प्रतिरोध के अधीन उर्ध्वाधर गति (Vertical motion under resistance) का अध्ययन करेंगे।यदि कोई कण निर्वात में गति करता है तो उसकी गति का प्रतिरोध नहीं होता है। परन्तु कण किसी माध्यम जैसे जल,वायु इत्यादि में गति करता है तो उसकी गति का प्रतिरोध होता है। ज्यों-ज्यों कण की गति बढ़ती जाती है त्यों-त्यों कण की गति का प्रतिरोध बढ़ता जाता है। इससे पूर्व आर्टिकल में प्रतिरोधी माध्यम में प्रतिरोध वेग के समानुपाती का वर्णन किया गया है।इसलिए इस आर्टिकल को पढ़ने से पूर्व उस आर्टिकल को पढ़ना चाहिए।क्योंकि इस आर्टिकल में वेग के वर्ग समानुपाती के अधीन कण की उर्ध्वाधर गति का अध्ययन करेंगे। आपको यह जानकारी रोचक व ज्ञानवर्धक लगे तो अपने मित्रों के साथ इस गणित के आर्टिकल को शेयर करें ।यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार आए हैं तो वेबसाइट को फॉलो करें और ईमेल सब्सक्रिप्शन को भी फॉलो करें जिससे नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन आपको मिल सके ।यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए ।आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं। इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
2.प्रतिरोध के अधीन उर्ध्वाधर गति (Vertical motion under resistance)-
(1.)एक कण विरामावस्था से गुरुत्वाकर्षण के अधीन एक ऐसे माध्यम में होकर गिरता है जिसका प्रतिरोध उसके वेग के वर्ग के समानुपाती है।इसकी गति की विवेचना करना:
(A particle is moving verically downwards from rest through a medium whose resistance varying as the square of the velocity.To discuss its motion:)
माना कि कण को विरामावस्था O से उस माध्यम में गिराया जाता है जिसका प्रतिरोध वेग के वर्गानुपाती है। यह भी माना कि t समय पर कण की P हैं जहां OP=x तथा P पर वेग v=dtdx तथा त्वरण dtdv=dt2d2x है।अब कण पर कार्यशील बल निम्न हैं: (i)कण का भार mg उर्ध्वाधर नीचे की ओर। (ii) प्रतिरोधी बल mkv2 उर्ध्वाधर ऊपर की ओर। अतः t समय पर कण की गति का समीकरण होगा।
mdt2d2x=mg−mkv2⇒dt2d2x=g−kv2....(1) यदि कण का अन्तिम वेग (Terminal Velocity) V है,तो
0=g−kV2⇒V2=kg कण का गति का समीकरण होगा-
dt2d2x=g−V2g=V2g(V2−v2)⇒dtdv=V2g(V2−v2) दोनों पक्षों के चर पृथक कर समाकलन करने पर-
V2∫V2−v2dv=g∫dt⇒V22V1logV−vV+v=gt+A जहाँ A अचर है प्रारम्भ में v=0,t=0, ∴A=0 अतः logV−vV+v=V2gt⇒V−vV+v=eV2gt⇒V−vV+v=e−VgteVgt⇒(V+v)+(V−v)(V+v)−(V−v)=eVgt+e−VgteVgt−e−Vgt (योगान्तरानुपात से)
⇒v=Vtanh(Vgt)⇒dtdx=Vtanh(Vgt)........(2) दोनों पक्षों का t के सापेक्ष समाकलन करने पर-
x=gV2logcosh(Vgt)+B जहाँ B अचर है | प्रारम्भ में t=0,x=0,B=0 अतः x=gV2logcosh(Vgt) इससे t समय पर कण के द्वारा नीचे गिरी हुई दूरी प्राप्त होती है। पुनः समीकरण (1) से-
dxvdv=V2g(V2−v2)⇒∫V2−v2vdv=∫V2gdx+C
⇒21log(V2−v2)=V2gx+C प्रारम्भ में v=0,x=0,C=−21logV2 अतः x=2gV2logV2−v2V2⇒V2−v2=V2(e−V22gx)⇒v2=V2[1−e(−V22gx)]......(3)
उपर्युक्त प्रतिरोध के अधीन उर्ध्वाधर गति (Vertical motion under resistance) को दर्शाता है।
(2.)एक कण को प्रतिरोधी माध्यम जिसका प्रतिरोध वेग के वर्गानुपाती है, में गुरुत्वाकर्षण के अधीन U वेग से सीधे ऊपर की ओर फेंका जाता है।कण की गति का विवेचन करना।
