूर्वक हल करने में हमारी कल्पनाशक्ति का भी बहुत बड़ा योगदान है।कल्पना शक्ति के बल पर हमसे जो प्रश्न हल नहीं हो पा रहे हैं उसे भी हल कर सकते हैं।प्रत्येक गुण का महत्त्व होता है।सद्बुद्धि,एकाग्रता,धैर्य,विवेक,संकल्प शक्ति,दृढ़ इच्छाशक्ति,कल्पनाशक्ति,सकारात्मक सोच,हार्ड वर्क,सही रणनीति,लक्ष्य पर नजर आदि अनेक गुणों का जोड़ ही सफलता के कारक होते हैं।इनमें से किसी भी एक गुण की कमी हमारी सफलता को संदिग्ध कर देती है।
  • अतः कल्पनाशक्ति को अधिक से अधिक विकसित करें। सद्बुद्धि का कल्पना शक्ति के साथ तालमेल बैठ जाता है तो लक्ष्य की सिद्धि आसानी से हो जाती है।कल्पना को सही दिशा सद्बुद्धि ही देती है।अन्यथा किसी प्रश्न के उत्तर के रूप में हमारे सामने अनेक विकल्प प्रस्तुत होते हैं।सद्बुद्धि के द्वारा ही सही विकल्प का चुनाव कर पाते हैं।कल्पनाशक्ति का विकास एक दिन में नहीं हो जाता है,धीरे-धीरे विकसित होती है।परंतु यह विकसित होती है प्रयास करने पर ही।किसी भी समस्या को हल करने के लिए अपनी कल्पनाशक्ति का प्रयोग करें और फिर उसका अभ्यास करें।निष्कर्ष गलत निकलने पर फिर से कल्पनाशक्ति,चिंतन-मनन का प्रयोग करें।

12.जेईई-मेन की तैयारी का निष्कर्ष (Conclusion of JEE-Main Preparation):

  • अक्सर अभ्यर्थी जब से तैयारी करनी होती है तब से तो तैयारी करते नहीं है और जब परीक्षा निकट आ जाती है तब से तैयारी प्रारंभ करते हैं।परीक्षा के निकट सिलेबस की तैयारी करना,रिहर्सल करना संभव नहीं है।यों भी परीक्षा के निकट नए टॉपिक को ब्रेक लगा देना चाहिए,नया टॉपिक न तो तैयार किया जा सकता है और न पिछले पढ़े हुए का रिवीजन कर सकते हैं।अतः परीक्षा के निकट केवल और केवल रिवीजन करना चाहिए।परीक्षा के निकट टॉपिक को समझना मुश्किल होता है।
  • अक्सर अभ्यर्थी पूर्ण सिलेबस की तैयारी न करके सिलेक्टेड तैयारी करते हैं और कुछ सिलेबस को छोड़ देते हैं जबकि प्रश्न पूरे सिलेबस से पूछे जाते हैं,अतः किसी भी टॉपिक की अनदेखी करना नुकसानदायक हो सकता है।ऐसे अभ्यर्थी परीक्षा से कुछ माह पूर्व रात-दिन कड़ी मेहनत करते हैं जिससे उनकी नींद पूरी नहीं होती है।शरीर और मस्तिष्क को पर्याप्त विश्राम नहीं मिलता है तो तनावग्रस्त हो जाते हैं।उनकी तैयारी मटियामेट हो जाती है।
  • कुछ अभ्यर्थी प्रैक्टिस सैट से प्रॉब्लम सॉल्व करते रहते हैं और समझते हैं कि प्रैक्टिस सैट ही उनकी नैया को पार लगा देगा।लिखित रूप में नोट्स नहीं बनाते हैं जिससे थ्योरी व बेसिक बातों को याद नहीं कर पाते हैं,ना रिवीजन कर पाते हैं,याद रखें ऑब्जेक्टिव टाइप परीक्षाओं में भी लिखित सामग्री परीक्षा की तैयारी का हिस्सा होती है,यह अवश्य है कि यह लिखित सामग्री लघु रूप में होती है।थ्योरी का रिवीजन करना भी जरूरी होता है।कुछ अभ्यर्थी समय प्रबंधन में कुशल नहीं होते हैं और जानते हुए भी इसमें सुधार नहीं कर पाते हैं जिससे परीक्षा में दाखिला होना केवल प्रतीक पूजा ही है क्योंकि बहुत से प्रश्न उनके द्वारा छोड़ दिए जाते हैं,जिससे वे प्रतियोगिता से बाहर हो जाते हैं।अतः इन सब कमजोरियों को दूर करने से ही पार पड़ेगी।
  • अभ्यर्थियों को ट्वेल्थ (12th) की शैक्षिक परीक्षा भी देनी है और जेईई-मेन की तैयारी भी करनी है।हालांकि दोनों परीक्षाओं का सिलेबस समान है परंतु दोनों की परीक्षा की प्रकृति में रात-दिन का अंतर है।12th परीक्षा में न्यूनतम उत्तीर्णांक प्राप्त करके सभी परीक्षार्थी उत्तीर्ण हो सकते हैं परंतु जेईई-मेन में ऐसा नहीं हो सकता है,उसमें निश्चित संख्या में अभ्यर्थी ही उत्तीर्ण होते हैं।जेईई-मेन का प्रश्न-पत्र एमसीक्यू टाइप (MCQ) का होता है और 12th के स्तर से बहुत कठिन होता है।अतः इन सब बातों पर गौर करते हुए अपनी परीक्षा की तैयारी करें।
  • उपर्युक्त आर्टिकल में जेईई-मेन 2026 क्रैक कैसे करें? (How to Crack JEE-Main Exam 2026?),जेईई-मेन 2026 क्रेक करने के विशिष्ट उपाय (Specific Ways to Crack JEE-Main) के बारे में बताया गया है।

