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Differential equation

अवकल समीकरण का परिचय (Introduction to Differential equation):

  • अवकल समीकरण (Differential equation):विज्ञान की अनेक शाखाओं के अध्ययन के दौरान बहुधा ऐसी परिस्थियाँ आती है जब किसी परिघटना से सम्बन्धित राशियों के मध्य सीधे सम्बन्ध ज्ञात करना कठिन कार्य होता है।परन्तु राशियों एवं उनके अवकलजों के मध्य सम्बन्ध आसानी से स्थापित किया जा सकता है।इसके लिए अवकल समीकरणों के उपयोग की आवश्यकता होती है।
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अवकल समीकरण (Differential equation):

  • एक ऐसी समीकरण जिसमें स्वतन्त्र चर,आश्रित चर एवं आश्रित चर में स्वतन्त्र चर के सापेक्ष अवकलन विद्यमान हो,अवकल समीकरण कहलाती है। अवकल समीकरण सामान्यतः दो प्रकार की होती है:
    (1.)साधारण अवकल समीकरण (Ordinary Differential Equation)
    (2.)आंशिक अवकल समीकरण (Partial Differential Equation)
    ऐसी समीकरण जिसमें केवल एक ही स्वतन्त्र चर हो तथा इस चर और उसके सापेक्ष एक या अधिक क्रम के अवकलज विद्यमान हो तो वे साधारण अवकल समीकरण कहलाती है यहाँ हम केवल साधारण अवकल समीकरण का ही अध्ययन करेंगे। अतः यहाँ अवकल समीकरण से अभिप्राय साधारण अवकल समीकरण से ही होगा।
    उदाहरणार्थ:\frac{dy}{dx}=x^{2}y,\frac{d^{2}y}{dx^{2}}-5\frac{dy}{dx}+6y=\sin{x}
  • उपर्युक्त आर्टिकल में अवकल समीकरण (Differential equation) के बारे में बताया गया है।
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