(A particle is projected upwards with velocity U under gravity in a resisting medium due to which resistance varies as the square of velocity.To dicuss the motion of the particle) माना कि एक कण को बिन्दु O से ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर U वेग से फेंका जाता है।यह भी माना कि समय t पर कण की स्थिति P है, जहां OP=x,बिन्दु P पर कण पर कार्यरत निम्न बल हैं-
(i)कण का भार mg ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर। (ii) प्रतिरोधी बल mkv2 उर्ध्वाधर नीचे की ओर अतः समय t पर कण का गति समीकरण निम्न है
mdt2d2x=−mg−mkv2⇒dt2d2x=−g−kv2=−g(1+gkv2)........(1)⇒dtdv=−g−kv2 [यदि कण का अन्तिम वेग V हो तो V2=kg ]
⇒−∫g+kv2dv=∫dt⇒−gk1tan−1{vgk}=t+A प्रारम्भ में v=U,t=0, ∴A=−gk1tan−1{Ugk}
अतः t=gk1⎣⎡tan−1{Ugk}−tan−1{vgk}⎦⎤......(2)t=gk1tan−11+gUvk(U−v)gkt=gk1tan−1{g+kUv(U−v)gk}⇒t=gV[tan−1V2+Uv(U−v)V].....(3) इससे v तथा t का सम्बन्ध प्राप्त होता है। समीकरण (2) से v का मान रखने पर-
⇒v=dtdx=kgtan[tan−1{Ugk−gkt}] t के सापेक्ष समाकलन करने पर-
x=−k1log⎣⎡sec⎩⎨⎧tan−1U(gk)−gkt⎭⎬⎫⎦⎤+B प्रारम्भ में x=0 जब t=0
∴B=k1log[sec{tan−1U(gk)}]=k1log(1+gkU2)=2k1log(1+gkU2) अतः x=2k1log(1+gkU2)−k1log[sec{tan−1U(gk)−gkt}]…..(4) इस समीकरण से x का मान t में प्राप्त होता है। पुनः समीकरण (1) को निम्न प्रकार लिख सकते हैं-
vdxdv=−g−kv2⇒−∫g+kv2vdv=∫dx⇒−2k1log(g+kv2)=x+C प्रारम्भ में x=0, जब v=U ∴C=−2k1log(g+kU2) अतः x=2k1log(g+kv2g+kU2).........(5)⇒g+kv2g+kU2=e−2kx⇒v2=−kg+k1(g+kU2)e−2kx......(6) इससे कण की ऊंचाई x पर वेग v प्राप्त होता है।
उपर्युक्त प्रतिरोध के अधीन उर्ध्वाधर गति (Vertical motion under resistance) को दर्शाता है।
3.प्रतिरोध के अधीन उर्ध्वाधर गति (Vertical motion under resistance) पर आधारित सवाल-
Question-1.एक कण U वेग से उर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर एक ऐसे माध्यम में फेंका जाता है जिसका प्रतिरोध,वेग के वर्ग समानुपाती है तो कण प्रक्षेप बिन्दु पर वेग v=U2+V2UV से लौटकर आएगा तथा इसको लौटने में gv[tan−1(VU)+tanh−1(Vv)] समय लगेगा जहां V अन्तिम वेग है। Solution-कण के ऊपर की ओर जाते समय गति का समीकरण-
mvdxdv=−mg−mkv2.......(1) नीचे की ओर गिरते समय कण की गति का समीकरण-
mvdydv=mg−mkv2........(2) यदि V अन्तिम वेग हो तो dydv=0 तथा v=V रखने पर-
0=mg−mkV2⇒V2=kg.....(3) समीकरण (1) से-
vdxdv=−g(1+gkv2)=−g(1+V2v2)....[(3)].....(4)⇒V2+v22vdv=−V22gdx दोनों पक्षों का समाकलन करने पर-
∫V2+v22vdv=−∫V22gdx+A⇒log(V2+v2)=−V22gx+A प्रारम्भ में x=0,v=U तब A=log(V2+U2)∴log(V2+v2)=−V22gx+log(V2+U2)x=2gV2log(V2+v2V2+U2).......(5) यदि कण द्वारा तय की गई अधिकतम ऊंचाई h हो तो x=h,v=0 रखने पर-
h=2gV2log(V2V2+U2).......(6) समीकरण (4) से-
dtdv=−V2g(V2+v2)V2+v2dv=−V2gdt यदि अधिकतम ऊंचाई तक जाने में समय t1 लगे तो-
∫U0V2+v2dv=−V2g∫0t1dt⇒[V1tan−1Vv]U0=−V2g[t]0t1⇒−V1tan−1VU=−V2gt1⇒t1=gVtan−1(VU).....(8) कण के नीचे की ओर गिरते समय गति का समीकरण (2) से-
vdydv=g(1−gkv2)⇒vdydv=g(1−V2v2)⇒vdydv=V2g(V2−v2)......(9)⇒V2−v2−2vdv=−V22gdy दोनों पक्षों का समाकलन करने पर-