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13.मीठी-मीठी बातें करना (हास्य-व्यंग्य) (Talking Sweetly) (Humour-Satire):

  • निम्मी:ये कोचिंग वाले इतनी मीठी-मीठी,गोल-गोल बातें क्यों करते हैं।
  • राखी:क्योंकि जेईई-मेन परीक्षा की तैयारी के लिए आकर्षित करना जरूरी है,परंतु जेईई की फीस सुनकर भाग न छूटें इसलिए ये मीठी-मीठी बातें करते हैं।

14.जेईई-मेन 2026 क्रैक कैसे करें? (Frequently Asked Questions Related to How to Crack JEE-Main Exam 2026?),जेईई-मेन 2026 क्रेक करने के विशिष्ट उपाय (Specific Ways to Crack JEE-Main) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न:1.क्या 12th में 50% अंकों के साथ मैं जेईई-मेन परीक्षा दे सकता हूं? (Can I take the JEE-Main exam with 50% marks in 12th?):

उत्तर:कक्षा 12th में प्रतिशत अंकों का कोई प्रतिबंध नहीं है।कोई भी 12th उत्तीर्ण छात्र या 12th में अध्यनरत छात्र परीक्षा दे सकता है।पात्रता का मापदंड केवल संस्थान प्रवेश के समय ही लागू होता है।

प्रश्न:2.जेईई-मेन के लिए आयु सीमा की क्या शर्त है? (What is the age limit condition for JEE-Main?):

उत्तर:जेईई-मेन के लिए वर्तमान में कोई आयु का प्रतिबन्ध नहीं है।जिन्होंने 12th उत्तीर्ण की है या जो 12th की परीक्षा दे रहे हैं वे परीक्षा में भाग ले सकते हैं।

प्रश्न:3.जेईई-मेन में अभ्यर्थी को कितने अवसर दिए जाते हैं? (How many opportunities are given to the candidate in JEE-Main?):

उत्तरःप्रत्येक अभ्यर्थी को अधिकतम तीन लगातार प्रयास करने की अनुमति है और परीक्षा वर्ष में दो बार जनवरी और अप्रैल में आयोजित की जाएगी।

  • उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर द्वारा जेईई-मेन 2026 क्रैक कैसे करें? (How to Crack JEE-Main Exam 2026?),जेईई-मेन 2026 क्रेक करने के विशिष्ट उपाय (Specific Ways to Crack JEE-Main) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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