∫V2−v2−2vdv=−V22g∫dy+Blog(V2−v2)=−V22gy+B प्रारम्भ में y=0 (उच्चतम बिन्दु पर),v=0
B=logV2
log(V2−v2)=−V22gy+logV2⇒V22gy=logV2−log(V2−v2)⇒y=2gV2log(V2−v2V2) लौटते समय प्रक्षेप बिन्दु पर वेग v हो तो y=h
⇒h=2gV2log(V2−v2V2).........(10) समीकरण (6) व (10) की तुलना करने पर-
2gV2log(V2V2+U2)=2gV2log(V2−v2V2)⇒V2V2+U2=V2−v2V2⇒V4−V2v2+U2V2−U2v2=V4⇒U2v2+V2v2=U2V2⇒v2(U2+V2)=U2V2.....(11)⇒v=U2+V2UV समीकरण (9) को निम्न प्रकार लिखा जा सकता है-
dtdv=V2g(V2−v2)dt=gv2V2−v2dv ऊपर से गिरते समय उच्चतम बिन्दु से प्रक्षेप बिन्दु तक आने में लगा समय t2 हो तो-
∫0t2dt=gV2∫0VV2−v2dv[t]0t2=gV2.V1[tanh−1Vv]0V⇒t2=gv[tanh−1Vv].......(12) समीकरण (8) व (12) को जोड़ने पर-
t1+t2=gV[tan−1(VU)+tanh−1(Vv)]
उपर्युक्त सवाल के हल द्वारा प्रतिरोध के अधीन उर्ध्वाधर गति (Vertical motion under resistance) को समझा जा सकता है।
Question-2.एक भारी कण वेग के वर्ग समानुपाती प्रतिरोध उत्पन्न करने वाले माध्यम में उर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका जाता है।यदि अपने पथ में किसी बिन्दु पर इसकी गतिज ऊर्जा k हो तो सिद्ध करो कि जब वह अपने पथ पर नीचे गिरता हुआ उस बिन्दु से गुजरता है तो उसमें ऊर्जा का ह्रास k+k′k2 होगा जहां उसकी नीचे की ओर गिरते समय अधिकतम (अन्तिम) ऊर्जा है। (A heavy particle projected vertically upwards in a medium the resistance of which varies as the square of the velocity.It has a kinetic energy k in its upwards path at a given position when it passes the same point on the way down.Show that the loss of K.E. is k+k′k2 ;where is the limit to which the energy approaches in the downwards course.) Solution-कण के ऊपर की ओर जाते समय गति का समीकरण-
mvdxdv=−mg−mkv2⇒vdxdv=−g(1+gkv2)....(1) कण के नीचे गिरते समय गति का समीकरण-
vdydv=g(1−gkv2).....(2) यदि अन्तिम वेग V हो तो vdydv=0,v=V रखने पर-
1−gkV2=0⇒V2=gk.....(3) समीकरण (1) को निम्न प्रकार लिखा जा सकता है-
vdxdv=−g(1+V2v2)=−V2g(V2+v2)V2+v22vdv=−V22gdx दोनों पक्षों का समाकलन करने पर-
∫V2+v22vdv=−V22g∫dx+Alog(V2+v2)=−V22gx+A प्रारम्भ में x=0,जब v=u ∴A=log(V2+u2)∴log(V2+v2)=−V22gx+log(V2+u2)⇒V22gx=log(V2+u2)−log(V2+v2)
किसी बिंदु पर v=v1
⇒V22gx=log(V2+v12V2+u2)......(4)
उच्चतम बिन्दु पर x=h,v=0
⇒h=2gV2log(V2V2+u2)........(5)
समीकरण (2) को निम्न प्रकार लिखा जा सकता है-
vdydv=g(1−V2v2)⇒−V2−v22vdv=−V22gdy दोनों पक्षों का समाकलन करने पर-
log(V2−v2)=−V22gy+B प्रारम्भ में अर्थात् उच्चतम बिन्दु पर y=0,v=0 ∴B=logV2log(V2−v2)=−V22gy+logV2V22gy=logV2−v2V2......(6) नीचे लौटते समय वेग v हो तो y=h-x
About my self
I am owner of Mathematics Satyam website.I am satya narain kumawat from manoharpur district-jaipur (Rajasthan) India pin code-303104.My qualification -B.SC. B.ed. I have read about m.sc. books,psychology,philosophy,spiritual, vedic,religious,yoga,health and different many knowledgeable books.I have about 15 years teaching experience upto M.sc. ,M.com.,English and science.
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